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जून 13, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

GOVIND NAGAR-VIDEO कोटद्वार - व्यापारी में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि

कोटद्वार निवासी एक व्यापारी में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि   कोटद्वार निवासी एक व्यापारी में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है । व्यापारी की मां फरीदाबाद से वापस लौटी थी,  शनिवार शाम आई रिपोर्ट में महिला के बेटे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि महिला की रिपोर्ट आनी बाकी है। प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर वागीश चंद्र काला ने बताया कि जिस युवक मैं कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है, उसके संपर्क में आने वाले सभी लोगों की सूची तैयार की जा रही है। बताया की सूची में शामिल लोगों को क्वारंटाइन किया जाएगा। बताया जाता है कि आइसोलेशन में भर्ती होने से पहले व्यापारी अपनी दुकान में भी बैठा था।

अब 7 की बजाय 9 सिम्प्टम्स के आधार पर टेस्टिंग होगी-coronavirus india updates covid 19 shahruma reporter force today

-सूंघने की क्षमता कम होना और स्वाद का पता नहीं चलना अब कोरोना के सिम्प्टम्स में शामिल रहेगा। सरकार ने शनिवार को कोरोना सिम्प्टम्स की लिस्ट में इन दो लक्षणों को भी शामिल कर लिया।   इस लिस्ट में पहले 7 सिम्प्टम्स थे। अब 9 हो गए हैं। पहले बुखार, कफ, थकान, सांस लेने में दिक्कत, बलगम के साथ खांसी, मांसपेशियों में दर्द, नाक से पानी बहना और गला खराब होना या दस्त जैसे सिम्प्टम्स शामिल थे। टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी कोरोना पर बनी टास्क फोर्स की पिछले रविवार को हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। टास्क फोर्स के कुछ मेंबर्स ने सुझाव दिया था कि कोरोना की टेस्टिंग में सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कम होने के सिम्प्टम्स भी शामिल किए जाएं, क्योंकि कई मरीजों में ऐसा देखा गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नॉर्मल जुकाम में भी सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता कम हो सकती है, लेकिन ये कोरोना के भी संकेत हो सकते हैं। इनके आधार पर टेस्टिंग की जाए तो बीमारी का जल्द पता लगाकर इलाज शुरू करने में मदद मिल सकती है। अमेरिका के नेशनल पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट सीडीसी ने मई की शुरुआत में ही इन्हे...

पतंजलि योगपीठ ने खोज ली है कोरोना की आयुर्वेदिक दवा,

कोरोनावायरस को फैलने से रोकने और संक्रमितों को ठीक करने की आयुर्वेदिक दवा तैयार हो चुकी है। पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने शनिवार को यह बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि दवा का पहले फेज में क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। इसका 100% रिजल्ट आया है। सैकड़ों मरीज इस दवा को लेने से ठीक हुए हैं। अगले 3-4 दिनों में वह ठीक हुए मरीजों के डेटा के साथ पूरा सबूत दुनिया के सामने रखेंगे। बालकृष्ण ने कहा, '' कोरोना जब फैलना शुरू हुआ था तो हमने वैज्ञानिकों की टीम शोध के लिए लगा दी थी। वैज्ञानिकों ने कोरोना से लड़ने, उसे फैलने और ठीक करने की जड़ी-बूटियाें की पहचान की। उनका सैमुलेशन करने के बाद ट्रायल किया गया। सैकड़ों कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ये दवाईयां दी गईं। इसका 100% रिजल्ट आया।'' बालकृष्ण ने कहा कि जिन कोरोना पॉजिटिव मरीजों को ये दवाईयां दी गईं उनमें 70 से 80% मरीज महज 5 से 6 दिन में सही हो गए। सभी मरीज दवा लेने के अधिकतम 14 दिन में ठीक हो गए। ऐसे सभी मरीज बाद में कोरोना निगेटिव पाए गए। यही नहीं गंभीर मरीजों को भी यह दवा दी गई और वह भी ठीक हो गए।  आयुर्वेद में कोरोना का 100%...