`DATE-18/07/2021 MONTH- JULY FORCE-TODAY NEWS
REPORTER -SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER
कोटद्वार मै योगी जी की साख पर बट्टा।
बिना जांच पड़ताल के पद देने का चल रहा है सट्टा
नगर
अध्यक्ष बनने से पहले हम पर भी आपत्ति जनक शब्दो का इस्तेमाल कर चुकी हैं
एक ओपरेशन के दौरान। हमारी टीम को सबक सिखाने की भी धमकी दी थी।
पूरी जांच और हिन्दू युवा वाहिनी के पदाधिकारीयो से बातचीत करके और संगठन के नियम क्या है. पद देते समय किन किन बातो का ध्यान रखा जाता है इन सब की जानकारी लेने के बाद हमने पाया की कोटद्वार मै पद देते समय नियमो की धज़िया उड़ाई गयी आखिर क्यु ? इतनी जल्दी पद देने के पीछे की कहानी क्या थी. इसकी जांच होनी चाहिये। क्या जो धमकी हमे दी गयी वो इसी दिन के लिये तो नहीं थी।
हम एक बात साफ कर दे की हम सच को दबने नहीं देते।और हम किसी भी धमकी से न डरते ना दबते। जो कहते है डंके की चोट मै कहते है
पद देते समय किन बातो का रखा जाता है ख्याल शायद संगठन के लोग भूल गये।
हिन्दू युवा वाहिनी-के इस पोस्ट मै नये सदस्य की भी पूरी जांच करने की बात की जा रही है
-योगी जी ने जिस हिन्दू युवा वाहिनी-को इतनी मेहनत से खड़ा किया।. आखिर क्यु ??उसे नुकसान पहुंचाने की कोशीश की जा रही है।
हम याद दिला देते है की जब हिंदू युवा वाहिनी- किसी को जिम्मेदारी वाला पद देती है तो पूरी जिम्मेदारी से अच्छी छवि और अच्छे विचार वाले को चुनती है।
क्यू की बात यदि युवा वाहिनी की जाए तो बिना योगी आदित्यनाथ के उसका कोई वजूद नहीं है.
योगी जी का जीवन एक योगी का जीवन है, सन्त का जीवन है। सिद्धान्त के प्रति अटल, साहस के साथ किसी भी सीमा तक जाकर धर्म एवं संस्कृति की रक्षा का प्रयास उनकी पहचान है।
पूरा मामला क्या है।
30 जून 2021 को महिला मोर्चा हिंदू युवा वाहिनी के द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें एक महिला को मोर्चा का नगर अध्यक्ष प्रदेश मंत्री महिला मोर्चा मीना अग्रवाल जी द्वारा नियुक्त किया गया.
और ये फैसला हैरान करने देने वाले था -
महिला को बिना
जांच पड़ताल के ही नगर अध्यक्ष का पद
दे दिया गया। जिस महिला को ये पद दिया गया उस पर
गंभीर आरोप है। और ये हम नहीं पुलिस नै कोर्ट के सामने इस बात को कहा था।
आरोप कुछ ऐसे है जीने बताया नहीं जा सकता जिस पर इतना गभीर मामला कोर्ट मै
चल रहा हो उसे पद दे देना तो सवाल तो
उठेगे ही । क्युकी योगी आदित्यनाथ जी ने युवा वाहिनी को बड़ी मेहनत से खड़ा
किया था जिनको इसे चलाने की जिमेदारी दी गयी उन्होने क्या सोच कर ये फैशला
किया। ये हैरान कर देने वाली बात है ।
बल्कि उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश मै चुनाव होने वाले है ये क्या सन्देश देने वाले थे। ऐसा करके?
चुनाव मै हिंदू युवा वाहिनी का अहम रोल
- हिंदू युवा वाहिनी के गठन से पहले दो चुनावों में योगी लोकसभा चुनाव कम मतों से जीते थे
- 1998 का चुनाव योगी ने 26 हजार मतों से जीता था और 1999 का चुनाव सिर्फ 7322 मतों से
- हिंदू युवा वाहिनी का गठन करते ही योगी की जीत का फासला बड़ा होता चला गया
- 2014 का लोकसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ ने 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की
- चुनाव मै हिंदू युवा वाहिनी का अहम रोल होता है। इसलिये ऐसे फैसले भारी पड़ सकते है।
और ऐसे फैसले से हिन्दू युवा वाहिनी की छबि पर असर तो पडेग़ा ही बल्कि जनता के बिच मै एक ग़लत सन्देश जायेग़ा। एक सगठन की मज़बूत कड़ी उसमे अच्छी छबि वाले लोग होते है. जिनसे प्रेरणा लेकर युवा सगठन मै जुड़ता है.ऐसे फैसले पहले भी हो चुके है जिसके कारण सगठन को नुक्सान भी हुआ।
ऐसी ही ग़लत लोगो को युवा वाहिनी की कोर कमिटी के निर्णय से गोविंद वाधवा या जीतू रंधावा
को संगठन से निष्काशन किया गया था। और चेतवानी भी दी गयी थी की गोविन्द वधवा तथा जितु रंधावा जैसे अपराधिक परवर्ती के
लोगो से सावधान रहे।
लेकिन इस घटना से भी सबक नहीं लिया गया। कोटद्वार मै सगठन चलाने वालों ने।
अगर सगठन के लोगो को ये जानकारी नहीं थी की इस महिला पर गंभीर आरोप लग चुके है तो सगठन के लोगो ने पद देने से पहले जानकारी क्यु नहीं ली क्या जानबूझकर इसे नज़रअंदाज़ किया
गया या किसी का इसमे अपना फायदा था अगर हां तो किसका। इसकी जांच होनी
चाहिये। इस महिला को पहले भी अच्छा काम करने का मौका मिला था।लेकिन उस की
आड़ मै ये ग़लत काम करती रही पता लगने पर वहा से भी नौकरी से निकाल दिया
गया।मौका मिलने पर भी ग़लत काम करती रही।और ये पूरे कोटद्वार मै पता है।
सिर्फ सगठन के लोगो को नहीं पता था इसलिये बिना जांच के ही पद दे दिया
गया।
क्या सगठन को कोटद्वार मै एक भी महिला नहीं मिली इस पद के लायक। क्या सगठन के लोगो नै यह नहीं सोचा की इसका परिणाम क्या होगा।क्या पदाधिकारी अपने को सगठन से ऊपर मानते है .`````````हमे जानकारी मिली है की सगठन के कुछ लोगो को महिला के बारे मे पूरी जानकारी थी.
उसके बाद भी पद दिया गया।
ग़लत पद देने के नुकसान ---
१-आन्दोलन करते समय कार्यकरताओ का विश्वास न होना अपने नगर
अध्यक्ष पर।
२-पुलिस के सामने आने पर अपना back ground सामने आने का डर।
३-पुलिस तुम्हारे पुराने मामले को खोल कर तुम्हे लपेट सकती है।
४-आन्दोलन और सगठन पर इसका` असर पडेग़ा।
५-कायकर्ता तुम्हारी इज्जत नहीं करैगा।
५-हर कार्यकर्ता ग़लत काम करने मै डरैगा नहीं।
६- अच्छी छवि मायेने ```नहीं रखेगी।
७-हर अपराधी सगठन मै पद लेने के लिये तयार रहैगा।
८-साफ़ सुधरी छवि वाला ना होना पूरे सगठन पर उँगली उठाना सरल होगा ,.
९-दूसरे सगठन को आपके सगठन की छवि ख़राब करने का मौका मिलेग़ा।
१०-और सगठन की पहचान योगी जी है इसका मतलब योगी जी की साख पर बट्टा। ऐसे फैसलो से सगठन कि बनेगी मज़ाक ये सगठन है कोई सोशल मिडिया का मंच नहीं जहा कुछ भी करो।
क्या है हिंदू युवा वाहिनी-
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