प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के लिए इस्तेमाल होने वाले वीवीआईपी एयरक्राफ्ट जल्द ही अमेरिका से आने वाले हैं। एयर इंडिया और एयरफोर्स के सीनियर अॉफिसर यह वीवीआईपी एयरक्राफ्ट 'एयर इंडिया वन' लाने के लिए अमेरिका निकल चुके हैं। यह एयरक्राफ्ट मिसाइल अटैक को नाकाम करके पलटवार भी कर सकता है
भारत ने अमेरिका से दो बोइंग-777 ईआर एयरक्राफ्ट (एयर इंडिया वन) खरीदने की डील की थी। इनमें से एक अगस्त में ही डिलीवरी के लिए रेडी है। एयर इंडिया वन (बी-777) एयरक्राफ्ट की सभी तरह की टेस्टिंग की जा चुकी है। विमान की इंटीरियर फिनिशिंग भी पूरी हो चुकी है। अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने भी इसे अपना सर्टिफिकेट दे दिया है।
मिसाइलों से बचाएगा, पलटवार भी कर सकता है
- एयर इंडिया वन आधुनिक और सुरक्षित कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस है। इसमें उड़ान के दौरान ही ऑडियो या वीडियो कम्युनिकेशन किया जा सकता है। इस कम्युनिकेशन को हैक या टैप नहीं जा सकता है।
- इसमें अमेरिका का लायरकैम डिफेंस सिस्टम लगाया गया है। यह विमान को मिसाइलों से बचाता है। हमले भांपने के लिए यह सिस्टम एक बार में कई सेंसर इस्तेमाल करता है।
- यह मीडियम रेंज की मिसाइल पर ऑटोमैटिक तरीके से पलटवार भी कर सकता है। इसके लिए विमान के क्रू को अपनी तरफ से कोई कदम भी नहीं उठाना होता। पायलटों को सिर्फ यह जानकारी मिलती है कि मिसाइल का पता लगाकर उसे नष्ट कर दिया गया।
इसमें मेडिकल सेंटर और कॉन्फ्रेंस हॉल भी है
- अमेरिका से आने वाले वीवीआईपी एयरक्राफ्ट अभी चल रहे बोइंग बी747 जंबो एयरक्राफ्ट की जगह लेंगे।
- इन जहाजों में वीवीआईपी के लिए एक बड़ा केबिन, एक मिनी मेडिकल सेंटर भी है। इसमें प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए भी काफी जगह है।
- पीछे की सीटें इकोनॉमिक क्लास की हैं और बची सीटें बिजनेस क्लास की हैं। एयर इंडिया वन 17 घंटे तक लगातार उड़ सकता है।
एयरफोर्स के पायलट उड़ाएंगे विमान
इन विमानों को एयर इंडिया की जगह एयरफोर्स के पायलट उड़ाएंगे। हालांकि, एयरक्राफ्ट के मेंटेनेंस का काम एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विस लिमिटेड (एआईईएसएल) करेगी। एयर इंडिया वन का रंग अंदर और बाहर से पूरी तरह से बदल गया है। विमान का रंग डिजाइन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने अप्रूव किया था।
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-सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया है।
प्रशांत ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे और 4 पूर्व सीजेआई के खिलाफ ट्वीट किए थे। अब सजा पर 20 अगस्त को बहस होगी।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने प्रशांत भूषण के ट्वीट्स पर फैसला सुनाया। बेंच ने कहा कि कंटेम्नर (अवमानना करने वाला) के खिलाफ जो आरोप हैं, वे गंभीर हैं। कोर्ट ने इस मामले को खुद नोटिस में लिया था।
प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को अवमानना माना
- पहला ट्वीट: 27 जून- जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।
- दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की आलोचना करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।
ट्विटर को भी लगाई थी फटकार
शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में पिछले महीने ट्विटर से भी पूछा था कि अवमानना की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी ट्वीट डिलीट क्यों नहीं किए गए? इस पर ट्विटर की ओर से पेश हुए वकील साजन पोवैया ने कहा, ‘‘कोर्ट आदेश जारी करे तो ट्वीट डिलीट किया जा सकता है। वह (कंपनी) खुद से कोई ट्वीट डिलीट नहीं कर सकती।’’
अवमानना केस में कोर्ट ने 3 लोगों को 3 महीने की सजा सुनाई थी
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में तीन लोगों को अवमानना मामले में 3 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। इन लोगों ने कोर्ट के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। जिन लोगों को सजा सुनाई गई थी, उनमें महाराष्ट्र एंड गोवा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुर्ले, इंडियन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश ओझा और एनजीओ ह्यूमन राइट्स सिक्योरिटी काउंसिल राशिद खान पठान थे।
भूषण को पहले भी अवमानना का नोटिस दिया गया था
प्रशांत भूषण को नवंबर 2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया था। तब उन्होंने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर टिप्पणी की थी।
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विशाखापट्टनम में पिता ने 40 साल के बेटे की हथौड़े से हत्या की
आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में प्रॉपर्टी विवाद के चलते पिता ने बेटे की हत्या कर दी। पिता का नाम वीरा राजू बताया गया है। वीरा ने बेटे के सिर पर पीछे से आकर हथौड़े से कई वार किए। बेटा जमीन पर गिर गया। इसके बाद पिता आराम से वहां से चला गया। कुछ देर बाद उसने पुलिस थाने जाकर सरेंडर कर दिया। पुलिस ने घटना का सीसीटीवी फुटेज बरामद कर लिया है। आगे की जांच जारी है।
बेटे को हमले का अंदाजा नहीं था
घटना घर के बरामदे में हुई। इसके पास ही कार पार्किंग है। वीरा का 40 साल का बेटा एक स्टूल पर बैठा हुआ है। कुछ पल बाद वीरा वहां पहुंचता है। बेटे की पीठ वीरा राजू के सामने थी। यानी बेटा यह नहीं देख पाया कि उसका पिता क्या कर रहा है। वीरा के हाथ में एक हथौड़ा था। उसने बेटे के सिर पर एक के बाद एक कई वार किए। बेटा निढाल और खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर जाता है। इसके बाद वीरा वहां से चला जाता है।
कुछ देर बाद सरेंडर
घटना के कुछ देर बाद वीरा पुलिस स्टेशन पहुंचता है। वहां मौजूद अफसरों को पूरी जानकारी देता है और सरेंडर कर देता है।
पुलिस ने क्या कहा
पुलिस के मुताबिक, वीरा और उसके बेटे के बीच लंबे वक्त से संपत्ति विवाद चल रहा था। एक दिन पहले दोनों के बीच तीखी बहस भी हुई थी। एक पुलिस अफसर ने कहा- वीरा ने बेटे जलराजू की हत्या की है। उसने जुर्म कबूल कर लिया है। दोनों के बीच प्रॉपर्टी विवाद चल रहा था। जलराजू की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। हमने मर्डर केस दर्ज कर लिया है। आगे तफ्तीश जारी है। वीरा को फिलहाल न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
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