एमआईटी की एसोसिएट प्रोफेसर लिडिया बॉरुइबा---
वॉशिंगटन. कोरोनावायरस जैसे खतरनाक संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का दायरा अब बढ़ाना होगा। 1- 2 फीट नहीं, बल्कि कम से कम 27 फीट (लगभग आठ मीटर) की दूरी बनानी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स (छींक और खांसी के कण) में मौजूद वायरस 27 फीट की दूरी तय कर सकता है। मतलब अगर कोई संक्रमित व्यक्ति आपसे 26 फीट की दूरी पर है और वह छींक रहा है तो यह संभव है कि उसका ड्रॉपलेट आप तक पहुंच जाए और आप संक्रमण की चपेट में आ जाएं। यह खुलासा अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिक ने किया है। एसोसिएट प्रोफेसर लिडिया बॉरुइबा ने इस पर शोध किया। उन्होंने ड्रॉपलेट्स की गति पर अध्ययन किया है। न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर ने शोध में यह पाया कि ड्रॉपलेट्स में मौजूद सभी तरह के आकारों वाले कण 23 से 27 फीट की दूरी तय कर सकते हैं। यही नहीं, हवा में वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है। इस शोध को अमेरिकल मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
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