गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कई तरह के झोल सामने आए हैं। यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह उसे लाने के दौरान गाड़ी पलटने और एनकाउंटर की पूरी कहानी शाम को एक प्रेस नोट जारी कर बताई। हालांकि, एसटीएफ की कहानी में कई ऐसी बातें सामने आ रही हैं, जिन पर सवाल उठना लाजमी है।
1. हादसे की वजह शाम तक बदल कैसे गई?
सुबह पुलिस ने बताया कि गाड़ी बारिश के कारण पलटी। शाम को एसटीएफ ने कहा- गाय-भैंस को बचाने में गाड़ी पलट गई।
2. विकास की गाड़ी के सामने ही कैसे आईं गाय-भैंस?
सुरक्षा के लिहाज से विकास की गाड़ी काफिले के बीच में होनी थी। गाड़ियों के बीच ज्यादा फासला भी नहीं होना था। ऐसे में विकास की गाड़ी के ही सामने गाय-भैंस कैसे आईं।
3. गाड़ी में विकास के साथ 5 पुलिस वाले थे। सभी कुछ देर के लिए एक साथ अचेत कैसे हुए?
एसटीएफ ने कहा कि विकास के साथ गाड़ी में इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, दरोगा पंकज सिंह, दरोगा अनूप सिंह, सिपाही सत्यवीर और सिपाही प्रदीप थे। गाड़ी पलटने पर ये सभी कुछ देर के लिए अचेत हो गए। इतने में विकास मौका पाकर इंस्पेक्टर की पिस्टल निकालकर भागने लगा।
4. विकास की गाड़ी से ठीक पीछे चल रही काफिले की गाड़ी इतनी दूर क्यों थी?
एसटीएफ का कहना है कि विकास की गाड़ी से पीछे चल रही काफिले की दूसरी गाड़ी जब मौके पर पहुंची तब उसमें सवार डीएसपी तेजबहादुर सिंह और अन्य पुलिसवालों को हादसे के बारे में पता चला। सवाल उठता है कि यह गाड़ी क्या इतनी दूर थी कि इसमें सवार लोगों को हादसा होते नजर ही नहीं आया, बल्कि मौके पर पहुंचने पर पता चला।
5.इतनी देरी होने के बाद भी विकास ज्यादा दूर क्यों नहीं भाग पाया?
एसटीएफ के मुताबिक, डीएसपी जब मौके पर पहुंचे तब उन्हें घटना की जानकारी मिली। उन्होंने पहले सभी घायलों के इलाज के लिए निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने विकास का पीछा किया। इतना सब होने तक भी विकास सिर्फ 200 मीटर दूर ही भाग पाया था।
6. आत्मरक्षा में पीछे से चलाई गईं 2 गोलियां सीने पर ही कैसे लगीं?
एसटीएफ का कहना है कि वे विकास को जिंदा पकड़ना चाहते थे, लेकिन वह लगातार फायरिंग कर रहा था। आत्मरक्षा में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। सवाल यह कि आत्मरक्षा में पीछे से चलाई गईं 2 गोलियां सीधे विकास के सीने में कैसे लगीं।
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