सावधान!:क्लच, गियर और ब्रेक भी आपकी कार की उम्र कम कर सकते हैं, ड्राइविंग के दौरान कभी न करें ये 10 गलतियां
- कार में जंग लगने की टेंशन से बचना है तो अंडर बॉडी कोटिंग कर कार की उम्र बढ़ाई जा सकती है
- लंबे समय के लिए कार पार्क कर रहे हों, खासतौर से बारिश के मौसम में तो गलती से भी हैंड ब्रेक न लगाएं
लगभग सभी को आउटिंग के लिए शौक होता है, बारिश हो या कोई भी मौसम फैमिली और फ्रेंड्स के साथ घूमने-फिरने किसे पसंद नहीं। खासतौर से बारिश के मौसम की बात की जाए, तो इस दौरान आउटिंग करने से गाड़ी की अंडर बॉडी में पानी और कीचड़ लग जाता है, जिससे जंग लगने का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक अगर गाड़ी वॉश न करवाई जाए, तो पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं। ऐसे में बारिश के सीजन में गाड़ी साफ-सुथरी रखने की कोशिश करें। बारिश का मौसम जाने की बाद भी जिनकी रनिंग ज्यादा नहीं है उन्हें खासतौर से कार वॉश करा लेना चाहिए ताकि पार्ट्स में जंग लगने की टेंशन न रहे। हो सके तो सायलेंसर की कोटिंग करा लें क्योंकि यह बार-बार गर्म-ठंडा होता है और इसमें ऑक्सीडेशन की प्रोसेस तेज होती है इसलिए जल्दी जंग लगती है। बजट ज्यादा है को फुल बॉडी कोटिंग करा सकते हैं।
2. क्लच के ऊपर जोर देकर लंबे समय तक गाड़ी खड़ी रख
इसे इस बात से समझा जा सकता है कि चढ़ाई चढ़ते वक्त यदि हम जाम में फंस जाते हैं तो हम गाड़ी न्यूट्रल कर हैंड ब्रेक लगाने की बजाए लगातार क्लच पर जोर देकर या हाफ क्लच में गाड़ी आगे बढ़ाते रहते हैं। जाम में फंसे होने से गाड़ी खड़ी रहती है लेकिन क्लच भी अपना काम कर रहा होता है, लंबे समय इस स्थिति में खड़े रहने पर क्लच पर जोर पड़ता है, जिसे उसके खराब होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। इसलिए चढ़ाई पर यदि लंबा जाम हैं तो बेहतर होगा कि हैंड ब्रेक लगाकर गाड़ी न्यूट्रल कर लें।
3. गियर शिफ्ट करने के बाद भी क्लच पर पैर रखे रहना
बात अगर नए ड्राइवर की हो तो यह समस्या बहुत आम है लेकिन कई पुराने ड्राइवर भी अक्सर यह गलती करते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि गियर बदलने के तुरंत बाद क्लच से पैर हटा कर क्लच रेस्ट पर पैर रखें। अगर गाड़ी में क्लच रेस्ट नहीं है तो साइड में रख लें। ऐसे इसलिए क्योंकि पैर के वजन से भी क्लच के ऊपर कुछ न कुछ प्रेशर पड़ता है। हालांकि इससे क्लच डिस्क खराब नहीं होते हैं लेकिन प्रेशर प्लेट के फिंगर्स हार्ड हो जाते हैं, जिससे क्लच कुछ समय बाद टाइट लगने लगता है। लंबे समय तक अगर ऐसा करते हैं तो माइलेज पर तो फर्क पड़ेगा ही साथ ही क्लच में खराबी आने की संभावना बढ़ जाती है।
4. विंड शील्ड को पेपर से साफ करना
हम अक्सर विंड शील्ड को साफ करने के लिए पेपर को इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि विंड शील्ड को पेपर से कभी साफ न करें, क्योंकि ये विंड शील्ड के लिए स्लो पॉइजन का काम करता है। क्योंकि पेपर कई तरह के मटेरियल से बना होता है, अगर हम कांच को पेपर से साफ करेंगे तो उसके छोटे-छोटे कण कांच को धीरे-धीरे खराब कर देंगे। हालांकि इसका असर काफी लंबे समय बाद नजर आता है। इसलिए विंड शील्ड साफ करने के लिए हमेशा माइक्रो फाइबर क्लॉथ से साफ करें। कोशिश करें, जिस कपड़े से गाड़ी का कांच साफ कर रहें हैं उससे किसी दूसरे चीज को साफ न करें, जिससे उस कपड़े में डस्टिंग और हैवी पार्टिकल्स के लगने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
नोट- गर्मी में अगर गाड़ी घर के बाहर लंबे समय तक खड़ी रहती है, तो वाइपर ब्लेड आर्म को उठा दें, ताकि कांच वे विंड शील्ड के संपर्क में न रहें। इससे वाइपर ब्लेड की लाइफ बनी रहेगी।
5. हैंड ब्रेक लगाकर लंबे समय के लिए गाड़ी खड़ी कर देना
खासतौर से बारिश के मौसम में हैंड ब्रेक का इस्तेमाल सोच-समझ कर करें वरना जेब पर भारी पड़ सकता है। बारिश के मौसम में अगर हफ्ते या महीने भर के लिए कहीं गाड़ी खड़ी कर रहे हों तो हैंड ब्रेक न लगाएं। ऐसा करने से पिछले पहिए के ड्रम ब्रेक जाम हो सकते हैं। रिपेयरिंग के लिए मैकेनिक को उसी जगह आकर ड्राम ब्रेक खोलना पड़ेगा, और हो सकता है कि नए भी डलवाना पड़ जाएं।
6. बिना बटन दबाए हैंड ब्रेक खींच देना
कई बार देखने में आता है कि लोग बिना बटन दबाएं हैंड ब्रेक को पूरी ताकत से खींच देते हैं। लेकिन सही तरीका यह है कि हैंड ब्रेक रिलीजिंग बटन दबाकर ही पार्किंग ब्रेक को इंगेज करें। ऐसा नहीं करने पर लॉकिंग गियर खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। सही तरीके से इस्तेमाल करेंगें तो हैंड ब्रेक की लाइफ बनी रहेगी।
7. टायर प्रेशर, व्हील बैलेंसिंग और अलाइनमेंट को नजरअंदाज करना
टायर प्रेशर न सिर्फ टायर बल्कि गाड़ी की लाइफ को बढ़ने में भी अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इस और ध्यान नहीं देते। जिसका परिणाम यह होता है कि हम जल्दी टायर बदलने पढ़ जाते हैं। एक्सपर्ट न बताया कि टायर्स की लंबी उम्र के लिए हर पांच हजार किलोमीटर पर व्हील बैलेंसिंग और हर 10 हजार किलोमीटर पर अलाइनमेंट और टायर रोटेशन करें। आमतौर पर कई कंपनी कई टायर्स की लाइफ 30 हजार किमी. क्लेम करती हैं लेकिन अब समय समय पर व्हील बैलेंसिंग-अलाइनमेंट कराते रहेंगे तो इन्हें 40 हजार किमी. तक भी यूज किया जाता सकता है। इसके अलावा लंबे समय कहीं गाड़ी खड़ी कर रहे हैं तो उसे आगे-पीछे करते रहें ताकि फ्लैट स्पॉट आने की संभावना न रहे।
8. गियर शिफ्टिंग पर ध्यान न देना
कई लोग फर्स्ट गियर पर गाड़ी स्टार्ट करके तेज एक्सीलेरेशन करते हैं और तुरंत बाद गियर बदलना शुरू कर देते हैं। इसका गाड़ी के इंजन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जो थोड़े समय बाद दिखना भी शुरू हो जाता है जब इंजन में या क्लच में काम निकलता है। एक्सपर्ट ने बताया कि इंजन कि बेहतर लाइफ और माइलेज के लिए नॉर्मल और परफेक्ट गियर शिफ्टिंग करनी चाहिए। डीजल गाड़ियों में दो से ढाई हजार आरपीएम पर जबकि पेट्रोल गाड़ी में साढे तीन से चार के बीच में गियर शिफ्ट करें। इसे ऊपर आरपीएम में गियर शिफ्ट करेंगे तो इससे इंजन को नुकसान तो पहुंचगा ही साथ ही फ्यूल की खपत भी ज्यादा होगा।
9. पैसे बचाने के लिए कोई भी इंजन ऑयल डलवा लेना
गाड़ी पर खर्च करने के मामले में कई लोग थोड़े कंजूस हो जाते हैं। पैसे बचाने के चक्कर में कोई सा भी इंजन ऑयल डलवा लेते हैं, जोकि बिल्कुल गलत है। ऑयल की क्वालिटी का सीधा असर इंजन की लाइफ पर पड़ता है। इंजन को बेहतर तरीके से काम करने के लिए अच्छे ऑयल की जरूरत होती है, जिसकी विस्कोसिटी अच्छी हो। एक्सपर्ट ने बताया कि जिसकी गाड़ी साल भर में 50 से 60 हजार किमी. या उससे ज्यादा चलती है, तो उसे इंजन की लंबी उम्र के लिए फुल सिंथेटिक ऑयल डलवाना चाहिए क्योंकि उनकी गाड़ी की रनिंग और इंजन के चलने की घंटे काफी ज्यादा होते हैं, अगर रनिंग कम है तो अथॉराइज्ड सेंटर से मिनरल ऑयल डलवाया जा सकता है।
10. गाड़ी स्टार्ट करते ही दौड़ाने लगना
अक्सर लोग गाड़ी स्टार्ट करते ही उसे दौड़ाना शुरू कर देते है, जोकि बिल्कुल गलत है, क्योंकि इस समय इंजन पूरी तरह से तैयार ही नहीं होता है। खासतौर से सर्दियों के मौसम में ऑयल नीचे जमा हो जाता है, ऐसे में गाड़ी की लंबी उम्र के लिए जरूरी कि ऑयल अच्छी तरह से पूरे इंजन में सर्कुलेट हो जाएं। इसके लिए कर कम से कम एक मिनट के लिए कार स्टार्ट करके छोड़ दें ताकि ऑयल अच्छी तरह के इंजन में फैल जाए। ऐसा न करने पर पिस्टन समेत इंजन के अन्य पार्ट्स डैमेज हो सकते हैं, जो रिपेयर करवाना काफी खर्चीला काम हो सकता है।
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सेफ्टी टिप्स:कार चोरी नहीं होने देंगे ये गैजेट्स और एक्सेसरीज, खतरा होने पर तुरंत मालिक को करते हैं अलर्ट
कीमत: 2000 रुपए*
किल स्विच एक छोटा सा डिवाइस है, इसे बैटरी डिस्कनेक्ट स्विच भी कहते हैं। इसे कार में ऐसी जगह लगाना होता है जहां यह आसानी से नजर न आए। यह स्विच सीधे गाड़ी की बैटरी या फ्यूल पंप से कनेक्ट होता है। गाड़ी पार्क करने के दौरान यदि आप इस स्विच को ऑफ कर देते हैं तो गाड़ी की बैटरी डिस्कनेक्ट हो जाती है या फ्यूल पंप डिस्कनेक्ट हो जाता है (यह इस बात पर निर्भर करेगा कि स्विच को किस चीज से कनेक्ट किया गया है)। ऐसे करने से यदि चोर गाड़ी के अंदर घूस भी जाता है तो कार स्टार्ट नहीं कर पाएगा। इसे ई-कॉमर्स साइट या कार एक्सेसरीज शॉप से खरीदा जा सकता है।
2. जीपीएस ट्रैकर
कीमत: 1000 रुपए*
यह काफी लाजवाब डिवाइस है। यह न सिर्फ गाड़ी चोरी होने से बचाएगा बल्कि किसी कारण अगर कार चोरी हो भी गई, तो उसे ढूंढने में भी मदद करेगा। इसकी मदद से न सिर्फ गाड़ी की लाइव लोकेशन को ट्रेस कर सकते हैं बल्कि अपनी गाड़ी को कुछ फीचर्स कंट्रोल भी कर सकते हैं, जैसे ऐप की मदद से गाड़ी के इंजन को ऑन-ऑफ किया जा सकता है। अगर गाड़ी किसी को दे रखी है और आप चाहते हैं कि गाड़ी किसी निश्चित एरिया में ही रहे उससे बाहर न जाए, तो आप एक इमेजनरी जियो बाउंड्री क्रिएट कर सकते हैं, ऐसा करने से जैसी ही गाड़ी उस बाउंड्री के बाहर जाएगी है आपको तुरंत फोन पर अलर्ट मिल जाएगा। इससे गाड़ी की लाइव लोकेशन-स्पीड-रनिंग और माइलेज का भी पता लगाया जा सकता है। हालांकि अगल-अलग जीपीएस ट्रैकर में अलग फीचर्स होते हैं, ऐसे में खरीदते वक्त थोड़ी रिसर्च कर लें। इसे भी गाड़ी में ऐसी जगह लगवाएं ताकि आसानी से नजर न आए।
3. वीडियो मॉनिटर
कीमत: 7000 रुपए*
यह डेडिकेटेड एंटी थेफ्ट डिवाइस नहीं है और न ही इसे गाड़ी चोरी होने से रोकने के लिए बनाया गया है। इसे बच्चों पर ध्यान रखने के लिए बनाया गया था लेकिन कई लोग इससे अपनी कार ध्यान रख रहे हैं। इस प्रोडक्ट के साथ कैमरा मिलता है, जिसे गाड़ी के अंदर लगाना होता है और एक डिस्प्ले मिलता है, जिसे आप अपने साथ रख सकते हैं। इस डिस्प्ले में गाड़ी के अंदर का लाइन वीडियो देख सकते हैं, फोटो क्लिक कर सकते हैं, रात में बेहतर व्यू के लिए इसमें नाइट विजन भी मिलता है। यह साउंड सेंसिटिव है, गाड़ी के अंदर कोई भी आवाज आते ही ये तुरंत एक्टिवेट हो जाएगा और यूजर को नोटिफाई कर देगा, जिसके बाद डिस्प्ले में गाड़ी के अंदर का लाइव वीडियो देखा जा सकता है। इससे आप घर बैठे गाड़ी में बैठे व्यक्ति से बातचीत भी कर सकते हैं। कैमरा और डिस्प्ले में 800 से 1000 फीट तक की रेंज मिलती है, इसलिए खरीदने से पहले रेंज जरूर चेक कर लें।
4. इंजन इमोबिलाइजर
कीमत: 1500 रुपए
वैसे तो कई गाड़ियों में कंपनी की तरफ से ही इंजन इमोबिलाइजर मिल जाता है लेकिन अभी भी कई गाड़ियों में यह फीचर उपलब्ध नहीं है। अगर गाड़ी में इंजन इमोबिलाइजर है तो गाड़ी हर किसी चाबी से स्टार्ट नहीं होगी, सिर्फ ओरिजनल चाबी से ही स्टार्ट होगी। अगर चोर डुप्लीकेट चाबी बनवा भी लेता है तो भी वह गाड़ी को ऑन नहीं कर पाएगा। गाड़ी की ओरिजनल चाबी में एक चिप लगी होती है, जो गाड़ी में लगी ECU (इंजन कंट्रोल यूनिट) को सिग्नल भेजती है, इस सिग्नल के बिना कार स्टार्ट होगी ही नहीं। इसे किसी अच्छी कार एक्सेसरीज शॉप से ही खरीदना सही रहेगा, जहां इसका इंस्टॉलेशन भी हो जाएगा।
5. व्हील लॉक
कीमत: 1000 रुपए*
इन लॉक को अपने तब देखा होगा, जब गलत जगह गाड़ी पार्क करने पर ट्रैफिक पुलिस कार में व्हील लॉक लगा देती है, यह लॉक भी उससे मिलता जुलता है। यह मेटल से बने होते हैं और काफी मजबूत होते हैं, इसे तोड़ना या काटना इतना आसान नहीं होता। इसका प्लस पॉइंट यह है कि गाड़ी के बाहर से ही नजर आ जाता है, इसलिए अगर कोई चोर आपकी गाड़ी चुराने का सोचता भी है तो उसे दूर से ही यह लॉक नजर आ जाएगा। हालांकि इसका नुकसान यह है कि हम दिनभर में कई जगह रुकते हैं, ऐसे में बार-बार इस लॉक को लगाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन अगर लंबी छुट्टी पर जा रहा है या गाड़ी दिनभर के लिए एक जगह पार्क है तो इसे खरीदने के बारे में सोचा जा सकता है।
6. स्टीयरिंग व्हील लॉक
कीमत: 600 रुपए*
यह लॉक कई तरह की डिजाइन में उपलब्ध हैं लेकिन काम सब एक ही करते हैं और वो यह कि एक बार लॉक हो जाने पर यह स्टीयरिंग को घूमने नहीं देता। कुछ नए स्टीयरिंग लॉक में अलार्म का फीचर भी मिलता है, जैसे ही इन्हें कोई खोलने की कोशिश करेगा तो अलार्म बज उठेगा। कुछ ऐसे लॉक भी बाजार में उपलब्ध हैं, जो स्टीयरिंग के साथ-साथ ब्रेक या एक्सीलेरेटर पेडल को भी लॉक कर देता है।
7. पेडल लॉक
कीमत: 700 रुपए
स्टीयरिंग व्हील की तरह ही पेडल लॉक भी एक्सीलेरेटर और ब्रेक लॉक करने के काम आता है। अगर यह गाड़ी में लगा हो तो कोई भी चोर आपकी गाड़ी को आसानी से नहीं चुरा पाएगा। इनमें से किसी एक लॉक को भी यूज किया जा सकता है या ज्यादा सेफ्टी के लिए एक से ज्यादा सेफ्टी के लिए एक से ज्यादा लॉक भी यूज किए जा सकते हैं।
8. हुड लॉक
कीमत: 500 रुपए*
कई बार देखने में आया है कि जब चोर गाड़ी नहीं चुरा पाता है तो इंजन या बैटरी को निशाना बनाता है। ऐसे में हुड लॉक बेहद काम के साबित हो सकते हैं। अगर गाड़ी में हुड लॉक लगा है तो चोर तमाम कोशिश करने के बाद भी गाड़ी के हुड को खोल ही नहीं पाएगा, जिससे गाड़ी की बैटरी, इंजन और अन्य पार्ट सुरक्षित रहेंगे।
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