Posts

Showing posts from November 12, 2020

स्त्रियां ध्यान दें-,,,,,,,,,,,,,,दीवाली स्पेशल |2-करें उपयोग धनलक्ष्मी होंगी खुश,

Image
  प्रकीर्णभाण्डामनवेक्ष्यकारिणीं सदा च भर्तु: प्रतिकूलवादिनीम्।। परस्य वेश्माभिरतामलज्जा- मेवंविधां तां परिवर्जयामि। अर्थात...  जो घर के बर्तनों को व्यवस्थित न रखकर इधर-उधर बिखेरे रहती है, सोच-समझकर काम नहीं करती, सदा अपने पति के प्रतिकूल ही बोलती है, दूसरों के घरों में घूमने-फिरने में आसक्त रहती है और लज्जा को सर्वथा छोड़ बैठती है, ऐसी स्त्रियों को मैं लक्ष्मी त्याग देती हूं। सत्यासु नित्यं प्रियदर्शनासु सौभाग्ययुक्तासु गुणान्वितासु।। वसामि नारीषु पतिव्रतासु कल्याणशीलासु विभूषितासु। अर्थात...  जो स्त्रियां सत्यवादिनी और सौम्य वेशभूषा के कारण देखने में प्रिय होती हैं, जो सौभाग्यशालिनी, सद्‌गुणवती, जीवनसाथी के प्रति निष्ठा रखने एवं कल्याणमय आचार-विचार वाली होती हैं तथा सदा वस्त्राभूषणों से विभूषित रहती हैं, मैं लक्ष्मी ऐसी स्त्रियों में सदा निवास करती हूं। ये दो श्लोक महाभारत के अनुशासन पर्व के हैं। महाकाव्य के प्रसिद्ध रुक्मिणी-लक्ष्मी संवाद में श्रीकृष्ण प्रिया रुक्मिणी के पूछने पर कि ‘आप कहां निवास करती हैं’, लक्ष्मी ने इन दो श्लोकों में उत्तर दिया है। ख़ास बात यह कि एक श...