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पाक विस्थापित हिंदू परिवार का दर्द,- पूरे परिवार के साथ खुदकुशी -

 

जोधपुर में 11 लोगों की मौत का मामला:तीन बहनों ने मिलकर बनाई थी पूरे परिवार के साथ खुदकुशी =


The three sisters had made a suicide plan with the whole family ...


पाकिस्तान से विस्थापित हाेकर 6 साल पहले जाेधपुर के देचू स्थित लोड़ता अचलावतां गांव आए परिवार के 12 में से 11 लाेगाें की संदिग्ध मौत से हर कोई हैरान है। प्रारंभिक जांच में यही सामने आया है कि पुलिस और केवलराम के ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर 25 साल की अविवाहित नर्स बेटी प्रिया ने दो बहनों सुमन (22) और लक्ष्मी (40) के साथ मिलकर पूरे परिवार के साथ खुदकुशी की प्लानिंग की थी। प्रिया ने पहले परिवार के 10 लोगों को जहर का इंजेक्शन दिया और बाद में खुद भी जान दे दी। भाई केवलराम को उसने नींद की गोलियां देकर खेत में रखवाली करने भेज दिया था।

पुलिस को मिले सुसाइड नोट में जिक्र है कि प्रिया पर केवलराम के मूक-बधिर साले के साथ जबरन शादी करने का दबाव बनाया जा रहा था। दोनों भाइयों केवलराम और रवि का भी अपनी-अपनी पत्नियों से विवाद था। दोनों पर पत्नियों ने घरेलू हिंसा सहित कई केस भी दर्ज करा रखे थे। कई परिवाद देने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसी सबसे परिवार परेशान था।

सुसाइड नोट : भाई केवलराम डरपोक है, इसलिए उसे नींद की गोलियां दे दी, हमारी भाभियां और उसके मायके वाले पाक की किसी गलत कंपनी से मिले हैं

सुसाइड नोट में बदा और भाई बागसिंह नाम के दो लोगों का जिक्र है। दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इसमें लिखा है- बदा और बागसिंह जी, 30/07/2020 को मंडोर पुलिस ने मुझे कुछ गलत इंजेक्शन दिया था। पाक से हम बचने के लिए भारत आए थे, जगह-जगह जिंदगी बचाने के लिए छुपे। बागसिंह जी हम आपसे नहीं मिले।

पुलिस और वे लोग बहुत खतरनाक हैं। हमें नहीं छोड़ते, बदा हमें क्षमा कर दीजिएगा। हमारी भाभियां और उसके मायके वाले पाक की किसी गलत कंपनी से मिले हुए हैं। ‘बागसिंह जी... हमारा भाई केवलराम डरपोक है, जब हमने ये योजना बनाई थी, तब भाई को पता नहीं था। इसलिए उसे नींद की गोलियां दे दी।.भाई का साथ देना।

पोस्टमार्टम : कीटनाश से ब्लॉक हो गई थी नसें
पोस्टमार्टम के दौरान कीटनाशक के कारण शरीर की नसें ब्लॉक मिली। 5 लोगों रवि, दयाल, लक्ष्मी, नैन व सुमन के बाएं जबकि बुद्धाराम, दीया, मुकदश, अंतरादेवी व दानिश के दाहिने हाथ में इंजेक्शन के निशान हैं। प्रिया ने अपने पैर में इंजेक्शन लगाया।

चूंकि प्रिया नर्स थी, उसे पता था कि उसके हाथ में नस आसानी से नहीं मिलती है, ऐसे में उसने पहले से अपने पांव में कैनुला लगा रखा था। खुद के इंजेक्शन भी वहीं लगाया।

बड़ा सवाल : क्या पूरे परिवार की सहमति थी?
बड़ा सवाल यह है कि प्रिया ने पूरे परिवार के साथ दूसरी बहन मलका के दो बच्चों को भी क्यों मारा? क्या घटना में पूरे परिवार की सहमति थी?

इतनी अर्थियां देख उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम हो गई।


From female head constable to deputy threatened | महिला ...

पाक से भारत तक मिले दर्द की कहानी, यह वीडियो लक्ष्मी ने घटना से 1 दिन पहले 7 अगस्त काे बनाया था

  • लक्ष्मी भील की जुबानी, पाक विस्थापित हिंदू परिवार का दर्द, अपनों के बीच भी जुल्म-सितम ही मिले...
  • परिवार की जिंदगी बचाने पांच साल तक लड़ती रही तीन बहनें, हारकर उन्हीं जिंदगियों को खत्म कर लिया
  • मैं लक्ष्मी, जाति भील। पिता बुद्धाराम। रहने वाले भारत के ही लेकिन कर्मों के कारण पाकिस्तान पहुंच गए। वहां से अपनी जिंदगियां बचाने के लिए 2015 में जोधपुर आ गए। आंगणवा की बस्ती में आशियाना बसाया। भाइयों के ससुराल पक्ष और अपने भी इसी बस्ती में रहते थे, तो उम्मीद थी कि अपनों के बीच जिंदगी अब आसानी से जी सकेंगे। हम भारत, यहां के कानून, सिस्टम और गली तक को नहीं जानते थे। जिंदगियां संकट में थी, बचाने के लिए भागे, अपने देश में अपनों के बीच सुखी रहने के लिए आ गए।

    मेरी जिंदगी की कहानी संगीन है। इसे मैंने अपनी डायरी में लिखा। अब इतना समय नहीं है कि पूरी डायरी पढ़ कर बता सकूं। इस शॉर्ट वीडियो में अपनी जिंदगी की कहानी बताना चाहती हूं। सीधे-साधे व नेक इंसान की बेटी हूं। पाकिस्तान में सभी लोग गलत नहीं हैं, लेकिन वहां भी कुछ ऐसी कंपनियां हैं, ऐसे लोग रहते हैं, जो इंसान के दुश्मन हैं। वो चैन से नहीं जीने देते। गरीब के बच्चे पढ़ नहीं सके, आगे नहीं बढ़ सके, गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं। ये खतरनाक कंपनियां अच्छे लोगों के पीछे पड़ जाती हैं।

    जब छोटी थी, तभी से ये कंपनियां मेरे पीछे लग गई थी। अपना धर्म बचाने के लिए मैं जागरूक थी। पढ़ लिखकर अपने देश में रहने का सपना देखा तो कंपनी ने इस सपने को तोड़ने की ठान ली। बहुत दु:ख दिए। वहां के जागीरदार व एक पार्टी ने हमारा साथ दिया। हम मौत के मुंह से बचकर आ गए। दो साल पहले मेरी एक छोटी बहन ने यातनाओं के कारण 2017 में यहां दम तोड़ दिया।

    पहले ही दबे और कुचले हुए थे, जैसे-तैसे जोधपुर पहुंचे थे और पहले ही दिन से भाई के ससुराल पक्ष ने हमले और अत्याचार शुरू कर दिए। पाकिस्तान की तरह यातनाएं देने की कोशिश। रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम लिखवाए हैं, उन्होंने भगत की कोठी से ही हम बहनों को गायब करवाने की कोशिश की। शादी व रिश्तों के बहाने अपनापन दिखाकर इन लोगाें ने हम बहनों को बेचने की कोशिश की।

    इनके तौर तरीके से समझ में आ गया कि यहां अपने भी धोखा देने में लगे हैं। जब जोधपुर आ गए थे तो पाकिस्तान में भाई को गिरफ्तार करवा दिया था। एक वकील साहब ने पािकस्तान छोड़ते समय आगाह किया था कि गैंग वहां भी परेशान करेगी, ध्यान रखना। हमने उनकी बात पर गौर नहीं किया, लेकिन भाई के ससुराल पक्ष की हरकतों ने वो सलाह याद दिला दी। इनका मकसद हमें बेचना ही था, बर्बाद करना था।

    प्रताड़ना की जानकारी हमने हमारे गारंटर सुनील को बताई तो उन्होंने भी चुप रहने की हिदायत दी। अपहरण के प्रयास हुए, दूसरे लोग भी इस गैंग का ही साथ दे रहे थे। मंडोर पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस ने भी हमें ही डांटा। कहते, यहां लड़ने आए हो। यहां से भागकर ट्यूबवेल पर रहने लगे। वहां भी उनके लोग पहुंच गए।

    हद पार परेशान करने लगे। पुलिस को शिकायत दी, आईजी को बताया। सहायता मांगी। सुरक्षा मांगी। इस पर कोई सहायता नहीं मिली। महिला थाने में हमारे खिलाफ मुकदमा करवा दिया गया। पुलिस को पूरी बात बताई, सबूत दिए, लेकिन नहीं सुना और मुझे पाबंद कर दिया। इसके बाद भाभी से रिश्ता तोड़ दिया। फिर भी इन लोगों ने पीछा नहीं छोड़ा। मंडोर थाने में मैंने रिपोर्ट दी, उस पर भी कार्रवाई नहीं की। इसमें भी मुझे ही पाबंद कर दिया।

    पाबंद नहीं हुई तो पुलिस परेशान करने लगी। डिप्टी साहब तक ने धमकाया, चुप रहो नहीं तो वापस पाकिस्तान भेज देंगे। धमकियां सहन करती रही। बाद में एसपी, कलेक्टर को आपबीती बताई। मुख्यमंत्री, गृहमंत्री तक ज्ञापन भेजे।

    फरवरी 2020 में प्रधानमंत्री कार्यालय तक जाकर अपनी शिकायत दी। मेरी संपर्क पोर्टल व पुलिस में दी शिकायत पर मुझे 29 जुलाई को मंडोर थाने बुलाया गया। पुलिस वालों ने बड़ी शराफत से बात की, शिकायत पूछी। वहां लेडी कांस्टेबल दुर्गा को मैंने अपनी पूरी बात, सारे सबूत, डायरी, फोन, सबकुछ दिखाया। मुझसे सभी सबूत लेने की जगह छीनने की कोशिश की। बच्चा जहन मेरे साथ।

    उसके हाथ में ये देकर उसे भगा दिया। मुझे पकड़ लिया। दुर्गा मैडम ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि मैंने उससे मारपीट की है। अंदर बंद कर दिया। मेरी बहनों ने लोगों को फोन कर जानकारी दी कि मुझे पुलिस ने पकड़ लिया है। मुझे डरा-धमका कर पहले की गई शिकायतों पर चुप रहने को कहा।

    थाने के सवाई ने भी बुरा-भला कहा। जबरन साइन करवाए। हिंदी में लिखा, जो मुझे आती नहीं। अंग्रेजी व उर्दू में भी साइन करवाए। मेरे साथ छल हुआ। सभी ने मिलकर धोखा किया। मेरी बहन ने एक डॉक्टर से फोन करवाया। थाने में इंजेक्शन तक लगाया और हंसकर बोली, अब इसका इलाज हो गया है। इसे छोड़ दो। इसके बाद रात आठ बजे कलेक्ट्रेट में सर प्रताप की मूर्ति के पास छोड़ दिया।

  • देचू पुलिस ने भी बुलाकर एक बार प्रताड़ित किया था। शरीफा ने गैंग के माध्यम से ही मेरे भाई पर दबाव बनाकर शादी की थी। हमें भी दूसरे लोगों के यहां शादी करवा कर बर्बाद करना चाहते थे। भगवा लिबास में दो आदमी भेजे गए थे। हमें टोना-टोटका के नाम पर डराने आए थे। पाकिस्तान से ही आए डॉ. भागचंद मेरी मदद के नाम पर सहानुभूति जता रहे थे, लेकिन वे भी उसी गैंग में जुड़ गए थे।

    नाथड़ाऊ की टीकू बाई को हमें शादी के झांसे में लाने का काम सौंपा गया था। वह हमारे घर भी आई थी। रिश्ता देने को भी हम तैयार हो गए थे, लेकिन जब टीकू के भाई की सास के इशारे पर काम करने का पता चला तो हमें समझ आ गया।

    गंगाराम नामक व्यक्ति ने भी हमसे छल करने की कोशिश की। हर किसी ने मुझसे पैसे लिए, शिकायत लिखने, थाने में दर्ज करवाने, आगे पहुंचाने के नाम पर ठगते गए। गांव में लोगों ने पहले सहारा दिया, बाद में वे भी दु:ख देने लगे। अब मुझे ये हैरत हो रही है कि पाकिस्तान के कुछ लोगों के कारण मैं बचकर यहां तक पहुंची लेकिन यहां कुछ लोगाें ने वहां की गैंग के साथ मिलकर हमारे खिलाफ युद्ध शुरू कर दिया।

    दोनों भाई, जुड़वां हैं, भोले हैं। मैं बड़ी थी। लड़ी। 10 साल की थी तब से लड़ती आ रही हूं। इतने लोगों ने तीनों बहनों को सताया। गैरों से ज्यादा अपने हमें बर्बाद करने में लग गए। मेरी यह डायरी सही हाथों में पहुंची तो बहुत से परिवारों की जिंदगी बच जाएगी। अब ईश्वर ही हमारी अंतिम जगह है। वहीं की यात्रा करनी है। सभी जहां जाते हैं, मजबूरन हमें भी वहीं जाना पड़ा है।

  • देचू के लाेड़ता अचलावतां गांव में एक ही परिवार के 11 सदस्याें की माैत के मामले में पुलिस ने दुबारा मौके पर जांच की। इसमें पुलिस टीमों ने मृतकाें के सदस्यों के पासपोर्ट ढूंढे। इन्हीं से पता चला कि भील परिवार धार्मिक वीजा पर भारत आया था।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार भील परिवार की बेटी प्रिया उर्फ प्यारी और लक्ष्मी, दोनों ने नर्सिंग कर रखी थी, लेकिन प्रिया ही प्राइवेट हॉस्पिटल में नौकरी कर रही थी। बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 में पारिवारिक विवाद में इस परिवार की झोंपड़ी को आग लगा दी गई थी और लक्ष्मी की नर्सिंग डिग्री इसमें जल गई थी।

    ग्रामीण पुलिस की टीमें यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्रिया या लक्ष्मी, दोनों में से परिवार के अन्य सदस्यों को इंजेक्शन किसने लगाए थे। हालांकि प्रारंभिक जांच में ये अनुमान लगाया जा रहा है कि इन दोनों में से प्रिया ही प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करते हुए इंजेक्शन लगाने का अनुभव रखती थी। 11 मृतकाें में से एकमात्र उसी के पैर में केनूला लगा था। संभव है कि ऐसा उसने खुद ही किया होगा। लेकिन मौके पर मिली नींद की गोलियों के खाली रैपर, कई इंजेक्शन, सीरिंज और कीटनाशक के डिब्बे कहां से खरीदे गए थे, इसकी पड़ताल की जा रही है।

  • केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक शिकायत, लेकिन कहीं मदद नहीं मिली






Breaking! Bollywood actor Sanjay Dutt admitted to the Lilavati ...

-शॉकिंग न्यूज:61 साल के संजय दत्त को स्टेज 3 का लंग कैंसर, इलाज के लिए अमेरिका हुए रवाना-

संजय दत्त को स्टेज 3 लंग कैंसर डाइग्नोस हुआ है। संजू के एक करीबी दोस्त ने इस बात का खुलासा किया है। संजय दो दिन पहले ही लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे, जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके बाद उनका कोरोना टेस्ट लिया गया जो निगेटिव आया था। अब जब यह खबर सामने आई है तो वे इलाज के लिए अमेरिका रवाना हो गए हैं।

पिछले 5 महीनों से परिवार से दूर हैं संजय

बॉलीवुड हंगामा की एक खबर के अनुसार संजय के दोस्त ने यह खुलासा किया है। उन्होंने कहा- बाबा तबाह हो गया है। उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। वे अभी अपनी मां के साथ दुबई में हैं। लेकिन इस भयानक खबर को सुनना उनके लिए बहुत मुश्किल होगा। मुंबई के लीलावती अस्पताल में संजय दत्त के कई सारे टेस्ट हुए जिनकी रिपोर्ट मंगलवार को आई।

मंगलवार को ही कहा शॉर्ट ब्रेक ले रहा हूं

संजय दत्त ने रिपोर्ट्स आने के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। जिसमें वे अपने काम से शॉर्ट ब्रेक लेने की बात कह रहे थे। पोस्ट में लिखा था- 'दोस्तों, मैं मेडिकल ट्रीटमेंट्स के लिए काम से एक छोटा सा ब्रेक ले रहा हूं। मेरा परिवार और दोस्त मेरे साथ हैं। मैं अपने सभी शुभचिंतकों से निवेदन करता हूं कि वे बिल्कुल भी चिंता न करें। साथ ही अनावश्यक रूप से अटकलें भी ना लगाएं। आपके प्यार और शुभकामनाओं से मैं जल्द ही वापस आऊंगा।'

परिवार में कैंसर का इतिहास

संजय दत्त के परिवार में पहले भी कैंसर होने की इतिहास रहा है। संजय की मां नरगिस को भी पैंक्रियाटिक कैंसर था। जो 1981 में संजय की फिल्म रॉकी की रिलीज से 3 दिन पहले ही दुनिया से अलविदा कह गई थीं।

12 दिन पहले मनाया 61वां बर्थडे

29 जुलाई, 1959 को मुंबई में जन्में संजय ने 12 दिन पहले ही अपना 61वां जन्मदिन मनाया है। वे दिवंगत अभिनेता सुनील दत्त और अभिनेत्री नरगिस के इकलौते बेटे हैं। संजय ने तीन शादियां कीं है। उन्होंने तीसरी शादी 2008 में मान्यता से की, जिनसे उनके 2 जुड़वां बच्चे शाहजान और इकरा हैं।

28 अगस्त को रिलीज होगी नई फिल्म 'सड़क 2'

वर्क फ्रंट की बात करें तो संजय दत्त की अपकमिंग फिल्म 'सड़क 2' 28 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर रिलीज होगी। महेश भट्ट के निर्देशन में बनी इस फिल्म में संजय दत्त के अलावा पूजा भट्ट, आलिया भट्ट और आदित्य रॉय कपूर भी नजर आएंगे।


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दिशा सालियान मर्डर मिस्ट्री:खुद का नाम आने से नाराज हुए सूरज पंचोली, वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई-

वायरल हो रही है दिशा सालियान सूरज ...
इसी फोटो को आधार बनाकर सूरज पंचोली पर निशाना साधा जा रहा था।

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में खुद का नाम घसीटे जाने से नाराज अभिनेता सूरज पंचोली ने मुंबई के वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। सूरज चाहते हैं कि उनका मानसिक शोषण करने वालों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए।

7 पन्नों की शिकायत में सूरज ने आरोप लगाया है कि वे दिशा सालियान को नहीं जानते थे और न ही उनकी कभी उनसे मुलाकात हुई है। उनकी मौत के साथ नाम जोड़कर मीडिया और सोशल मीडिया पर मनगढंत और फर्जी खबरें चलाई जा रही हैं। अपनी शिकायत में सूरज ने कुछ बड़े मीडिया हाउस और यूट्यूब चैनलों के नाम भी लिखे हैं। फिलहाल वर्सोवा पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और अगर इसमें सच्चाई मिलती है तो एफआईआर दर्ज कर पूछताछ शुरू कर सकती है।

वायरल फोटो को आधार बनाकर सूरज का संबंध जोड़ा जा रहा था
कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई थी, जिसमें सूरज पंचोली के साथ दिशा सालियान के होने का दावा किया जा रहा था। हालांकि, इस फोटो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सूरज ने मीडिया और सोशल मीडिया पर जमकर अपना गुस्सा निकाला है। उन्होंने कहा कि वह कभी दिशा से मिले ही नहीं। जो फोटो में दिख रही है वह उनकी दोस्त अनुश्री गौर है जो अब भारत में नहीं रहती है।

बिना कपड़े के बॉडी मिलने की खबरों को मुंबई पुलिस ने किया खारिज
इससे पहले मुंबई पुलिस ने उन खबरों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रह चुकीं दिशा सालियान की डेडबॉडी बिना कपड़ों के मिली थी। मुंबई के पुलिस उपायुक्त विशाल ठाकुर ने कहा, 'दिशा सालियान की बॉडी पर कपड़े न होने की खबरें झूठी हैं।' उन्होंने कहा कि घटना के तुरंत बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव का 'पंचनामा' किया। उस समय दिशा के माता-पिता भी मौके पर थे।

8 जून को हुई थी दिशा की मौत

दिशा सालियान की मौत 8 जून को मुंबई के मलाड इलाके में स्थित एक बिल्डिंग की 14वीं मंजिल से गिरकर हुई थी। उनके पास कोई सुसाइड लेटर बरामद नहीं हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया था। वहीं इसके ठीक हफ्तेभर बाद यानी 14 जून को सुशांत की मौत भी हो गई थी। जिसके बाद से ही लोग इन दोनों की मौत के बीच कनेक्शन होने का आशंका जाहिर कर रहे हैं।



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पुलिस के बीच विवाद-पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती हुई-

मुश्किल में फंसे रवींद्र जडेजा ...

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा की राजकोट में एक महिला पुलिसकर्मी से तीखी बहस हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि तनाव के कारण लेडी हेड कॉन्स्टेबल सोनल गोसाइ को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। डिप्टी कमिश्नर मनोहरसिंह जडेजा की मानें तो अभी तक किसी ने भी एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

सूत्रों के मुताबिक, रविंद्र जडेजा पत्नी रिवाबा के साथ कार से घूमने निकले थे। दोनों ने मास्क नहीं पहना था। इसी दौरान हेड कॉन्स्टेबल सोनल ने उन्हें रोक लिया और मास्क नहीं पहनने के कारण जुर्माना भरने के लिए कहा। सोनल ने लाइसेंस भी मांगा। इसी दौरान दोनों के बीच तीखी बहस हो गई।

जडेजा ने बुरा बर्ताव करने की बात कही
इसी बीच जडेजा ने पुलिस को यह बताया कि हेड कॉन्स्टेबल सोनल ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया। जडेजा का दावा है कि उन्होंने मास्क पहन रखा था। विवाद के बाद सोनल काफी तनाव में आ गईं और विवाद के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती हो गईं।

जडेजा ने मास्क पहन रखा था
डिप्टी कमिश्नर ने कहा, ‘‘जडेजा और हेड कॉन्स्टेबल ने एक-दूसरे के खिलाफ बुरा बर्ताव करने के आरोप लगाए हैं। हालांकि, किसी ने भी अब तक शिकायत नहीं की है। मुझे जहां तक सूचना मिली है कि जडेजा ने मास्क पहन रखा था, जबकि उनकी पत्नी ने मास्क पहना था या नहीं, यह जांच करना पड़ेगा।’’

आईपीएल में चेन्नई के लिए खेलेंगे जडेजा
जडेजा इस बार भी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते नजर आएंगे। टूर्नामेंट कोरोनावायरस के बीच यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेला जाएगा।

जडेजा के नाम 49 टेस्ट में 213 विकेट और 1869 रन
उन्होंने 49 टेस्ट में 213 और 165 वनडे में 187 विकेट लिए हैं। जडेजा ने इन मैचों में 1869 और 2296 रन बनाए हैं। उनके नाम 49 टी-20 में 39 विकेट और 173 रन हैं। आईपीएल की बात की जाए तो, जडेजा ने लीग के 170 मैच में 108 विकेट लिए और 1927 रन बनाए हैं।


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