यदि पुलिस ऐसी है, तो होनी ही नहीं चाहिए-
सोमवार की दोपहर कुंभारिया गांव में केनरा-सिंडीकेट बैंक में महिला क्लर्क संतोषी कुमारी के साथ अपशब्द बोलकर दुर्व्यवहार करने वाले सरथाणा पुलिस स्टेशन के कांस्टेबल धनश्याम दुलाभाई श्योरा (आहिर) के खिलाफ रिपोर्ट लिखने में पुणा पुलिस ने बैंक वालों को दो दिनों तक चक्कर लगवाए। उसके बाद केवल एनसी रिपोर्ट ही लिखी। इस मामले पर जब केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर पुलिस ने कांस्टेबल के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए उसकी धरपकड़ की।
यदि पुलिस ऐसी है, तो होनी ही नहीं चाहिए
बैंककर्मी महिला ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यदि पुलिस ऐसी है, तो इसे होना ही नहीं चाहिए।
वित्त मंत्री के ट्वीट से हड़कम्प
यह घटना सोमवार की है। जब बैंक में कांस्टेबल ने बैंककर्मियों से दुर्व्यवहार किया था। परंतु पुलिस ने दो दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की। बैंककर्मियों को दो दिनों तक थाने के चक्कर लगवाए। पर जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए कमिश्नर और कलेक्टर को ट्वीट किया, तब जिला प्रशासन हरकत में आया। पुलिस कमिश्नर राजेंद्र ब्रह्मभट्ट स्वयं बैंक पहुंचे। उधर कांस्टेबल को सस्पेंड करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया।
टर्मिनेट नहीं होगा, तब तक लड़ाई जारी रहेगी
गुजरात बैंक वर्कर्स यूनियन के सेक्रेअरी वसंत बारोट ने बताया कि बैंक कर्मचारी को कोई इसी तरह से बैंक में ही मारे, तो यह सहन नहीं होगा। वह कांस्टेबल पुलिस कहलाने के लायक ही नहीं है। जब तक उसे टर्मिनेट नहीं किया जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हम पीएमओ और होम मिनिस्टर से भी शिकायत करेंगे। इस मामले में पहले थाने में सामान्य धाराएं लगाई गई थीं, पर मामला जब उच्चस्तर पर पहुंचा, तो धाराएं बदली गई।
कांस्टेबल का कोरोना टेस्ट
सामान्य रूप से कोई भी आरोपी पकड़ा जाता है, तो उसका कोरोना टेस्ट करवाया जाता है। इस मामले में भी कांस्टेबल धनश्याम की धरपकड़ के बाद उसका कोरोना टेस्ट कराने के लए उसे स्मीमेर हॉस्पिटल ले जाया गया।
क्या कहना है आरोपी कांस्टेबल का
इस संबंध में आरोपी कांस्टेबल धनश्याम का कहना है कि मेरे फूफा जब भी अपनी पास बुक एंट्री करवाने जाते, तो उनका काम नहीं होता था। उन्हें बार-बार बुलाया जाता था। उन्हें तीन दिनों तक चक्कर लगवाए। आखिर में मैं बैंक गया। मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया गया। जब 3.30 बजे गया, तो कहा गया-प्रिंटर खराब है। फिर जब सवा चार बजे गया, तो कहा गया-हमारा वर्किंग ऑवर समाप्त हो गया है। इस कारण मैं आवेश में आ गया। फिर मेरी और बैंककर्मियों के बीच झड़प हुई
घटना का विवरण -संतोषी कुमारी के शब्दों में...
मैं दोपहर के समय अपनी ड्यूटी पर थी। साढ़े तीन बजे एक ग्राहक आया। वह पास बुक की एंट्री करवाने आया था। इस कोरोना काल में हम पास बुक में एंट्री नहीं करते, बल्कि स्टेटमेन देते हैं। पर वह एंट्री पर जोर दे रहा था। फिर उसने फोन पर किसी से बात की। उधर फोन पर एक पुलिस वाला था, जो मुझसे बात करना चाहता था। उसने मुझे अपशब्द कहे, उसके बाद वह कहने लगा- किसे कोरोना है, मोदी पागल है, उसे मास्क पहनाना चाहिए। कोई कोरोना नहीं है। हम तीन महीने से ड्यूटी पर हैं। बाद में 4:20 बजे वह बैंक के अंदर आकर अधिकारी से दुर्व्यवहार करने लगा। मैं उस घटना को अपने मोबाइल में कैद कर रही थी। तब उसने मुझे मारा। फिर धक्का मारा। मेरे गले और छाती पर हाथ रखा। मैं सिक्योरिटी को आवाज दी। इस पर वह नाराज हो गया। फिर कहने लगा-मैं पुलिस वाला हूं, कोई मुझे हाथ नहीं लगा सकता। ऐसा कहते हुए उसने किसी को भी अंदर आने नहीं दिया। फिर मुझे पुलिस वैन में ले जाया गया। वैन में कोई महिला पुलिस भी नहीं थी। बाद में मेरे पति आए, तो उन्हें कुछ भी बोलने नहीं दिया गया। उनसे कहा गया-तुम चुप रहो, नहीं तो तुम पर भी कार्यवाही की जाएगी। इस तरह से मुझे और मेरे पति को धमकी दी गई। हम जो धाराएं लिखवाना चाहते थे, व नहीं लिख रहे थे। कांस्टेबल के खिलाफ मामूली धाराएं लिखी गई।
सीसीटीवी फुटेज से पता चला-मामला गंभीर है
इस संबंध में कमिश्नर राजेंद्र ब्रह्मभट्ट ने बताया कि कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है। पहले बैंक के असिस्टेंट मैनेजर हर्षद तिवारी नी एनसी रिपोर्ट लिखी। फिर बाद में सीसीटीवी के फुटेज देखा, तो पता चला कि मामला गंभीर है। इसलिए बाद में धाराएं बदली गई। कांस्टेबल के खिलाफ 353 छेड़छाड, 447 गैरकानूनी प्रवेश, 332 सरकारी कर्मचारी पर हमला और मास्क न पहनने से एपेडेमिक डिसीस एक्ट की धारा भी लगाई गई। उसके बाद उसकी धरपकड़ की गई।
सरथाणा पुलिस स्टेशन का कांस्टेबल धनश्याम दुलाभाई श्योरा -R-D-B
Comments
Post a Comment