मंसूबे बेनकाब-मुर्तजा के कोडवर्ड-
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC जवानों पर हमले के आरोपी मुर्तजा के पास से मिली मजहबी किताब में उसके जिहादी मंसूबों के कोडवर्ड भी हैं। वह जिहाद का पाठ पढ़ाने वाले अपने गुरुओं से इस कोड में बातचीत करता था। ATS ने इनमें से कुछ शब्दों को डीकोड कर उसके मायने निकाले तो मुर्तजा के खतरनाक इरादे भी सामने आए।ATS को मुर्तजा के घर से जिहादी लिटरेचर मिला है। इसमें एक अरबी किताब भी है। शुरुआती जांच में माना जा रहा था कि अपने धर्म के प्रति निष्ठा की वजह से मुर्तजा इसे पढ़ता था। मुर्तजा के साथ ATS उस किताब को भी लखनऊ मुख्यालय लेकर आई। यहां बारीकी से जांच करने पर किताब में कई शब्दों को हाईलाइटेड पाया गया।
ATS ने अरबी के जानकारों से इन शब्दों के मायने पता लगाए तो मुर्तजा के जिहादी मंसूबे सामने आ गए। अधिकारियों का कहना है कि मुर्तजा ने आतंकी आकाओं से बातचीत के लिए अरबी के इन्हीं शब्दों को कोडवर्ड बना रखा था ताकि सुरक्षा एजेंसियां पकड़ न पाएं।
मुर्तजा की किताब के आतंकी कोड
1. उड़ान (رحلة طيران)
देश
में या देश के बाहर फोन पर बात करते समय फ्लाइट को अरबी में rihlat
tayaran (रिहलत तयारान) बोला जाता था। इसका मतलब उड़ान होता है। मुर्तजा ने
किताब में इस शब्द को मार्कर से हाईलाइट किया था।
2. संघर्ष (الجهاد)
मुर्तजा
का ब्रेनवॉश करने के लिए अरबी के aljihad (अलजिहाद) शब्द का प्रयोग होता
था। किताब में इस शब्द को भी मार्क किया गया है ताकि हर वक्त याद रहे।
जिहाद के अर्थ पर मतभेद हैं। आमतौर पर इसे इस्लामी हुकूमत के लिए संघर्ष
करने से समझा जाता है। कुरान के कई व्याख्याता जिहाद का अर्थ अपनी बुराइयों
पर विजय पाने या संघर्ष से लेते हैं।
3. आकाश (سماء )
मुर्तजा
को फिदायीन बनाने के लिए उसे जन्नत के बारे में जानकारी दी जाती थी। अरबी
शब्द sama (समाउन) को उसकी किताब में हाईलाइट किया गया है। इस शब्द का मतलब
आकाश होता है।
4. अब्दुल्ला (عبد الله)
मुर्तजा
को जिहाद के रास्ते पर ले जाने वाले बातचीत में उसका नाम न लेकर उसे अरबी
के eabd allah यानी अब्दुल्ला कहकर बुलाते थे। इस शब्द का मतलब अल्लाह का
बंदा होता है।
5. मेहमान (ضيف)
मुर्तजा
से मिलने के लिए जब भी कोई बाहरी आता था तो उसे पहले इसकी जानकारी दी जाती
थी। इसके लिए अरबी में dayf (दइफुन) बोला जाता था जिसका मतलब मेहमान है।
6. बख्शीश (بخشيش)
मुर्तजा
के साथ जब भी फंडिंग से संबंधित कोई बातचीत होती थी तो उसको अरबी में
संदेश जाता था कि बख्शीश भेज दी गई। bikhashish शब्द का संदेश मुर्तजा को
मिलता, जिसका मतलब पैसा पहुंच गया।
7. खटमल (بق الفراش)
मुर्तजा
से बातचीत में पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को खटमल बोला जाता था। उसे
अलर्ट करने के लिए अरबी में baq alfirash (बक अलफिराशी) शब्द का प्रयोग
होता था, जिसका मतलब खटमल आसपास हैं।
गजवा-उल-हिंद के आतंकियों से होगा सामना
लखनऊ से जुलाई
में पकड़े गए अलकायदा समर्थित गजवा-उल-हिंद संगठन के आतंकियों के पास मिली
डायरी में भी इसी तरह के कोड वर्ड थे। ATS अफसरों का कहना है कि आतंकी
संगठन भारतीय युवाओं को जिहादी बनाने के लिए अरबी भाषा का प्रयोग कर रहे
हैं। यह थोड़ी कठिन भाषा है जिसे जल्दी समझा नहीं जा सकता। संभव है कि
मुर्तजा भी उसी संगठन से ताल्लुक रखता हो। इसका पता लगाने के लिए जेल में
बंद मिनहाज और उसके बाकी साथियों से मुर्तजा का सामना कराया जाएगा।
कोटद्वार -पत्नी पर आरोप जानलेवा हमला पत्नी पर आरोप जानलेवा हमला करने का-
नगर निगम क्षेत्र के बालासौड़ वार्ड में एक युवक ने अपनी पत्नी पर चाकू से जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है।कोतवाल विजय सिंह ने बताया कि छह अप्रैल को बालासौड़ निवासी मनोज कुमार ने कोतवाली में अपनी पत्नी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। तहरीर में मनोज ने बताया कि उसकी पत्नी सोनी मैंदोला आए दिन उसके साथ मारपीट करती रहती है और वह जान से मारने की धमकी देती रहती है। वह उसके बुजुर्ग व बीमार पिता के साथ झगड़ा करती है। छह अप्रैल को सुबह करीब साढ़े सात बजे पत्नी ने उससे झगड़ना शुरू कर दिया और चाकू से उसपर जानलेवा हमला कर दिया। पत्नी ने उसकी छाती और पीठ पर चाकू से कई वार किए। बताया कि पत्नी ने उसके पास से आठ हजार रुपये छीन लिए और उसका मोबाइल समेत घर का तमाम सामान तोड़ दिया है। उसने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए पत्नी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
कोतवाल ने बताया- युवक की तहरीर के आधार पर सोनी मैंदोला पत्नी मनोज कुमार निवासी बालासौड़ कोटद्वार के खिलाफ धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कश्मीर में तिलक-हिजाब पर हंगामा:
आरोपी टीचर निसार अहमद |
राजौरी के पीड़ित परिवार का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें निसार अहमद पर बच्चियों को पीटने का आरोप लगाया है। वीडियो में पिता अंग्रेज सिंह कह रहा है- जिस तरह से मेरी और शकूर की बेटी को पीटा गया है, कल कोई दूसरा टीचर भी तिलक और नकाब पहनने पर बच्चों को पीट सकता है। मैं सरकार से अपील करता हूं कि इसकी जांच होनी चाहिए। मुझे न्याय चाहिए। ये सांप्रदायिक एकता को बिगाड़ने की चाल है। हम इस जगह को UP, बिहार या कर्नाटक नहीं बनने देंगे।
कोटरांका के ADM ने इस मामले में यह पता लगाने कहा है कि क्या ये बात सच है कि वे पीटे गए थे या फिर कोई और वजह है।
निसार पर हो सकती है ये कार्रवाईप्रशासन के मुताबिक टीचर पर बच्ची को चोट पहुंचाने का आरोप लगा सकते हैं। यह एक अपराध है, जिसके लिए उसे IPC की धारा 323, 325, 352 और 506 के तहत सजा हो सकती है। जबकि, धारा 23 जेजे अधिनियम, 2000 के मुताबिक इसके लिए छह महीने तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि अगर निसार दोषी पाया जाता है, तो उस पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस चलाया जाएगा