फाइटर प्लेन बॉर्डर के पास भेजे गए,
चीन के सैनिकों से हिंसक झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद भारत ने किसी भी हालात से निपटने की अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया बीते बुधवार को लेह पहुंचे थे। उनका यह दौरा अचानक तय हुआ था। इसके बाद वे श्रीनगर एयरबेस भी गए थे। शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई। इस बीच, एयरफोर्स ने अपने फाइटर प्लेन फाॅरवर्ड बेस और एयरफील्ड की तरफ भेज दिए हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकार के एक सूत्र के हवाले से बताया कि एयरफोर्स चीफ दो दिन के दौरे पर आए थे। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास चीन ने 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात किए हैं। ऐसे में एयरफोर्स चीफ ने किसी भी हालात से निपटने की ऑपरेशनल तैयारियों का जायजा लिया।
चीन के कब्जे में थे हमारे जवान / गलवान में झड़प के तीन दिन बाद भारत के दो मेजर समेत 10 जवान रिहा, चीन का दावा- हमने किसी को बंधक नहीं बनाया-
लद्दाख के गलवान में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में शुक्रवार को नई बात सामने आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की सेना ने भारत के 10 जवानों को बंधक बना लिया था। गुरुवार को बातचीत के बाद इन्हें रिहा कर दिया गया। हालांकि, इस पर सेना का आधिकारिक बयान नहीं आया है। उधर, चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि हमने किसी भारतीय सैनिक को बंधक नहीं बनाया।
गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए। इनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की।
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