अनलॉक-4 की गाइडलाइंस जारी:7 सितंबर से मेट्रो रेल सर्विसेस शुरू होंगी; 21 सितंबर से 100 लोगों की लिमिट के साथ राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रम हो सकेंगे; स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे--
1. मेट्रो सर्विसेस: 5 महीने बाद शुरुआत
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर चाहते थे कि मेट्रो सर्विसेस की शुरुआत हो। अनलॉक-4 के तहत राज्य सरकारें 7 सितंबर से इनकी शुरुआत कर सकेंगी। इसमें सफर कैसा होगा और किन बाताें का ध्यान रखना होगा, इसके लिए शहरी विकास मंत्रालय अलग से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) जारी करेगा।
2. सौ लोगों की लिमिट के साथ हर तरह के जमावड़ों को इजाजत
22 मार्च को जब जनता कर्फ्यू लगा था, उसके पहले से ही देशभर में राज्य सरकारों ने धार्मिक, सांस्कृतिक, अकादमिक, खेल, मनोरंजन और राजनीतिक आयोजनों पर रोक लगा दी थी। अब इन्हें 21 सितंबर से दोबारा शुरू करने की इजाजत दी गई है। इनके लिए ओपन एयर थिएटर्स भी 21 सितंबर से खोल दिए जाएंगे, लेकिन इस तरह के कार्यक्रमों के लिए कुछ शर्तें हैंः
- ऐसे जमावड़ों में 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकेंगे।
- जमावड़ों में शामिल होने वालों के लिए मास्क जरूरी होगा।
- जहां इस तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं, वहां सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय करने जरूरी हैं।
- जहां जमावड़े होंगे, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजर या हैंड वॉश की सुविधा देना जरूरी है।
3. लगभग हर घर का सवाल- स्कूल-कॉलेज खुलेंगे या नहीं?
इसका जवाब है नहीं। गाइडलाइंस में कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल और कोचिंग इंस्टिट्यूट्स 30 सितंबर तक बंद ही रहेंगे। हालांकि, 21 सितंबर से इसमें कुछ मामलों में छूट दी जा रही है...
- ऑनलाइन कोचिंग और टेली काउंसलिंग जैसे कामों के लिए 50% टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ स्कूलों में बुलाया जा सकेगा। राज्य सरकारें इसकी इजाजत दे सकती हैं।
- 9वीं से 12वीं के बच्चे टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए अपनी इच्छा से स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए उन्हें अपने पैरेंट्स या गार्जियन से लिखित में मंजूरी लेनी होगी।
- नेशनल स्किल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स (ITI) और शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग सेंर्ट्स में ट्रेनिंग दी जा सकेगी।
- नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिजनेस डेवलपमेंट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप में भी ट्रेनिंग शुरू की सकेगी।
- सिर्फ पीएचडी कर रहे रिसर्च स्कॉलर्स के लिए हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स खुलेंगे।- टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्सेस के जिन पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए लैबोरेटरी का इस्तेमाल या एक्सपेरिमेंट वर्क जरूरी है, वे कॉलेज जा सकेंगे। राज्यों से बातचीत के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट इन्हें खोलने की इजाजत देगा।
4. क्या अब बार-बार लॉकडाउन नहीं लगेगा?
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस से तो ऐसा ही इशारा मिल रहा है। इसमें कहा गया है- राज्य सरकारें अब राज्य, जिला, सब डिविजन, शहर या गांव के स्तर पर कंटेनमेंट जोन के बाहर केंद्र सरकार से सलाह किए बिना लॉकडाउन नहीं लगा सकेंगी।
5. देश में अभी क्या बंद रहने वाला है?
- रेगुलर पैसेंजर ट्रेन सर्विसेस बंद रहेंगी। अभी सिर्फ चुनिंदा ट्रेनें चल रही हैं।
- इंटरनेशनल फ्लाइट्स बंद रहेंगी। अभी सिर्फ वंदे भारत मिशन के तहत उड़ानें चल रही हैं।
- मल्टीप्लेक्सेस बंद रहेंगे।
- सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, एंटरनेटमेंट पार्क, क्लोज्ड थिएटर बंद ही रहेंगे।
6. वो बातें जो हर बार बताई जाती हैं...
- कंटेनमेंट जोन में 30 सितंबर तक लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
- इंटर और इंट्रा स्टेट मूवमेंट पर कोई रोक नहीं होगी। किसी को भी देश में कहीं भी जाने के लिए अलग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
- सभी को सोशल डिस्टेंसिंग रखना होगी। दुकानों पर ग्राहकों के बीच भी सोशल डिस्टेंसिंग रखना जरूरी है।
- 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, 10 साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य घातक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को जब तक जरूरी न हो, बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।---
--------NEWS
- कोरोना काल में लोगों को डर था कि करंसी भी ‘संक्रमित’ हो सकती है
- लोगों ने नोटों को सैनिटाइज किया, उन्हें धोया और घंटों तक धूप में सुखाया
कोरोना काल में बड़ी संख्या में भारतीय करंसी खराब हो गई। वजह- लोगों ने नोटों को सैनिटाइज किया, उन्हें धोया और घंटों तक धूप में सुखाया। यही वजह है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) तक पहुंचने वाले खराब नोटों की संख्या ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल दो हजार रुपए के 17 करोड़ नोट खराब हुए। यह संख्या पिछले साल की तुलना में 300 गुना ज्यादा है। दूसरे नंबर पर 200 रुपए के नोट हैं। वहीं, तीसरे नंबर 500 रुपए के नोट हैं। पिछले साल की तुलना में इन सभी नोटों के खराब होने की संख्या बढ़ी है।
बैंकों में भी गडि्डयों पर सैनिटाइजर का स्प्रे
रिपोर्ट में कहा गया है कोरोना काल में लोगों को डर था कि करंसी भी ‘संक्रमित’ हो सकती है। इस तरह की कई रिपोर्ट्स आने के बाद लोगों ने करंसी को सैनिटाइज करना शुरू कर दिया। वहीं शुरुआत में लोगों ने नोटों को धो डाला। इतना ही नहीं नोटों को घंटों तक धूप में सुखाया भी। बैंकों में भी गड्डियों पर सैनिटाइजर स्प्रे किया जा रहा है। इसका नतीजा ये हुआ कि पुरानी तो छोड़िए नई करंसी ने भी सालभर में दम तोड़ दिया।
10 रुपए से लेकर दो हजार रुपए तक के नोट खराब
आरबीआई द्वारा जारी खराब नोटों की रिपोर्ट से साफ है कि 10 रुपए से लेकर दो हजार रुपए तक के नोट पहली बार इतनी बड़ी संख्या में खराब हुए हैं। दो हजार के नोट की छपाई बंद हो चुकी है। पिछले साल दो हजार के 6 लाख नोट आरबीआई बदलने के लिए पहुंचे थे। इस बार ये संख्या 17 करोड़ से भी ज्यादा हो गई।
20 रुपए की नई करंसी 20 गुना खराब
500 की नई करंसी दस गुना ज्यादा खराब हो गई। 200 के नोट तो पिछले साल की तुलना में 300 गुना से भी ज्यादा खराब हो गए। 20 रुपए की नई करंसी एक साल में बीस गुना ज्यादा खराब हो गई।
- दुनिया में 68 लाख से ज्यादा एक्टिव केस, अब तक 1.74 करोड़ ठीक हुए
- अमेरिका में 61 लाख से ज्यादा संक्रमित, 1.86 लाख की मौत
- दुनिया में कोरोनावायरस के अब तक 2 करोड़ 50 लाख 90 हजार 718 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 74 लाख 30 हजार 355 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 44 हजार 784 की मौत हो चुकी है। वहीं, कुल संक्रमितों में 53% यानी 1 करोड़ 34 लाख 42 हजार 263 मामले अमेरिका (61,27,533), ब्राजील (38,19,077) और भारत (35,39,712) में हैं।
- मॉस्को: मौतों का आंकड़ा बढ़ा
मॉस्को को छोड़कर रूस के बाकी हिस्सों में काफी हद तक संक्रमण पर काबू पाया जा चुका है। हालांकि, मॉस्को में हालात बहुत सुधरते नजर नहीं आते। मॉस्को में गुरुवार को 12 संक्रमितों की मौत हुई। इतना ही नहीं करीब पांच हजार नए मामले सामने आए। - यूएई : फिर नए केस सामने आए
आईपीएल 2020 यूएई में 19 सितंबर से शुरू होना है। लेकिन, इसके पहले देश में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार को यहां 390 मामले सामने आए। इसके साथ ही मरीजों का आंकड़ा अब 68 हजार 901 हो गया। - फ्रांस: लॉकडाउन हटाना महंगा पड़ा
यूरोपीय देशों में अगर किसी देश में संक्रमण की दूसरी लहर का असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है तो वो फ्रांस है। शुक्रवार को एक बार फिर तेजी से मरीज बढ़े। 7 हजार 379 मामले सामने आए। इसके साथ ही इस हफ्ते मरीजों की संख्या करीब 22 हजार ज्यादा हो गई। फ्रांस सरकार ने संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की तरफ इशारा किया है। - कनाडा : ट्रैवल बैन बढ़ाया
कनाडा ने दूसरे देशों में जाने वाले और वहां से आने वाल लोगों के लिए नया ट्रैवल प्लान तैयार किया है। इसके तहत यूएस से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध 30 सितंबर तक बढ़ा दया है। पहले यह 21 सितंबर तक था। सरकार का कहना है कि अगर यह प्रतिबंध हटाए जाते हैं तो देश में संक्रमण के मामले बहुत तेजी से बढ़ने की आशंका है। - मेक्सिको के हॉस्पिटल में ला-लुची रोबोटिना नाम का रोबोट लाया गया, यह अपने व्हील के जरिए कोरोना के मरीजों के पास जाकर बातें करता है
- रोबोट में लगे कैमरे और डिस्पले स्क्रीन से डॉक्टर्स मरीज का हालचाल जानते हैं
- अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीज अपनों से दूर हैं। वे वायरस से लड़ने के साथ तनाव से भी जूझ रहे हैं। मेक्सिको के एक हॉस्पिटल में मरीजों का अकेलापन दूर करने के लिए रोबोट तैनात किया गया है। यह बारी-बारी मरीजों के पास जाता है और बात करके तनाव दूर करने की कोशिश करता है।
- इनसे संक्रमण फैलने का खतरा नहीं
रोबोट को नवम्बर 20 नेशनल मेडिकल सेंटर में लगाया गया है। हॉस्पिटल की न्यूरोसायकोलॉजिस्ट ल्युसिया लेडेसमा के मुताबिक, इस रोबोट की मदद से एक इंसान होने का अहसास होता है। कोविड-19 जोन में बिना किसी ड्रॉपलेट इंफेक्शन के वह घूम सकता है। 2025 तक देश में कैंसर पीड़ितों की संख्या करीब 15.7 लाख होगी। यहां कैंसर रोगियों का जिक्र इसलिए, क्योंकि मौजूदा कोरोना काल में कैंसर मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कते हो रही हैं। कोरोना के चलते कैंसर पीडितों के इलाज और उनकी देखभाल में भारी बदलाव आया है।
विशेषज्ञों ने अमेरिका के न्यूयार्क स्थित मोंटफोर मेडिकल सेंटर में भर्ती 218 ऐसे कैंसर मरीजों का अध्ययन किया जो कोरोना से संक्रमित हो चुके थे। 18 मार्च से 8 अप्रैल के बीच की गई इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने पाया कि इनमें से 61 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई जो कि कुल संख्या का 28% है। इस दौरान अमेरिका में कोरोना से मृत्यु दर 5.8 प्रतिशत थी।
इन 12 में से कोई भी लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सम्पर्क करें
- तेज बुखार आना, शरीर में कंपकंपी, पसीना आना, जीभ या मुंह में घाव हो जाना, जीभ पर सफेद परत जम जाना।
- बलगम बनना, सांस लेने में परेशानी होना, पेशाब के दौरान जलन होना या रक्त का आना, पेट में दर्द या ऐंठन होना।
- गले में जकड़न, साइनस का दर्द, कान या सिर में दर्द रहना।
वो बातें जो हाई रिस्क रोगियों के लिए बेहद जरूरी हैं
- कोरोना वायरस के चलते हेल्थकेयर सिस्टम को भी कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सा पेशेवरों पर काम की अधिकता का भार है। ऐसे में कैंसर पीडितों के लिए वायरस के संभावित जोखिम को देखते हुए उपचार का समय निर्धारित करना आवश्यक है। जब तक रोगी वायरस के संपर्क में नहीं आता है, तब तक हाई रिस्क वाले रोगियों की देखभाल को रोककर नहीं रखा जाना चाहिए।
- कैंसर रोगियों के लिए चेक-अप क्षेत्र अलग होने के साथ स्क्रीनिंग अनिवार्य की जानी चाहिए। परामर्श के दौरान डॉक्टर के साथ ही रोगी को अत्यधिक सुरक्षा और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। कैंसर रोगियों को इस समय और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि वायरस के संपर्क में आने का खतरा कम हो। उन रोगियों के लिए जिन्हें तत्काल सर्जरी या प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है, जहां भी संभव हो. टेली-परामर्श और टेली-मेडिसिन का उपयोग करना चाहिए।
- कैंसर रोगियों के लिए किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले, उपचार और दवा के प्रभावी और सुरक्षित कोर्स को सुनिश्चित करने के लिए सभी टेस्ट कराना महत्वपूर्ण है। यही नहीं कैंसर रोगी के साथ ही उनकी देखभाल करने वालों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है ताकि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके। इसके अलावा जितना हो सके अन्य विकल्पों को उपयोग कैंसर पीड़ितों को अपने इलाज के दौरान करना चाहिए।
- ------------------------NEWS
FORCE-TODAY VOLUNTEER DRUGS FREE WORLD[USA] CAMPAIGN
START-6 SEP-2020 DEVI-ROAD KOTDWAR
FORCE TODAY NEWS
EmoticonEmoticon