NEED LOAN CLICK ---
click-news force today .com https://nplink.net/auepgr84
forcetodaynewsteam forcetodaynewsnsg.mymetashop.com
E-PAPER FORCE TODAY NEWS READ
15 AUG FLAGHOISTING VIDEO
12-SEP 2021 FORCE TODAY NEWS
कोटद्वार गोविंदनगर-धारदार हथियार से जानलेवा हमला जन्मदिन की पार्टी से लौट रहे तीन लोगों पर कुछ लोगों ने धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। आसपास के लोगों ने उन्हें बचाया और लहूलुहान हालत में कोतवाली पहुंचाया। जहां से उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
मवाकोट निवासी विजय कुमार लखेड़ा (58) ने बताया कि एक होटल में उनके नाती की जन्मदिन की पार्टी थी। होटल के बाहर पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने पर उन्होंने अपनी कार रेेडवेज बस अड्डे के पास गोविंदनगर रोड पर खड़ी कर दी। जन्मदिन की पार्टी समाप्त कर रात करीब साढ़े दस बजे वे घर लौट रहे थे। तभी पार्किंग से कार निकालते समय एक ठेली वाले ने उनकी कार के आगे अपनी ठेली लगा दी और उनके साथ अभद्रता करते हुए गाली गलौज करने लगा। इस बीच उनका दामाद अरुण ध्यानी पुत्र रमेश चंद्र ध्यानी, प्रज्जवल बुड़ाकोटी पुत्र राकेश बुडाकोटी वहां पर पहुंच गए और उन्होंने गाली गलौज का विरोध किया। इसी दौरान करीब 10-15 लोगों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस बीच गोविंद नगर के कुछ लोगों ने उन्हें बचाया और उन्हें लहूलुहान हालत में कोतवाली तक पहुंचाया। पुलिस तीनों घायलों का मेडिकल कराने के लिए बेस अस्पताल लेकर पहुंची, जहां पर अरुण की हालत अधिक खराब होने पर डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया।पुलिस ने बताया कि विजय कुमार लखेड़ा की ओर से मिली तहरीर के आधार पर आरोपी अमित समेत सात अन्य के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
दिल्ली रनवे पर भरा पानी,
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट के रनवे में भी बारिश का पानी भर गया
दिल्ली में शुक्रवार रात शुरू हुई बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यहां 46 साल बाद इतनी बारिश हुई है। मोतीबाग, आरके पुरम सहित दक्षिणी दिल्ली के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है और यहां से आने-जाने वालें लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है।
शनिवार तक दिल्ली में 1100 मिमी बारिश दर्ज की गई। इससे पहले 2003 में 1050 मिमी बारिश हुई थी। यह रिकॉर्ड भी इस साल टूट गया। दिल्ली में 1975 में 1150 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। यदि बारिश इसी तरह होती रही तो 46 साल पुराना यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है।
उर्वशी रौतेला बोलीं -मेरे दिल में
REPORT -REENA JOSHIबॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला ने बताया कि वो गणेश चतुर्थी के त्योहार को कैसे मनाएंगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भगवान गणेश उनके लिए बेहद प्रिय हैं। गणेश चतुर्थी साल के सबसे रोमांचक त्योहारों में से एक है। वो कहती हैं कि यह वो समय है जब सेलिब्रिटी और भक्त बप्पा के प्रति अपने प्यार, भावनाओं का इजहार करते हैं। इस त्योहार को हर साल धूमधाम से मनाते हैं।
उर्वशी ने कहा, "गणेश चतुर्थी का मेरे दिल में एक विशेष स्थान है। यह वो समय है जब हर कोई एक साथ आता है और हमारे जीवन में भगवान गणेश के डिवाइन इफेक्ट का जश्न मनाता है। मेरी मां हर गणेश चतुर्थी पर अद्भुत मोदक बनाती थीं और आज भी बनाती हैं। और जिन कारणों से मैं वास्तव में इस विशेष त्योहार का इंतजार करती हूं, उनमें से एक है मोदक।"
वर्क फ्रंट की बात करें तो, उर्वशी एक बड़े बजट की साइंस फिक्शन फिल्म के साथ तमिल में अपना डेब्यू करेंगी। जिसमें वो एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और एक आईआईटीयन की भूमिका निभाएंगी। इसके बाद वो एक थ्रिलर फिल्म 'ब्लैक रोज' में दिखाई देंगी। साथ ही वो रणदीप हुड्डा के साथ 'इंस्पेक्टर अविनाश' में एक्टिंग कर रही हैं, जो सुपर कॉप अविनाश मिश्रा और पूनम मिश्रा की सच्ची कहानी पर आधारित एक बायोपिक है।
REPORT -REENA JOSHI
11 SEP 202
बुर्के के खिलाफ ईंट-पत्थर बरसाए
भागलपुर में बीएन कॉलेज के पास स्थित अल्पसंख्यक गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं ने अधीक्षक नाहिदा नसरीन को हटाने के लिए शुक्रवार को हंगामा किया। छात्राएं सड़क पर आकर प्रदर्शन करना चाहती थीं पर अधीक्षक ने हॉस्टल का गेट नहीं खोला तो छात्राओं ने अंदर से ही गेट पर ईंट-पत्थर बरसाए। छात्राओं का आरोप है कि अधीक्षक गालियां देती हैं। हमेशा बुर्के में रहने को कहती हैं। तालिबान की तरह शरिया कानून लागू करना चाहती हैं। गर्मी में ट्राउजर भी पहनें तो चीखती-चिल्लाती हैं। घरवालों को झूठी जानकारी देती हैं कि आपकी बच्ची लड़के से बात करती है।
जबकि अधीक्षक ने कहा कि हॉस्टल में दो बहनें हैं जिनमें से एक नगमा अनवर अपने पिता के बल पर उठवा लेने की धमकी देती है। छात्रा की दूसरी बहन हॉस्टल में रहते हुए बीएन कॉलेज में जॉब करती है। मना करने पर दूसरी छात्राओं को भड़का कर विरोध करवा रही हैं। हंगामे की सूचना पर नाथनगर की सीओ स्मिता झा और पुलिस हॉस्टल पहुंची तब अधीक्षक ने हॉस्टल का ताला खोला। इसके बाद छात्राएं अधीक्षक को हटाने की मांग लिखी तख्तियां लेकर टीएमबीयू प्रशासनिक भवन पहुंचीं और वीसी से मिलने की मांग करने लगीं।
डीएसडब्ल्यू डॉ. रामप्रवेश सिंह व प्रॉक्टर डॉ. रतन मंडल ने छात्राओं से बात की। छात्राओं ने कहा कि वे लोग वीसी से मिलना चाहती हैं। इसके बाद अधिकारियों ने छात्राओं से आवेदन लेकर जांच करने की बात कही तब हंगामा शांत हुआ।
छात्रा ने कहा- मेरे पिता पर आरोप तो इसमें मेरी क्या है गलती
छात्रा
दरख्शा अनवर ने कहा कि उसके पिता पर अपराधी होने का आरोप है तो इसमें उसकी
क्या गलती है। मुझे डॉन की बेटी कहकर अधीक्षक हॉस्टल से निकालना चाहती
हैं। हमलोग रात से ही प्रदर्शन करना चाहती थीं। लेकिन अधीक्षक ने सुबह से
गेट बंद कर रखा था। रिसर्च स्कॉलर नेदा फातिमा ने कहा कि छात्राएं गरमी में
अगर ट्राउजर पहन लेती हैं या किसी स्कूटी वाली छात्रा से बात करती दिख
जाती हैं, तब भी अधीक्षक गालियां देने लगती हैं।
वे तालिबान की तरह सरिया कानून लागू करना चाहती हैं। हॉस्टल की एक पूर्व छात्रा ने कहा कि अधीक्षक हमेशा बुर्के में रहने को कहती हैं। हालांकि अधीक्षक ने गाली या अपशब्द कहने के आरोप को गलत बताया टीएमबीयू पहुंची छात्राओं ने डीएसडब्ल्यू से कहा कि वे लोग इधर आई हैं और उधर अधीक्षक के कल्याण विभाग को सूचना देकर हमें निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पर डीएसडब्ल्यू ने जिला कल्याण पदाधिकारी से बात की और कहा कि छात्राओं को बिना पूर्व नोटिस के नहीं निकालें। इन्हें सोमवार तक का समय दें। मामले की जांच करें और अधीक्षक तथा छात्राओं में जो दोषी हो उन पर कार्रवाई करें।
हथियार के शक में हुई थी पड़ताल
गौरतलब
है कि कुछ दिनों पहले इस हॉस्टल में हथियार होने की आशंका में नाथनगर सीओ
और पुलिस ने पड़ताल की थी। हालांकि मामला बकरी का बच्चा ले आने का निकला
था। अधीक्षक ने बताया कि एक छात्रा दुपट्टे में छिपाकर बकरी के बच्चे को ले
आई थी। उन्होंने पूछा तो छात्रा ने कहा कि ये तो बकरी का बच्चा है,
बम-बारूद ले आऊं क्या। इसकी सूचना पुलिस को मिली तो उसने जांच की थी।
कोटद्वार ट्रैफिक प्लान की पूरी जानकारी
झंडाचौक तक नया ट्रैफिक प्लान
शहर में बढ़ते यातायात और वीकेंड पर वाहनों के दबाव को देखते हुए पुलिस ने लालबत्ती से झंडाचौक और तहसील तिराहे तक नया ट्रैफिक प्लान बनाया है, जिसे शनिवार से लागू किया । नए ट्रैफिक प्लान का फोकस लालबत्ती से झंडाचौक के बीच अंकुर स्टोर तिराहे पर बढ़ते यातायात के दबाव को कम करना है। इसके लिए पटेल नगर मार्ग को वन वे किया गया है। यातायात निरीक्षक शिवकुमार सिंह ने बताया कि पटेल मार्ग को वन वे कर दिया गया है। शनिवार से नई ट्रैफिक व्यवस्था एक सप्ताह के ट्रायल पर शुरू की जा रही है।
यदि कोई वाहन चालक झण्डाचौक से मस्जिद रोड़ जाना चाहता है, तो वाहन चालक पैन्सिल फैक्ट्री रोड़ से होकर जायेगा या नजीबाबाद रोड़ से दाहिने तरफ यू टर्न लेकर मस्जिद रोड़ जायेगा।
झण्डाचौक से पैन्सिल मार्ग के लिये केवल वाहन जा सकते हैं। वाहनों के आने के लिये पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा (ONE WAY)पटेल मार्ग से केवल वाहन आ सकते हैं।
मार्ग वाहन जाने के लिये पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा (ONE WAY)मस्जिद तिराहा से यदि कोई वाहन चालक नजीबाबाद चौक या झण्डाचौक आना चाहता है तो सिनेमा तिराहा पटेल मार्ग से होकर आयेगा।मस्जिद तिराहा रोड़ से वाहन सिनेमा तिराहे जा सकते हैं।
वाहनों के आने के लिये मार्ग पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा (ONE WAY) मस्जिद रोड़ से आने वाले वाहन अपने लेफ्ट टर्न करके झण्डाचौक को जा सकते हैं। बद्रीनाथ मार्ग से मस्जिद की तरफ नही जा सकेगा क्योकि बीच में बैरियर लगाया गया है। उस स्थित में नजीबाबाद चौक से यू टर्न लेकर जायेगा।
गणेश महोत्सव आमपड़ाव की ओर से कलश यात्रा
श्री भैरव मंदिर समिति आमपड़ाव की ओर से कलश यात्रा के बाद मंदिर में आचार्य मोहनलाल डोबरियाल के सानिध्य में भगवान गणेश की प्रतिमा को विधि विधान से विराजमान किया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष रामगोपाल प्रजापति ने बताया कि अगले दस दिनों तक प्रतिदिन सुबह पूजा के बाद भगवान गणेश को भोग लगाया जाएगा। जबकि शाम और रात को महिलाएं भजन-कीर्तन करेंगी। Lord Ganesha seated by putting up a pandal including temples
सिद्धिविनायक महोत्सव समिति की ओर से नजीबाबाद रोड से नगर में शोभा यात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में गणेश महाराज की प्रतिमा को ढोल नगाड़ों, डीजे के साथ मुख्य मार्गोँ से होते हुए गुरुनानक वेडिंग प्वाइंट में लाया गया। यहां आचार्य ओमप्रकाश शर्मा के सानिध्य में भगवान गणेश की प्रतिमा को विधि विधान से विराजमान किया गया।
Lord Ganesha seated by putting up a pandal including temples
भाबर क्षेत्र में रामदयालपुर (गूलरझाला) सिद्धबली युवा मंगल दल की ओर से गणेश चतुर्थी के अवसर पर सिद्धबली मंदिर गुलरझाला से कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा क्षेत्र के विभिन्न मार्गों से होते हुए पंचायत घर रामदयालपुर स्थित पंडाल में पहुंची। यहां विधि विधान से गणेश प्रतिमा को विराजमान किया गया।
मुणगांव में लाइन का तार टूटकर जमीन पर गिर गया। करंट लगने से दो खच्चरों की मौत ब्लाक दुगड्डा ग्राम सभा हर्षू के ग्राम मुणगांव में शुक्रवार दिन में बिजली की एलटी लाइन का तार टूटकर जमीन पर गिर गया। करंट लगने से दो खच्चरों की मौत हो गई। कई लोगों को करंट के झटके भी लगे।
ग्राम प्रधान ने बताया कि गांव के बीच से एलटी की लाइनें गुजर रही हैं। दो पोल के बीच में लंबा स्पान होने के कारण बिजली की तारें झूल रही हैं। शुक्रवार दिन में एक झुके हुए बिजली के पोल से तार टूटकर जमीन पर गिर गई। इस दौरान रास्ते से गुजर रहे दो खच्चर करंट लगने से मर गए। खच्चरों के पीछे चल रहे राजेंद्र सिंह और स्वयंबर सिंह के बच्चों को भी करंट लगा। करंट का आभास होते ही वे दूर हट गए। सूचना मिलते ही गांव के अन्य लोग घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्रवासी लंबे समय से झुके पोलों को सीधा करने और लंबी लाइनों पर अतिरिक्त पोल लगाने की मांग विभाग से करते आ रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऊर्जा निगम के अवर अभियंता कमल सिंह रावत ने बताया कि सूचना मिलते ही लाइनमैन और कर्मियों को भेजकर तार ठीक करवा दी गई है। खच्चरों की मृत्यु पर मुआवजा की कार्रवाई की जाएगी।
10 SEP 202
2024 तक आम लोगों के लिए हवाई कार हो सकती है लॉन्च अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की टेस्टिंग कर रहा है। यह 90 डिग्री पर लैंड और टेक-ऑफ कर सकती है। इसे जॉबी एविएशन ने तैयार किया है और नाम eVTOL रखा है। 2024 तक इसे लॉन्च किया जा सकेगा। इससे यात्रियों और सामान को एक से दूसरे शहरों में ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह ट्रायल 10 दिन तक चलेगा। इसकी शुरुआत 1 सितम्बर से हो चुकी है और 10 सितम्बर को फाइनल ट्रायल होगा।
कैलिफोर्निया में चल रहा ट्रायल
नासा
eVTOL की टेस्टिंग कैलिफोर्निया में कर रही है। इसे आसपास के शहरों में
उड़ान भरने के तैयार किया गया है। टेस्टिंग के दौरान इसकी परफॉर्मेंस को
देखा जाएगा। इससे बाद सामने आने वाली रिपोर्ट से भविष्य में तैयार होने
वाली एयरटैक्सी की मॉडलिंग और सिमुलेशन की योजना बनाई जा सकेगी। ट्रायल से
यह भी समझा जा सकेगा कि भविष्य में एयर टैक्सी सेवाओं को मान्यता देने के
लिए कौन-कौन से नियमों को ध्यान में रखना जरूरी है।
कुछ सालों में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी
नासा
के एडवांस्ड एयर मोबिलिटी कैंपेन के हेड डेविड हैकेनबर्ग का कहना है,
विमान सेवाओं को भविष्य में और बेहतर कैसे किया जा सकता है, इसकी जांच कर
रहे हैं। टेस्टिंग सफल होने पर अगले कुछ सालों में ऐसी सेवाएं पूरे देश में
उपलब्ध हो सकेंगीं। यह एविएशन इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव लाएगा।
eVTOL
एयरक्राफ्ट उड़ाने भरने के दौरान कितना शोर कर रहा है, इसे भी जांचने की
कोशिश की जा रही है। इसके लिए एयरक्राफ्ट में 50 से ज्यादा माइक्रोफोन लगाए
गए हैं। इससे पता चल सकेगा कि यह एयर टैक्सी कितना ध्वनि प्रदूषण करती है।
जोबी
एविएशन के सीईओ और संस्थापक जोबेन बीवर्ट का कहना है कि हमने इस प्रोजेक्ट
पर 10 साल तक काम किया है। यह उड़ने वाली एक सफल कार है। इसे शहरों के बीच
उड़ाया जा सकेगा। टेस्ट में सफल होते ही पूरे देश में हमारी सेवाएं तेजी
से विस्तार करेंगी।
09 SEP-2021
उत्तराखंड के एक पहलवान की मौत हो गई।
मुरादाबाद में दंगल में उत्तराखंड के एक पहलवान की मौत हो गई। एक पहलवान ने उसे 5 सेकेंड में उठाकर पटक दिया। इससे उसकी गर्दन टूट गई। कुछ देर तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। मामला 2 सितंबर का है। इसका वीडियो बुधवार की शाम सामने आया। दंगल का आयोजन बिना अनुमति के हुआ था। इसमें प्रशिक्षित कोच भी नहीं था। इसके बावजूद अब तक लाकर मामला रफा-दफा करा दिया। अपर पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र ने जांच कराए जाने का दावा किया है।
ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के गांव फरीदनगर में 2 सितंबर को दंगल था। दंगल के लिए नौमी मेला कमेटी ने न तो कोई इकोई कार्रवाई नहीं की गई है।
पहलवान की मौत के बाद गांव में हुई पंचायत में मरने वाले पहलवान के परिवार को 60 हजार रुपए दिजाजत ली थी और न ही किसी प्रशिक्षित कोच का बंदोबस्त किया था। यहां की मिट्टी भी दंगल के मुफीद तैयार नहीं की गई थी।
उत्तराखंड में काशीपुर के गांव गंगानगर का पहलवान महेश भी इसमें शामिल होने के लिए आया था। उसक मुकाबला पहलवान साजिद अंसारी के साथ हो रहा था। साजिद ने महेश को गर्दन से उठाकर सिर के बल जमीन पर पटक दिया।
मौत का तमाशा देखते रहे लोग पहलवान साजिद अंसारी ने जैसे ही महेश पहलवान को गर्दन से पकड़कर सिर के बल जमीन पर पटका, महेश की गर्दन मुड़ने से टूट गई। महेश की गर्दन लटकी तो लोग दूसरे पहलवान की जीत पर तालियां बजाते रहे। महेश को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया। लोग अपने-अपने तरह से उसकी गर्दन को सीधा करने के लिए खींचतान करते रहे। इलाज नहीं मिलने से महेश ने कुछ देर में ही तड़पकर दम तोड़ दिया।
60 हजार में मामला हो गया रफा दफा
पहलवान की मौत का वीडियो सामने आने के बावजूद ठाकुरद्वारा पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद गांव में पंचायत बैठी। इसमें मृतक के परिजनों को 60 हजार रुपए देकर इस घटना को रफादफा कर दिया गया।
06 SEP 21
पुलिस:पत्थर मार कर बम डिफ्यूज़ करती
सीवान शहर में उस समय हड़कंप मच गया, जब सड़क किनारे एक दुकान के सामने संदिग्ध हालत में एक पर्स में बम होने की सूचना मिली।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि सीवान नगर थाना इलाके के जेपी चौक से कचहरी जाने वाली सड़क कि से पड़ा था। जिसके बाद से लोगों को इस पर संदेह हुआ और देखते ही देनारे एक दुकान के सामने एक पर्स लावारिस हालत में कुछ देरखते बम होने की सूचना पूरे शहर में आग की तरह फैल गई। जिसके बाद से पुलिस के भी हाथ पांव फूलने लगे। जिस पर आनन-फानन में मौके पर पहुंची नगर थाना की पुलिस ने बम का सत्यापन करने के लिए ईट पत्थर मारा। जिसमें काफी कोशिश के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई हरकत नहीं हुई। तब नगर थाना के एसआई अजय कुमार ने उसे उठाया तो उसमें मोबाइल चार्जर सहित कुछ आवश्यक कागजात पड़े हुए थे। जिसके बाद बम होने की सूचना अफवाह साबित हुई। वहीं थोड़ी देर बाद पर्स वाला अपना पर्स ढूंढते हुए वहां आ पहुंचा।
पर्स को ढूंढते हुए मौके पर पहुंचा युवक मुफ्फसिल थाना इलाके के बलेथा के रहने वाले वाला है। उसने बताया कि गलती से रास्ते में उसका पर्स गिर गया था। जिसके बाद से वह ढूंढते हुए यहां आया है। पर्स में मोबाइल चार्जर और आवश्यक कागजात था।
नेपाल की चेतावनी
नेपाल की शेर बहादुर देउबा सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी विरोध प्रदर्शन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया गया या भारत के सम्मान के खिलाफ नारेबाजी हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। रविवार को जारी बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि नेपाल सरकार अपने सभी पड़ोसियों से करीबी और मजबूत रिश्ते चाहती है और अगर कहीं मतभेद या विवाद होते हैं तो इन्हें डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।
पिछले दिनों नेपाल के धाराचूला क्षेत्र से एक युवक तार के सहारे नदी पार कर भारत में प्रवेश कर रहा था। तार टूट गया और युवक नदी में बह गया। नेपाल में कुछ भारत विरोधी संगठनों का आरोप है कि भारत की तरफ से किसी ने तार काट दिया था। इसकी वजह से युवक नदी में गिर गया और उसकी मौत हो गई।
मुश्किल में नेपाल सरकार
धाराचूला
की घटना के बाद नेपाल में कुछ भारत विरोधी संगठनों और खासकर वामपंथी
संगठनों ने प्रदर्शन किए थे। इस दौरान मोदी का पुतला जलाया गया था। संगठनों
का आरोप है कि यह तार भारत के एक सीमा सशस्त्र बल के जवान ने काटे थे।
वामपंथी संगठनों ने लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने की भी कोशिश की थी।
इसके बाद मोदी का पुतला जलाया गया था।
इस घटना के बाद नेपाल सरकार मुश्किल में आ गई थी। वो ये नहीं समझ पा रही थी कि भारत से बातचीत कर इस मामले को सुलझाया जाए या फिर विरोध करने लोगों पर कार्रवाई की जाए। पिछले कुछ दिनों से नेपाल में कुछ लोग इस मामले को उछालने का प्रयास कर रहे थे।
नेपाल की होम मिनिस्ट्री ने तीन दिन में दूसरी बार विरोध प्रदर्शन करने वालों को सख्त चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि अगर पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री का पुतला जलाया गया तो संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि बयान में भारत या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया गया है, लेकिन चूंकि यह युवक की मौत का मामला साफ तौर पर भारत से जुड़ा था, लिहाजा इसे भारत और मोदी के संदर्भ में ही समझा गया।
धाराचूला की घटना 30 जुलाई को हुई थी। मारे गए युवक का नाम जय सिंह धामी था। नेपाल सरकार ने कहा था कि वह इस मामले को भारत के सामने उठाएंगे। 31 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया था कि इस तरह की किसी घटना के बारे में उसे जानकारी नहीं है। पिछले हफ्ते ‘कांतिपुर टाइम्स’ ने एक रिपोर्ट में कहा था कि नेपाल के एयरस्पेस में भारत के कई मिलिट्री हेलिकॉप्टर लगातार उड़ते देखे जा सकते हैं। नेपाल सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि देश में भारत द्वारा चलाए जा रहे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के बारे में अफवाह या निगेटिव कमेंट्स करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की
अफ्रीका के छोटे से देश गिनी में रविवार को सेना ने तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथों में ले ली।
पश्चिमी अफ्रीका के छोटे से देश गिनी में रविवार को सेना ने तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथों में ले ली। रविवार को राजधानी कॉनक्री में लगभग दिनभर फायरिंग हुई। इस दौरान सबसे ज्यादा फायरिंग प्रेसिडेंट पैलेस के पास हुए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गिनी के राष्ट्रपति अल्फा कोंडे को घर में नजरबंद कर दिया गया है।
हथियारबंद सैनिकों से घिरे राष्ट्रपति कोंडे |
गिनी की सेना के एक कर्नल ने खुद तख्तापलट की जानकारी दी। यह कर्नल खुद नेशनल टीवी स्टूडियो पहुंचे और देश के लोगों को बताया कि उन्होंने सरकार को भंग कर दिया है और अब सेना देश संभालेगी। प्रेसिडेंट पैलेस के पास रविवार को दिनभर बहुत भारी फायरिंग की आवाज सुनी गई। अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि फायरिंग के दौरान राष्ट्रपति कोंडे कहां थे। हालांकि, देर शाम उनके कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इसमें उन्हें सैनिकों से घिरा दिखाया गया था। बताया गया है कि कोंडे नजरबंद कर दिए गए हैं।
मीडिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिनी की दूसरे देशों से लगने वाली तमाम सीमाओं को
बंद कर दिया गया है। सेना ने देश के तमाम एयरपोर्ट्स को भी बंद कर दिया है।
टीवी पर आने वाले कर्नल मामादी ने कहा- 83 साल के राष्ट्रपति कोंडे ने
पिछले साल तीसरी बार चुनाव जीता था, लेकिन उनकी लोकप्रियता लगातार कम होती
जा रही थी और इससे देश के सामने खतरा पैदा हो गया था। गिनी की जनसंख्या
करीब एक करोड़ बीस लाख है। मामादी ने कहा- एक सैनिक की जिम्मेदारी है कि वो
देश को सुरक्षित रखे।
गिनी
1958 में फ्रांस के कब्जे से आजाद हुआ था। इसके बाद यहां पहली बार चुनाव
2010 में हुए थे। कोंडे पर एक बार पहले भी हमला हो चुका है।
05-SEP 2021Reena Joshi Reporter Force Today News
जूते साफ करने के बावजूद हरीश रावत को राहत नहीं
पंजाब मामलों के प्रभारी और उतराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने 'पंज प्यारे' बयान पर विवादों में फंसे हुए हैं। माफी मांगने और उतराखंड में गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में जूते साफ करने और झाडू लगाने की सेवा करने के बाद भी विवाद से उनका पीछा नहीं छूटा है। अकाली उन्हें बख्शने के मूड में नहीं हैं। यूथ अकाली दल उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए शिकायत देगा। यूथ अकाली दल की तरफ से रावत का पुतला भी फूंका गया था और अब वह उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की शिकायत दे रहे हैं।
शिकायत पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह को शनिवार दोपहर साढ़े 11 बजे दी जानी है। शिकायत उनके उस ब्यान के खिलाफ है, जिसमें उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू और उनके 4 कार्यकारी अध्यक्षों की तुलना पंज प्यारों से की थी। यूथ अकाली दल के जिला अध्यक्ष मनप्रीत सिंह मन्ना का कहना है कि हरीश रावत ने इस तरह का बयान देकर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया है।पंजाब कंग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैपटन अमरिंदर सिंह के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत कुछ दिन पहले पंजाब आए थे। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों के साथ बैठक की थी और उसके बाद बयान दिया था कि नवजोत सिद्धू और उनके कार्यकारी अध्यक्ष तो पांच प्यारे जैसे हैं। फिर इस पर विवाद होना तय था। शिरोमणि अकाली दल बादल की तरफ से इस पर बयान जारी करते हुए हरीश रावत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी
हरीश रावत द्वारा बयान पर विवाद होते देखकर तुरंत माफी मांगी गई। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने कहा था कि यह अनजाने में हुआ है। वह इसके लिए सभी से माफी मांगते हैं। वह पश्चाताप के लिए अपने एरिया के गुरुद्वारा साहिब में सेवा भी करेंगे। उनका कहना था कि वह किसी का भी मन नहीं दुखाना चाहते थे। जो हुआ गलती से हुआ है और इसके लिए वह दुखी हैं। इसके बाद हरीश रावत ने शुक्रवार के उत्तराखंड के नानकमत्ता गुुरुद्वारा में पहुंचकर जूते साफ करने और झाड़ू लगाने की सेवा की।
जूते साफ करने और झाडू लगाने की सेवा करने के बाद भी विवाद से उनका पीछा नहीं छूटा
देवीरोड पर सब्जी लेकर मुड़ा तो कार गायब
घटना शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे की है। कार मालिक मोहन राणा पुत्र हरिशरण निवासी संभल जिला मुरादाबाद में टाटा मोटर्स में प्रबंधक है। कोटद्वार भाबर में आजकल वह मकान का निर्माण करा रहा है। शुक्रवार शाम को वह कार से कोटद्वार आया। देवीरोड पर तड़ियाल चौक के पास उसने कार खड़ी कर उसे स्टार्ट मोड पर छोड़ दिया और सब्जी खरीदने लगा। सब्जी खरीदकर जैसे ही वह पीछे मुड़ा तो कार गायब थी। सूचना मिलते ही हरकत में आई पुलिस ने यूपी बार्डर और इससे आगे नाकाबंदी कर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कार का पता नहीं चला।
कार मालिक ने बताया कि कार में उसके दो मोबाइल, एक लेपटॉप, 85 हजार रुपये नकद भी थे। यह पैसा वह मकान के ठेकेदार को देने के लिए लाया था। बताया कि थाने में घटना की लिखित सूचना दे दी गई है। कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि कार की तलाश के लिए टीम लगा दी गई है। क्षेत्र के सीसीटीवी खंगाले गए हैं। तड़ियाल चौक के पास के सीसीटीवी फुटेज से अहम जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। कार चोरी के मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
एसएसपी पौड़ी गढ़वाल पी. रेणुका देवी ने बताया कि पुलिस टीम मामले की जांच में जुट गई है। उम्मीद है कि जल्द मामले का खुलासा हो जाएगा।
गिलानी के पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे से ढकने का वीडियो वायरल,कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के पार्थिव शरीर को पाकिस्तानी झंडे से ढकने पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसके कई वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है।
पाकिस्तान समर्थक 92 साल के गिलानी के निधन के बाद कश्मीर में एहतियात के तौर पर फोन और इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई थी। गुरुवार सुबह उन्हें बिना किसी समारोह के दफना दिया गया। ब्रॉडबैंड इंटरनेट और फोन सर्विस दोबारा शुरू होने के बाद ये वीडियो सामने आए हैं। हालांकि, मोबाइल सर्विस अब भी बंद है। पुलिस ने सभाओं पर रोक लगाने के लिए भी प्रतिबंध लगाए हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के IG दिलबाग सिंह ने कहा अलगाववादी नेता के घर लोगों ने एक SSP और पुलिसकर्मियों के साथ बुरा बर्ताव किया। सोशल मीडिया और फोन कॉल का इस्तेमाल करके लोगों को देश विरोधी नारेबाजी करने और भड़काने की कोशिश की गई। सभी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में केस दर्ज किया गया है।
ट्रेन में अंडरवियर में घूमने वाले MLA पर FIR
बिहार के भोजपुर से JDU विधायक गोपाल मंडल पर आरा GRP थाने में FIR दर्ज किया गया है। राजेंद्र नगर से नई दिल्ली जा रही 02309 तेजस राजधानी एक्सप्रेस में यात्रा करने के दौरान बनियान और अंडरवियर में अनुसूचित जाति के एक यात्री से गाली-गलौज करने के मामले में जदयू विधायक गोपाल मंडल समेत 4 लोगों पर केस दर्ज किया गया है।इस मामले में जीरो FIR नई दिल्ली से पुलिस अधीक्षक, रेल विकास बर्मन को EMAIL के जरिए आवेदन आया। SP, रेल विकास बर्मन के निर्देश पर आरा GRP में JDU विधायक गोपाल मंडल, कुणाल सिंह, दिलीप कुमार, विजय मंडल पर आरा GRP में FIR दर्ज की गई है।
पटना जोन के रेल एसपी विकास बर्मन ने बताया कि शिकायतकर्ता प्रह्लाद पासवान ने मारपीट, सोने के गहने की लूट, गाली-गलौज और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। पुलिस इसकी जांच में जुट गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। इस कांड में प्रत्यक्षदर्शियों को गवाही के लिए बुलाने की कार्रवाई की जा रही है।
02-SEP 2021
कोटद्वार में कोरोना के केस बढ़ने लगे
कोटद्वार में एक बार फिर से कोरोना के केस बढ़ने लगे हैं। सोमवार को कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज की पुष्टि होने के बाद बुधवार को आई रिपोर्ट में एक महिला और एक पुरुष कोरोना पॉजिटिव मिले। कोरोना के मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। दोनों संक्रमितों को आइसोलेट कर उनका उपचार शुरू कर दिया गया है। संक्रमितों के सीधे संपर्क में आने वाले लोगों की सूची बनाई जा रही है।
डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि कोटद्वार बेस अस्पताल के मेडिकल वार्ड में फेफड़े का उपचार करा रही सिताबपुर क्षेत्र की महिला को बुखार आने पर उसका सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच कराई गई, जिसमें वह पॉजिटिव आई। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसे बेस अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करा दिया गया है। वहीं दुर्गापुरी क्षेत्र का
एक व्यक्ति चार दिन पूर्व बेस अस्पताल की ओपीडी में बुखार और सीने में दर्द की शिकायत लेकर आया था। उसका सैंपल लेकर आरटीपीसीआर जांच कराई गई और बुधवार को आई रिपोर्ट में वह भी संक्रमित मिला। सीएमओ ने कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए लोगों से कोरोना गाइडलाइन का सख्ती के साथ पालन करने की अपील की गयी ।
01-SEP 2021
हम तुम्हारा रेप करेंगे और तुम्हें मार देंगे।
अमेरिकी सैन्यबल पूरी तरह अफगानिस्तान को छोड़ कर चले गए हैं और अब काबुल एयरपोर्ट समेत पूरी राजधानी पर तालिबान का कब्जा है। बीते 20 सालों में अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी शिक्षा व्यवस्था के जरिए एक नई पीढ़ी तैयार करने की कोशिश की थी। इसी उद्देश्य से राजधानी काबुल में अमेरिकी यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी जिसमें पश्चिमी शिक्षा दी जाती थी।
अफगानिस्तान के छात्रों और छात्राओं में इस यूनिवर्सिटी के लिए क्रेज था, लेकिन अब अमेरिका के जाने के बाद इस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट और खासकर लड़कियां खतरा महसूस कर रही हैं। BBC की एक पत्रकार ने ट्वीट करते हुए दावा किया है कि तालिबान ने अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली छात्राओं को बलात्कार करने और जान से मार देने की धमकियां दी हैं।
BBC की पत्रकार ने लिखा, 'काबुल में अमेरिकी यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि तालिबान को उनके नाम और घर का पता मालूम है। एक छात्रा को ये मैसेज मिला है, जिसमें लिखा है- तुम अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी और सरकार के लिए काम करती थी। थोड़ा इंतजार करो, हम तुमसे निबटेंगे।' एक और मैसेज में इस छात्रा से कहा गया है- हम तुम्हारा रेप करेंगे और तुम्हें मार देंगे।
अमेरिकी यूनिवर्सिटी की ही एक छात्रा ने कहा, 'मैं नहीं जानती की मैं कैसा महसूस कर रही हूं। मेरी अगस्त में ही सगाई हुई थी। मैं अपने मंगेतर से भी नहीं बात कर रही हूं। क्या कहूं, क्या समझाऊं? मैं बदहवास हूं। मुझे डर लग रहा है कि अगर मैं ये महसूस करूंगी कि क्या हो रहा है तो मैं पागल हो जाऊंगी।'काबुल के ही एक हिस्से में छुप कर रह रही एक अन्य छात्रा ने कहा, 'मैं अपनी खिड़की से बाहर तक नहीं झांक रही हूं। अगर तालिबान मुझे देखेंगे तो उठा ले जाएंगे। वो पढ़ी लिखी लड़कियों को निशाना बना सकते हैं।'अमेरिकी बलों के काबुल से लौटने के बाद लड़कियों पर खतरा बढ़ गया है। हजारों अफगान लड़कियों ने पश्चिमी देशों में शरण मांगी थी, लेकिन सभी को देश से नहीं ले जाया जा सका है। अब ये सब छुपी हुई हैं और बेहद डरी हुई हैं।
पंजशीर की जंग 350 तालिबानी लड़ाके मारे,
पंजशीर में तालिबान और नॉर्दन अलायंस के बीच मंगलवार रात फिर जंग शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने गोलबहार से पंजशीर को जोड़ने वाले पुल को उड़ा दिया है। भारी लड़ाई की वजह से पंजशीर को परवान प्रांत से जोड़ने वाली सड़क बंद हो गई है। तालिबान ने मुख्य रोड को कंटेनरों से बंद कर दिया है और शुतूल जिले पर अपना कब्जा कर लिया है।
नॉर्दन अलायंस ने दावा किया है कि जंग में 350 से ज्यादा तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं और भारी तादाद में हथियार और अमेरिकी गाड़ियों पर कब्जा कर लिया गया है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है नॉर्दन अलायंस ने 40 से ज्यादा तालिबानियों को बंधक भी बना लिया है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तालिबान से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा जा रहा है कि पंजशीर में लड़ रहे मुजाहिदीन के लिए दुआ कीजिए। इस तरह की सोशल मीडिया पोस्ट से तालिबान की स्थिति कमजोर होने के संकेत मिल रहे हैं।
परवान प्रांत के जबाल सराज जिले, बगलान प्रांत के अंदराब जिले और खवाक पंजशीर में भी लड़ाई हुई है। तालिबानी पंजशीर घाटी में घुसने की कोशिश रहे हैं, लेकिन विद्रोही लड़ाके उन्हें रोकने में कामयाब रहे हैं। बीती रात करीब 11 बजे पंजशीर के मुहाने पर गोलबहार इलाके में लड़ाई हुई है। नॉर्दन अलायंस को इस वक्त अहमद मसूद लीड कर रहे हैं।
काबुल-मुझे बचा लो मां:बेटी की गुहार...दामाद ओर बेटी
कानपुर में रहने वाली लड़की की मां ने बताया कि उनकी बेटी मुंबई में नौकरी
करने गई थी। वहां एक अफगानी लड़का उसे प्रेम जाल में फंसाकर अपने साथ
अफगानिस्तान ले गया था। वहां हालात खराब होते ही वह उसे बेचकर फरार हो गया। लड़की की मां ने मंगलवार को कानपुर साउथ के डीसीपी से मिलकर बेटी को भारत
लाने की मांग की है। वहीं, विदेश मंत्रालय को भी बेटी के हालात की सूचना दी
है। विदेश मंत्रालय ने काबुल के रेस्क्यू ऑफिस को वॉट्सऐप पर डीटेल भेज दी
है।लड़की की मां समीरुल निशा से डीसीपी साउथ ने कहा कि एक प्रार्थना-पत्र
लिखकर दे दीजिए, तो उन्होंने कहा कि बेटी के दर्द और उसपर हुए जुल्मों की
दास्तां इतनी लंबी है कि पन्ने भी कम पड़ जाएंगे। फिर भी मैं आपको पूरी बात
बताने के साथ ही पन्ने में प्रमुख बातों को लिखकर दे रही हूं। एक महिला
अफसर होने के नाते आप महिला का दर्द समझ सकती हैं। मेरी बेटी को बचा लीजिए।
अफगानिस्तान में फंसी कानपुर की एक लड़की ने अपनी मां को फोन करके भारत लौटने के लिए मदद की गुहार लगाई है। लड़की ने मां को फोन पर बताया कि उसे काबुल से 80 किमी दूर झुरमुट नाम की जगह पर रखा गया है।
कानपुर के बाबूपुरवा थाना क्षेत्र के बगाही की रहने वाली समीरुल निशा की बेटी हिना खान 2013 को नौकरी करने मुंबई गई थी। वहीं एक अफगानिस्तानी लड़के ने प्रेम प्रसंग में फंसाकर उससे शादी कर ली। शादी के बाद लड़का उसे लेकर अफगानिस्तान चला गया था। अब बेटी को बेचने और बंधक बनाकर मारपीट करने की खबर मिली है।
पुलिस की शर्मनाक हरकत
पीड़ित मासूम का नाम सूरज कुमार है। उसने अपने ऊपर हुए इस खौफनाक हमले का आरोप पटना पुलिस की टीम पर लगाया है। घटना के वक्त चाय की दुकान पर सूरज के साथ-साथ उसके चाचा रमेश राय भी थे।
बताया जाता है कि हड़ताली मोड़ पर पंत भवन के आगे बच्चे के पिता चाय की दुकान लगाते हैं। सोमवार देर रात दुकान पर सूरज था। तभी पुलिस वालों ने चाय मांगी तो उसने मना कर दिया। इसके बाद पुलिस वालों ने चूल्हे से चाय खौलते बर्तन को उठाया और सीधे उसके पैरों पर फेंक दिया। इसके बाद वो लोग चले गए।
पीड़ित बच्चे ने बताया- "दुकान पर एक बोलेरो से 5-6 पुलिस वाले उतरे थे। सभी श्रीकृष्णा पुरी थाना के थे। उन्होंने गुस्से में यह काम किया।' हालांकि, इस मामले में अभी तक किसी प्रकार की कंप्लेन थाना में नहीं की गई है। पंत भवन का इलाका श्रीकृष्णा पुरी थाना के तहत आता है।डीएसपी खुद पीड़ित बच्चे के पास पहुंचे। राजेश प्रभाकर के अनुसार सामने में भी बच्चे ने उसी बात को दोहराया जो उसने वीडियो में कही थी। इनकी जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि खोलेता हुआ चाय इस मासूम पर किन पुलिसवालों ने फेंकी थी।
बंदूक की नोक पर न्यूज
अमेरिका अफगानिस्तान छोड़कर चला गया। अब वहां तालिबान सत्ता में है। तालिबान जनता को भरोसा दिला रहा है कि उसके राज में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। आम जनता 'इस्लामिक नियमों के अनुसार' निडर होकर रहे। महिलाएं बेफिक्र रहें और मीडिया आजादी से काम करे, लेकिन अफगानिस्तान से वायरल हो रहे वीडियो इससे उलट कहानी कह रहे हैं।
हाल ही में अफगानिस्तान के एक न्यूज चैनल के एंकर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें तालिबान के लड़ाके बंदूक लिए एंकर के पीछे खड़े और उसे घूर रहे हैं। एंकर भी डरा हुआ है, लेकिन वह वीडियो में इस्लामिक अमीरात की तारीफ कर रहा है। साथ ही प्रोग्राम देखने वाले लोगों से तालिबान से नहीं डरने की अपील भी कर रहा है, जबकि उसके खुद के चेहरे के एक्सप्रेशन बदले हुए हैं। न्यूज की 42 सेकंड की इस क्लिप को 10 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं।सत्ता बदलते ही अफगानिस्तान में कई पत्रकारों पर हमले हो चुके हैं। उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। रिपोर्टर और कैमरामैन को सड़क पर पीट दिया जाता है। तालिबान बातें शांति की और काम हिंसा, अशांति और डर फैलाने वाला कर रहा है।स्कूलों में अलग-अलग पढ़ेंगे लड़के और लड़कियां
अफगानिस्तान
के उच्च शिक्षा मंत्रालय के कार्यवाहक मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी ने ऐलान
किया कि अब स्कूलों में लड़के और लड़कियां अलग-अलग पढ़ेंगे। नई सरकार में
जल्द ही स्कूलों में लड़के और लड़कियों के लिए अलग अलग क्लासरूम की
व्यवस्था करेगी।तालिबान के अल्टीमेटम से पहले
ही अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड़ दिया। रात करीब 12 बजे काबुल एयरपोर्ट
से अमेरिकी सेना का आखिरी दल रवाना हुआ। इसके साथ ही अमेरिकी सेना के यहां
20 साल चले संघर्ष का अंत हो गया। इधर, अमेरिकी सेना की विदाई हुई और उधर
तालिबान ने अफगानिस्तान की आजादी का ऐलान कर दिया। तालिबान ने कहा है कि इस
जंग में हमारी जीत हुई है। यह घुसपैठियों के लिए एक सबक है।काबुल
एयरपोर्ट पर रिपोर्टर्स से बात करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह
मुजाहिद ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक मौका है और हमारा मुल्क अब आजाद है। मैं सभी
अफगानियों को जीत की बधाई देता हूं। हम अमेरिका समेत पूरी दुनिया के साथ
अच्छे रिश्ते कायम करना चाहते हैं।’तालिबान
के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका को 31 अगस्त से तक पूरी तरह अफगानिस्तान
को छोड़ देना था, लेकिन अमेरिका 24 घंटे पहले ही अफगानिस्तान से निकल गया।
जैसे ही अमेरिका के चार C-17 सैन्य परिवहन विमानों ने काबुल एयरपोर्ट से
उड़ान भरी, तालिबान के लड़ाकों ने जश्न में फायरिंग शुरू कर दी।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी हो गई है। पिछली रात को इससे पहले कि बारह बजते और तारीख बदलकर 31 अगस्त 2021 हो जाती, काबुल एयरपोर्ट से आखिरी अमेरिकी विमानों ने उड़ान भर ली और इसी के साथ अफगानिस्तान में बीस साल पहले शुरू हुआ अमेरिका का युद्ध भी समाप्त हो गया।
तालिबान के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका को 31 अगस्त से तक पूरी तरह अफगानिस्तान को छोड़ देना था। लेकिन अमेरिका चौबीस घंटे पहले ही अफगानिस्तान से निकल गया। अमेरिका के चार सैन्य परिवहन विमानों सी-17 ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी,काबुल एयरपोर्ट के पास रहने वाले लोगों को लगा कि शायद एयरपोर्ट पर एक और हमला हो गया है लेकिन जल्द ही तालिबान की तरफ से जारी किए गए संदेश से स्पष्ट हो गया कि ये जश्न में की गई गोलीबारी है। तालिबान समर्थकों ने ट्विटर पर लिखा- 'और अमेरिका चला गया, युद्ध समाप्त हुआ।'काबुल में तालिबान के प्रवक्ता अमानुल्ला वासिक ने ट्विटर पर बताया, 'काबुल के लोगों डरो मत, ये गोलियां हवा में दागी जा रही हैं। मुजाहिदीन आजादी का जश्न मना रहे हैं।'
एसएसपी पी. रेेेणुका देवी ने कोटद्वार में नव निर्मित ट्रैफिक कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। एसएसपी ने कहा कि इसी कार्यालय में एएसपी कार्यालय भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में पार्किंग नहीं होने से दिक्कत होती है।
SSP P. Renuka Devi inaugurated the newly constructed traffic office at Kotdwar. He directed the police officers to improve the traffic system in the city. The SSP said that an ASP office would also be made in this office. He said that the lack of parking in the city is a problem.
31-AUG 2021
निर्दयी मां गिरफ्तार दो साल के बच्चे को पीटने के आरोप
तमिलनाडु पुलिस ने 23 साल की एक महिला को अपने दो साल के बच्चे को पीटने के आरोप में गिरफ्तार किया है। महिला का नाम तुलसी है। उसे आंध्र प्रदेश के चित्तूर से सोमवार को गिरफ्तार किया गया। उसके पास बच्चे को पीटने के कई वीडियो मिले हैं।
ताजा वीडियो भी फरवरी का है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस एक्शन में आई। पुलिस के मुताबिक, तुलसी के दो बच्चे हैं। वीडियो में तुलसी छोटे बेटे प्रदीप को पीटते दिख रही है। तुलसी की शादी 2016 में तमिलनाडु में वल्लीपुरम के वादिवाझगन से हुई थी।
दूसरी शादी करना चाहती थी तुलसी
जांच
टीम के मुताबिक, बच्चे को बुरी तरह पीटा गया। महिला का अपने पति से विवाद
हुआ था। इसके बाद उसने बच्चे को पीटते हुए वीडियो बनाया था। SP डॉ. एन
श्रीनाथ ने बताया कि प्रदीप का जन्म सिजेरियन डिलिवरी से हुआ था। इसके बाद
से महिला को सेहत से जुड़ी परेशानियां होने लगी थीं। इसके चलते वह अपने
बच्चे को नापसंद करने लगी थी। पुलिस ने बताया कि तुलसी दूसरी शादी की
प्लानिंग कर रही थी। इस वजह से उसका उसके पति से विवाद भी हुआ था। पुलिस उस शख्स की तलाश भी कर रही है, जिसके साथ महिला रिश्ते में थी और
शादी करना चाह रही थी। इधर, महिला के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, बच्चे को चोट
पहुंचाने और का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक मनोचिकित्सकों
ने उसके मानसिक रूप से स्वस्थ होने की बात कही है। कार्रवाई के बाद पुलिस
ने बच्चों को उनके पिता को सौंप दिया है।
लकड़ी पड़ाव बेटे को समझाना भारी पड़ गया। नगर निगम के लकड़ी पड़ाव झूला बस्ती क्षेत्र में पिता और बहन को नशे का कारोबार कर रहे बेटे को समझाना भारी पड़ गया। बेटे ने पिता के सिर पर लोहे का पाइप मार दिया। वहीं बीच बचाव में आई बहन पर भी फावड़े से हमलाकर लहूलुहान कर दिया। पड़ोसियों ने बीच बचाव कर दोनों को बेस अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बेस अस्पताल में भर्ती पीड़ित पिता अब्दुल हफीज पुत्र मो. सदीक ने बताया कि उनका 28 साल का पुत्र बुरी संगत में पड़कर कुछ दिनों से नशे का कारोबार कर रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही शुक्रवार रात को करीब 11 बजे उन्होंने उसे बातचीत के लिए बुलाया और समझाने का प्रयास किया। इस पर वह भड़क गया और मारपीट शुरू कर दी। उसने पास में पड़े लोहे के पाइप से उनके सिर पर हमला कर के बुरी तरह घायल कर दिया। वहीं जब उनकी बेटी शाहीन बीच बचाव के लिए आई तो उसपर भी फावड़े से हमलाकर बुरी तरह घायल कर दिया। मामला बढ़ता देख पड़ोसी मौके पर पहुंचे और बीचबचाव कर के उन्हें व उनकी बेटी को बेस अस्पताल पहुंचाया। कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि लकड़ी पड़ाव क्षेत्र में हुई मारपीट के मामले में युवक एहसान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
29-AUG 2021
हनी सिंह पर घरेलू हिंसा का केस
बॉलीवुड सिंगर और रैपर हनी सिंह पत्नी शालिनी तलवार द्वारा दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा के मामले में कोर्ट में पेश नहीं हुए। उन्हें 28 अगस्त को कोर्ट में पेश होना था लेकिन उनके वकील ने अस्वस्थ होने का हवाला दिया और हनी को व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग की। साथ ही उन्होंने कोर्ट को ये आश्वासन दिया कि वह अगली पेशी पर जरूर पेश होंगे।
बता दें कि हनी सिंह यानी ह्रदेश सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी शालिनी तलवार ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। हनी सिंह की पत्नी ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में केस दर्ज कराया था। शालिनी ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया था।
पत्नी ने लगाए हैं मारपीट के आरोप
रैपर की पत्नी ने अपनी याचिका में यह दावा किया था कि हनी सिंह के कई महिलाओं के साथ संबंध थे। उन्होंने कहा कि जब उसने 'ब्राउन रंग दे' की शूटिंग के दौरान एक लड़की के साथ हनी की सेक्सुअल रिलेशनशिप को रंगे हाथ पकड़ा था तब सिंगर ने उस पर शराब की बोतल फेंकी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि शालिनी ने अपने ससुराल वालों द्वारा किए गए अत्याचारों के खिलाफ सुरक्षा आदेश और अन्य राहत की मांग की है।
हनी सिंह ने आरोपों पर तोड़ी थी चुप्पी
हनी ने पत्नी के आरोपों पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपना पक्ष सामने रखा था। उन्होंने कहा था, पिछले 20 सालों से मेरी साथी और पत्नी रहीं मिसेज शालिनी तलवार के मेरे और मेरी फैमिली पर लगाए गए सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों से मैं बेहद आहत हूं। यह सारे आरोप बेबुनियाद हैं। चाहे मेरे गानों की लिरिक्स पर आलोचना हो, मेरी हेल्थ पर कयास लगाए गए हों या आमतौर पर मुझे मिलने वाली मीडिया कवरेज हो, मैंने कभी भी कुछ नहीं कहा और हमेशा चुप्पी बनाए रखी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है, क्योंकि सारे आरोप मेरे बूढ़े पेरेंट्स और मेरी छोटी बहन पर भी लगाए गए हैं -ये वो लोग हैं जिन्होंने हमेशा मेरे बुरे वक्त में मेरा साथ दिया है और इनमें मेरी दुनिया बसती है। ये सभी आरोप बेहद निंदनीय और बदनाम करने के इरादे से लगाए गए हैं।
20 साल की दोस्ती और प्यार के बाद की थी शादी
हनी सिंह और शालिनी की शादी 2011 में दिल्ली के ही एक गुरुद्वारे में हुई थी। 2014 में हनी सिंह ने रियलिटी शो इंडियाज रॉकस्टार के एक एपिसोड में अपनी पत्नी को लोगों से मिलवाया था। कई लोग हैरान थे कि उन्होंने बॉलीवुड के मेगा प्रोजेक्ट्स में एक्टिंग करने से पहले ही शादी कर ली।
सेफ्टी टेस्ट में फेल हुई मारुति स्विफ्ट
मारुति स्विफ्ट एक ऐसा मॉडल जिसे देश में वैगनआर के बाद सबसे ज्यादा खरीदा जाता है। लेकिन जब बात इसके सेफ्टी की होती है तो इसे 0 रेटिंग ही मिलती है। इस रेटिंग से पता चलता है कि जब कोई परिवार के साथ ट्रैवल करेगा तो वह कितना सेफ रहेगा।
दरअसल ग्लोबल कार सेफ्टी एजेंसी न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) ने सुजुकी स्विफ्ट का क्रैश-टेस्ट किया है, इसमें स्विफ्ट कार को जीरो स्टार रेटिंग मिली है। कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 15.53% रेटिंग मिली, जबकि चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 0% रेटिंग मिली।
पैदल चलने वालों की सेफ्टी के लिए कार ने 66% का अच्छा स्कोर किया। वहीं सिक्योरिटी असिस्टेंस सिस्टम के मामले में 7% रेटिंग मिली।
जानिए कार की सुरक्षा से जुड़े दो पैमानों के बारे में
पैमाना नंबर-1: क्रैश टेस्ट रेटिंग करना
ग्लोबल कार सेफ्टी एजेंसी ग्लोबल NCAP द्वारा भारत में बिकने वाली लगभग सभी कारों का क्रैश टेस्ट किया जाता है। अलग-अलग पैमाने पर क्रैश टेस्ट के बाद कार को सेफ्टी रेटिंग दी जाती है। क्रैश टेस्ट के लिए कार में डमी का इस्तेमाल किया जाता है। ये डमी इंसान की तरह तैयार किया जाता है।
टेस्ट के दौरान गाड़ी को फिक्स स्पीड से किसी हार्ड ऑब्जेक्ट के साथ टकराया जाता है। इस दौरान कार में 4 से 5 डमी का इस्तेमाल किया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है। ये चाइल्ड सेफ्टी सीट पर फिक्स की जाती है। क्रैश टेस्ट के बाद कार के एयरबैग ने काम किया या नहीं, डमी कितनी डैमेज हुई, इन सब के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
पैमाना नंबर-2: कार के सेफ्टी फीचर्स
कार
खरीदते वक्त क्रैश टेस्ट रेटिंग के साथ दूसरे सेफ्टी फीचर्स जैसे एंटी-लॉक
ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन, रियर कैमरा,
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑटो डोर लॉक/अनलॉक, वियरेबल लॉक/अनलॉक,
डेटाइम रनिंग लाइट्स, रियर डिफॉगर और वाइपर, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स,
डे/नाइट मिरर और फॉग लैम्प शामिल हैं
स्टार मिलने के मायने
5 स्टार - कार में क्रैश सेफ्टी में कुल मिलाकर अच्छी परफार्मेंस।
4 स्टार - एक्सीडेंट से बचने की टेक्नोलॉजी मौजूद होने पर।
3 स्टार - एवरेज सेफ्टी। एक्सीडेंट से बचने की टेक्नोलॉजी न होने पर यह रेटिंग मिलती है।
2 स्टार - कार में नाममात्र की सेफ्टी होना, एक्सीडेंट से बचाने वाली टेक्नोलॉजी की कमी।
1 स्टार - मार्जिनल क्रैश प्रोटेक्टशन होने पर।
0 स्टार रेटिंग - किसी भी तरह का क्रैश प्रोटेक्टशन न होना।
28-AUG 2021
चौंकाने वाला मामला 15 साल की एक लड़की अपने
जिनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला अहमदाबाद में सामने आया है, जहां ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान 15 साल की एक लड़की अपने न्यूड वीडियोज बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड करने लगी। जब पेरेंट्स ने बेटी के वीडियो देखे तो दोनों को माइनर अटैक आ गया।
पढ़ाई के लिए दिलाया था नया मोबाइल
पेरेंट्स ने हेल्पलाइन को बताया कि उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए बेटी को नया मोबाइल खरीदकर दिया था, लेकिन बेटी को मोबाइल की ऐसी लत लगी कि हर समय सिर्फ मोबाइल में ही बिजी रहने लगी। माता-पिता दोनों ही नौकरीपेशा हैं। इसके चलते बेटी ज्यादातर समय घर में अकेली ही रहती थी। इसी दौरान वह न जाने किस तरह सोशल साइट्स के जरिए ऐसे लोगों के संपर्क में आ गई कि अपने ही न्यूड वीडियो बनाकर अपलोड करने लगी।
काउंसलिंग के दौरान नाबालिग ने बताया कि उसने सोशल मीडिया पर कुछ लड़कियों के न्यूड वीडियो देखे थे। इनमें कई लड़कियां रोजाना अपने अश्लील वीडियो बनाकर अपलोड करती थीं और उनके वीडियो पर लड़कों के ढेरों कमेंट्स आते थे। वह लगातार उनके कमेंट्स पढ़ती थी और उन पर रिप्लाई भी करने लगी थी।
इसी दौरान लड़के उससे खुद के वीडियो बनाने की डिमांड करने लगे। इसी के चलते उसने अपना एक न्यूड वीडियो बनाकर अपलोड किया था। इस पर सैकड़ों कमेंट्स आए तो उसे अच्छा लगा और फिर वह रोजाना अपने न्यूड वीडियो बनाकर अपलोड करने लगी।
नाबालिग के कुछ वीडियो उसकी मौसी की बेटी ने इंस्टाग्राम पर देख लिए थे। इसके बाद जानकारी पेरेंट्स तक पहुंचाई गई। जब माता-पिता ने ये वीडियो देखे तो एक के बाद एक दोनों को माइनर अटैक आ गया। रिश्तेदारों ने किसी तरह स्थिति संभाली और दोनों का इलाज कराने के साथ नाबालिग की '181 हेल्पलाइन' की टीम से काउंसलिंग भी करवाई।
हेल्पलाइन की टीम ने उसके सारे वीडियो डिलीट करवाए और फिर सायबर क्राइम के बारे में भी समझाया। काउंसलिंग के बाद बेटी ने पेरेंट्स से माफी मांगी और प्रॉमिस किया कि जब तक वे नहीं कहेंगे, तब तक वह मोबाइल नहीं छुएगी।
.मानो मौत छूकर चले गई,रानीपोखरी मोटरपुल
ऋषिकेश में भारी बारिश होने से जाखन नदी उफान पर आ गई। नदी के पानी के वेग के कारण कटाव होने से रानीपोखरी में जाखन नदी पर बना 57 साल पुराने मोटरपुल का कुछ हिस्सा दो स्थानों पर ढह गया। देहरादून की ओर से आ रही एक कार, दो लोडर और एक बाइक पुल के टूटे हिस्से के साथ सीधे नदी में पहुंच गए।
संदीप और पिंटू
ऋषिकेश मार्ग पर जाखन नदी पर रानीपोखरी के पुल के अचानक धंसने से वाहन समेत नीचे गिरे संदीप और पिंटू
चालक पिंटू ने बताया कि शुक्रवार को 11 बजकर बजे लोडर में बेकरी का सामान ऋषिकेश पहुंचाने के लिए जा रहे थे। जैसे वह रानीपोखरी का मोटरपुल पार करने वाले थे तभी पुल का एक हिस्सा अचानक बैठ गया।हम समझ नहीं पाये की हुआ क्या उनसे आगे एक लोडर और एक कार चल रही थी, जो आगे बढ़ गए थे। उनका वाहन मुंह के बल टूटे हिस्से में फंस कर तिरछा हो गया, जबकि आगे बढ़े एक कार और एक लोडर पुल के दूसरे हिस्से की ओर से पीछे की ओर लुढ़क गए। इसमें एक वाहन पलट गया। पिंटू और संदीप ने बताया कि एक बार उनके सामने मानो मौत आकर खड़ी हो गई थी। किसी तरह से वाहन से बाहर निकले तब लगा कि दूसरी जिंदगी मिल गई । डॉक्टरों ने दोनों की हालत हालत खतरे से बाहर बताई।
भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ने से जाखन नदी पर बने पुल का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। लोक निर्माण विभाग समेत संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
-डॉ. आर राजेश कुमार, जिलाधिकारी, देहरादून
पढ़ाई से चिढ़े भाइयों ने की बहनों की पिटाई:
जोधपुर की एक ढाणी में बेटियां पढ़-लिख गईं तो वह उनके परिवार को ही नागवार गुजरा। लड़कियों के ग्रेजुएट होने से चिढ़कर उनके कम पढ़े-लिखे चचेरे भाइयों ने मारपीट कर दी। राखी बंधवाने के 4 दिन बाद हुई मारपीट से परेशान 5 बहनें भाइयों के खिलाफ थाने पहुंच गईं।
जानकारी के मुताबिक, मामला जोधपुर के विश्नोई डुढियों की ढाणी का है। यहां रहने वाली 5 बहनों ने ग्रेजुएशन पूरा किया है। जबकि उनका कोई भी भाई 5वीं क्लास से ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। यही बात भाइयों को नागवार गुजर रही थी। इधर, बहनों ने अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी शुरू कर दी। इससे चिढ़कर भाइयों ने गुरुवार को बहनों पर लाठियों से हमला बोल दिया।
युवतियों ने बनाया मारपीट का वीडियो
जमकर
मारपीट करने के बाद पांचों बहनों को घर के एक कमरे में बंद कर दिया गया।
इनके बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी। मारपीट के दौरान लड़कियों ने मोबाइल
से वीडियो बना लिए थे। कमरे में बंद किए जाने के बाद उन्होंने पुलिस को
फोन किया। पुलिस ने कमरे से निकाला। इसके बाद अपनी फरियाद लेकर लड़कियां
कुड़ी थाने गईं, लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। फिर वे पुलिस उपायुक्त
पश्चिम जोधपुर के ऑफिस पहुंचीं।
18 से 25 साल की हैं पांचों बहनें
इन
बहनों में सबसे बड़ी 25 साल की सीमा बुरडक ने बताया कि चाचा और ताऊ के
परिवार और उनके बेटे हम बहनों की पढ़ाई करने पर नाराज हैं। उसकी बहन 23 साल
की मूमल, 21 साल की नैनी, 19 साल की सुमित्रा और 18 साल की अनिता को
भाइयों ने लाठी से मारा। इस पर सभी को चोट आई है। उसने बताया कि उनके
ग्रेजुएट होने पर परिवार नाराज है। भाई पांचवीं से ज्यादा नहीं पढ़े हैं।
उन्होंने धमकी दी है कि यदि हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करेंगे तो
हमारी खैर नहीं।
सीमा
और उसकी दो बहनें टीचर बनना चाहती हैं। एक बहन IAS तो एक पुलिस में भर्ती
होना चाहती है। लड़कियों के पिता खेती करते हैं और भाई ट्रक चलाता है। जब
भाई और पिता घर में नहीं थे, तब इन लोगों ने हमला किया।
27-AUG 2021
काबुल मे बम धमाका लाशों और घायलों का ढेर
रोते-बिलखते लोग
फाॅर्स टुडे को अफगानिस्तान मै मौजूद आफरी नै दी बम धमाके की जानकारी आफरी का दावा 90 से ज्यादा लोगो की मौत 220 के करीब लोग घायल 12 US सैनिको की मोत और बड़ सकता हैं मोत का आकड़ा आफरी ने बताया धमाके के बाद लोग अपनी जान बचाने के लिये भागने लगे जिसमे छोटे बच्चे भी शामिल थे अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ठीक सामने गुरुवार शाम दो फिदायीन हमले अमेरिकी सेंट्रल कमांड कैनेथ मैकेंजी ने कहा है कि मरने वालों में 12 मरीन कमांडो शामिल हैं, जबकि 15 घायल हैं। काबुल एयरपोर्ट से तमाम फ्लाइट ऑपरेशन्स बंद कर दिए गए हैं। हमले का आरोप आतंकी संगठन ISIS के खुरासन ग्रुप पर लगाया जा रहा है।
गुरुवार को हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला ब्लास्ट हुआ। कुछ ही देर बाद एयरपोर्ट के नजदीक बैरन होटल के पास दूसरा धमाका हुआ। यहां ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे। एयरपोर्ट के बाहर तीन संदिग्धों को देखा गया था। इसमें से दो आत्मघाती हमलावर थे, जबकि तीसरा बंदूक लेकर आया था। तालिबान ने अब तक 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। इसमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। तालिबान ने इसे आतंकी हमला बताया है। एयरपोर्ट पर एक शख्स ने बताया कि उसकी गोद में ही उसके बच्चे की मौत हो गई।
एयरपोर्ट से लगे नाले में लाशों और घायलों का ढेर लगा है। यहां पानी में शव पड़े हुए हैं। लोग अपनों को ढूंढ़ रहे हैं। एक दिन पहले ही इस नाले का वीडियो सामने आया था, जिसमें लोगों का हुजूम था। लोग एयरपोर्ट के अंदर जाने के लिए नाले में खड़े थे।यह फिदायीन हमला था और हमलावर के निशाने पर अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक थे। इटली के एक एयरक्राफ्ट पर भी फायरिंग की खबर है। इस एयरक्राफ्ट में इटली के अलावा कुछ और देशों के नागरिक थे। काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रवक्ता डेन क्रेनशॉ ने प्रेसिडेंट बाइडेन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- मिस्टर प्रेसिडेंट अब इस मामले को संभालिए जिसको आपने ही खड़ा किया है। इससे भागने की कोशिश मत कीजिए। आपके हाथ खून से रंगे हुए हैं। हम अब भी जंग के मैदान में हैं। इसे युद्ध का अंत समझने की गलती मत कीजिए। आपने दुश्मन को एक और फायदेमंद मौका दिया है।
काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल है। गुरुवार को ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले का बड़ा खतरा बताते हुए अपने नागरिकों से कहा था कि फिलहाल काबुल एयरपोर्ट पर नहीं जाएं और जो लोग एयरपोर्ट के बाहर मौजूद हैं वहां से तुरंत हट जाएं।
सभी विमानों को नाटो सेना ने सुरक्षा घेरे में ले लिया है।सुरक्षा के लिए काबुल एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
जिसे मरा समझकर डेढ़ महीने पहले
राजधानी पटना के गौरीचक थाना में गुरुवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब एक लड़की ने वहां पहुंच कर यह दावा किया कि मैं जीवित हूं। जबकि, उसके परिजनों ने उसे मृत समझ एक शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। दरअसल, लड़की अपने घर से डेढ माह पहले भाग गई थी। इसी बीच पुलिस को एक लड़की की लाश मिली। घर से भागी लड़की की मां ने शव को अपनी बेटी के रूप में पहचान की और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इधर, महिला की बेटी थाना पहुंची और पुलिस को बताया कि वो अपने प्रेमी के साथ चेन्नई में रह रही थी।
लड़की नाबालिग है। इससे कुछ दिन पहले लड़की FB पर लाइव आकर खुद के जीवित होने की बात बताई थी, तब परिजन नहीं माने थे। उधर, अब पुलिस इस मामले की पड़ताल में जुट गई है कि वो किस लड़की का शव था, जिसका दाह-संस्कार किया गया।
बताते चलें कि लगभग डेढ माह पूर्व गौरीचक थाना की पुलिस ने अंधारी गांव के नजदीक एक गड्ढे से एक लड़की की अर्धनग्न अवस्था में लाश बरामद की गई थी। आशंका थी कि अपराधियों द्वारा दुष्कर्म के बाद लड़की की गला काट कर हत्या कर दी गई है। लड़की के चेहरे को भी पूरी तरह कुचल दिया गया था, जिससे उसकी पहचान में परेशानी हो रही थी। उस वक्त गौरीचक थाना प्रभारी लाल मुनी दुबे ने इससे ऑनर कीलिंग का मामला बताया था।
इधर, अंधारी गांव से ही गायब एक लड़की की मां ने शव को देखने के बाद उसे अपनी बेटी बताया और पोस्टमॉर्टम के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया और ब्रह्मभोज भी गांव में संपन्न करा दी गई। महिला ने उस वक्त यह बताया था कि उसकी बेटी की हत्या गांव के ही कुछ युवकों ने गला काटकर कर दी थी। परिजनों ने भी पूरी तरह से इस बात का विश्वास कर लिया था कि अब उनकी बेटी इस दुनिया में नहीं रही, पर गुरुवार को लड़की के थाना पहुंचने पर सभी चौक पड़े।
आनन-फानन में थाना प्रभारी लाल मुनी दुबे ने लड़की की मां को थाने बुलाया। महिला थाना पहुंच अपनी बेटी को जिंदा देखकर कुछ देर के लिए उलझन में पड़ गई। लड़की ने बताया- 'वह एक लड़के से प्यार करती है और वह उसी के साथ डेढ माह पूर्व चेन्नई चली गई थी।'
गौरीचक थाना प्रभारी लाल मुनी दुबे ने बताया कि लड़की गर्भवती है और शुक्रवार को उसका मेडिकल व 164 का बयान न्यायालय में दर्ज कराया जाएगा। वहीं, अब पुलिस के सामने यह चुनौती आ गई अब उस लड़की के बारे में पता लगाए, जिसके शव का दाह संस्कार कर दिया गया।
26-AUG 2021
कोटद्वारा पुलिस अभद्रता करने मै सबसे आगे
शराब और स्मैक रोकने मैं सबसे पीछे
थाने मै विरोध करते पार्षद
भाबर क्षेत्र के अंतर्गत वार्ड नंबर-34 के पार्षद विवेक शाह के साथ भाबर चौकी में तैनात दो पुलिसकर्मियों की ओर से अभद्रता
पुलिस का पहला कार्य कानून व्यवस्था बनाना है, लेकिन पुलिस चालान करने में ही जुटी रहती है। ऐसे में शहर की कानून व्यवस्था चरमरा गई है। गली मोहल्लों में शराब और स्मैक बिक रही है। क्षेत्र में चोरी की घटनाएं भी लगातार हो रही हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शिकायत करने पर उल्टा जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। पार्षदों ने आरोपी पुलिस कर्मियों के निलंबन और गली मोहल्लों में काटे जा रहे चालान पर रोक लगाने, क्षेत्र में शराब और स्मैक की बिक्री पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। इस मौके पर पार्षद कमल नेगी, जयदीप नौटियाल, आशा चौहान, विपिन डोबरियाल, मनीष भट्ट, गीता नेगी, बीना नेगी, विजेता रावत, सोनिया नेगी, अनिल नेगी, अनिल रावत, गुड्डू चौहान, मनीष भट्ट, अमित नेगी आदि मौजूद रहे।
एएसपी मनीषा जोशी ने कहा कि कलालघाटी चौकी से दोनों आरोपी पुलिस कर्मियों को हटा दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एसएसपी से संस्तुति कर दी गई है। उन्होंने पार्षदों को विश्वास दिलाया कि शराब और स्मैक के खिलाफ अगले 15 दिनों में और तेजी से कार्रवाई की जाएगी।
कोटद्वारा शराब की दुकान में छापा मारा।
बुधवार देर शाम को एसडीएम योगेेश मेहरा राजस्व पुलिस के साथ स्टेशन रोड स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों और लाइसेंसधारी से शराब की दाम और स्टॉक के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान काउंटर पर शराब की मूल्य सूची अपूर्ण मिली। साथ ही शिकायत के लिए जिला आबकारी अधिकारी का नंबर भी चस्पा नहीं मिला। एसडीएम ने बताया कि दुकान के संबंध में लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए छापा मारा गया
लकड़ी पड़ाव मै लगातार चोरिया कोटद्वारा पुलिस पूरी तरह नाकाम
लकड़ी पड़ाव क्षेत्र में मंगलवार रात को चोरों ने एक वाहन से बैटरी और एक घर से नकदी और मोबाइल पर हाथ साफ कर दिया। लोगों ने बाजार चौकी में चोरी के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
लकड़ी पड़ाव कुछ दिन पूर्व घर के बाहर खड़ी दो बाइकों की चोरी हो चुकी है। मंगलवार रात को एक बार फिर से चोर ने हनीफ की कार से बैटरी चोरी कर ली। वहीं छुट्टन के घर से 1200 रुपये और एक मोबाइल चोरी कर लिया। दोनों पीड़ितों की ओर से बाजार चौकी में तहरीर दी गई है। एसआई दीपा ने बताया कि तहरीर मिलने की जानकारी नहीं है। फिर भी चोरों को पकड़ने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है।
25-AUG 2021
किस्मत वाली हूं जो हिंदुस्तान में हू
पाकिस्तानी-अफगान मूल की एक्ट्रेस मलीशा हीना खान ने काबुल में हुई हिंसा और लड़ाई में अपने परिवार के चार सदस्यों को खो दिया है। मलीशा पिछले कई सालों से मुंबई में रहती हैं। मलीशा के परिवार के 5-6 सदस्य, जिनमें एक छोटा भाई और बहन अभी भी अफगानिस्तान में हैं, लेकिन छिपे हुए हैं। उनके चाचा, भतीजे और दो चचेरे भाई लड़ाई में मारे गए।
मलीशा ने अपने परिवार के लिए शोक व्यक्त करने के लिए अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट का सहारा लिया। उन्होंने लिखा- अफगानिस्तान से एक दुखद खबर आ रही है। मेरे परिवार ने मेरे चाचा और दो चचेरे भाई सहित 4 सदस्यों को खो दिया, जिन्होंने परिवहन मंत्रालय में अफगान सरकार के लिए काम किया था। वे सभी मारे गए, वे जिस कार में थे, वह तालिबान की भारी गोलाबारी की चपेट में आ गई और उसमें विस्फोट हो गया। हम बहुत भाग्यशाली हैं, जो भारत में रहते हैं। धन्यवाद नरेंद्र मोदी जी।
मलिशा हीना खान 2018 में सुर्खियो में आईं थी, जब उन्होंने लोकप्रिय पाकिस्तानी गायिका राबी पीरजादा का समर्थन किया, जिनके प्राइवेट न्यूड फोटो और वीडियो लीक हो गए थे
आसानी से मिलेगा वैक्सीनेशन स्लॉट
भारत सरकार ने साल के आखिर तक सभी वयस्कों को वैक्सीनेट करने का टारगेट रखा है। लोगों को टीका लगवाने में आसानी हो, इसके लिए सरकार ने अब वॉट्सऐप पर भी वैक्सीनेशन स्लॉट बुकिंग की सुविधा दे दी है।
स्लॉट बुक करने के लिए फॉलो करने होंगे ये स्टेप्स
- वॉट्सऐप के जरिए स्लॉट बुक करने के लिए सबसे पहले +9013151515 नंबर को मोबाइल में सेव करना होगा।
- इसके बाद Book Slot लिखकर इस नंबर पर भेजना होगा। आपको SMS के जरिए 6 अंक का OTP आएगा।
- इस OTP को आपको वॉट्सऐप पर भेजना होगा।
- OTP दर्ज करके आपको पसंदीदा वैक्सीनेशन तारीख, लोकेशन और वैक्सीन चुननी होगी।
- इन सबका चुनाव करने के बाद आपको स्लॉट बुकिंग का कन्फर्मेशन मिल जाएगा।
24-AUG 2021
बैन हुई सऊदी अरब, कुवैत और कतर में 'बेल बॉटम'
एक्टर अक्षय कुमार की फिल्म 'बेल बॉटम' ने रविवार को चौथे दिन 4.40 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है। फिल्म को रक्षाबंधन का अच्छा फायदा मिला। यही कारण है कि 'बेल बॉटम' का पहले विकेंड यानी चार दिन का टोटल कलेक्शन करीब 13 करोड़ रुपए हो गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 'बेल बॉटम' ने सिनेमाघरों में 50% ऑक्यूपेंसी के साथ रिलीज-डे यानी पहले दिन (गुरुवार) 2.75 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था। वहीं दूसरे दिन फिल्म ने करीब 2.50 करोड़ रुपए कमाए थे। इसके बाद एक्सटेंडेड वीकेंड के पहले शनिवार को फिल्म बॉक्स ऑफिस पर मात्र 3 करोड़ रुपए का ही कलेक्शन कर पाई थी।
सऊदी अरब, कुवैत और कतर में बैन हुई 'बेल बॉटम'
इस
बीच खबर है कि 'बेल बॉटम' को तीन गल्फ देशों में बैन कर दिया गया है। सऊदी
अरब, कुवैत और कतर ने फिल्म 'बेल बॉटम' में दिखाए फेक्ट्स को गलत बताया
है। फिल्म सर्टिफिकेशन अथॉरिटी का कहना है कि 'बेल बॉटम' में ऐतिहासिक
तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है। इसी वजह से इन तीनों ही देशों में
'बेलबॉटम' की स्क्रीनिंग पर बैन लगा दिया गया है। 'बेल बॉटम' एक स्पाई
थ्रिलर फिल्म है। 1980 के दशक में हुई विमान हाईजैकिंग की सच्ची घटना पर
बेस्ड इस फिल्म में अक्षय एक रॉ एजेंट के रोल में हैं। खबरों के मुताबिक,
फिल्म के दूसरे हाल्फ में अक्षय और उनकी टीम हाईजैकर्स के साथ बातचीत और
लड़ाई कर विमान में फंसे 210 लोगों को बचाते हैं।
हालांकि, रियल में 1984 में विमान हाईजैकिंग के इस मामले को UAE मिनिस्टर शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने खुद हैंडल किया था। लाहौर से दुबई पहुंचे इस विमान के हाईजैकर्स को उन्होंने ही पकड़ा था। माना जा रहा है कि फिल्म में इन गलत तथ्यों के कारण ही सऊदी अरब, कुवैत और कतर में फिल्म को बैन किया गया है। बता दें कि कोरोना महामारी के प्रतिबंधों के बीच 'बेल बॉटम' को दुनिया भर में 19 सिंतबर को रिलीज किया गया था। रंजीत एम तिवारी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अक्षय के अलावा लारा दत्ता, वाणी कपूर और हुमा कुरैशी भी लीड रोल में नजर आ रही हैं।
उत्तराखंड चंपावत में पहाड़ का बड़ा हिस्सा दरका,
उत्तराखंड के चंपावत में स्वाला के पास सोमवार को लैंडस्लाइड के बाद टनकपुर-चंपावत नेशनल हाईवे बंद हो गया। फाॅर्स टुडे रिपोर्टर को DM विनीत तोमर ने बताया कि सड़क पर आया मलबा साफ करने में कम से कम दो दिन का समय लगेगा।उत्तराखंड में शुक्रवार को 14 मुसाफिरों को लेकर नैनीताल जा रही एक बस लैंडस्लाइड की चपेट में आने से बाल-बाल बच गई थी। नैनीताल-ज्योलीकोट-कर्णप्रयाग नेशनल हाईवे पर वीरभट्टी पुल से सटी बलियानाला की पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा खिसक कर हाइवे पर आ गया। ड्राइवर ने ठीक वक्त पर ब्रेक लगाकर बस को रोक लिया।पहाड़ धीरे-धीरे दरकना शुरू होता है और पूरा मलबा हाईवे पर आ जाता है। वहां कुछ गाड़ियां और कई लोग मौजूद
चूड़ी बेचने वाले की पिटाई
एक सोची समझी साजिश के तहत जनता को एक बिना सोच वाली भीड़ में बदल दिया गया है. अब एक ऐसी भीड़ देश के हर कस्बे, गांव में तैयार घूम रही है, जो जरा-सी अफवाह में बिना सोचे समझे किसी को भी पीट-पीटकर मार डालती है.
हर जगह दहशत है, कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं है. इसलिए जो सवाल उठाए उसे ही आतंकवादी ठहरा दो. देश में भीड़तंत्र का न्याय चलेगा या लोकतंत्र
इंदौर के गोविंद नगर में चूड़ी विक्रेता की सामूहिक पिटाई के बाद थाने के बाहर हंगामा करने वाले एक दर्जन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गृह विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चूड़ी बेचने गए युवक ने अपना नाम हिंदू रखा था। उसके पास इसी तरह के दो आधार कार्ड मिले हैं। महिलाओं को चूड़ी पहनाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। चूड़ी बेचने वाले पर बाणगंगा पुलिस ने 354 पॉक्सो एक्ट समेत 354 क, 467, 468, 471, 420, 506 के तहत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
गोविंद नगर में चूड़ी बेचने वाले तसलीम अली की सामूहिक पिटाई के बाद रविवार रात में शहर में लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा शुरू कर दिया था, हालांकि टीआई ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।
23-AUG 2021
सावधान खतरनाक है कोविड प्लास्टिक कोरोना से बचाते नहीं
कोरोना महामारी फैलने के बाद कैब, ऑफिस, स्कूल या फिर शॉप पर आपने एक प्लास्टिक बैरियर लगा देखा होगा। इसे देखकर लोग इस बात की तसल्ली कर लेते हैं कि यह जगह उनके लिए सुरक्षित है, लेकिन ये बैरियर समस्या बढ़ा सकते हैं। ये बैरियर कोरोना से तो पूरी तरह सुरक्षा नहीं दिलाते हैं साथ ही इनकी वजह से वेंटिलेशन भी नहीं हो पाता है।
एयरोसोल, एयरफ्लो और वेंटिलेशन की स्टडी करने वाले साइंटिस्ट का कहना है कि ज्यादातर ये बैरियर कारगर नहीं होते। बल्कि स्थिति को और खराब कर सकते हैं। साइंटिस्ट का यह भी मानना है कि इससे लोगों को झूठी सुरक्षा का अहसास होता हैप्लास्टिक बैरियर फ्रेश एयर को रोकता है
अलग-अलग
स्टडी में पता चला है कि चेकआउट काउंटर के पीछे बैठे व्यक्ति को सुरक्षा
देने वाले प्लास्टिक बैरियर से वायरस किसी अन्य कर्मचारी तक आसानी से पहुंच
सकता है। क्योंकि ये बैरियर फ्रेश एयर के फ्लो को रोक देते हैं।
प्लास्टिक बैरियर जहां लगा हो वो एरिया ‘डेड जोन’ बन जाता है
साइंटिस्ट
का कहना है कि सामान्य परिस्थितियों में बेहतर वेंटिलेशन वाले क्लासरूम,
स्टोर और ऑफिस में सांस द्वारा छोड़े गए कण करीब 15-30 मिनट तक रहते हैं,
उसके बाद फ्रेश एयर फ्लो के साथ बाहर निकल जाते हैं। लेकिन प्लास्टिक
बैरियर से रूम में फ्रेश एयर फ्लो नहीं हो पाता इस वजह से वेंटिलेशन भी
प्रभावित होता है। इससे वहां ‘डेड जोन’ बन जाते हैं, जिनमें ज्यादा प्रभावी
वायरल एयरोसोल बन सकते हैं।
प्लास्टिक बैरियर से एरोसोल बाहर नहीं निकल पाते और संक्रमण फैलने लगता है
वर्जीनिया
टेक में सिविल एंड एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की प्रोफेसर लिंसे मर्र कहते
हैं कि अगर किसी क्लास रूम में प्लास्टिक के बैरियर ज्यादा हैं तो वहां का
वेंटिलेशन प्रभावित होना तय है। इसकी वजह से वहां मौजूद लोगों के एरोसोल
वहीं फंसे रहते हैं बाहर नहीं निकल पाते है। कुछ देर बाद ये एरोसोल वहां की
सतह पर भी फैलने लगते हैं जिससे संक्रमण तेजी से फैलता है।
प्लास्टिक बैरियर खांसने व छींकने के दौरान निकले बड़े कण तो रोक सकते हैं, पर बातचीत में निकले कणों को फैलने से रोकने में सक्षम नहीं हैं। जबकि कोरोना तो अनदेखे एयरोसोल कणों से फैलता है, इसलिए शील्ड की उपयोगिता सवालों के घेरे में है।
प्लास्टिक बैरियर के बाद भी लोग वायरस के संपर्क में आ जाते हैं
लीड्स
यूनिवर्सिटी में एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग एक्सपर्ट कैथरीन नोक्स कहती हैं,
‘छोटे एयरोसोल प्लास्टिक बैरियर पर ट्रैवल करते हैं और 5 मिनट में कमरे की
हवा में मिल जाते हैं। यानी लोग कुछ देर तक बात करते हैं तो स्क्रीन के
होते हुए भी वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। वैसे भी शील्ड जिस तरह लगाई
जाती हैं, उनसे बहुत फायदा मिलने की संभावना नहीं है।’
ऑफिस या स्कूल में बैरियर लगवाते वक्त एक्सपर्ट की सलाह जरूरी
कैलिफोर्निया
यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग एक्सपर्ट रिचर्ड कोर्सी कहते हैं कि क्लासरूम
की हवा में एयरोसोल हैं, तो शील्ड नहीं बचा पाएगी। दरअसल ऑफिस, स्कूल और
रेस्त्रां में प्लास्टिक बैरियर लगवाते वक्त इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स की मदद
नहीं ली जाती। वे हर कमरे में एयरफ्लो और वेंटिलेशन के बारे में बता सकते
हैं।
रूम में एयरफ्लो जटिल होता है, फर्नीचर व्यवस्था, छत की ऊंचाई, रोशनदान और शेल्फ जैसी चीजों का इस पर खासा प्रभाव पड़ता है। इसलिए इन पारदर्शी शील्ड को पूरी सुरक्षा के रूप में नहीं देखना चाहिए। जोखिम कम करने के लिए मास्क पहनना जारी रखना चाहिए।
प्लास्टिक बैरियर बच्चों को संक्रमण से नहीं बचा सकते
रिचर्ड
कोर्सी का कहना है कि अगर क्लास में चारों तरफ एरोसोल के पार्टिकल हैं तो
ये प्लास्टिक बैरियर बच्चों को संक्रमण से नहीं बचा सकते हैं। हालांकि
प्लास्टिक बैरियर देखकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन ये पूरी
तरह सुरक्षित नहीं हैं, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए प्लास्टिक
बैरियर लगे होने पर भी मास्क जरूर लगाएं।
एरोसोल साइंटिस्ट का मानना है कि वर्कप्लेस यानी ऑफिस या स्कूल में लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करवा लेने पर जोर देना चाहिए। इसके अलावा बेहतर वेंटिलेशन, HEPA एयर फिल्टरिंग मशीन और मास्क ही संक्रमण से बचने का बेहतर तरीका है।
एनर्जी ड्रिंक की लत भी जानलेवा
स्कूल स्टूडेंट्स हर दिन एवरेज 121 मिलीग्राम कैफीन लेते हैं, जो उनके हिसाब से बहुत ज्यादा है। कॉफी, चाय, कोला बेवरेज और एनर्जी ड्रिंक्स को लेकर पेरेंट्स अवेयर नहीं रहते, नतीजतन बच्चों को कैफीन की लत लगती जा रही है। यह उनकी हेल्थ को नुकसान पहुंचा रही है।
युवाओं में कैफीन की लत लगातार बढ़ रही है। स्कूलों में हुए एक सर्वे में यह सामने आया है कि इंडिया में बच्चों की हर दिन कैफीन लेने की मात्रा US के बच्चों से बहुत ज्यादा है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस की ओर से यह सर्वे किया गया था। इसमें दिल्ली के तीन स्कूलों के 300 बच्चों को शामिल किया गया। इससे पता चला कि युवा ज्यादा कॉफी और चाय पीने के कारण कैफीन की ज्यादा मात्रा ले रहे हैं, जबकि विकसित देशों में ऐसा नहीं है।
दूसरे देशों की तुलना में भारत में कैफीन की लत ज्यादा
यूनाइटेड
स्टेट्स में 12 से 16 साल तक के स्टूडेंट्स प्रतिदिन 64.8 mg कैफीन ले रहे
हैं, वहीं 17 से 18 तक के टीनेजर्स प्रतिदिन 96.1 mg कैफीन लेते हैं।
दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया पर नजर डालें, तो यहां पर 12 से 16 साल तक के
टीनेजर्स 109 mg कैफीन पीते हैं। कनाडा में 8 से 12 साल के बच्चे 109 mg
कैफीन लेते हैं।
भारत में कैफीन का हाई डोज ले रहे हैं स्टूडेंट
सर्वे
में यह भी निकल कर आया है कि करीब 6% स्टूडेंट्स प्रतिदिन 300 mg से
ज्यादा कैफीन लेते हैं, जो बेहद हानिकारक है। इसी तरह करीब 97 स्टूडेंट्स
किसी न किसी के जरिए कैफीन लेते हैं, जो स्ट्रेस को भी बढ़ाती है
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश कमेटी ऑन न्यूट्रिशन एंड काउंसिल ऑन स्पोर्ट्स मेडिसिन एंड फिटनेस की रिसर्च के मुताबिक टीनएजर्स और बच्चों को कैफीन वाली चीजों से दूर रहना चाहिए। इसके मुताबिक अगर बच्चे या टीनएजर्स कैफीन लेते भी हैं तो इसकी मात्रा 100 mg से कम ही होनी चाहिए।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर में फूड डेटा सेंट्रल की रिपोर्ट के मुताबिक एडल्ट को एक दिन में 400 mg से ज्यादा कैफीन नहीं लेनी चाहिए।
-
पबमेड सेंट्रल में पब्लिश रेजिना विर्जेजस्का, मिरोस्लाव जारोस और बारबरा
वोजडा की रिसर्च के मुताबिक प्रेग्नेंट महिलाओं को 200 mg से ज्यादा कैफीन
नहीं लेना चाहिए, क्योंकि कैफीन की ज्यादा मात्रा प्री-मैच्योर डिलीवरी,
गर्भपात, बच्चे और मां के कम वजन का जोखिम बढ़ा सकती है।
300 तालिबानियों को मार गिराने का दावा
पंजशीर घाटी पर कब्जा जमाने के मंसूबे पाले बैठे तालिबान को तगड़ा झटका लगा है। सूत्रों का दावा है कि पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान पर रास्ते में घात लगाकर हमला किया। इस हमले में तालिबान के 300 लड़ाकों को मार दिया गया है।
इधर खबर ये भी है कि अफगानिस्तान में कब्जा करने के एक सप्ताह बाद तालिबान जल्द सरकार बनाने की घोषणा कर सकता है। इसके साथ नए राष्ट्रपति के नाम का ऐलान भी किया जा सकता है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने टोलो न्यूज से कहा कि नई सरकार के गठन को लेकर अफगानिस्तान के नेताओं से बातचीत जारी है। जल्द इसकी घोषणा की जाएगी।तालिबान पंजशीर में बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। तालिबान के लड़ाके भारी हथियारों के साथ पंजशीर पर हमला करने पहुंच गए हैं। इस बार लड़ाकों की संख्या भी ज्यादा है। इससे सटे बगलान प्रांत के अंदराब जिले में बीती रात बड़ी तादाद में तालिबानी लड़ाकों ने हमला किया था। यहां कई लोगों के मारे जाने की खबर है। हमले को देखते हुए बगलान के देह-ए-सलाह जिले में विद्रोही लड़ाकों ने जुटना शुरू कर दिया है।हमले के बाद पंजशीर के आस-पास के क्षेत्र से पलायन शुरू हो गया है। सुरक्षित ठिकाने की तलाश में लोग अपना घर छोड़कर भाग रहे हैं। यहां तालिबान का मुकाबला कर रहे विद्रोही कुछ दिन पहले पीछे हट गए थे और पहाड़ों पर चले गए थे, लेकिन आज सुबह उन्होंने पहाड़ों से ही तालिबान पर हमले शुरू कर दिए हैं।तालिबानी भी पंजशीर मामले को जल्दी हल करने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि पंजशीर के लड़ाकों को शांत नहीं किया गया तो उन्हें सरकार चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। पंजशीर अफगानिस्तान का एकमात्र ऐसा प्रांत है, जिस पर तालिबान आज तक अपना कब्जा नहीं कर पाया है।सूत्रों के मुताबिक, तालिबान के वार्ताकार अहमद मसूद से लगातार सरकार में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। हक्कानी के दावों की भी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
22-AUG 2021
काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच काबुल से एक बड़ी खबर है। काबुल
एयरपोर्ट के अंदर पहुंचने के लिए मची भगदड़ में अफगानिस्तान के 7 लोगों की
मौत हो गई है। ये जानकारी ब्रिटिश मिलिट्री ने दी है। ब्रिटेन के रक्षा
मंत्रालय ने कहा है कि हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन स्थिति को
संभालने के साथ ही लोगों की सुरक्षा की पूरी कोशिश कर रहे हैं। बता दें
अफगानिस्तान छोड़ने वाले लोगों की काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ है। दूसरी
तरफ तालिबान अफगानियों को देश छोड़ने से रोक रहा है। एयरपोर्ट आने वाले
रास्तों पर तालिबान का पहरा है और तालिबानी हर आने-जाने वाले की जांच कर
रहे हैं।काबुल से आज 329 भारतीयों की वतन वापसी हुई
काबुल से
भारतीयों का निकालने का सिलसिला जारी है। रविवार को तीन विमानों से 390 लोग
भारत लौटे हैं, इनमें 329 भारतीय हैं। एयरफोर्स के C-17 एयरक्राफ्ट से 168
भारतीयों की वापसी हुई, इनमें 107 भारतीय और 23 अफगानी सिख और हिंदू शामिल
हैं। इससे पहले एयर इंडिया के विमान से 87 भारतीयों और 2 नेपालियों को
भारत लाया गया था। वहीं एक दूसरी फ्लाइट से 135 लोगों की वापसी हुई है।
भारत पहुंचकर भावुक हुए अफगानी सांसद
एयरफोर्स
के विमान से आए 168 लोगों में अफगानी सांसद नरेंदर सिंह खालसा, अनारकली
होनरयार और इनके परिवार भी शामिल हैं। होनरयार और खालसा उन लोगों में शामिल
थे जिन्हें तालिबान शनिवार को काबुल एयरपोर्ट से अपने साथ ले गया था।
तालिबान ने कहा था कि ये अफगानी हैं इसलिए देश नहीं छोड़ सकते। हालांकि, बाद
में इन्हें छोड़ दिया गया। रविवार को भारत पहुंचने पर नरेंदर सिंह खालसा
भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि 20 साल में जो कुछ बनाया था, सब खत्म हो गया।
वहीं एक अफगानी महिला ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं,
तालिबानों ने हमारा घर जला दिया।
इन लोगों के साथ एक बच्चा भी आया है जिसके पास भारतीय पासपोर्ट नहीं था, लेकिन सरकार ने उसे रोका नहीं। भारत पहुंचने के बाद इस बच्चे का वीडियो सामने आया है जिसमें एक बच्ची उसे प्यार करते हुए नजर नजर आ रही है। इस दौरान बच्ची बेहद खुश नजर आई।
काबुल एयरपोर्ट से हर रोज उड़ सकेंगे भारत के दो विमान
अफगानिस्तान
में फंसे भारतीयों के वतन वापसी की राह आसान हो गई है। काबुल एयरपोर्ट से
भारत को रोजाना दो विमानों के संचालन की अनुमति मिल चुकी है। अमेरिकी और
उत्तरी अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) फोर्स ने इसकी अनुमति शनिवार को
दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अब वे जल्द ही सभी भारतीयों को
वापस लाएंगे। यहां अभी 300 भारतीयों के फंसे होने की जानकारी है।
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ जंग जारी
अफगानिस्तान
के पंजशीर से सटे बगलान प्रांत के अंदराब जिले में बीती रात बड़ी संख्या
में तालिबान लड़ाके पहुंचे हैं। तालिबान का मुकाबला कर रहे ये लड़ाके कुछ
दिन पहले पीछे हट गए थे और पहाड़ों पर चले गए थे। लेकिन, आज सुबह से
उन्होंने पहाड़ों से ही तालिबान पर हमले शुरू कर दिए हैं।
तालिबान ने कहा- अहमद मसूद साथ आने को तैयार
तालिबान
ने कहा है कि पंजशीर में लड़ाकों का नेतृत्व कर रहा अहमद मसूद उनके साथ
आने को तैयार है। आतंकी संगठन हक्कानी ने यह ऐलान किया है। अगर ऐसा होता है
तो अफगानिस्तान में तालिबान को रोकने वाला अब कोई नहीं होगा।
अहमद मसूद के नॉर्दर्न अलायंस ने शुक्रवार को ही तालिबान लड़ाकों से 3 जिले छीनने का ऐलान किया था। इन जिलों में तालिबानी झंडा हटाकर अफगानिस्तान का राष्ट्रीय झंडा फहरा दिया गया था। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री जनरल बिस्मिल्ला मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया पर कहा है कि पुल-ए-हिसार, बानू और देह-ए-सलाह से तालिबान को खदेड़ दिया गया है। बिस्मिल्लाह मोहम्मद अशरफ गनी की सरकार में रक्षा मंत्री थे।
तालिबान के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं पंजशीर के लड़ाके
तालिबानी
भी पंजशीर मामले को जल्दी हल करने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि
पंजशीर के लड़ाकों को शांत नहीं किया गया तो उन्हें सरकार चलाने में
मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। पंजशीर अफगानिस्तान का एकमात्र ऐसा प्रांत
है, जिसपर तालिबान आजतक अपना कब्जा नहीं कर पाया है।
सूत्रों के मुताबिक, तालिबान के वार्ताकार अहमद मसूद से लगातार सरकार में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। हक्कानी के दावों की भी अभी पुष्टि नहीं हुई है।
अमेरिका ने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट न जाने का निर्देश दिया
अमेरिका
ने अपने नागरिकों को काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने का निर्देश दिया है।
अमेरिकी दूतावास ने अमेरिकियों से कहा है कि एयरपोर्ट के हालात ठीक नहीं
हैं। यहां गोलियां चल रही हैं और अफरातफरी का माहौल है। अमेरिकी नागरिकों
से अपील है कि वे अभी काबुल एयरपोर्ट के आसपास भी न जाएं। एयरपोर्ट के
हालात सुधरने के बाद सरकार फिर से नए निर्देश जारी करेगी।
जन्नत की चाहत में खुदकुशी
सुसाइड करने वाली बच्ची राबिया शेख
इंदौर में 15 साल की किशोरी ने मोहर्रम के दिन फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड से पहले उसने मां से सवाल पूछा- क्या इमाम हुसैन आज ही के दिन शहीद हुए थे? क्या आज जिन लोगों की मौत होगी उन्हें शहादत मिलेगी? वह जन्नत में जाएंगे? मां ने जवाब दिया- हां। इसके कुछ देर बाद बेटी ने फांसी लगा ली। परिवार के लोग उसे फंदे से उतारकर अस्पताल लाए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया गया।
घटना शहर के रावजी बाजार क्षेत्र के चंपा बाग स्थित हाथीपाला की है। यहां राबिया अपने पूरे परिवार के साथ मोहर्रम पर शुक्रवार देर शाम रोजा खोलने बैठी थी। मां ने बेटी की पसंद की खीर भी बनाई थी। रोजा खोलने से पहले केवल एक सवाल ने युवती की जान ले ली। परिवार इस घटना से सदमे में है।
दो दिन पहले ही 11वीं की किताबें खरीद कर लाए थे
परिवार
का कहना है कि कुछ दिन पहले राबिया का दाखिला 11वीं कक्षा में करवाया गया
था। एडमिशन के 3800 रुपए भी स्कूल में भर दिए गए थे। 2 दिन पहले ही उसे
11वीं कक्षा की कॉपी-किताबें दिलवाई गई थीं। वह काफी खुश थी, लेकिन उसने इस
तरह का कदम क्यों उठाया? यह परिवार को समझ नहीं आ रहा है।
पिकनिक में सहेली की हुई थी मौत
परिजनों
ने बताया कि कुछ साल पहले स्कूल की पिकनिक राऊ सर्कल के पास नखराली ढाणी
गई थी। वहां पर राबिया की सहेली की झूले से गिरने से मौत हो गई थी। इसके
बाद से ही राबिया कुछ बहकी-बहकी सी बातें करने लगी थी। हमेशा कहती रहती थी
कि जिंदगी और मौत क्या है? कभी भी हम मर सकते हैं। ऐसी बातों पर परिवार
वाले उसे कई दफा डांटा करते थे, लेकिन सहेली की मौत के बाद वह मानसिक रूप
से उबर नहीं पाई थी।
पढ़ने में होशियार थी राबिया
राबिया
के पिता ने बताया, वह पढ़ने में होशियार थी। उसे नई स्कूटी चाहिए थी।
मैंने उससे कहा था कि अच्छे नंबरों से पास होगी तो स्कॉलरशिप मिलेगी। जिससे
स्कूटी दिला देंगे। राबिया के 10वीं में 93 प्रतिशत नंबर आए थे। वो
स्कॉलरशिप का इंतजार कर रही थी।
पड़ गया महंगा भारत में तालिबान का सपोर्ट
सोशल मीडिया पर तालिबान के पक्ष में -असम के 14 लोग हिरासत में,
भारत में तालिबान का सपोर्ट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। असम पुलिस ने सोशल मीडिया पर तालिबान के सपोर्ट में पोस्ट लिखने वाले 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारियां असम के अलग-अलग इलाकों से शुक्रवार रात की गईं।
आरोपियाों के खिलाफ IT एक्ट के अलावा CrPC के तहत केस दर्ज किया गया है। असम पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि कामरूप, बारपेटा, धुबरी, करीमगंज से 2-2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा दरांग, कछार, हैलाकांडी, सलमारा दक्षिण, गोलपारा और होजाई जिले से 1-1 व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है। वे लगातार सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए हैं।
क्रिमिनल केस दर्ज किया
डिप्टी
इंस्पेक्टर जनरल (DIG) वॉयलेट बरुआ ने बताया कि सोशल मीडिया पर तालिबान के
समर्थन में कमेंट करने वालों पर असम पुलिस कार्रवाई कर रही है। इसे
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए कमेंट करने वालों के खिलाफ
क्रिमिनल केस दर्ज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी को
इस तरह के कमेंट नजर आते हैं तो वह हमें बता सकता है।
मुनव्वर राना ने कहा था- अफगानिस्तान से ज्यादा क्रूरता हिंदुस्तान में
19
अगस्त को शायर मुनव्वर राना ने एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि
अफगानिस्तान के हालात भारत से बेहतर हैं। राना ने तालिबान की तुलना RSS,
BJP और बजरंग दल से की थी। उनके बयान पर विवाद भी हुआ था।
AIMPLB के प्रवक्ता ने कहा था- तालिबान को सलाम
18
अगस्त को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद
नोमानी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया था। इसमें उन्होंने तालिबानियों को
अफगानिस्तान में हुकूमत कायम करने की बधाई दी थी और कहा था कि गरीब और
निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दी, आपकी हिम्मत को
सलाम।
उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त 2021 की तारीख इतिहास बन गई। अफगानिस्तान की सरजमीं पर एक निहत्थी और गरीब कौम, जिसके पास न साइंस, न टेक्नोलॉजी, न दौलत, न हथियार और न तादाद थी, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों को शिकस्त दी और काबुल के सरकारी महल में वो दाखिल हो गए।'
भारत-नेपाल बॉर्डर मै नशे का कारोबार -फाॅर्स टुडे रिपोर्ट-COMING-SOON
गाड़ीघाट रोजी हत्याकांड में सास गिरफ्तार
नव विवाहिता रोजी दहेज हत्याकांड में कोतवाली पुलिस ने तीसरी आरोपी मृतका की सास को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी सास को न्यायालय में पेश किया, जहां कोर्ट के आदेश पर उसे पौड़ी जेल भेजा जा रहा है। पुलिस मामले में पति और ससुर को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
नौ जुलाई को गाड़ीघाट निवासी रोजी (21) पत्नी शहजाद को परिजन गंभीर हालत में बेस अस्पताल लाए थे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। बताया कि मामले में मृतका के पिता सरिफुल्ला निवासी झूलापुल की ओर से उसी दिन ससुरालियों के खिलाफ तहरीर दी गई थी। तहरीर में ससुरालियों पर दहेज के लिए उनकी बेटी को मारने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने प्रारंभिक जांच और तहरीर के आधार पर मृतका के पति शहजाद, सास रेहाना, ससुर कफिल, देवर फरमान और अकिल, ननद भूरी, अन्य परिजन सलमान, अनीस और सलीम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि मामले में आरोपित सास रेहाना को बृहस्पतिवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी कर रहे हैं।
DATE-20 AUG 2021
अफगानिस्तान-यकीन नहीं होता -
1919 से 1978 तक, अफगान के अपने लोगों का शासन, दूसरा 1978 से 1989 तक, सोवियत यूनियन की सेना का शासन, तीसरा 1989 से 1996 तक, तालिबान और अफगान सरकार की लड़ाई के दौर में, चौथा 1996 से 2001 तक, तालिबानी हुकूमत के दौर में, पांचवां 2001 से 2021 तक अमेरिकी सेना का शासन और अब छठा, फिर से तालिबानी हुकूमत।
जब कभी अफगानी महिलाओं के फैशन का जिक्र होता है, इस तस्वीर को जरूर
दिखाया जाता है। ये 1960 के दशक की तस्वीर है। ये महिलाएं शॉपिंग के लिए
बाजार निकली थीं।
साल 1926, अफगानिस्तान में
शासन अमीर अमानुल्लाह खान का था। उन्होंने अफगानिस्तान में नया ड्रेस कोड
लगाया, जिसमें ये औरतों के ऊपर छोड़ा गया कि वो चाहें तो पर्दा करें, चाहे
तो न करें और उनका जैसा मन हो वैसे कपड़े पहनें। अमानुल्लाह खान की एक लाइन
बड़ी मशहूर है-1965 के बाद अफगानिस्तान में कामकाजी औरतें तेजी से बढ़ीं। ये तस्वीर उस दौर में जॉब के लिए ऑफिस जाती महिलाओं की है।
धर्म में ये जरूरी नहीं है कि औरतें अपने हाथ, पैर और चेहरा ढंकें।
अमानुल्लाह खान की पत्नी क्वीन सोराया का एक बयान ‘कैनेडियन वुमन फॉर वुमन इन अफगानिस्तान’ नाम की रिपोर्ट में दर्ज है:
"ये मत सोचिए कि सिर्फ मर्द देश की सेवा करें। इस्लाम के शुरुआती दिनों में औरतों ने बढ़-चढ़कर समाज की सेवा की है। हमें भी अपने देश के विकास में हिस्सा लेना है,लेकिन ये बिना पढ़ाई-लिखाई के नहीं होगा। इसलिए घरों से निकलिए। ज्ञान हासिल कीजिए।"
1966 से 71 के बीच 14 अफगानी महिलाएं जज थीं और 2 सीनेटर
UK
का एक NGO है- एमनेस्टी इंटरनेशनल, दुनियाभर में ह्यूमन राइट्स से जुड़ा
डेटा इकट्ठा करता है। इसकी रिपोर्ट्स का दावा है कि 1919 में अफगान महिलाओं
को वोट देने का अधिकार था। 1923 में औरतों को अपनी पसंद से शादी करने के
कानूनी अधिकार मिल गए थे। 1928 में अफगानी महिलाओं का एक ग्रुप तुर्की में
स्कूल अटैंड करने गया था। 1940 से 1950 के बीच अफगान महिलाएं नर्स, डॉक्टर
और टीचर्स बनने लगीं। साल 1959 से 1965 आते-आते अफगानी महिलाएं सिविल
सर्विसेज में, स्पोर्ट्स में खुलकर हिस्सा लेने लगीं।
1965 में दो महिला सीनेटर चुन गई थीं और 1966 से 71 के बीच अफगानी अदालतों में 14 महिला जज पहुंच गई थीं। एक रिपोर्ट का दावा है कि 60 के दशक में 8% अफगान महिलाएं बाहर जाकर नौकरी करने लगी थीं, खुद पैसे कमाने लगी थीं, उनकी स्टाइल और फैशन की चर्चा होने लगी थी।
दूसरा हिस्सा, 1978 से 1889 तकः सोवियत यूनियन और अमेरिका की लड़ाई में महिलाओं का घर से निकलना हुआ बंद
1978
के दौर में दुनिया की दो महाशक्तियां हुआ करती थीं, अमेरिका और सोवियत
यूनियन। सोवियत यूनियन बाद में नहीं रहा। उसका बड़ा हिस्सा अब रूस है। तब
अफगानी लोग राजशाही से मुक्ति चाहते थे और सोवियत यूनियन पीछे से सपोर्ट कर
रहा था। ये बात अमेरिका को फूटी आंख नहीं भाती थी।
एक तरफ सोवियत यूनियन के सपोर्ट से अफगान क्रांति हो गई, तो दूसरी ओर अमेरिका ने गुप्त ऑपरेशन शुरू किया। और तभी से अफगानिस्तान में कट्टर इस्लामिक विचारधारा वाले मुजाहिदीन पैदा हो गए। अमेरिका के पैसों पर पलने वाले इन लड़ाकों ने पहला काम किया इस्लामिक कानून को मनवाने का और महिलाओं की आजादी को खत्म करने का।
ये तस्वीर 1985 की है। अफगानिस्तान में सोवियत यूनियन की सेना का राज था। तस्वीर में दिख रही 12 साल की अफगानी लड़की शरबत गुला एक रिफ्यूजी कैंप में रह रही थी, क्योंकि उनके अपने इलाके में अशांति थी। नेशनल जियोग्राफिक के लिए काम करने वाले अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैकरी ने कहा था उन्हें अचानक ये चेहरा दिखा और उन्होंने फोटो खींच लिया।
जैसे ही लड़की को एहसास हुआ कि कोई उसकी फोटो खींच रहा है, उसने झट से अपना चेहरा छिपा लिया था। भले ये तस्वीर आज अफगान महिलाओं के विरोध का एक प्रतीक बन गई हो, लेकिन असल में शरबत कोई विरोध नहीं कर रही थीं। उनकी असल जिंदगी इतनी दर्दनाक थी कि उन्होंने जब अचानक सिर घुमाया था तब भी उनकी आंखों से दर्द-गुस्सा एक साथ झलक रहा था। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि मैकरी ने उन्हें 17 साल बाद फिर ढूंढ निकाला था। वो तस्वीर कहानी के पांचवें हिस्से में लगी हुई है।
हालात बिगड़े तो सोवियत यूनियन ने 1980 में अपनी सेना अफगानिस्तान में भेज दी। मुजाहिदीन और सोवियत सेना 9 सालों तक टकराती रहीं। जिन जगहों पर सोवियत सेना ताकतवर होती, वहां महिलाएं पहले की तरह काम करतीं, लेकिन जिन जगहों पर मुजाहिदीन का प्रभाव बढ़ता, वहां की महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुहाल हो जाता।
तीसरा हिस्सा, 1989 से 1996 तकः अफगान सरकार और तालिबान की लड़ाई, लेकिन नुकसान केवल महिलाओं का
सोवियत
यूनियन ने अपनी सेना वापस बुला ली और अफगानियों को छोड़ गए उनकी किस्मत
पर। अमेरिका का भी मतलब निकल गया था। वो भी भूल गया कि उसने अफगान में
धार्मिक कट्टरता को जन्म दिया था। महिलाओं पर हिंसा की खबरें आम हो गईं।
गृहयुद्ध के दौरान महिलाओं की आवाज बाहर ही नहीं आ पाईं। अफगानी महिलाएं मुजाहिदीन और सरकार दोनों से नाराज थीं। तभी धार्मिक पढ़ाई करने वाले एक छात्रों का ग्रुप बड़ा तेजी से पॉपुलर हो रहा था। इसका नाम था तालिब। 1990 में जब इसे अपना नेता मिला, मुल्ला मुहम्मद उमर तो इसका नाम हो गया तालिबान।
देश गृह युद्ध से गुजर रहा था। नौकरियां जा चुकी थीं। हिंसा के डर से महिलाएं घर में रहने लगीं थीं, लेकिन तालिबान ने महिलाओं के लिए कुछ और ही सोच रखा था।
चौथा हिस्सा, 1996 से 2001 तकः अफगान में तालिबान ने महिलाओं को यौन-दासी बना दिया
कब्जा
लेते ही तालिबान ने कहा- शरिया कानून लागू हो चुका है। कानून लंबा-चौड़ा
है, लेकिन इसमें महिलाओं के लिए जो बातें हैं, उन्हें देखिए-
- बिना मर्द को साथ लिए कोई महिला घर से बाहर नहीं निकल सकती।
- घर से बाहर निकलते वक्त पर्दा न करना अपराध है। बाहर रहने पर ऐसा कोई कपड़ा नहीं पहन सकतीं जिसमें शरीर का कोई अंग दिखाई दे।
- किसी मर्द डॉक्टर्स से चेकअप नहीं करा सकतीं।
- फिर पति की सेवा और घर के अंदर के काम के अलावा कोई बाहरी काम नहीं कर सकतीं।
- जब कोई महिला काम ही नहीं कर सकती तो महिला डॉक्टर बनेगी नहीं, और पुरुषों से महिलाएं चेकअप नहीं करा सकतीं, ऐसे में महिलाओं को डॉक्टरी सुविधा ही नहीं मिली।
- कोई लड़की पढ़ाई नहीं कर सकती।
- किसी खेल में हिस्सा लेना तो दूर, स्टेडियम जाकर कोई खेल देख भी नहीं सकतीं। अगर कोई महिला बिना मर्द को साथ लिए घर से बाहर आ गई तो तालिबानी समर्थक या तालिबानी सेना के लोग ऐसी महिलाओं को सरेआम पीटने लगते थे।
- संगीत नहीं सुन सकतीं, सिनेमा नहीं देख सकतीं, सारे सिनेमाहॉल तोड़ दिए गए थे।
- अपने घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद रखनी होंगी, ताकि बाहर से कोई किसी महिला को देख न ले।
- अपनी पसंद से शादी नहीं कर सकतीं। जब 2020 में काबुल के गाजी स्टेडियम क्रिकेट लीग शुरू हुई तो ये तस्वीर खूब वायरल हुई थी। ये वही स्टेडियम है, जिसमें 1999 में एक महिला पर अश्लीलता के आरोप लगाकर उसकी सरेआम हत्या कर दी गई थी।
ह्यूमन राइट्स की एक रिपोर्ट कहती है कि तब 1996 से लेकर 98 के बीच 2 सालों के भीतर 100 गर्ल्स स्कूल बंद कराए गए थे। अगर कोई शरिया कानून की बातों को न मानने की जुर्रत करता था तो उसे कोड़े मारे जाते थे, सरेआम चौराहे पर लाकर पत्थर मार-मार कर जान ले ली जाती थी। भले वो नाबालिग हो।
पांचवा हिस्सा, 2001 से 2020 तकः अमेरिकी सेना का शासन, महिलाओं के साथ हिंसा होती रही, लेकिन वो अधिकारों के लिए लड़ती रहीं
अमेरिकी सेना के शासनकाल के बारे में UNICEF और ह्यूमन राइट्स के कुछ डेटा हम बारी-बारी से रख रहे हैं, उन्हें देखिए-
- 2015 से अब तक पहली कक्षा में लड़कियों के नाम लिखाने में 57% की गिरावट दर्ज की गई है। फिलहाल अफगानिस्तान की सिर्फ 37% टीनेज लड़कियां ही पढ़-लिख सकती हैं। लड़कों में ये आंकड़ा 66% का है। UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 37 लाख अफगानी बच्चे बढ़ने के लिए स्कूल ही नहीं भेजे जाते। इनमें से 60% लड़कियां होती हैं।
- शिक्षा को हमले से बचाने के लिए बने
वैश्विक गठबंधन GCPEA ने बताया कि 2017 से 2019 के बीच
ये तस्वीर अमेरिकी सेना के राज की है।
अफगानी स्कूलों पर 300 से ज्यादा हमले हुए। 8 मई 2021 को काबुल के दश्त-ए-बार्ची जिले के सैयद-अल-शुहादा गर्ल्स स्कूल के सामने कोई एक कार खड़ी कर गया। जब स्कूल की बच्चियों की छुट्टी हुई तो कार में भरा बम फट गया। इसमें 85 लोगों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर उस स्कूल की बच्चियां थीं। 147 छात्राएं घायल भी हुई थीं। - अफगानिस्तान में फिलहाल हर 10 हजार लोगों पर केवल 4.6 डॉक्टर, नर्स या किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल हैं। इन तक पहुंच भी 90% से ज्यादा केवल पुरुषों की है। अफगानी महिलाएं मेडिकल सुविधाओं के लिए तरसती हैं।
-
- संयुक्त राष्ट्र प्रति 10 हजार लोगों पर कम से कम 23 मेडिकल प्रोफेशनल वाले देशों को उस कैटगरी में रखता है जहां सभी को स्वास्थ्य सुविधाएं सही से मिल जाती हैं। अफगानिस्तान इससे 500% कम सुविधाओं में जी रहा है। अलजजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार कई बार ऐसी नौबत आती है जब बुखार से तपती महिलाएं 1-1 गोली के लिए तरसती हैं।
- ग्लोबल राइट्स की रिपोर्ट के
अनुसार अफगानिस्तान की 87% महिलाएं किसी न किसी रूप में पुरुषों के शोषण
की शिकार हैं। चाहे वो शारीरिक शोषण हो, सबके सामने हिंसा करना हो, पैसे को
लेकर बेइज्जत करना हो, मानसिक रूप से प्रताड़ित करना हो या फिर उनके ऊपर
सेक्स के लिए हिंसा करना हो। इस तरह के मामलों को जब जोड़ते हैं तो पाते
हैं कि हर 100 अफगान महिलाओं में से 87 महिलाएं सताई हुई होती हैं।
छठा हिस्साः 15 अगस्त 2021 के बाद अब तकः देश से भागने के लिए रनवे पर फ्लाइट के साथ झूलती दिखीं
काबुल पर 15 अगस्त को तालिबानी सेना ने कब्जा कर लिया था। अगले कुछ दिनों में तालिबान ने पूरे अफगान पर अपनी हुकूमत का ऐलान कर दिया। इसके बाद काबुल एयरपोर्ट पर महिलाओं को भागते हुए विमानों पर झूलते हुए देखा गया।
अफगानिस्तान में महिलाओं की माजूदा हालत देखने-समझने के लिए इन 5 महिलाओं के बयान देखिए-
अफगानिस्तान में चुनाव आयोग की पूर्व सदस्य जारमीना काकर ने BBC को बताया, ''इन दिनों मुझसे कोई पूछता है कि मैं कैसी हूं? तो इस सवाल पर मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं और मैं कहती हूं कि ठीक हूं, लेकिन असल में हम ठीक नहीं हैं। हम ऐसे दुखी पंछियों की तरह हो गए हैं, जिनकी आंखों के सामने धुंध छाई हुई है और हमारे घरौंदों को उजाड़ दिया गया है। हम कुछ नहीं कर सकते, केवल देख सकते हैं और चीख सकते हैं।''- अफगानिस्तान की फैशन फोटोग्राफर फातिमा कहती हैं कि अफगानी महिलाएं दुनिया की सबसे स्टाइलिश औरतों में मानी जाती हैं, पर तालिबान के लौटने से उन्हें फिर से बुर्के में लौटना पड़ेगा।
- यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 26 साल की हबीबा कहती हैं- ''तालिबान ने स्कूल-कॉलेज तो बंद करा दिए हैं, लेकिन बुर्के की दुकानें खोल रखी हैं। इनमें मोटे कपड़े वाले बुर्के की मांग सबसे ज्यादा है, जो महिलाओं को पूरी तरह से ढंक देता है। मेरी मां मिन्नतें कर रही हैं कि मैं और मेरी बहन बुर्का पहनना शुरू कर दें। मां को लगता है कि वो हमें बुर्का पहनाकर तालिबान से बचा लेंगी, लेकिन हमारे पास बुर्का नहीं है, न ही मैं खरीदना चाहती हूं। बुर्का पहनने का मतलब हुआ कि मैंने तालिबान को खुद को कंट्रोल करने का अधिकार दे दिया। मुझे डर है कि जिन उपलब्धियों के लिए मैंने इतनी मेहनत की, वो अब मुझसे छिन जाएंगी।''
- काबुल यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस का कोर्स कर रहीं आयशा कहती हैं, ''मेरे फाइनल सेमेस्टर पूरे होने में महज दो महीने बाकी रह गए हैं, लेकिन अब मैं शायद ही कभी ग्रेजुएट हो पाऊं। लोग सदमे में हैं। हम समझ नहीं पा रहे हैं कि हम कैसा महसूस करें।''
- 28 साल की निलोफर अयूबी जो इंटीरियर
डिजाइनिंग कंपनी चलाती हैं, कहती हैं कि हालात जो भी हों वह अपना काम नहीं
छोड़ेंगी। निलोफर के मुताबिक, "अगर तालिबान आते हैं, तो उन्हें या तो मुझे
काम करने देना पड़ेगा या मारना पड़ेगा।"
तालिबान ने जो हालिया फोटो जारी की हैं उनमें लड़कियां स्कूल जाती दिख रही हैं। कुछ महिलाएं अपने लिए राजनीति में अधिकारों की भी मांग करती नजर आई हैं, लेकिन ये भी सामने आ रहा है कि न्यूज चैनलों में महिला न्यूज रीडर और जर्नलिस्ट्स को घर बैठने को कह दिया गया है। वहां की सबसे युवा मेयर ने भी इस पर चिंता जाहिर की है।
फिलहाल एक उम्मीद है। अपनी छवि सुधारने में लगे तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन का कहना है, ''हम महिलाओं की इज्जत, संपत्ति, काम और पढ़ाई करने के अधिकार की रक्षा करने के लिए समर्पित हैं। उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें काम करने से लेकर पढ़ाई करने के लिए भी पिछली सरकार से बेहतर स्थितियां मिलेंगी।' ये बयान, महज बयान है, या इस बार वाकई तालिबान कुछ अलग सोचकर आया है
रोने लगे ब्रिटिश सैनिक-
अफगानिस्तान में तालिबान के
कहर से बचने के लिए महिलाएं अपने बच्चों की जान भी दांव पर लगा रही हैं। ये
महिलाएं परिवार के साथ किसी तरह देश से बाहर निकल जाना चाहती हैं। हजारों
लोग काबुल एयरपोर्ट पर जुटे तो वहां कंटीले तालों की फेंसिंग कर दी गई,
ताकि लोग एयरक्राफ्ट्स के नजदीक न पहुंच पाएं। ऐसे में कुछ महिलाओं ने अपने
छोटे बच्चों को फेंसिंग के दूसरी तरफ उछाल दिया। वहां पहरा दे रहे कुछ
ब्रिटिश सैनिकों ने इन बच्चों को कैच कर लिया। यह दर्दनाक मंजर देखकर
ब्रिटिश सैनिकों की आंखों में भी पानी आ गया।
जब
एयरपोर्ट पर नुकीले तारों की बाड़ लगाई गई तो उसका मकसद था- अनचाहे लोगों
या भीड़ को विमान तक जाने से रोकना। फेंसिंग के एक तरफ भीड़ और दूसरी तरफ
अमेरिकी और ब्रिटिश सैनिक। कुछ महिलाएं यहां पहुंचीं। इनकी गोद में मासूम
थे। महिलाओं ने सोचा कि अगर बच्चों को फेंसिंग के दूसरी तरफ पहुंचा दिया
जाए तो उन्हें सैनिक एयरक्राफ्ट में मजबूरन बिठा देंगे। यही वजह है कि
उन्होंने बच्चों को उठाया और फेंसिंग की तरफ उछाल दिया। सैनिकों ने इन्हें
थाम लिया। इस दौरान सैनिकों की आंखें भी नम हो गईं।
रोने लगे ब्रिटिश सैनिक
एक
ब्रिटिश अफसर ने कहा- ये लोग आजाद रहने के लिए बच्चों को ढाल बना रहे हैं।
ये तालिबान के कहर से बचना चाहते हैं। कुछ बच्चे तो कंटीले तारों में फंस
गए और दर्द से कराहने लगे। मुझे अपने सैनिकों की भी फिक्र है। वे हालात
देखकर रोने लगे। उनकी काउंसलिंग की जा रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेहतर जिंदगी पाने के लिए किसी दूसरे देश भाग जाना चाहते हैं। इसके लिए वे काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं। रास्ते में फायरिंग हो रही है, लेकिन वे खतरा मोल लेने में नहीं घबराते। रास्ते में तालिबान उनसे मारपीट कर रहे हैं।
यह मिशन मानवता के लिए
‘स्काय
न्यूज’ से बातचीत में एक ब्रिटिश सैनिक ने कहा- तालिबान हमसे एक मीटर ही
दूर हैं। यह एयरपोर्ट नहीं, जंग का मैदान है। हमारे लिए यह मानवता का मिशन
है। सैनिक भी बेबस हैं। एक तरफ छलछलाई आंखों से गुहार लगाते लोग और दूसरे
तरफ उन्हें रोकने का फर्ज। करें तो क्या करें। तालिबान दावा करते हैं कि सब
ठीक है, लेकिन दुनिया सब देख रही है। यह सही मायनों में मानवीय त्रासदी
है।
अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान का क्रूर चेहरा हर दिन सामने आ रहा है। ताजा मामला बदगीस प्रांत का है। यहां तालिबानियों ने बदगिस के पुलिस प्रमुख हाजी मुल्ला को सरेआम गोलियों ने भून डाला। हाजी मुल्ला ने कुछ दिन पहले ही तालिबान के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।
इस घटना का वीडियो सामने आया है। इसमें तालिबानियों ने हाजी मुल्ला के दोनों हाथ बांधकर घुटनों के बल किसी सूनसान जगह पर बैठा रखा है। उनके हाथ भी बंधे हुए हैं। तालिबानी स्थानीय भाषा में कुछ बोल रहे हैं। कुछ देर बाद हाजी मुल्ला पर दनादन गोलियां दाग दी जाती हैं।
तालिबान समर्थक लड़ाकों ने निकाली हथियारबंद रैली
अफगानिस्तान
आज ही के दिन आजाद हुआ था। देश पर तालिबानी कब्जे के खिलाफ गुरुवार को
सैकड़ों लोगों ने राजधानी काबुल समेत विभिन्न प्रांतों में देश का झंडा लेकर
प्रदर्शन किया। तालिबान इस झंडे को नहीं मानता। तालिबान ने इन
प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग भी की है जिसमें 2 लोगों के मौत की खबर है। इस
बीच तालिबान समर्थक लड़ाकों ने भी जाबुल प्रांत के कलात शहर में हथियारबंद
रैली निकाली।
अफगानियों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहा तालिबान
दूसरी
तरफ तालिबान भले ही दावा कर रहा है कि इस बार उसका शासन पहले जैसा नहीं
होगा, लेकिन हकीकत सामने आती जा रही है। तीन दिन पहले अफगानिस्तान की
राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान ने कहा था कि जो लोग अफगानिस्तान
छोड़कर जाना चाहते हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा, लेकिन अब तालिबान ने काबुल
एयरपोर्ट को घेर लिया है और लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने से रोक रहा है।
सिर्फ विदेशियों को ही जाने दिया जा रहा है।
सिंगापुर में नियम तोड़ना भारी पड़ा:पब्लिक प्लेस में मास्क न पहनने वाले ब्रिटिश नागरिक को 6 हफ्ते की जेल एक कोर्ट ने एक ब्रिटिश नागरिक को सार्वजनिक स्थल पर मास्क न पहनने के चलते 6 हफ्ते के लिए जेल भेज दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नियम और कानून का लगातार उल्लंघन करने वालों के लिए यह सजा एक मैसेज है। लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ब्रिटिश नागरिक का नाम बेंजामिन लिन है और उसकी उम्र 40 साल है। यह व्यक्ति लगातार मास्क पहने बगैर पब्लिक प्लेसेज पर देखा जा रहा था। उसे कई बार वॉर्निंग भी दी गई थी।चार आरोप साबित लिन को सजा बुधवार दोपहर सुनाई गई। स्थानीय पुलिस ने उसके खिलाफ चार आरोप लगाए थे, इन्हें कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सही पाया। बेंजामिन ने मेट्रो स्टेशन और दूसरे पब्लिक प्लेसेज पर मास्क पहनने से इंकार कर दिया था। उसे जुलाई में भी चेतावनी दी गई थी। आरोप है कि वॉर्निंग देने वाले अफसरों से भी लिन ने बहस और बदतमीजी की। एक जज ने पहले लिन को मनोरोग चिकित्सक के पास इलाज के लिए भेजने को भी कहा था।
DATE-19-AUG 2021
ममता बनर्जी को बड़ा झटका
कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की CBI जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच कोर्ट की निगरानी में की जाएगी। इसके लिए SIT का गठन होगा। हत्या और रेप के मामलों की जांच का जिम्मा CBI का होगा। दूसरे मामलों की जांच SIT करेगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को हिंसा से पीड़ित लोगों को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।
कोर्ट ने CBI और SIT से 6 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार जांच कराने में नाकाम रही है। चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा है कि EC को हिंसा पर बेहतर भूमिका निभानी चाहिए थी। कोलकाता पुलिस कमिश्नर सोमेन मित्रा भी इस जांच का हिस्सा होंगे।
पुलिस ने की थी 17 लोगों की मौत की पुष्टि
पुलिस ने
राजनीतिक हिंसा में 17 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी। हालांकि, भाजपा
का आरोप था कि उनके इससे कई गुना ज्यादा कार्यकर्ता मारे गए हैं। भाजपा ने
एक सूची तैयार कर की थी। सूची के मुताबिक चुनाव के बाद हत्या, हिंसा,
आगजनी और लूटपाट की 273 घटनाएं हुईं थी।
अप्रैल-मई में हुए बंगाल चुनाव के नतीजे वाले दिन कोलकाता में BJP दफ्तर को
आग लगा दी गई थी। इसके अगले दिन 2 पार्टी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या
की खबर सामने आई थी। विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाए जाने
पर गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी।
NHRC ने कोर्ट से कहा था- बंगाल में कानून का शासन नहीं
राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने 13 जुलाई को कलकत्ता हाईकोर्ट में रिपोर्ट
सब्मिट की थी। आयोग ने हिंसा को लेकर अदालत से कहा था कि बंगाल में कानून
का शासन नहीं, बल्कि शासक का कानून चलता है। बंगाल हिंसा के मामलों की जांच
राज्य से बाहर की जानी चाहिए।
रिपोर्ट के कुछ न्यूज चैनल और वेबसाइट्स पर खुलासे के बाद ममता बनर्जी ने ऐतराज जाहिर किया था। ममता ने कहा था कि आयोग को न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए और इस रिपोर्ट को लीक नहीं किया जाना चाहिए था। इस रिपोर्ट को केवल कोर्ट के सामने रखना चाहिए था।
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में यह थे 4 बड़े पॉइंट
1. बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच CBI से कराई जानी चाहिए। मर्डर और रेप जैसे गंभीर अपराधों की जांच होनी चाहिए।
2. बंगाल में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा ये दिखाती है कि पीड़ितों की दुर्दशा को लेकर राज्य की सरकार ने भयानक उदासीनता दिखाई है।
3.
हिंसा के मामलों से जाहिर होता है कि ये सत्ताधारी पार्टी के समर्थन से
हुई है। ये उन लोगों से बदला लेने के लिए की गई जिन्होंने चुनाव के दौरान
दूसरी पार्टी को समर्थन देने की 'जुर्रत' की।
4. राज्य सरकार के कुछ अंग और अधिकारी हिंसा की इन घटनाओं में मूक दर्शक बने रहे और कुछ इन हिंसक घटनाओं में खुद शामिल रहे हैं।
DATE-18-AUG -2021
पांच शेरनिया डटी हुई 3 लाख सैनिक झुक गए
तालिबान ने बीते रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर भी कब्जा कर लिया। इससे पूरे देश पर उसका कंट्रोल हो गया है। जिन तालिबानियों के आगे 3 लाख अफगान सैनिक झुक गए, वहीं कुछ महिलाओं को इनकी हुकूमत मंजूर नहीं है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के तीसरे ही दिन काबुल में 5 महिलाएं प्रदर्शन करती दिखीं। सामने हथियारबंद लड़ाके थे, जो महिलाओं को घर जाने के लिए कहते रहे।
इन प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि हमें अधिकार चाहिए, जो 20 साल से हमें मिला हुआ था। हम पढ़ने और काम करने की स्वतंत्रता चाहते हैं। राजनीति में भागीदारी हमारा हक है। सोशल एक्टिविटी का अधिकार मिलना चाहिए।
महिलाओं को इग्नोर नहीं कर सकता अफगानिस्तान
हाथ
में पोस्टर लिए एक महिला ने कहा कि मौजूदा संविधान के हिसाब से
अफगानिस्तान की महिलाओं को फंडामेंटल राइट दिया जाएं। अफगानिस्तान महिलाओं
को इग्नोर नहीं कर सकता। अफगान महिलाओं की आवाज कोई भी सत्ता दबा नहीं
सकती। 20 साल में अफगान महिलाओं ने जो कुछ हासिल किया है, उसे भूला न जाए।
हम लड़ते रहेंगे।
महिलाओं की स्वतंत्रता पर तालिबान का बयान
तालिबान
ने मंगलवार को महिलाओं को स्वतंत्रता, मीडिया की आजादी और सबको माफी देने
की बात कही। महिलाओं से सरकार में शामिल होने की भी अपील की। तालिबान ने
कहा कि महिलाओं को शरिया कानून के तहत हक मिलेंगे। बुर्का पहनकर पढ़ने, काम
करने की इजाजत होगी।
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि यह शरियत से जुड़ा मामला है और मुझे इस मामले में बस इतना ही कहना है कि हम शरियत के सिद्धांतों को नहीं बदल सकते हैं। कुछ तालिबान नेताओं का रहन-सहन और पहनावा बदला हुआ नजर आ सकता है, लेकिन संगठन की सोच नहीं बदली है।
काबुल को छोड़कर बाकी प्रांतों में महिलाओं का बुरा हाल
तालिबान
ने अपनी छवि बदलने की कोशिश की है। उसने काबुल में महिलाओं को काम पर आने,
बाजार जाने जैसी छूट दे दी है, लेकिन यह सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए
है। बाकी प्रांतों में अभी ऐसा नहीं है। वहां महिलाएं खौफ की वजह से बाजार
तो क्या, घर से बाहर तक नहीं निकल पा रहीं।
हस्तियों की फैंसी तस्वीरों वाले ब्यूटी पार्लर बंद
काबुल
की सड़कों पर चलते हुए लगता है कि बाजार धीरे-धीरे खुल रहा है। टॉप
हस्तियों की फैंसी तस्वीरों वाले ब्यूटी पार्लर बंद हैं। शहर के कुछ
हिस्सों में सड़कों के किनारे तालिबान लड़ाके अफगान पुलिस के वाहनों में
गश्त कर रहे हैं।
शहर में बाइक, पिकअप कारों में गर्जना
शहर
के दूसरे हिस्सों में तालिबान अपनी बाइक या पिकअप कारों में गर्जना करते
हुए दिखाई दे रहे हैं। इन वाहनों पर तालिबान के झंडे लगे हुए हैं। तालिबान
ने पुलिस जिला जैसी अहम जगहों पर कुछ अस्थाई चौकियां भी बना ली हैं। काबुल
में तालिबान का कब्जा मुहर्रम शुरू होने के साथ हुआ है।
सलीमा मजारी को बंधक बना लिया
तालिबानियो ने महिला न्यूज एंकर्स पर बैन लगाया
गवर्नर सलीमा मजारी
गवर्नर सलीमा मजारी
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिला न्यूज एंकर्स को बैन कर दिया है। अफगानिस्तान के सरकारी TV चैनल की एंकर खदीजा अमीन को हटाकर तालिबान ने अपने लोगों से एंकरिंग शुरू करवा दी है। वहीं बल्ख प्रांत की गवर्नर सलीमा मजारी को बंधक बना लिया है। वे तालिबान के खिलाफ हैं और उन्होंने तालिबान से लड़ने के लिए हथियार भी उठाए थे
महिलाओं के अधिकारों को लेकर तालिबान की हकीकत 24 घंटे के अंदर ही सामने आ गई है। तालिबान ने मंगलवार को ही कहा था कि महिलाओं को आजादी दी जाएगी और उनके अधिकारियों की रक्षा की जाएगी। साथ ही महिलाओं से सरकार में शामिल होने की अपील भी की थी।
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होते ही तबाही शुरू हो गई है। तालिबान ने बामियान में हजारा समुदाय के नेता अब्दुल अली मजारी के स्टेच्यू को उड़ा दिया है। ये जानकारी ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट सलीम जावेद ने शेयर की है। बता दें बामियान वही जगह है जहां तालिबान ने 20 साल पहले अपने पिछले शासन में बुद्ध की प्रतिमाओं को बारूद से उड़ा दिया था।
मजारी हजारा समुदाय से थे और हिज्ब-ए-वहदत पार्टी के नेता थे। तालिबान ने 1995 में उनकी हत्या कर दी थी। तालिबान कई सालों से हजारा समुदाय को निशाना बनाता रहा है। अफगानिस्तान की कुल 3.60 करोड़ आबादी में करीब 9% की हिस्सेदारी हजारा समुदाय की है, लेकिन इन अल्पसंख्यकों को संरक्षण मिलने के बजाय वहां इस समुदाय के लोग दहशतगर्दों के निशाने पर रहते हैं। बामियान में ज्यादातर हजारा शिया मुसलमान हैं। इसलिए वे मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहते हैं।
तालिबान को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी का चौंकाने वाला बयान सामने आया है। नोमानी ने तालिबान को बधाई दी है। उन्होंने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को जायज बताते हुए कहा है कि हिंदी मुसलमान तालिबान को सलाम करता है।
DATE-17-08-2021
'मैंने लड़ाई लड़ी, घायल हो गई, पर आत्मसमर्पण नहीं किया।''
तालिबान ने जब पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया तो फेसबुक पर एक पोस्ट की गई। पोस्ट में सुरमा लगी आंखों की तस्वीर थी, जिनसे आंसू निकल रहे थे। लिखा था- ''मैंने लड़ाई लड़ी, घायल हो गई, पर आत्मसमर्पण नहीं किया।'' पोस्ट अफगान की उस महिला पुलिस अफसर के अकाउंट से की गई थी, जिसने अपने शहर में घुसे तालिबानियों के खिलाफ हथियार उठा लिया था। ये अफसर मैग्जीन द वीक से फोन पर बात करने को राजी हुई, पर अभी पहचान और लोकेशन न जाहिर करने करने की शर्त पर।
कुछ ऐसा ही हौसला है अफगानिस्तान की पहली महिला मेयर जरीफा गफारी का। वो अफगानिस्तान में फंस गई हैं। जरीफा बोलीं- ''मुझे इंतजार है कि तालिबानी आएं और मुझे कत्ल कर दें।''
अफगानी महिला पुलिस अफसर ने कहा- ''जब तालिबानी मेरे शहर पर कब्जा करने आए तो मैंने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन पर गोलियां चलाईं। मेरे पैर में गोली लगी और मैं घायल हो गई। एक के बाद एक सड़क तालिबािनयों के कब्जे में जा रही थी। मेरे घर को जला दिया गया। फिलहाल मैं घायल हूं और अभी तालिबान के खिलाफ नहीं खड़ी हो सकती, लेकिन जब मैं बेहतर हो जाऊंगी तो मैं फिर जाऊंगी और लड़ूंगी। मैंने खुलेआम लगातार तालिबान की मुखालफत की है। अगर अभी पकड़ी गई तो मेरा कत्ल होना तय है। पर इससे मैं डरने वाली नहीं।''
जब तालिबानियों से मुठभेड़ हो रही थी तो उनका नुकसान ज्यादा हुआ। हमने तो केवल जरूरत की चीजें खोईं, उनके बहुत सारे लड़ाके मारे गए। जब मैं तालिबान के खिलाफ लड़ रही थी तो मेरे दिमाग में एक ही बात थी कि मुझे देश के दुश्मनों को मौत के घाट उतारना है। एक बार की बात है, जब दो महिलाओं ने घर के किसी पुरुष सदस्य के बिना बाहर निकलने की हिमाकत की थी, तब तालिबानियों ने उन्हें कत्ल कर दिया था। ऐसे में कब तक हम देश की हिफाजत की जिम्मेदारी केवल मर्दों के कंधों पर डालते रहेंगे?''
''तालिबानियों के खिलाफ मेरी जंग काफी पहले तब शुरू हो गई थी, जब मैं स्थानीय प्रशासन के साथ जुड़ी थी। जब कोई शख्स तालिबानियों के खिलाफ जंग में उतरने का फैसला करता है तो उसके लिए खतरे होते हैं। वो हमारे रास्तों में लैंड माइन बिछा देते हैं, हम पर छिपकर हमला करते हैं। अल्लाह का शुक्र है कि तालिबानियों की इन करतूतों के बावजूद मैं जिंदा बच गई।''
''गोला-बारूद और हथियारों की कमी के बावजूद भरोसा था कि तालिबानियों ने हमला किया तो एक हजार लोगों को तो जंग के लिए तैयार कर लूंगी। हमारी हुकूमत खराब हालत में थी तो मैंने भारत और दूसरे देशों की ओर रुख किया, पर जवाब न में मिला। तालिबानी मानवाधिकारों को नहीं मानते हैं। अमानवीयता, खून-खराबा और क्रूरता के अलावा वो कुछ नहीं मानते हैं। उनका मकसद केवल अफगानिस्तान को कई साल पीछे धकेल देना है। इन सालों में हमने जो कुछ भी हासिल किया है, तालिबानियों का इरादा उसे मिटा देने का है।''
कट्टरपंथी पाकिस्तान में तैयार किए जाते हैं और अफगानिस्तान में भेजे जाते हैं। अगर तालिबानियों को यहीं नहीं रोका गया तो ये पूरी दुनिया को निगल जाएंगे। हमें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जंग के लिए तैयार करना चाहिए। क्योंकि, तालिबानियों के हाथों सबसे ज्यादा कष्ट औरतों को ही दिया जाता है।''
मैदान शहर की मेयर जरीफा अफगानिस्तान में ही हैं। उनके सीनियर्स देश छोड़कर निकलने में कामयाब हो गए, पर जरीफा फंस गईं। उन्होंने एक न्यूज वेबसाइट को 3 हफ्ते पहले दिए इंटरव्यू में उम्मीद का साथ नहीं छोड़ा था। उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान और उनके जैसे लोगों का भविष्य है।
उन्होंने कहा था- ''युवा इस बात से वाकिफ हैं कि क्या हो रहा है। उनके पास सोशल मीडिया है। वो लोग एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वो अधिकारों और विकास के लिए लड़ते रहेंगे। मुझे लगता है कि इस देश का एक भविष्य है।''जरीफा ने कहा- ''मैं यहां बैठी हूं, उनका (तालिबानियों) इंतजार कर रही हूं। यहां मेरी और मेरे परिवार की मदद करने वाला कोई नहीं है। मैं परिवार और अपने पति के साथ बैठी हूं। वो लोग आएं, मुझे और मेरे जैसे लोगों को कत्ल कर दें। मैं अपने परिवार को नहीं छोड़ सकती हूं। और वैसे भी, मैं जाऊंगी कहां?''
DATE -16-AUG 2021
कश्मीर से एक ऐसी तस्वीर-आतंकवादी बुरहान वानी के पिता ने तिरंगा फहराया
बुरहान वानी कभी आतंकवाद का पोस्टर बॉय बन गया था, आज उसी के पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने स्कूल में तिरंगा फहराया, राष्ट्रगान गाया। आतंकी संगठन हिज्बुल के कमांडर बुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था।
मुजफ्फर अहमद त्राल के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं। रविवार को उन्होंने यहां फ्लैग होस्टिंग की। इस दौरान टीचर्स भी मौजूद रहे। इसका वीडियो सामने आया है, जिसमें राष्ट्रगान की धुन पर मुजफ्फर अहमद समेत पूरा स्कूल तिरंगे को
सलामी दे रहा है।प्रिंसिपल पद से इस्तीफे की अफवाह उड़ी थी
इससे
पहले खबर आई थी कि मुजफ्फर अहमद ने प्रिसिंपल की पोस्ट से इस्तीफा दे दिया
है, क्योंकि वो तिरंगा फहराना नहीं चाहते हैं। लेकिन, शनिवार को उन्होंने
इसे अफवाह बताया। वीडियो मैसेज में उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा नहीं
दिया है।
सभी स्कूलों में तिरंगा फहराने का आदेश था
75वें
स्वतंत्रता दिवस पर पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस मौके
पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सभी स्कूलों और सरकारी विभागों में तिरंगा
फहराने का आदेश दिया। साथ ही कार्यक्रम के वीडियो और फोटो गूगल ड्राइव पर
अपलोड करने के लिए कहा गया।
कौन था बुरहान वानी?
- 22 साल का बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकी बना था। बुरहान साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव था। उसने यहां के कई पढ़े-लिखे युवाओं को बरगला कर आतंकी बनाया था।
- कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह फेसबुक-वॉट्सऐप पर वीडियो और फोटो पोस्ट करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्योरिटी फोर्सेज का मजाक उड़ाते नजर आता था।
- वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।
- वानी को उसकी गर्लफ्रेंड के जरिए बुलाया गया था
आर्मी कैंप में 8 जुलाई की शाम सूचना आई थी कि बुरहान वानी कोकरनाग के पास बमडूरा गांव के एक मकान में पहुंचा है। उसके पास ज्यादा हथियार नहीं हैं। इन्फॉर्मेशन पक्की थी, क्योंकि खुद इंटेलिजेंस और आर्मी ने वानी को उस गांव में लाने का प्लान बनाया था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को पहले ही उस गांव के पास बुला लिया गया था। वानी को उसकी एक गर्लफ्रेंड के जरिए बुलाया गया था। वानी अपने साथी सरताज के साथ ही चलता था। सरताज का फोन खुफिया एजेंसियों की रडार पर था। उस दिन भी वानी अपने दोस्त सरताज और परवेज के साथ ही था।
जहां वानी छुपा था, वहां पहले आग लगाई गई
सुरक्षाबलों ने जब पक्का कर लिया कि वानी उस घर में ही छिपा हुआ है तो आर्मी के 100 जवानों ने पुलिस SOG के 35-36 जवानों के साथ मिलकर कोकरनाग इलाके में डबल लेयर का घेरा डाल लिया। सेना वानी के खात्मे का ये सुनहरा मौका चूकना नहीं चाहती थी। सीधे फायरिंग करने के बजाय इलाके के जिस घर में बुरहान वानी छिपा था, वहां पीछे से आग लगाई गई। आग लगते ही वानी और उसके साथी बाहर भागे।नशे में था बुरहान वानी
वानी उस वक्त नशे में था। उससे भागते भी नहीं बन रहा था। परवेज और सरताज ही उसका हाथ पकड़े थे। मौका देख जवानों ने उसे घेर लिया। वानी कुछ कहता या करता, इससे पहले ही महज 4 फीट की दूरी से उसे गोली मार दी गई। जवानों का पहला टारगेट सिर्फ वानी था। बाकी के दो आतंकियों को जिंदा पकड़ने का प्लान था, लेकिन परवेज और सरताज की तरफ से हरकत होते देख जवानों ने उन पर भी ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। तीनों का खात्मा हो गया। तलाशी में वानी के पास सिर्फ एक पिस्टल मिली थी। आमतौर पर वह बुलेटप्रूफ जैकेट और कॉम्बेट ड्रेस पहने रहता था। फिर चाहे वह अपने ठिकाने पर बैठकर सोशल मीडिया का वीडियो ही क्यों न रिकॉर्ड कर रहा हो।बुरहान की मौत के बाद हिंसा में 76 लोग मारे गए थे
बुरहान के एनकाउंटर के बाद कश्मीर के 4 जिले पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग में भारी हिंसा हुई थी। यहां 5 दिन के अंदर 2 पुलिसवालों समेत 76 लोगों की मौत हुई। अधिकारियों ने बताया था कि इन जिलों में आतंकियों को लोकल पब्लिक का सपोर्ट है, इसलिए तनाव ज्यादा रहता है। पुलवामा में आसपास घने जंगल भी हैं, जिसकी वजह से आतंकियों को हमला करने के बाद छिपना आसान होता है। बुरहान भी पुलवामा का ही रहने वाला था।देश के दुश्मनों को कड़ा संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आठवीं बार लाल किले पर झंडा फहराने के बाद देश को संबोधित किया। मोदी ने देश के दुश्मनों को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक कर दुश्मनों को नए भारत ने संदेश दिया है। भारत बदल रहा है, भारत बदल सकता है, भारत कठिन से कठिन फैसले ले सकता है और इससे झिझकता नहीं है, रुकता नहीं। मोदी ने कहा, 'तिरंगे को साक्ष्य मांगते हुए मैं नेशनल हाइड्रोजन मिशन की घोषणा कर रहा हूं। अमृत काल में हमें ग्रीन हाइड्रोजन के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का हब बनाना है। ये भारत को आत्म निर्भर बनाएगा। क्लीन एनर्जी का ये क्षेत्र, क्लीन ग्रोथ से क्लीन जॉब के अवसर हमारे युवाओं और स्टार्टअप के लिए दस्तक दे रहे हैं।'
मोदी ने कहा, 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास। इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं। आज लाल किले की प्राचीर से आह्वान कर रहा हूं। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और अब सबका प्रयास हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
DATE-14-AUG 2021 TIME-6;30 PM
वाहेगुरु को याद करता रहा हरदीप 4 इंच मोटी रॉड सीने के आरपार हो गई।
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय, यह बात बिल्कुल सटीक बैठी है बठिंडा के रहने वाले 42 साल के हरदीप सिंह एक सड़क हादसे में 4 इंच मोटी रॉड हरदीप के सीने के आर-पार हो गई। हादसा गुरुवार दोपहर 1.30 बजे बठिंडा-भुच्चो मंडी रोड पर हुआ।
हरदीप
मिनी ट्रक से अपने काम पर जा रहे थे, तभी गाड़ी का टायर फटने से हरदीप का
बैलेंस बिगड़ा और उनकी गाड़ी डिवाइडर में घुस गई। डिवाइडर की 4 इंच मोटी और 6
फीट लंबी रॉड हरदीप के सीने के आरपार हो गई। डॉक्टर्स ने साढ़े 4 घंटे तक
चले ऑपरेशन के बाद रॉड को बाहर निकाला।
हादसे
का शिकार हुए हरदीप टाटा मोटर्स में काम करते हैं। वह अबोहर के रहने वाले
हैं। उनकी हालत देखकर मौके पर मौजूद लोगों का दिल दहल गया, लेकिन हिम्मत
जुटाकर लोगों ने दर्द से कराह रहे हरदीप को हॉस्पिटल पहुंचाया।
वाहेगुरु को याद करता रहा हरदीप
हादसे
के बाद से अस्पताल में ऑपरेशन होने तक हरदीप सिर्फ वाहेगुरु-वाहेगुरु जपते
रहे। उनका कहना था कि उन्होंने अपने जीवन में किसी का बुरा नहीं किया तो
वाहेगुरु मेरे साथ कुछ बुरा नहीं होने देंगे। डॉक्टर्स भी हरदीप की हिम्मत
देखकर दंग रह गए थे।
दिल से आधा सेमी दूर थी रॉड
डॉक्टर्स
का कहना है कि हरदीप सिंह को जब अस्पताल लाया गया, तब उनकी हालत काफी
गंभीर थी। पहले कटर से हरदीप के सीने के आर-पार हुई रॉड को काटा गया। इसके
बाद ऑपरेशन शुरू किया। रॉड दिल से आधा सेमी. दूर थी। अगर हार्ट डैमेज हो
जाता तो बचाना मुश्किल था।
करीब साढ़े 4 घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर्स ने उसके सीने के आर-पार हुई रॉड को निकाला। रॉड की वजह से हरदीप की छाती में 4 इंच का छेद हो गया था। अब वह खतरे से बाहर है, लेकिन एहतियातन उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है।
CLICK & READ- गैस कनेक्शन के लिए अब नहीं लगाने होंगे एजेंसी के चक्कर, एक मिस्ड कॉल से मिलेगा कनेक्शन
DATE-10 AUG-2021 FORCE TODAY NEWS
पाकिस्तान में गूंजे हर-हर महादेव के नारे और जय श्रीराम के नारे:
रविवार को कराची प्रेस क्लब के बाहर हुए इस प्रदर्शन में हिन्दू समुदाय के अलावा भारी संख्या में सिख, ईसाई, पारसी और अन्य समाज के लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में भगवा झंडा भी लहरा रहा था। इतना ही नहीं, विरोध कर रहे लोगों के हाथों में तख्तियां भी थीं, जिस पर 'वी वांट जस्टिस' लिखा हुआ था।प्रदर्शन में कराची के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रामनाथ मिश्र महाराज भी शामिल हुए। मिश्र ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि रहीम यार खान में गुंडों द्वारा गणेश मंदिर में की गई तोड़-फोड़ निंदनीय है।
पाकिस्तान में जिस तरह से इस्लाम धर्म के खिलाफ कोई बुरा कहता या करता है तो उसे सजा-ए-मौत या उम्र कैद की सजा दी जाती है, उसी तरह से अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों का अपमान करने वाले लोगों को भी सजा मिलनी चाहिए। स्कूलों में भी बच्चों की किताबों में हिन्दुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पढ़ाई जा रही हैं।
मिश्र ने आगे कहा कि पाकिस्तान में हिन्दू और अल्पसंख्यकों के खिलाफ जुल्म और अत्याचार की इंतहा हो गई है। हमारी मांग है कि सरकार इस पर जल्द और सख्त एक्शन ले।अल्पसंख्यकों के इस प्रदर्शन में कराची के मुफ्ती फैसल भी शामिल हुए। फैसल ने कहा कि मैं एक मुसलमान हूं, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि लोगों के बीच नफरत फैलाने वाली हरकतें नहीं होनी चाहिए। हिंदुस्तान में भी मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। हमारे कई रिश्तेदार भी वहां रहते हैं। उन्हें किसी भी तरह की ऐसी परेशानी नहीं होती है। पाकिस्तान सरकार को भी यहां रह रहे अल्पसंख्यकों की पूरी सुरक्षा करनी चाहिए।
मुस्लिम भी शामिल हुए। |
पाकिस्तान में हाल के दिनों में कट्टरपंथियों के हमले बढ़ गए हैं। खासतौर पर कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान हिन्दू लड़कियों के अपहरण की वारदातें आम हो गई हैं। लड़कियों को अगवा कर कट्टरपंथी दोगुने से भी ज्यादा उम्र के मुसलमानों से जबरन उनकी शादी करवा देते हैं। जुबान खोलने पर उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जाती हैं।1
ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के एक सर्वे के मुताबिक बंटवारे के वक्त पड़ोसी देश में कुल 428 बड़े मंदिर थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई। मंदिरों की जमीनों पर कब्जा कर लिया गया और वहां दुकानें, रेस्टोरेंट, होटल्स, दफ्तर, सरकारी स्कूल या फिर मदरसे खोल दिए गए। आज आलम ये है कि यहां सिर्फ 20 बड़े मंदिर बचे हैं।
बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग 15 फीसदी थी। जबरन धर्म परिवर्तन इसकी सबसे बड़ी वजह रही है। जो हिन्दू बचे हैं, उन्हें लगातार कट्टरपंथियों के हमले झेलने पड़ रहे हैं। आज स्थिति यह है कि यहां 3 फीसदी से भी कम हिन्दू आबादी बची है।
लड़कियों का जानलेवा जश्न
चारों 12th एग्जाम पास होने की खुशी में पार्टी कर वापस लौट रहीं थी। नशे में होने की वजह से कार ड्राइव कर रही लड़की ने ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दबा दिया। कार डिवाइडर फांदकर पलटी खाते हुए रोड के दूसरी ओर बाइक से जा रहे डिलीवरी बॉय पर चढ़ गई।
बाइक पर मृतक डिलीवरी बॉय देवीलाल के साथ सोनू नाम का लड़का भी बाइक पर बैठा था। उसने बताया कि कार ने तेजपुर के आगे यू-टर्न लिया और इसके बाद बाइक पर चढ़ गई। वह टक्कर के बाद दूर गिर गया। लेकिन देवीलाल के ऊपर कार चढ़ गई। आरोपी लड़की ने खुद पुलिस को बताया कि उसका पैर ब्रेक के बजाय एक्सीलेटर पर आ गया था। इस वजह से हादसा हो गया।
कार संचय G-39, MIG कॉलोनी (इंदौर) के नितिन माहेश्वरी के नाम से रजिस्टर्ड है। कार में मौजूद 3 लड़कियां ट्रेजर टाउनशिप में रहती हैं। गार्गी, तीनों को छोड़ने जा रही थी। लड़कियां बहुत ज्यादा नशे में थीं।
DATE-9-AUG 2021 -FORCE TODAY REPORTER
वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट सेकेंडों में वॉट्सऐप पर मंगवा सकते हैं -
कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट वॉट्सऐप के जरिए चंद सेकेंड में हासिल करो
स्वास्थ्य मंत्री ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जो व्यक्ति वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट हासिल करना चाहता है, उसे अपने मोबाइल से एक वॉट्सऐप नंबर पर मैसेज भेजना है। इसके बाद कुछ सेकेंड के अंदर ही उसे वैक्सीन सर्टिफिकेट भेज दिया जाएगा। उन्होंने अपने ट्वीट में सरकार के इस कदम को आम आदमी के लिए शानदार निर्णय बताया।
सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए +91 9013151515 नंबर को मोबाइल में सेव करना होगा। इसके बाद covid certificate लिखकर इस नंबर पर मैसेज भेजना होगा। जिस नंबर से वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया होगा, उस नंबर पर OTP आएगा। उसे भी वापस वॉट्सऐप के मैसेज बॉक्स में लिखकर भेजना है। इसके बाद चंद सेकेंड में कोविड सर्टिफिकेट आ जाएगा।
अनुपम श्याम का 63 साल की उम्र मे निधन
फिल्मों और टेलीविजन इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता अनुपम श्याम का 63 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई के गोरेगांव में स्थित लाइफ लाइन अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। मन की आवाज प्रतिज्ञा सीरियल में ठाकुर सज्जन सिंह का किरदार निभाकर वे घर-घर में पहचाने जाने लगे थे।
फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि फिल्म और टीवी इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हुआ है। दिग्गज अभिनेता अनुपम श्याम का मल्टीपल ऑर्गन फेलियर की वजह से निधन हो गया है।
DATE-07AUG 2021 FORCE TODAY NEWS NSG
यह बस पांवट साहिब से गत्ताधार रूट पर जा रही थी। कफोटा से करीब 10 किलोमीटर दूर बस बोहराद के पास उतराई में पहुंची, तभी उसका एक्सल टूट गया। बस में सवार लोगों ने बताया कि ड्राइवर ने बिना घबराए बहुत दिलेरी दिखाई।उसने जोर से ब्रेक लगा दिए और जब तक आखिरी सवारी बस से नहीं उतरी, ब्रेक पर पैर जमाए रखा। सभी सवारियों के उतरने पर लोगों ने बस के टायर के नीचे ओट लगाकर ड्राइवर को भी बाहर निकाल लिया।
भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 50 करोड़ के पार हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में भारत ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सभी को बधाई और स्वास्थ्यकर्मियों का धन्यवाद।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि देश को वैक्सीनेशन में 10 करोड़ का आंकड़ा छूने में 85 दिन लगे थे। इसके बाद 20 करोड़ का आंकड़ा पार करने में 45 दिन, 30 करोड़ तक पहुंचने में 29 दिन, 40 करोड़ तक पहुंचने में 24 दिन और 50 करोड़ का आंकड़ा पार करने में 20 दिन और लगे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मील के पत्थर के बाद हम वैक्सीनेशन की गति को जारी रखेंगे और सभी नागरिकों का टीकाकरण जल्द से जल्द पूरा करेंगे।
SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER
Kargil War में Pakistan ने क्या ग़लती की थी?
CLICK-HERE-NEED LOAN CONTACT US
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम ने 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए भारत को हॉकी में ब्रॉन्ज मेडल दिलाया है। ओलिंपिक में भारत की हॉकी टीम को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने गोल्ड जीता था। टीम इंडिया ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जर्मनी को 5-4 से हरा दिया।
दूसरे क्वार्टर में 3-1 से पिछड़ने के भारत ने जबरदस्त वापसी की और लगातार 4 गोल दागे। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह ने 17वें और 34वें, हार्दिक सिंह ने 27वें, हरमनप्रीत सिंह ने 29वें और रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में गोल किया। हालांकि चौथे क्वार्टर में जर्मनी ने एक और गोल दागा और स्कोर 5-4 कर दिया था। इसके बाद भारतीय डिफेंस ने जर्मनी को कोई मौका नहीं दिया।
भारतीय टीम मेडल डिजर्व करती है
जीत के बाद कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा- मुझे लगता है कि इस ओलिंपिक में खिलाड़ियों ने बहुत मेहनत की है और वे मेडल डिजर्व करते हैं। खुशी जाहिर करने के लिए शब्द नहीं हैं मेरे पास। हमारे गोलकपीर श्रीजेश ने कहा था कि जर्मनी का मैच प्रेशर वाला मैच है।
मनप्रीत ने कहा कि श्रीजेश ने हमें एन्जॉय करने और नेचुरल गेम खेलने कहा था। अगर मेडल और प्रेशर के बारे में ज्यादा सोचेंगे तो परफॉर्म नहीं कर पाएंगे। हमें अपना बेस्ट देना था और हमने यही किया। शुरुआत से लेकर आखिर तक हम लोगों ने हार नहीं मानी। प्रेशर को एन्जॉय किया।
टीम इंडिया की डेढ़ साल की मेहनत रंग लाई
भारतीय कोच ग्राहम रीड ने कहा- आखिरी मैच में दबाव और तनाव था, लेकिन हम संतुलित थे। सबकुछ बहुत अच्छा गया। गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा कि डेढ़ साल तक हार्डवर्क किया है। हमारा सिर्फ यही लक्ष्य था कि जीतना है। अब डेढ़ साल की मेहनत रंग लाई है।
पहले क्वार्टर में जर्मनी की टीम आगे थी
पहले क्वार्टर में जर्मनी हावी रहा। उसने अटैकिंग हॉकी खेली। जर्मन टीम ने मैच के दूसरे ही मिनट में गोल कर बढ़त बना ली थी। तिमुर ओरूज ने फील्ड गोल किया। पहले क्वार्टर के खत्म होने के ठीक पहले उसे पेनल्टी कॉर्नर मिले। भारत ने इस पर शानदार बचाव किया और जर्मनी की बढ़त को 1-0 तक ही रखा। भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने लगातार 2 अच्छे सेव किए।
दूसरे क्वार्टर में टीम इंडिया का जवाबी हमला
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत से ही टीम इंडिया ने वापसी की और सिमरनजीत सिंह ने 17वें मिनट में गोल दागकर 1-1 से स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद 24वें मिनट में वेलेन ने और 25वें मिनट में फर्क ने गोल दाग स्कोर 3-1 कर दिया। भारत ने अटैक करना नहीं छोड़ा और हार्दिक सिंह ने 27वें और हरमनप्रीत सिंह ने 29वें मिनट में गोल दाग स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। हाफटाइम तक यही स्कोर रहा।
तीसरे और चौथे क्वार्टर में भारत का दबदबा
हाफ टाइम के बाद 31वें मिनट में रुपिंदर पाल सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को 4-3 से बढ़त दिलाई। उसके ठीक 3 मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने गोल कर लीड को 5-3 कर दिया। हालांकि चौथे क्वार्टर में जर्मनी ने एक और गोल दागा और स्कोर 5-4 कर दिया था। भारत के लिए अच्छी बात यह रही कि इस ओलिंपिक में वह अपने से नीचे रैंक वाली किसी टीम से हारी नहीं है। पूल मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया से और अंतिम-4 के मुकाबले में बेल्जियम से हार झेलनी पड़ी थी। ये दोनों टीमें रैंकिंग में भारत से ऊपर थीं।
ओलिंपिक गेम्स में भारत और जर्मनी के बीच अब तक 12 भिड़ंत हुई हैं। भारत ने इसमें से 5 और जर्मनी ने 4 मैच जीते हैं। 3 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।
1972 के बाद पहली बार पूल स्टेज में 4 मैच जीते थे
टीम इंडिया ने 1972 के बाद पहली बार टोक्यो में पूल स्टेज में 4 या इससे ज्यादा मुकाबले जीते थे। 1972 ओलिंपिक में भारत ने पूल स्टेज में 7 में से 5 मैच जीते थे। इसके बाद 2016 ओलिंपिक तक भारत ग्रुप स्टेज में 3 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाया। 1984 से 2016 तक तो भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में कभी 2 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाई थी।
पुरुष हॉकी में भारत ने 8 गोल्ड मेडल जीते हैं
भारत ने ओलिंपिक में सबसे ज्यादा मेडल पुरुष हॉकी में जीते हैं। टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा 1960 में सिल्वर और 1968,1972 और 2021 (टोक्यो ओलिंपिक 2020) में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।
टोक्यो ओलिंपिक में भारत को अब तक 4 मेडल
टोक्यो ओलंपिक में भारत का यह चौथा मेडल है। सबसे पहले मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग के 49 किलो वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके अलावा बॉक्सिंग में लवलिना बोरगोहेन ने और पुरुष हॉकी टीम ने भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया।
राजधानी लखनऊ में थप्पड़बाज लड़की के मामले में ओला कैब ड्राइवर से घूस लेने में कृष्णानगर कोतवाली के दो पुलिस अफसर आपस में भिड़ गए हैं। दोनों ने घूसखोरी और पूरे मामले में एक-दूसरे पर आरोप लगाया है।
थाना प्रभारी और इंस्पेक्टर महेश दुबे ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी में भोलाखेड़ा के चौकी इंचार्ज हरेंद्र यादव ने कैब ड्राइवर से गाड़ी छोड़ने की एवज में रुपए लिए थे। इसकी रिपोर्ट भी कमिश्नर को सौंपी जा चुकी है। वहीं, चौकी इंचार्ज ने इंस्पेक्टर को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। कहा कि वह खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।
उधर, ACP की जांच में लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दुबे समेत दो दरोगा मन्नान और हरेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
इंस्पेक्टर ने कहा?
कृष्णानगर इंस्पेक्टर महेश दुबे का कहना है कि 30 जुलाई की घटना वाली रात ईको गार्डन धरनास्थल पर ड्यूटी कर रहे थे। ACP साहब का कॉल आया कि कोई ब्लैक एसयूवी कार कोतवाली में खड़ी की गई है। गाड़ी पर मजिस्ट्रेट लिखा है। कार एटा एसडीएम की है। जफर नाम का आदमी पहुंच रहा है। उसे गाड़ी दे दो।
चूंकि वह कोतवाली में नहीं थे। इसलिए भोलाखेड़ा चौकी प्रभारी हरेंद्र यादव को फोन करके गाड़ी छोड़ने को कहा। बाद में कोतवाली आने पर पता चला कि पीड़ित सआदत अली की कैब भी आई थी जिसे गेट से छोड़ दिया गया। लेकिन एसयूवी छोड़ने के एवज में हरेंद्र यादव ने रुपए लिए थे।
दरोगा हरेंद्र यादव के मुताबिक, घटनास्थल उनके चौकी क्षेत्र में था। इसलिए वह कैब के साथ चालक सआदत अली और उसकी पिटाई करने वाली लड़की प्रियदर्शिनी नारायण को कोतवाली लाए थे। देर रात सआदत को तलाश करते हुए उसके भाई इनायत और दाऊद एसयूवी से कोतवाली पहुंचे। दोनों को भी कोतवाली में बैठा लिया गया। कैब और एसयूवी को भी कब्जे में ले लिया गया।
देर रात कोतवाल महेश दुबे का फोन आया कि बात हो गई है गाड़ियां छोड़ दो। उनके कहने पर वैगन-आर कैब को मैंने दूसरे दिन सआदत से सुपुर्दगीनामा करवाकर उसके हवाले कर दिया। एसयूवी को कोतवाल के कहने पर एसएसआई तेज प्रताप ने बाकायदा लिखा-पढ़ी करवाकर छोड़ा था। अब कोतवाल खुद को बचाने के लिए मुझे झूठा फंसा रहे हैं।
खुद को बचाने के लिए पुलिस ने SDM को फंसा दिया
भाई सआदत अली की लोकेशन कृष्णानगर कोतवाली के पास मिली तो उसके भाई एक परिचित की कार मांगकर वहां पहुंचे। इत्तेफाक से कार एटा के एसडीएम अबुल कलाम की थी। पुलिस के तेवर देख डरे सहमे युवकों ने खुद को एसडीएम का रिश्तेदार बता दिया। अपनी गाड़ी थाने में बंद होने की जानकारी पाकर एसडीएम ने ACP को कॉल करके गाड़ी छोड़ने की गुजारिश की।
उनकी सिफारिश के बाद भी पुलिस ने रुपए लेकर गाड़ी छोड़ी। दूसरे दिन घटना का वीडियो वायरल हुआ तो बेगुनाह युवकों को दबंग साबित करने के लिए पुलिस ने एसडीएम का नाम और मोबाइल नंबर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इंस्पेक्टर का कहना है कि युवक एसडीएम के नाम पर रौब गांठ रहे थे।
30 जुलाई की घटना, पुलिस की हुई किरकिरी
घटना 30 जुलाई की शाम की है। यहां वजीरगंज थानाक्षेत्र के जगतनारायण रोड निवासी कैब चालक सआदत अली 30 जुलाई की रात एयरपोर्ट की तरफ से लौट रहा था। बाराबिरवा चौराहे पर केशरीखेड़ा निवासी लड़की प्रियदर्शिनी नारायण ने चौराहे पर उसकी कैब रोककर टक्कर मारने का आरोप लगाकर पुलिस की मौजूदगी में उसे जमकर पीटा।
उसका मोबाइल फोन तोड़ दिया और डैशबोर्ड पर रखा 600 रुपया ले लिया। पुलिस कैब सहित सआदत और लड़की को कोतवाली ले गई। सआदत को ढूंढते हुए उसके दोनों भाई भी पहुंचे।
पुलिस ने तीनों को रात भर लॉकअप में रखा और दूसरे दिन 151 में चालान कर दिया। 31 जुलाई को घटना की पहली वीडियो वायरल हुई जिसमें लड़की युवक को पीटते नजर आई। तब तक पुलिस लड़की के पक्ष में खड़े होकर कहती रही कि युवक ने कैब से उसे टक्कर मार दी थी।
एक अगस्त को चौराहे की सीसीटीवी फुटेज वायरल हुई जिसमें साफ दिख रहा कि लड़की ने ट्रैफिक के बीच घुसकर कैब रोकी और बेवजह चालक को पीटने लगी। तब जाकर पुलिस ने सआदत की तहरीर पर लड़की के खिलाफ केस दर्ज किया। सआदत ने तहरीर में ही आरोप लगाया है कि उसकी गाड़ी छोड़ने के लिए 10 हजार रुपए रिश्वत ली गई।
घूसखोर कोतवाली पुलिस से छीनी गई जांच
इंस्पेक्टर महेश दुबे ही ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले की सच्चाई के साथ रिपोर्ट अधिकारियों को सौंप दी है। इसके आधार पर सआदत की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर की विवेचना कृष्णानगर कोतवाली से हटाकर बंथरा थाने को सौंप दी गई है। विवेचना में खुद सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। सवाल उठता है कि अधिकारी आरोप को सही मानकर जांच ट्रांसफर कर रहे हैं तो आरोपी पुलिस वालों पर अब तक कार्रवाई क्यों नही हुई?
केंद्र सरकार का लोकसभा में बड़ा बयान:धर्म परिवर्तन करके ईसाई बने तो नहीं मिलेगा SC वर्ग को मिलने वाली योजनाओं का लाभ
केंद्र सरकार ने लोकसभा में 3 अगस्त को स्पष्ट किया है कि देश का जो भी नागरिक हिंदू, सिख या बौद्ध धर्म को नहीं मानता है, उसे अनुसूचित जाति वर्ग का नहीं माना जा सकता। ऐसे लोगों को अनुसूचित जातियों की भलाई के चलाई जा रही केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए। धर्म बदलकर ईसाइ बनने वाले भी इसका लाभ नहीं ले सकते।
यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी ने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में दी। दरअसल, आंध्र प्रदेश सरकार ने 30 जुलाई को एक आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक अनुसूचित जातियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ परिवर्तित होकर ईसाई बन चुके अनुसूचित जाति के लोगों को भी मिलेगा। केंद्र का इस मसले पर कहना है कि आंध्र प्रदेश सरकार की योजना पर केंद्र से मिलने वाले लाभ लागू नहीं होते।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की के सौजन्य से बनाये गये इस एप के माध्यम से भूकंप से पूर्व चेतावनी मिल जाएगी।
This app, created by the Uttarakhand State Disaster Management Authority, Disaster Management Department and Indian Institute of Technology, Roorkee, will provide early warning of earthquake
उत्तराखंड यह एप बनाने वाला पहला राज्य है। इससे जन सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस एप के माध्यम से भूकंप के दौरान लोगों की लोकेशन भी प्राप्त की जा सकती है। भूकंप अलर्ट के माध्यम से भूकंप से क्षतिग्रस्त संरचनाओं में फंसे होने पर सूचना दी जा सकती है।
उत्तराखंड भूकंप अलर्ट एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। इस एप के माध्यम से लोगों को भूकंप की पूर्व चेतावनी मिल सके, इसके लिए इस एप की लोगों को जानकारी दी जाए।
इसका प्रचार प्रसार किया जाए। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इसकी लघु फिल्म बनाकर जन-जन तक पहुंचाया जाए। स्कूलों में भी बच्चों को लघु फिल्म के माध्यम से इस एप के बारे में जानकारी दी जाए।
चेतावनी में सायरन एवं वॉयस दोनों माध्यमों से अलर्ट की व्यवस्था की जाए: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास एंड्राइड फोन नहीं है, उनको भी भूकंप से पूर्व चेतावनी का मैसेज पहुंचाया जाए, इस एप के माध्यम से यह सुविधा भी प्रदान की जाए। भूकंप पूर्व चेतावनी में सायरन एवं वॉयस दोनों माध्यमों से अलर्ट की व्यवस्था की जाए।
भूकंप पूर्व चेतावनी के लिए सायरन टोन अलग से हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूकंप पूर्व चेतावनी के लिए यह एक अच्छी पहल।
DATE-03 AUG 2021
SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER Exclusive Report
हेलिकॉप्टर क्रैश-आर्मी का ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश;
पठानकोट के पास मंगलवार को आर्मी का ALH ध्रुव हेलिकॉप्टर रणजीत सागर डैम में क्रैश हो गया है। 254 आर्मी एविएशन का यह हेलीकाप्टर ट्रेनिंग उड़ान पर था और इसके पायलट को कम ऊंचाई पर उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। हादसे के बाद चॉपर के कलपुर्जे खोज लिए गए हैं, लेकिन पायलट और को-पायलट को अब तक खोजा नहीं जा सका है। हालांकि, पहले यह जानकारी मिली थी कि हादसे में दोनों सुरक्षित हैं। NDRF और पुलिस का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
आर्मी की एविएशन स्क्वाड्रन के ध्रुव हेलिकॉप्टर ने मामून कैंट से सुबह 10:20 बजे उड़ान भरी थी। रणजीत सागर डैम के ऊपर हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहा था और वह क्रैश हो गया। पिछले 6 महीने में दूसरी बार स्वदेशी ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। ध्रुव हेलीकॉप्टर को भारत में ही विकसित किया गया है। इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया गया है।
हादसा पंजाब पठानकोट से सटे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रणजीत सागर डैम में हुआ। बोट और गोताखोरों की मदद से हेलिकॉप्टर की तलाश की जा रही है। गहराई ज्यादा होने की वजह से हेलिकॉप्टर की लोकेशन पता नहीं चल पा रही है। पंजाब सरकार का एक शिप निरीक्षण के लिए डैम में ही मौजूद रहता है। इसका इस्तेमाल डैम देखने आने वाले टूरिस्टों को भी घुमाने के लिए किया जाता है। अभी इसकी मदद से हेलिकॉप्टर को ढूंढने की कोशिश की जा रही है।
रावी नदी पर बना है रणजीत सागर डैम
रणजीत
सागर डैम से पंजाब को सिंचाई का पानी और बिजली उपलब्ध कराई जाती है। यहां
पावर जेनरेशन का काम पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड करता है। डैम का
60% हिस्सा जम्मू-कश्मीर में आता है, जबकि 40% एरिया पंजाब में। यह डैम
रावी नदी पर बनाया गया है। रावी पंजाब शाहपुर कंडी से होते हुए अजनाला और
फिर पाकिस्तान जाती है। रणजीत सागर डैम के आसपास पंजाब का पठानकोट और
जम्मू-कश्मीर का कठुआ जिला आता है।
6 महीने पहले भी ध्रुव हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था
- 17 अप्रैल 2020 को अपाचे हेलिकाप्टर होशियारपुर के खेतों में इमरजैंसी लैंड हुआ था। तकनीकी खराबी के कारण इसे लैंड करवाया गया था। इसमें दोनों पायलेट सुरक्षित बच गए थे। इंडियन एयरफोर्स का यह हेलिकाप्टर भी पठानकोट एयरबेस से ही उड़ा था।
- 25 जनवरी 2021 जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारतीय सेना का एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव क्रैश हो गया। हादसा लखनपुर में हुआ। हेलीकॉप्टर के दोनों पायलट गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन्हें नजदीक के मिलिट्री बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां एक पायलट ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
- 19 जुलाई 2018 को एयरफोर्स का मिग-21 हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के पट्टा गांव में क्रैश हुआ था। यह जगह पठानकोर्ट एयरबेस से 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इस हादसे में पायलट की मौत हो गई थी।
CBSE BOARD का रिजल्ट देखे। 2021
वेबसाइट पर ऐसे देखें रिजल्ट
सबसे पहले CBSE की ऑफिशियल साइट cbseresults.nic.in पर जाएं।
- यहां होम पेज पर कक्षा 10वीं CBSE Results 2021 लिंक पर क्लिक करें।
- अब एक नया पेज खुलने पर कैंडिडेट लॉगिन करें।
- लॉगिन करते ही आपका रिजल्ट स्क्रीन पर डिस्प्ले होगा।
- रिजल्ट देखने के बाद इसे डाउनलोड कर प्रिंट भी ले सकते हैं।
- साल में सबसे बेहतर सेशन को रेफरेंस ईयर माना
इस साल रिजल्ट के लिए पिछले 3 साल में स्कूल के सबसे बेहतर नतीजे वाले साल को आधार वर्ष (रेफरेंस ईयर) माना गया है। विषयवार अंक तय करने का भी यही तरीका रहा। रेफरेंस ईयर में सभी छात्रों के औसत अंक के हिसाब से ही इस बार का रिजल्ट तैयार किया गया है। हालांकि छात्रों के विषयवार अंक औसत अंकों से 2 अंक कम या ज्यादा हो सकते हैं। -
इस फॉर्मूले से जोड़े गए 100 अंक
- 20 अंक - इंटरनल असेसमेंट
- 10 अंक - यूनिट टेस्ट/पीरियोडिक टेस्ट
- 30 अंक - मिडटर्म/ हाफ ईयरली टेस्ट
- 40 अंक - प्री-बोर्ड एक्जामिनेशन
इस साल भी मेरिट लिस्ट जारी नहीं
इस साल कोरोना के चलते 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई थी। जिसके बाद बोर्ड ने इंटरनल असेसमेंट स्कीम के आधार पर रिजल्ट जारी करने का फैसला लिया था। ऐसे में इस साल भी बोर्ड मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई है। वहीं, रिजल्ट से असंतुष्ट स्टूडेंट्स को दोबारा परीक्षा देने का भी मौका दिया जाएगा।उमंग ऐप, SMS से भी रिजल्ट जान सकते हैं
स्टूडेंट्स उमंग ऐप और SMS के जरिए भी अपना रिजल्ट देख सकेंगे। इसके लिए उन्हें पहले उमंग ऐप डाउनलोड करना होगा। स्टूडेंट्स इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद वहां मौजूद ऑप्शन में CBSE सिलेक्ट कर लॉगिन करें। लॉगिन करते ही रिजल्ट ओपन हो जाएगा।इसके अलावा स्टूडेंट्स SMS के जरिए भी रिजल्ट देख सकेंगे। इसके लिए उन्हें CBSE10 < ROLLNUMBER > < ADMITCARDID > टाइप कर 7738299899 नंबर पर भेजना होगा। जिसके बाद आपको रिजल्ट पता चल जाएगा।
डिजीलॉकर से मिलेगी मार्कशीट
इस साल स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर के जरिए डिजिटल मार्कशीट दी जाएगी। इसे digilocker.gov.in से डाउनलोड करना होगा। बोर्ड की तरफ से स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर क्रेडेंशियल्स SMS के जरिए दिए गए हैं। इसका इस्तेमाल कर वे अपनी मार्कशीट डाउनलोड कर सकते हैं।
लकड़ी पड़ाव मै जम कर चले डंडे आपस मैं भीड़ गये दो गुट।
VIDIO
लकड़ी पड़ाव मै जम कर चले डंडे आपस मैं भीड़ गये दो गुट।
काफी देर तक चला महाभारत तमासबिन बने रहे लोग।
लड़ना कोरोना से है लेकिन आपस मै ही भिड़ रहे है लोग।
पुलिस की गश्त नहीं कोरोना से डर नहीं।
और हम किसी से कम नहीं।
ये घटना 1 aug रात 10 बजकर 20 min की है। जब मामूली बात मै ही आपस मै भिड़ गये दो गुट फिर डंडे लात घुसे सब चले।
पत्थरबाजो के बुरे दिन शुरू -
जम्मू-कश्मीर में सेना के जवानों पर पत्थर फेंकने वालों पर अब सरकार सख्त एक्शन लेने के मूड में है। रविवार को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया। इसके मुताबिक, पत्थरबाजी करते हुए पकड़े जाने पर पासपोर्ट नहीं मिलेगा। ऐसे लोग सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई भी नहीं कर सकेंगे।
राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर CID की स्पेशल ब्रांच ने सभी सिक्योरिटी यूनिट को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राज्य के जिस व्यक्ति को भी पत्थरबाजी करते पकड़ा जाए, उसे किसी तरह का सिक्योरिटी क्लियरेंस न दिया जाए। पत्थरबाजी के आरोप लगने पर डिजिटल सबूत (वीडियो या फोटो) और पुलिस रिकॉर्ड्स की भी जांच की जाएगी।
ये जानकारियां देना जरूरी
- केंद्र सरकार पहले ही एक कानून में संशोधन कर सरकारी नौकरी के लिए CID की क्लियरेंस रिपोर्ट को जरूरी कर चुकी है। आदेश के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति के परिवार का सदस्य और खास रिश्तेदार राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी।
- किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में भी बताना होगा। जमात-ए-इस्लामी जैसे किसी विदेशी प्रतिबंधित संगठन से जुड़े होने की जानकारी भी मांगी जाएगी।
- कहीं काम कर रहे लोगों को यदि CID से दोबारा सत्यापन करवाना हो तो उन्हें नियुक्ति की तारीख, पोस्टिंग और पदोन्नति का विवरण भी देना होगा। इसके अलावा नौकरी कर रहे माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चों की डिटेल भी देनी होगी।
राज्य का मूल निवासी बनने के लिए 15 साल रहना जरूरी
जम्मू-कश्मीर
प्रशासन ने यह आदेश भी दिया था कि राज्य में जन्म लेने वाली महिला के पति
को भी मूल निवासी का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370
हटाने के बाद केंद्र सरकार ने निवासी प्रमाण-पत्र देने का नियम भी बदल दिया
था। नए नियम के मुताबिक राज्य में 15 साल या इससे ज्यादा समय तक रहने वाले
व्यक्ति को वहां का मूल निवासी माना जाएगा।
आर्टिकल 370 हटने के बाद कम हुई पत्थरबाजी
जम्मू-कश्मीर
से 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया गया था। इसके बाद पत्थरबाजी की
घटनाओं में कमी देखी गई है। 2019 में पथराव की 1999 घटनाएं हुई थीं। 2020
में ये घटकर 255 बार ही हुईं। 2021 में 2 मई को पुलवामा के डागरपोरा में
मुठभेड़ के दौरान आतंकियों को बचाने के लिए लोगों ने पथराव किया था। इसके
बाद बारपोरा में 12 मई को भी नकाबपोशों ने पथराव किया। इसके अलावा
पत्थरबाजी की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। इससे पहले 2018 में 1458 और
2017 1412 घटनाएं सामने आई थीं।
DATE-01 AUG 2021
SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER Exclusive Report -
विपक्ष को हमारा दिया गया टैक्स 133 करोड़ रुपए हराम की कमाई का लगता है।
हमारा नुकसान 133 करोड़ रुपए का हो गया। और हमे पता ही नहीं।
संसद को मज़ाक बना दिया है विपक्ष ने।
संसद के मानसून सत्र को शुरू हुए 12 दिन बीत गये है।
लेकिन जासूसी केस और किसान आंदोलन जैसे मुद्दों पर विपक्ष का
विरोध अभी तक जारी है। संसद को दोनों सदनों में अब तक 107 घंटे में से सिर्फ 18 घंटे की कार्यवाही
चल सकी है।हम लोगो के द्वारा दिया गया
टैक्स 133 करोड़ रुपए बरबाद हो गया। मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही लगभग बाधित रही है। मानसून सत्र में अब तक करीब 89 घंटे हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। सत्र 13 अगस्त तक चलना है।राज्यसभा की कार्यवाही तय समय का सिर्फ करीब 21% ही चली है, तो लोकसभा की कार्यवाही सिर्फ 13%। लोकसभा 54 घंटें में से 7 घंटे से भी कम समय चली, जबकि राज्यसभा 53 घंटें में से 11 घंटे चली।
विपक्ष का कहना है कि जासूसी मुद्दे पर जब तक सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं होगी, विरोध खत्म नहीं होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी इस मांग को खारिज कर लोकसभा में कह चुके हैं कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।
पेगासस जासूसी केस पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की तरफ 28 जुलाई को पर्चे फेंके थे। इस दौरा सांसदों ने खेला होबे के नारे भी लगाए थे। इस दिन कई बार कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा था।
पर्चे उछाले जाने से नाराज स्पीकर ने 10 सांसदों को सदन से निलंबित करने की चेतावनी दी थी। ANI के मुताबिक इसमें सांसद गुरजीत सिंह औजला, टीएन प्रथापन, मणिकम टैगोर, रवनीत सिंह बिट्टू, हिबी ईडेन, जोति मणि सेन्नमलई, सप्तगिरि संकर उलका, वी वैथिलिंगम और ए एम आरिफ का नाम शामिल था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने समान विचारधारा वाले 14 विपक्षी दलों ने एक 28 जुलाई को बैठक की थी। इसमें सरकार को घेरने की योजना बनाई गई थी। मीटिंग के बाद राहुल ने कहा था कि पेगासस जासूसी केस, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।
कांग्रेस जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश कर रही है। मोदी ने बीजेपी सांसदों से कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के ऐसे व्यवहार को मीडिया और जनता के सामने बेनकाब करें।
मोदी ने पिछले हफ्ते सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के बायकॉट का जिक्र भी किया। साथ ही कहा है कि कांग्रेस ने दूसरे दलों को भी बैठक में शामिल होने से रोका था। बता दें प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
18 जुलाई को पेगासस विवाद सामने आने के बाद से संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा है। विपक्षी सांसद दोनों सदनों में नारेबाजी कर रहे हैं। पिछले हफ्ते तो तृणमूल सांसद ने IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के हाथ से पर्चा छीनकर फाड़ दिया था।
बल्कि संसद के बाहर PM ने मीडिया से कहा, था 'मैं सभी सांसदों से आग्रह करूंगा कि वे तीखे से तीखे सवाल पूछें, बार-बार सवाल पूछें, लेकिन शांत वातावरण में सरकार को जानकारी देने का मौका भी दें।'लेकिन विपक्ष को हमारा दिया गया टैक्स 133 करोड़ रुपए हराम की कमाई का लगता है।
संसद का मानसून सत्र जब से शुरू हुआ है, एक बार और एक दिन भी राज्यसभा या लोकसभा सुचारु ढंग से नहीं चल सकी है. न ही प्रश्नकाल में प्रश्न पूछे जा सके हैं और न ही शून्यकाल हो सका है. इसे लेकर राज्यसभा में उपसभापति ने निराशा भी जताई थी
.सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा करने वाले सदस्यों के आचरण पर आपत्ति जतायी और कहा कि सदन में सीटी बजाना शोभनीय नहीं है.
SHIVANI-AGARWAL CYBER CRIME REPORTER Exclusive Report -
कुख्यात लेडी डॉन गिरफ्तार-
राजस्थान की एकमात्र लेडी डॉन अनुराधा दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। जठेड़ी के साथ वह 9 महीने से लिव इन में रहकर पूरी गैंग को ऑपरेट कर रही थी। जठेड़ी पर हरियाणा पुलिस ने 7 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। इससे पहले लेडी डॉन अनुराधा चौधरी राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल से जुड़ी थी। कई डिग्रियां ले चुकी अनुराधा को आनंदपाल ने शार्प शूटर बनाया था। वह अपहरण करने में माहिर थी। आनंदपाल को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने में भी उसकी भूमिका सामने आई थी।
आंनदपाल के एनकाउंटर के बाद अनुराधा राजस्थान में अपना खौफ बरकरार रखना चाहती थी। https://pidbux.com/assets/banners/468x60.gif इसके लिए सबसे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस की मदद ली। लॉरेंस ने ही अनुराधा को काला जठेड़ी से मिलवाया था। कुछ ही महीनों में अनुराधा जठेड़ी की पूरी गैंग को ऑपरेट करने लगी और दिल्ली में बैठे बैठे राजस्थान में अपने नेटवर्क को चलाती थी। कालू जठेड़ी दिल्ली का कुख्यात बदमाश है।
अनुराधा के राजस्थान की कुख्यात लेडी डॉन बनने की कहानी अलग ही है। शेयर मार्केट के बिजनेस से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। वह गैंगस्टर आनंदपाल की मदद से लेडी डॉन बनी। बताया जाता है कि वह AK-47 चलाने में जबदरदस्त माहिर थी। इसके अलावा किडनैपिंग के मामले में मास्टरमाइंड। राजस्थान में भी उसके खिलाफ हत्या और अपहरण के 12 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसमें लूट, किडनैपिंग, रंगदारी मांगने समेत कई गंभीर अपराध भी हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इनमें सबसे अधिक मामले अपहरण के हैं।
कम्प्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएट
सीकर की रहने वाली
अनुराधा के घर का नाम मिंटू है। बचपन में ही मां के गुजरने के बाद मिंटू
(अनुराधा) के सिर पर सिर्फ पिता का ही साया बचा था। आर्थिक हालत कमजोर होने
के चलते पिता कमाने के लिए बाहर चले गए। अनुराधा पढ़ाई में तेज थी। उसने
बीसीए जैसी प्रॉफेशनल डिग्री ली थी। नॉर्मल जॉब उसका एंबिशन नहीं था। शादी
के बाद अनुराधा और उसके पति फैलिक्स दीपक मिन्ज ने सीकर में शेयर ट्रेडिंग
का काम शुरू किया था। दोनों ने मिलकर लोगों के लाखों रुपए ट्रेडिंग में
लगवा दिए। अचानक उसका धंधा चौपट हुआ और करोड़ों के कर्ज में डूब गई। कर्ज
खत्म करने के लिए उसने जुर्म का रास्ता चुना। उसने अपने पति को भी छोड़
दिया।
बिजनेस में हुए नुकसान के बाद कर्जदारों को पैसा वापस लौटाने का दबाव बना तो वो हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा के जरिए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के संपर्क में आ गई। बताते हैं कि आनंदपाल के ठेठ पहनावे को अनुराधा ने ही बदला था। यहां तक की उसे अंग्रेजी बोलना भी सिखाया। इसी के बदले आनंदपाल ने अनुराधा को AK-47 चलाना सिखाया।
लेडी डॉन अनुराधा देशभर में खौफ और दहशत का पर्याय बने राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल की गर्लफ्रेंड थी। ये लंबे समय से राजस्थान पुलिस की गिरफ्त से फरार थी। फरारी के दौरान लॉरेंस विश्नोई की मदद से अनुराधा की मुलाकात काला जठेड़ी से हुई। इसके बाद वह उसकी पूरी गैंग को ऑपरेट करने लगी। अवैध हथियार की हेराफेरी में आनंदपाल का सहयोग करती थी।
कुख्यात गैंगस्टर काला जठेड़ी पर दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी कई मामले दर्ज हैं। लॉरेंस इसी गैंग का मुखिया भी माना जाता है। लॉरेंस ने ही अनुराधा को काला जठेड़ी से मिलाया था। इसके बाद जठेड़ी का अनुराधा पर इतना भरोसा बढ़ गया कि उसकी पूरी गैंग को वही ऑपरेट करती थी। लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को पहले थाईलैंड से राजू बसौदी चला रहा था। हरियाणा एसटीएफ ने उसे वहां से डिपोर्ट कर गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले बिश्नोई भी पुलिस की गिरफ्त में आ चुका था। इसके बाद से बिश्नोई गैंग को काला जठेड़ी ही ऑपरेट कर रहा था। बिश्नोई गिरोह रंगदारी, फिरौती, लूट और हत्या की वारदातों को अंजाम देता है।
अनुराधा पर लूट, किडनैपिंग, रंगदारी समेत कई मामले दर्ज
अनुराधा
का जन्म राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था। अनुराधा पर लूट, किडनैपिंग,
रंगदारी मांगने समेत कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। डॉन अनुराधा को 2016 में
नागौर जिले की अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही 20 हजार रुपए का
जुर्माना भी लगाया।
ATM से पैसे निकालने पर होगा ज्यादा चार्ज, इस महीने होंगे बड़े बदलाव
एक अगस्त से देशभर में कई बदलाव होने वाले हैं। इनका सीधा असर आपकी जेब और जिंदगी पर पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि इन बदलावों की जानकारी पहले ही अपने पास रखें। 1 अगस्त से बैंक से होने वाले लेन-देन रविवार और छुट्टियों के दिन भी हो सकेंगे। इसके अलावा अब ATM से पैसे निकालने के लिए आपको ज्यादा शुल्क चुकाना होगा।
बैंक से होने वाले लेन-देन रविवार और छुट्टियों के दिन भी हो सकेंगे। RBI ने नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) सिस्टम को सातों दिन चालू रखने का फैसला किया है। यानी अब आपको अपनी सैलरी या पेंशन के लिए शनिवार और रविवार यानी वीकेंड के गुजरने का इंतजार नहीं करना होगा।इसके अलावा छुट्टी वाले दिन आपके अकाउंट से किस्त भी कटेगी। यानी 1 अगस्त से सैलरी, पेंशन और EMI पेमेंट जैसे जरूरी ट्रांजैक्शंस के लिए अब वर्किंग डेज का इंतजार नहीं करना होगा।
ICICI बैंक पैसा निकालने, जमा करने और चेक बुक के चार्ज सहित कई नियमों में बदलाव करने जा रहा है। आप बैंक की ब्रांच में चेक से केवल 4 बार ही फ्री नकद लेन-देन कर सकेंगे। चार बार से ज्यादा जमा करने या निकालने पर हर बार 150 रुपए का चार्ज देना होगा।ATM के जरिए आप 6 मेट्रो शहरों में महीने में 3 बार फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसके सिवा दूसरे शहरों में 5 ट्रांजैक्शन फ्री हैं। इसके ऊपर ट्रांजैक्शन करने पर चार्ज देना होगा। चार्ज के रूप में आपको मेट्रो शहरों में 20 रुपए और दूसरे शहरों में 8.50 रुपए हर ट्रांजैक्शन पर देने होंगे।
1 अगस्त से ATM की इंटरचेंज फीस 15 रुपए से बढ़ाकर 17 रुपए हो जाएगी। जबकि नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर भी शुल्क 5 रुपए से बढ़ाकर 6 रुपए हो जाएगा। बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए जगह-जगह ATM लगाते हैं। दूसरे बैंकों के ग्राहक भी इन मशीनों से पैसे निकालते या ट्रांसफर करते हैं। हर बैंक ने फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा तय की हुई है। उससे ज्यादा लेनदेन करने पर ग्राहकों से फीस ली जाती है। इसी को इंटरचेंज फीस कहते हैं।
IPPB की डोर स्टेप बैंकिंग के लिए शुल्क देना होगा
1
अगस्त से इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) की डोर स्टेप बैंकिंग सुविधा के
लिए शुल्क देना होगा। IPPB के अनुसार अब हर बार डोर स्टेप बैंकिंग सुविधा
के लिए 20 रुपए प्लस GST देना होगा। अब तक डोर स्टेप बैंकिंग के लिए कोई
चार्ज नहीं लिया जाता है।
इसके अलावा किसी ग्राहक को पैसे ट्रांसफर करने और मोबाइल पेमेंट आदि के लिए भी 20 रुपए प्लस GST देना होगा। IPPB के खाते या किसी और बैंक के ग्राहक के खाते में मनी ट्रांसफर के लिए भी यही चार्ज देना होगा।
LPG सिलेंडर की कीमतों में हो सकता है बदलाव
महीने
की पहली तारीख को केंद्र सरकार LPG सिलेंडर की नई कीमत की घोषणा करती है।
पिछले महीने सरकार ने 14.2 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 25.50
रुपए की बढ़ोतरी की थी।
EmoticonEmoticon