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अब उर्वशी रौतेला ने उठाया नेपोटिज्म का मुद्दा, बाहरी व्यक्ति को निशाना बनाया जाता है

  बाहरी व्यक्ति को निशाना बनाया जाता है: उर्वशी रौतेला--

बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला  हाल ही में सोशल मीडिया पर नकारात्मकता के बारे में बात की है. उर्वशी रौतेला अकसर सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रहती हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 3-4 महीने बहुत तनावपूर्ण रहे हैं. एक्ट्रेस का कहना कि सोशल मीडिया स्पेस में बहुत नकारात्मकता आई है जिसने उन्हें मानसिक रूप से प्रभावित किया है

उर्वशी रौतेला ने कहा, 'Covid 19 के कारण 2020 में बॉलीवुड की गतिशीलता पूरी तरह से बदल गई है. मैं आलिया को एक अभिनेत्री के रूप में पसंद करती हूं, लेकिन मेरी फिल्म 'वर्जिन भानुप्रिया' को IMDB पर अधिक रेट किया गया था और यूजर की समीक्षा के अनुसार भी इस फिल्म को 'Sadak 2' से बेहतर रेट किया गया है. यहां तक कि हाल ही में आई अनन्या की फिल्म 'खाली-पीली' से 'वर्जिन भानुप्रिया' बहुत बेहतर थी. मेरा मानना है कि मीडिया का अपना एक रोल होता है. लेकिन बाहरी व्यक्ति को हर छोटी-बड़ी बातों के लिए निशाना बनाया जाता है.


उर्वशी रौतेला ने आगे कहा, 'शुरू में मुझपर कई झूठे आरोप लगे थे कि मैं 2 बजे से सुबह 4 बजे तक ऋतिक रोशन से फोन पर बात किया करती थी. उस समय मैं भोली थी, मीडिया को समझने में टाइम लगा. इन झूठे आरोपों से सेलिब्रिटीज को नुकसान होता है, चाहे वह स्टार किड हो या एक बाहरी व्यक्ति. लेकिन महत्वपूर्ण बात जो हमें नोटिस करनी है, वह यह है कि इस तरह की कहानियां स्टार किड्स के लिए कभी नहीं होती हैं. मैं ऋतिक और उनके काम की प्रशंसक हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मेरे पास उनके लिए एक प्यार का एंगल है. ये चीजें मानसिक स्वास्थ्य वाले लोग को प्रभावित करती हैं और शायद सुशांत के साथ भी यहीं हुआ होगा.

. उर्वशी फिलहाल अपनी आगामी तेलुगु फिल्म 'ब्लैक रोज' की शूटिंग में व्यस्त हैं.

अभिनेत्री और पूर्व ब्यूटी क्वीन उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) का कहना है कि शराब, ड्रग्स या जुए के जरिए थोड़े समय का मजा या खुशी लेने की बजाय लोगों को अपना समय उन चीजों में देना चाहिए जो स्थायी खुशी देती हैं. उर्वशी ने कहा, 'हम खुद को उन्हीं चीजों के लिए प्रेरित करते हैं जो हम बनना चाहते हैं. हम अपने विचारों के अधीन होते हैं. यदि हम अपने विचार नहीं बदल सकते हैं तो हम कुछ नहीं बदल सकते हैं. इसीलिए मेरा मानना है कि हम सभी को फिटनेस का आदी होना चाहिए.' उर्वशी मानती हैं कि फिटनेस और करुणा दो ऐसी चीजें हैं जो स्थायी खुशी ला सकती हैं. उन्होंने आगे कहा, 'मेरा मानना है कि करुणा और फिटनेस वो चीजें हैं, जिनको हम अपनी जिंदगी में शामिल करें तो हमारे जीवन में तुरंत खुशी दस्तक देती है और यह लंबे समय तक हमारी जिंदगी में रहती है. मैं अल्कोहल, ड्रग्स या जुआ जैसे थोड़े समय की खुशी देने की बात नहीं कर रही हूं. मैं इस बात पर गहरा भरोसा करती हूं कि दयालुता-करुणा सच्ची और स्थायी खुशी लाती है.' अभिनेत्री जल्द ही फिल्म 'ब्लैक रोज' के जरिए तेलुगु इण्डस्ट्री में डेब्यू करने जा रही हैं.                                            

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कपिल का शो टॉप-5 से बाहर, रामायण अब भी शीर्ष 5 में-

न्यूज चैनल्स की टीआरपी से जुड़े विवाद के बीच एंटरटेनमेंट चैनल्स की टीआरपी में भी अनोखा ट्रेंड दिख रहा है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (बीएआरसी) द्वारा जारी किए गए पिछले दो टीआरपी चार्ट में ‘स्टार स्पोर्ट्स 1 हिन्दी’ शीर्ष बना हुआ है, जबकि इससे पहले कई हफ्तों से स्टार उत्सव चैनल टॉप पर बना हुआ था। यह 2020 के 39वें हफ्ते यानी 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक की टीआरपी में दूसरे नंबर पर रहा।


शोज की बात की जाए तो कपिल शर्मा का शो टॉप 5 से बाहर हो चुका है, वहीं 28 सितंबर से शुरू हुआ अमिताभ बच्चन का शो कौन बनेगा करोड़पति भी अभी टॉप-5 में जगह नहीं बना पाया है। फिलहाल टीआरपी के मामले में जीटीवी का शो कुंडली भाग्य शीर्ष पर है। वहीं दंगल चैनल पर आ रहा ‘रामायण’ शो पांचवे नंबर पर है।

आईपीएल की तो वर्ष 2019 की अपेक्षा इस दफा 2020 में आईपीएल व्यूरशिप में अच्छी ग्रोथ देखी जा रही है। मैच की प्रति मिनट व्यूरशिप 15 फीसदी बढ़ी तो प्रति मैच 21 फीसदी इंप्रेशन में ग्रोथ दर्ज की गई। वर्ष 2019 की अपेक्षा ओपनिंग वीक के मैच देखने वाले 1.1 करोड़ लोग प्रति मैच ज्यादा थे। कुल 26.9 करोड़ लोगों ने ओपनिंग वीक के मैच देखे। जहां वर्ष 2018 में आईपीएल ओपनिंग वीक में 42.7 अरब मिनट देखा गया, वहीं इस बार यह 60.6 अरब मिनट देखा गया। यानी 15% की बढ़त हुई। वहीं ओपनिंग मैच ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। आईपीएल-13 को 15.8 करोड़ लोगों ने देखा, जो पिछले दो आईपीएल की तुलना में 21% ज्यादा है।

टीवी देखने वाले तीन में से एक व्यक्ति ने आईपीएल लाइव देखा। आईपीएल के कुल 7 मैच में 57 फीसदी पुरुष और 43 फीसदी महिलाएं शामिल रहीं। सबसे ज्यादा देखने वालों की तादाद में 15 से 30 वर्ष के 34 फीसदी लोग हैं। कुल 44 फीसदी टीवी हाउसहोल्ड ने टीवी स्क्रीन पर लाइव आईपीएल देखा। 15 से 21 साल की उम्र के लोग तेज़ी से बढ़े हैं।

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