कोरोनावायरस के माहौल में भी हमने घर से बाहर निकलना शुरू कर दिया है। ऐसे में मॉल, पार्क्स या रेस्टोरेंट्स में मौजूद बाथरूम उपयोग करने की जरूरत भी बार-बार पड़ रही है। अब सवाल उठता है कि सार्वजनिक टॉयलेट यूज करना कितना सुरक्षित है बाथरूम कितने संक्रामक होते हैं? हम जानते हैं कि किसी सरफेस को छूने से भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन हम कई बार सफाई करने के बाद हाथ धोने से पहले जिन भी चीजों को छूते हैं, उन्हें माइक्रोब्स के कारण दूषित कर देते हैं। माइक्रोब्स जैसे- नोरोवायरस और ई कोली। बाथरूम में हवा के कारण भी सांस के जरिए शरीर में जाने वाले वायरस जैसे- इंफ्लूएंजा से संक्रमित हो सकते हैं। अगर हवा में काफी ज्यादा मात्रा में पार्टिक्ल्स तैर रहे हैं तो सांस लेना खतरनाक हो सकता है। इसका सबसे बेहतर उदाहरण है मीजल्स। अगर मीजल्स से ग्रस्त कोई व्यक्ति कमरे में गया है तो हवा 2 घंटे तक खतरनाक हो सकती है। बाथरूम में एक और खतरा टॉयलेट प्लूम भी है। हर फ्लश के बाद टॉयलेट हवा में माइक्रोब्स की अदृश्य आर्मी छोड़ती है। इसके बाद ये माइक्रोब्स दीवार, टॉयलेट सीट, जमीन और गेट के हैंडल पर लग जाते हैं। एक...