शर्मनाक पुलिस को पता था-करौली में हुआ उपद्रव
उपद्रव में 1 मकान और 35 दुकानें जला दी गईं। 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। 4 पुलिसकर्मी घायल हैं, 1 की हालत गंभीर है और वह जयपुर आईसीयू में भर्ती है। उपद्रवियों ने 30 से ज्यादा बाइक तोड़ दीं। विवाद भड़कने की आशंका के बावजूद अधिकारियों ने रैली के लिए महज 30 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई। नतीजा- जब उपद्रव बढ़ा तो पुलिस रोक नहीं पाई सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने ड्रोन से निगरानी नहीं कराई। ऐसा कराते तो छत पर रखे टनों पत्थरों और दर्जनों लाठी-सरियों के बारे में पहले पता चल जाता और उपद्रव को रोका जा सकता था। उपद्रव के महज आधे घंटे बाद पुलिस अधिकारी व जाब्ता मौके पर पहुंच गया। इसके बावजूद उनके सामने ही उपद्रवी पथराव करते रहे और दुकानों में आग लगाते रहे।
पीएफआई ने जारी किया था लेटर
शुक्रवार
को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने एक
प्रेस बयान जारी कर बताया था कि कि 2 से 4 अप्रैल तक प्रदेश के विभिन्न
जिलों, तहसीलों और कस्बों में हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में निकाली जाने
वाली रैली के दौरान बाहरी लोग माहौल बिगाड़ सकते हैं।
बाइक रैली पर पथराव किया जाएगा, ये पहले से तय था। उपद्रव के 24 घंटों बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया तो उन्हें कई घरों की छत पर पत्थरों के ढेर मिले। सांसद ने बताया- 'मैंने कलेक्टर व एसपी के साथ मौके का दौरा किया। जहां कई मकानों पर पत्थरों के ढेर मिले हैं। मकानों से करीब दो ट्रॉली पत्थर निकाले गए। इनमें एक मकान के ऊपर जिम संचालित हो रहा था।'
चश्मदीदों ने बताया कि पथराव के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग जान बचाने के लिए भागे। अचानक भीड़ में मुंह पर नकाब बांधे युवक घुस आए। उनके हाथ में लाठी-सरिए और चाकू थे। उन्होंने भागते लोगों पर हमला बोल दिया। करौली शहर में पहले भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। ऐसे में रैली की परमिशन देते समय पुलिस रैली का रूट डाइवर्ट कर उपद्रव को रोक सकती थी। पुलिस ने अब तक 46 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है।
शहर में अमन-चैन बनाए रखने के लिए पुलिस व प्रशासन दो पक्षों से बातचीत कर शांति बनाए रखने का प्रयास कर रही है।
EmoticonEmoticon