23 -mar.2021.FORCE TODAY NEWS**
आखिर क्यों पुलिस को चाहिये करारे नोट -
पुलिस को चाहिये करारे नोट -बैराज उत्तराखंड -पुलिस भूल गयी की जिस सरकार की वो नौकरी करते है उसी सरकार के नोट पूरे भारत मै चलते है हम अपने घर मे नहीं बनाते नोट जो इने करारे नोट निकाल कर देते। पुलिस खुद मास्क नहीं पहनती उसे लगता है की कोरोना सिर्फ जनता का चलान काटने के लिये है। सवाल तब आता है की दिल्ली के बॉर्डर पर किसानो के आन्दोलन मे कोई मास्क नहीं लगाता लकिन पुलिस की हिम्मत नहीं की वहा जाकर चालान काट दे। कानून सब के लिये एक होना चाहिये
जल्द बतायेगे। --To Be Continued -----
क्यों दुगड्डा पुलिस का एक कांस्टेबल अपने को सबसे बड़ा ज्ञानी समज रहा था। चलान काटने के दौरान। क्यों रुमाल और गमछा पहनने पर भी चलान काट देती है दुगड्डा पुलिस -क्यों कोटद्वारा पुलिस के सामने कई लोगो ने मास्क नहीं पहना था फिर भी पुलिस ने कोई करवाई नहीं की आखिर क्यों-----नहीं सबके लिये एक जैसा कानून ? पूरी घटना आपको जल्द बतायेगे। --To Be Continued
२२-mar.2021.FORCE TODAY NEWS**
तीरथ:का नया विवाद -ज्यादा बच्चे पैदा किए उन्हें लॉकडाउन के दौरान सरकार से ज्यादा राशन मिला।
फटी हुई जींस पर विवादित बयान देकर माफी मांगने वाले उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक बार फिर विवादों में हैं। रविवार को रामनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में रावत ने दो बाते कहीं। पहले बयान में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ज्यादा बच्चे पैदा किए उन्हें लॉकडाउन के दौरान सरकार से ज्यादा राशन मिला। वहीं, दूसरे बयान में रावत ने कहा कि भारत को अमेरिका ने 200 साल तक गुलाम बनाकर रखा था। तीरथ ब्रिटेन की जगह अमेरिका बोल गए।
जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए
सीएम
रावत ने लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा बांटे गए अनाज को लेकर बयान दिया।
उन्होंने कहा कि लोगों में सरकार द्वारा बांटे गए चावल को लेकर जलन भी होने
लगी कि दो सदस्यों वालों को 10 किलो जबकि 20 सदस्य वालों को एक क्विंटल
अनाज क्यों दिया गया? उन्होंने कहा की ‘भैया इसमें दोष किसका है, उसने 20
पैदा किए, आपने दो पैदा किए, तो उसको एक क्विंटल मिल रहा है, इसमें जलन
काहे का। जब समय था तब आपने दो ही पैदा किए, 20 क्यों नहीं किए।’
पीएम मोदी का नेतृत्व न होता तो हम बेहाल हो जाते
वहीं,
दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत को 200 साल तक गुलाम
बनाकर रखा। दरअसल रावत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की तारीफ करते
हुए ये बताना चाहते थे कि उनकी वजह से ही भारत में कोरोना के हालात काबू
में रहे। रविवार को एक कार्यक्रम में कोरोना के हालात पर बोलते हुए रावत ने
कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलख जगाई। मैं कह सकता हूं कि अगर
उनकी जगह कोई और नेतृत्व होता तो भारत का न जाने क्या हाल होता। हम बेहाल
हो जाते। उन्होंने हमें राहत देने का काम किया।
130-35 करोड़ की आबादी का देश भारत आज राहत महसूस करता है। अन्य देशों की अपेक्षा। जहां अमेरिका के हम 200 साल गुलाम थे। पूरे विश्व पर उसका राज था। सूरज छुपता नहीं था, यह कहा जाता था। आज के समय वह डोल गया, बोल गया। पौने 3 लाख से ज्यादा मृत्यु दर चला गया। 12 करोड़ की आबादी का देश, स्वास्थ्य में नंबर 1, हालत खस्ता है। फिर लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है।' नरेंद्र मोदी ने हमें बचाने का काम किया है, लेकिन हमने उसका पालन भी किया। उन्होंने कहा कि मास्क लगाओ, सैनिटाइजर लगाओ, हाथ धोओ, सोशल डिस्टेंसिंग रखो तो लोगों ने किया।
पहले मोदी की तुलना भगवान राम से कर चुके हैं तीरथतीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में नेत्र कुंभ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम से की थी। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में हम नरेंद्र मोदी को भी राम की तरह मानने लगेंगे। द्वापर और त्रेता में राम-कृष्ण हुए हैं। राम ने भी समाज के लिए काम किया था, इसलिए लोग उन्हें भगवान मानने लग गए। वही काम प्रधानमंत्री इस देश के अंदर कर रहे हैं। आने वाले समय में हम नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप (भगवान राम) में मानने लगेंगे।
फटी जींस वाला बयान देकर माफी मांग चुके हैं रावत
तीरथ
सिंह रावत ने मंगलवार को देहरादून में एक वर्कशॉप में महिलाओं के रिप्ड
जींस पहनने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था, "आजकल महिलाएं भी फटी जींस
पहनती हैं। उनके घुटने दिखते हैं, ये कैसे संस्कार हैं? ये संस्कार कहां
से आ रहे हैं। इससे बच्चे क्या सीख रहे हैं और महिलाएं आखिर समाज को क्या
संदेश देना चाहती हैं। फटी जींस हमारे समाज के टूटने का मार्ग प्रशस्त कर
रही है। इससे हम बच्चों को बुरे उदाहरण दे रहे हैं, जो उन्हें नशीले
पदार्थों के सेवन की ओर लेकर जाते हैं। अब हम अपने बच्चों को 'कैंची से
संस्कार' दे रहे हैं।'
जब पूरे देश में इस बयान पर बवाल मचना शुरू हुआ तो इसे थामने के लिए शुक्रवार शाम उन्हें इस पर माफी मांगनी पड़ी। उन्होंने कहा कि ये बयान संस्कारों को लेकर था। अगर किसी को फटी जींस पहननी ही है, तो वह पहने। उनके बयान से किसी का दिल दुखा है तो वह उसके लिए माफी मांगते हैं।
17.mar.2021.FORCE TODAY NEWS**
पुलिस की आंखें फटी रह गईं।
भोपाल लोकायुक्त पुलिस ने राजधानी में प्राथमिक शिक्षक पंकज श्रीवास्तव के यहां छापा मारा। उनके यहां आय से अधिक संपत्ति मिली है। घर में मिले दस्तावेजों के मिलने के बाद पुलिस की आंखें फटी रह गईं।
वर्ष 1998 में संविदा शिक्षक से भर्ती हुए पंकज ने 23 साल में ही 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति जमा कर ली, जबकि इस दौरान उन्हें वेतन से महज 36 लाख 50 हजार रुपए मिले। उनके पास से बड़ी मात्रा में कृषि भूमि और आवासी प्लाॅट की रजिस्ट्री मिली हैं। शाम 6 बजे तक करीब 11 घंटे कार्रवाई चली। इस दौरान टीम तीन सूटकेस में यहां से दस्तावेज भरकर ले गई। इनमें प्रॉपटी, चेकबुक, पासबुक समेत कई दस्तावेज शामिल हैं। इनकी जांच की जाएगी।
जांच अधिकारी सलिल शर्मा ने बताया, पंकज श्रीवास्तव उर्फ मिंटू (48) पिता रामजन्म श्रीवास्तव बगडोना तहसील घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल के विद्यालय रेंगा ढाना प्राइमरी टीचर हैं। वे भोपाल के डी-413 मिनाल रेजीडेंसी में रहते हैं। मंगलवार सुबह 7 बजे टीम ने मिनाल और एमजीएम कॉलोनी बगडोना स्थित उनके निवास पर एक साथ छापा मारा। लॉकर्स की जांच करवा रहे हैं।
13/03/2021 FORCE-TODAY NEWS
स्विट्जरलैंड के बाद श्रीलंका ने भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध-
स्विट्जरलैंड के बाद श्रीलंका ने भी बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही देश भर में 1 हजार से ज्यादा इस्लामिक स्कूलों को भी बंद करने की तैयारी है। पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री सरत वीरशेखरा ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बुर्का पहनने पर बैन लगाया गया है। मैंने शुक्रवार को कैबिनेट की मंजूरी के लिए पत्र लिखा था। इस पर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब इस फैसले पर संसद आखिरी मोहर लगाएगी।
वीरशेखरा ने कहा कि पहले मुस्लिम महिलाएं और लड़कियां कभी बुर्का नहीं पहनती थीं। यह धार्मिक अतिवाद का प्रतीक है, जो हाल ही में प्रचलन में आया है। हम इसे जरूर बैन करेंगे। 2019 में ईस्टर पर चर्च और होटलों पर हुए आतंकी हमलों के बाद बौद्ध धर्म को मानने वाले इस देश ने बुर्का पहनने पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी थी। इन हमलों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। तब इस फैसले पर मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई थी। कुछ एक्टिविस्टों ने कहा था कि यह मुस्लिम महिलाओं के धार्मिक अधिकारों का हनन करता है।
इस्लामिक स्कूल शिक्षा नीति का मजाक बना रहे
वीरासेकेरा
ने कहा कि सरकार 1 हजार से ज्यादा इस्लामिक स्कूलों पर रोक लगाने की योजना
बना रही है। सरकार का मानना है कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मजाक
बना रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कोई भी अपनी मर्जी से स्कूल नहीं खोल सकता और
कुछ भी नहीं पढ़ा सकता।'
कोरोना से मरने वाले मुस्लिमों को जलाने का आदेश दिया था
पिछले
साल राष्ट्रपति चुने जाने के बाद गोटबाया राजपक्षे ने देश में अतिवाद को
खत्म करने का वादा किया था। राजपक्षे को श्रीलंका के नॉर्थ इलाके में दशकों
तक चले विद्रोह को कुचलने के लिए जाना जाता है।
पिछले साल श्रीलंका सरकार ने कोरोना की वजह से मरने वाले मुस्लिमों को दफनाने के बजाय जलाने का आदेश दिया था। अमेरिका के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने इसकी आलोचना की थी। इस साल की शुरुआत में यह फैसला वापस ले लिया गया।
स्विट्जरलैंड में 51% लोगों ने बुर्के के खिलाफ वोट दिए
स्विट्जरलैंड
में हुए जनमत संग्रह में 51.21% लोगों ने बुर्के पर रोक लगाने के पक्ष में
वोट दिए हैं। माना जा रहा है कि यहां अब इस पर कानून बनाया जा सकता है।
करीब 1 महीने पहले यह प्रस्ताव लाया गया था। इसका लोगों ने विरोध किया तो
सरकार ने जनमत संग्रह कराने का फैसला किया। इस पर कानून बना तो यहां
महिलाएं सार्वजनिक जगहों पर पूरी तरह से मुंह ढंककर नहीं निकल सकेंगी।
स्विस पीपुल्स पार्टी समेत अन्य समूहों ने अपने प्रस्ताव में कहीं भी इस्लाम का जिक्र नहीं किया था। इसके बावजूद यहां की मीडिया में इस प्रस्ताव को बुर्का बैन कहा गया और इसे इस्लाम के खिलाफ माना गया। स्विट्जरलैंड की आबादी करीब 86 लाख है। इसमें 5.2% मुस्लिम हैं।
12 -Mar 2021-Time-3 ;00 AM /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
नागपुर में 15 से 21 मार्च तक हार्ड लॉकडाउन-
महाराष्ट्र में कोरोना से हालात लगातार बिगड़ रहे है। पिछले 24 घंटों में यहां 13,659 नए केस सामने आए हैं। यह संख्या कोरोना से प्रभावित टॉप-10 देशों में शामिल रूस, ब्रिटेन, स्पेन और जर्मनी में मिले नए मामलों से ज्यादा हैं। महाराष्ट्र की स्थिति पर केंद्र सरकार ने भी चिंता जताई है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने इसकी वजह टेस्टिंग में कमी और लापरवाही को बताया है। वहीं, राज्य सरकार ने कई बड़े शहरों में सख्त पाबंदियां लगा दी हैं।
नागपुर जिले में पिछले 24 घंटों में 1860 नए संक्रमित मिले हैं। इस मामले
में नागपुर पुणे के बाद दूसरे नंबर पर रहा। इस दौरान यहां 8 लोगों की मौत
भी हुई है। इसे देखते हुए सरकार ने
नागपुर में 15 से 21 मार्च तक 1 सप्ताह का हार्ड लॉकडाउन लगा दिया है।
- जलगांव नगर निगम सीमा में गुरुवार रात 8 बजे से 15 मार्च की सुबह 8 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू किया गया है।
- महाराष्ट्र सरकार ने संभाजीनगर (औरंगाबाद) में वीकेंड पर लॉकडाउन लागू करने का ऐलान किया है। यहां गुरुवार से कोरोना नियमों को कड़ा कर दिया गया है। सड़क पर पुलिस तैनात की गई है। बिना मास्क पहने घूमने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
- महाराष्ट्र में बुधवार को
कोरोना वायरस के 13,659 केस सामने आए थे। मुंबई में 1,539 संक्रमित मिले।
यहां 8 मार्च को 1361 मामले दर्ज किए गए थे, जो 28 अक्टूबर के बाद सबसे
ज्यादा थे। मुंबई में लगातार हर रोज 1 हजार से ज्यादा मरीज मिल रहे हैं।राज्य में अब तक 22.52 लाख केस
पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 13,659 नए केस सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में कोरोना की पहली वैक्सीन लगवाई।
11 -Mar 2021-Time-4 ;00 AM /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
- सबसे पहले मुझे मारो अकेली ने सभी को झुकने मे मज़बूर कर दिया-
म्यामांर मै सेना के शासन ने सबकी आजादी छीन ली है। लोग घुटन भरी जिंदगी जी रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इसका विरोध नहीं हो रहा, लेकिन लोग जैसे ही आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरते हैं, सेना उतनी ही तेजी से उनका दमन कर देती है। लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। इस आंदोलन के बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आयी हैं।
म्यांमार के काचिन राज्य के म्यित्चीना शहर में एक ऐसा नजारा सामने आया है, जिसने सभी को झकझोर दिया है। यहां सेना, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो रही थी। अचानक सिस्टर ऐन रोसा वहां घुटनों के बल बैठ गईं। उन्होंने कहा- आपको किसी को भी मारने से पहले मुझे मारना होगा। ये सुनते ही सेना और पुलिस के लोग उनके आगे हाथ जोड़कर खड़े हो गए। नन की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। ऐसा ही कुछ एक हफ्ते पहले भी हुआ था। करीब 100 आंदोलनकारी प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरे थे। अचानक पुलिस और सेना प्रदर्शनकारियों को हटाने आ गई। इससे पहले की कुछ एक्शन होता, सिस्टर ऐन नू थ्वांग ने घुटने टेक कर आंदोलनकारियों पर गोली न चलाने की गुहार लगाई। इसका असर ये हुआ कि सिस्टर 100 आंदोलनकारियों को बचाकर निकाल ले गईं।
तीरथ सिंह रावत-पूरा परिचय -
तीरथ सिंह रावत 9 फरवरी 2013 से 31 दिसंबर 2015 तक उत्तराखंड भाजपा के चीफ रहे हैं। इससे पहले चौबट्टाखाल विधानसभा से 2012 से 2017 तक विधायक रहे। वर्तमान में वह भाजपा के नेशनल सेक्रेटरी हैं। उनका जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। इससे पहले वे उत्तरप्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। 1997 में यूपी से विधायक भी रह चुके है। वे उत्तराखंड के पहले शिक्षामंत्री रहे हैं। वर्तमान में वे पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद हैं।
तीरथ 1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रांत प्रचारक भी रहे हैं। इसके अलावा वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे। उन्होंने समाजशास्त्र में MA और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वे हेमवती नंदन गढ़वाल यूनिवर्सिटी में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे थे।
तीरथ सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की
उत्तराखंड सियासी ड्रामा बुधवार को खत्म हो गया। पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद और
RSS के प्रांत प्रचारक रहे तीरथ सिंह रावत ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप
में शपथ ग्रहण की। इससे पहले देहरादून में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक
में उनके नाम पर मुहर लगी। एक दिन पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने
वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही मीटिंग में उनके नाम का प्रस्ताव रखा। जनता के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा : तीरथ
विधायक
दल का नेता चुने जाने के बाद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मैं केंद्रीय
नेतृत्व का धन्यवाद करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी है।
मैं गांव से आया हुआ एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। मैंने इसकी कभी कल्पना भी
नहीं की थी। जनता के विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा।रावत ने कहा कि वह संघ के लिए काम करते थे। कभी भी राजनीति में आने के बारे
में नहीं सोचा था। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरणा लेकर वे आगे
बढ़े। उन्होंने कहा कि वे त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ लंबे वक्त तक काम
करते रहे हैं, पहले संघ में बतौर प्रचारक भी काम किया और उसके बाद पार्टी
और सरकार के स्तर पर साथ में काम किया है। अभी भी वे उनके मार्गदर्शन में
आगे काम करते रहेंगे।
9 -Mar 2021-Time-9 ;00 pm /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। लगभग 4 साल CM रहे रावत की गद्दी जाने की वजय फ़ोर्स टुडे के रिपोर्टर को बड़े मंत्री ने बतायी वजय -
१-एक ही वर्ग विशेष के लोगों को महत्व देने की वजह से उनकी गद्दी गयी।
२-उनके व्यवहार से लोगों में नाराजगी थी
३-जब उत्तराखंड देवस्थानम् बोर्ड बनाकर केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और
यमुनोत्री धाम को सरकार के अधीन कर दिया। इससे ब्राह्मण समाज में तीखी
आलोचना हुई थी।
४- संत समाज भी त्रिवेंद्र के इस फैसले से नराज़ थे।
५-गढ़वाल के हिस्से गैरसैंण मंडल में कुमांऊ के दो जिलों अल्मोड़ा और बागेश्वर मैं शामिल करना।
६-हाई कोर्ट उन पर लगे आरोपों की जांच CBI से कराने का आदेश। 10 मार्च को इस पर सुनवाई होनी है।
७-हाल में एक चैनल के सर्वे में त्रिवेंद्र देश के सबसे अलोकप्रिय मुख्यमंत्री बताए गए थे और यह भी उनके खिलाफ गया।
८- त्रिवेंद्र सिंह ने गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करना.
९- कई ऐसे फैसले कर चुके थे, जिनकी वजह से आलाकमान उन्हें हटाने का फैसला कर चुका था
१०-त्रिवेंद्र के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर भाजपा को भारी नुकसान होता।
फाॅर्स टुडे न्यूज़
9 -Mar 2021-Time-3;00 AM /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
कोटद्वारा मे लडकिया बैखोफ स्कूल कालेज जा सके। महिला कांस्टेबल अंजू रावत--
महिला दिवस पर बात कर रहे हैं AHTU कोटद्वार में तैनात महिला कांस्टेबल अंजू रावत की । लॉकडाउन में अंजू रावत ने मां की ममता से ऊपर देश की सेवा को प्राथमिकता देते हुए वह कोरोना काल के पहले दिन से ही लोगों को समझाने बुझाने में लगी रही । कॉन्स्टेबल अंजू रावत ने लाकडाउन में निर्धन लोगों की बहुत मदद की अपने खर्चे से राशन दिलाना, लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाना सहित कहीं ऐसे कार्य किए जोकि आज समाज के लिए मिशाल है ।महिला कांस्टेबल अंजू रावत ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर सरकार काफी गंभीर है। महिला अपराध को रोकने के लिए पुलिस भी चौकन्नी है। महिलाओं के मन से असुरक्षा की भावना दूर करना हमारी प्राथमिकता है। हमें इस तरह कार्य करना होगा जिससे छात्राएं निर्भीकता पूर्वक स्कूल, कालेज जा सके। AHTU में होने के नाते हमें हर छोटी बड़ी बात को गंभीरता से लेना पड़ेगा। अपने अच्छे कार्यों से मित्र पुलिस की अवधारणा को साबित करना ही मेरी पहली प्राथमिकता होती है ।
कोटद्वार मे लहूलुहान स्थिति में युवक का शव मिला -
कोटद्वार क्षेत्र के आम पड़ाव इलाके में एक युवक का शव उसके घर के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में लहूलुहान स्थिति में मिलने से हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मृतक के भाई को सुबह लगी जब वह घर पहुंचा। मृतक के भाई ने तत्काल इसकी सूचना कोटद्वार पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले कि तफ्तीश में जुट गई है।
इस पूरे प्रकरण में कोटद्वार सीओ अनिल कुमार जोशी के मुताबिक आम पड़ाव इलाके से पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक अपने घर के कमरे में लहू लुहान स्थिति में मृत पड़ा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले की जांच की जा रही है वही प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मृतक ने आत्महत्या की है। मृतक की पहचान संजीव कुमार उर्फ सनी पुत्र मूलचंद निवासी आमपड़ाव के रूप में हुई है जो की पेंटर का काम करता था। वहीं मृतक चरस व शराब का भी आदि था। प्रकरण की जांच की जा रही है। सीओ अनिल जोशी ने बताया कि एक शनि नाम का व्यक्ति अपने बड़े भाई के साथ रात को पी खा कर कमरे पर आया था बड़ा भाई छोटे भाई को कमरे पर छोड़ कर अपनी बुआ के घर चला गया था। नशे की हालात में युवक ने खुद ही चाकू या चम्मच से अपने गले को काट दिया है। अगर कोई और करता तो निशान सार्क होता, लेकिन कुछ नही है। युवक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है आगे की कार्यवाही की जा रही है।
8-Mar 2021-Time-3;00 AM /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
HAPPY WOMEN'S DAY
महिला होने के फायदे-
Reporter-Shahruma FORCE-TODAY NEWS
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से बैंक लोन तक, इनकम टैक्स से इंश्योरेंस प्रीमियम तक, ऐसे कई सेक्टर हैं जहां महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा छूट मिलती है। सरकार ऐसी योजनाएं इसलिए चलाती है जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो और देश की प्रगति में उनकी भागीदारी बढ़े। हम यहां ऐसी ही कई स्कीम के बारे में बता रहे हैं जिनका फायदा उठाकर महिलाएं पैसे की बचत कर सकती हैं।
1. एजुकेशन और होम लोन की ब्याज दरें कम
एजुकेशन लोन और होम लोन की दरें आम तौर पर महिलाओं के लिए 0.5 से 1.0% तक कम होती हैं। जैसे भारतीय स्टेट बैंक महिलाओं को होम लोन लेने पर 0.05 फीसदी यानी 5 बेसिस पॉइंट की छूट देता है। PNB भी महिला बॉरोअर्स को होम लोन ब्याज दरों पर 0.05 फीसदी तक की छूट उपलब्ध करा रहा है। HDFC बैंक में महिला ग्राहकों को होम लोन ब्याज दरों पर 0.10 फीसदी तक की छूट मिल रही है।
इसी तरह महिलाओं की पढ़ाई के लिए कई तरह की लोन स्कीम चलाई जा रही हैं जिनकी ब्याज दरें सामान्य से कम हैं। जैसे- कॉर्पोरेशन बैंक ऑफ इंडिया की विद्या स्कीम। इसमें 25 बेसिस पॉइंट तक कम ब्याज दरों में लोन मिलता है। इंडियन ओवरसीज बैंक की विद्या ज्योति स्कीम से 30 लाख तक का एजुकेशन लोन सामान्य से 0.5% कम ब्याज दरों पर मिल जाता है।
2. प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में स्टांप ड्यूटी पर छूट
महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन करवाने पर कई राज्य स्टांप ड्यूटी में छूट देते हैं। जैसे दिल्ली में पुरुषों को स्टाम्प ड्यूटी पर 6% का भुगतान करना होता है, जबकि महिलाओं के लिए ये दर सिर्फ 4% है।
अगर संपत्ति का मालिकाना हक पूरी तरह से किसी महिला के नाम पर नहीं है और उसे प्रॉपर्टी में ज्वाॅइंट ओनर बनाया गया हो तो इस स्थिति में भी रजिस्ट्री में एक फीसदी की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
इसके अलावा महानगरों में लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स पर भी महिलाओं को ज्यादा छूट मिलती है। इसलिए समझदारी इसी में है कि महिलाओं को घर का असली मालिक बनाया जाए।
3. महिलाओं के पास ज्यादा इनकम टैक्स बचाने का विकल्प
साल 2011-12 तक महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा टैक्स छूट मिलती थी। लेकिन 2012-13 से दोनों का टैक्स स्लैब बराबर कर दिया गया। फिलहाल महिला और पुरुष दोनों की 2.5 लाख की आय टैक्स के दायरे से बाहर है। इसके अलावा अगर आमदनी 5 लाख से कम है तो बाकी रकम पर भी टैक्स में छूट मिल जाती है। यानी पूरे पांच लाख टैक्स फ्री हो जाते हैं।
महिलाओं को इनकम टैक्स में कुछ खास फायदे दिए गए हैं। इनकी मदद से अगर वो स्मार्ट तरीके से निवेश करती हैं तो ज्यादा टैक्स बचा सकती हैं। इसमें पांच साल के लिए फिक्स डिपॉजिट, नेशनल पेंशन स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना इत्यादि शामिल हैं।
4. महिलाओं के लिए कई स्पेशल इंश्योरेंस पॉलिसीभारत में महिलाओं के लिए इंश्योरेंस प्राथमिकता में नहीं हैं। इंश्योरेंस सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़े, इसके लिए प्रीमियम में उन्हें पुरुषों से ज्यादा छूट दी जाती है। ICICI प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का उदाहरण लेते हैं।
धूम्रपान न करने वाला 36 साल का एक पुरुष अगर अगले 40 साल के लिए 1 करोड़ रुपए का इंश्योरेंस कवर लेता है तो उसे सालाना 15,983 रुपए का प्रीमियम चुकाना पड़ेगा। इसी स्कीम के लिए समान शर्तों के साथ महिला को करीब दो हजार रुपए कम यानी 13,943 रुपए सालाना प्रीमियम के तौर पर चुकाने पड़ेंगे।
Reporter-Shahruma FORCE-TODAY NEWS
7-Mar 2021-Time-3;00 AM /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
एकतरफा प्यार में पागलपन--सिरफिरे आशिक ने महिला के 2 बच्चों को चाकू से काटा
पंजाब के लुधियाना जिले में शनिवार को दिल दहला देने वाली वारदात अंजाम दी गई। जमालपुर एरिया में सिरफिरे आशिक ने महिला के 2 बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी और फिर खुद भी फंदे पर झूल गया।
वारदात का खुलासा तब हुआ, जब एक पर हमला होने से दूसरा बच्चा चिल्लाया। बच्चे के चिल्लाने की आवाज सुनकर मां दौड़ी आई तो मंजर देखकर बेहोश हो गई। पड़ोसियों ने वारदात की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों का कब्जे में ले लिया है और मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
आरोपी शैलेंद्र, जिसने बच्चों को मारकर खुदकुशी कर ली। |
यह वारदात एकतरफा प्यार में अंजाम दी गई। मृतकों की पहचान रजनीश (8), मनीष (5) और शैलेंद्र के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि शैलेंद्र अपनी पड़ोसन मीनू तिवारी के पीछे पड़ा था। कहता था कि वह उससे प्यार करता है। मीनू उससे एक साल से परेशान थी। उसे शैलेंद्र की अनदेखी करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं सूझा। मीनू के पति शंकर तिवारी ने शैलेंद्र की शिकायत भी की थी। इस वजह से मकान मालिक ने उसे कमरा खाली कराने की धमकी दी थी।
इन सभी बातों के कारण शैलेंद्र रंजिश रख रहा था। रंजिशन उसने बच्चों की हत्या कर दी और खुदकुशी कर ली। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस मामले की जांच चल रही है। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मृतकों के पिता शंकर तिवारी की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है।---
आयशा -ने सुसाइड नोट में लिखा- आरिफ, मैंने तुम्हें कभी धोखा नहीं दिया,---
आयशा ने लेटर की शुरुआत में लिखा है माय लव आरु (आरिफ)। ऐसी कई चीजें हैं जो मैंने नहीं कीं। मुझे बहुत गलत लगा कि तुमने मेरा नाम आसिफ के साथ जोड़ दिया। आसिफ मेरा सबसे अच्छा दोस्त और सबसे अच्छा भाई है। जब मुझे 4 दिन के लिए एक कमरे में बंद कर दिया गया था, तो खाने के लिए पूछने वाला तक कोई नहीं था। यहां तक कि जब मैं प्रेग्नेंट थी, तो आप नहीं आए। जब आप आए, तो आपने मुझे पीटा। इससे मेरे लिटिल आरू की मौत हो गई। अब मैं उसके पास जा रही हूं।
मैं गलत नहीं था, गलत आपका स्वभाव था
लेटर में आयशा ने आगे लिखा कि मैंने कभी धोखा नहीं किया। हंसती-खेलती 2 जिंदगियां बर्बाद हो गईं। मैं गलत नहीं थी, गलत आपका स्वभाव था। मैं तुम्हारी आंखों पर फिदा थी, लेकिन क्यों मैं आपको अगले जन्म में बताऊंगी। लव यू आपकी पत्नी आयशा।
आरिफ की 3 दिन की पुलिस रिमांड पूरी हो चुकी है। पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया तो उसकी रिमांड नहीं मांगी। इसके बाद कोर्ट ने आरिफ को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस अब आयशा के वकील की ओर से पेश लेटर के आधार पर आगे की जांच करेगी।
फोन से चैट सहित बहुत सा डेटा डिलीट किया
एक जांच अधिकारी के मुताबिक, आरिफ ने आयशा के साथ की गई चैट, फोटो और अन्य चीजें मोबाइल फोन से डिलीट कर दी हैं। इसके लिए FSL की टीम डेटा रिकवरी की प्रोसेस करेगी। 25 फरवरी को आयशा की खुदकुशी के बाद पुलिस ने राजस्थान के जालौर में रहने वाले आरिफ को अरेस्ट कर लिया था। उसे पाली से पकड़ा गया था।
बताया जाता है कि आरिफ के परिवार की स्थिति बहुत अच्छी है। उनका जालौर (राजस्थान) के पॉश एरिया में आलीशान मकान है। परिवार के पास 4 दुकानें भी हैं, जो किराए पर दी गई हैं। इसके बावजूद आरिफ और उसका परिवार आयशा पर दहेज के लिए दबाव डाल रहा था।
आरिफ और उसके पिता बाबू खान एक माइनिंग फैक्ट्री में काम करते हैं। दोनों को अच्छी सैलरी मिलती है। इसके अलावा चारों दुकानों से हर महीने लगभग 50 हजार रुपए किराया आता है। आयशा के पिता लियाकत अली का कहना है कि आरिफ उनकी बेटी आयशा को कभी भी मायके छोड़ जाता था। किसी न किसी काम का हवाला देकर आयशा से कहता था कि अपने अब्बू से पैसे मांग लेना।
6-Mar 2021-Time-3;00 AM /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
दर्दनाक ;निर्दोष था विष्णु;20 साल भुगती सजा, सिस्टम की लापरवाही-- माता-पिता और दो भाई चल बसे. अफ़सोस इस बात का है कि वे किसी को भी कंधा नहीं दे सकें.
रेप व हरिजन एक्ट (Rape and Harijan Act) के मुदकमे में निचली अदालत ने उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई. 20 साल जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया.
वह निर्दोष था. 20 साल पहले जब वह महज 23 साल का था, तो भी निर्दोष था. और 20 साल बाद आज जब वह जेल में सजा काट कर, बूढ़ा हो कर वापस लौटा है, तो भी निर्दोष है. तो सजा उसे किस बात की मिली? एक मासूम को 20 साल ऐसी जिंदगी क्यों जीनी पड़ी, जिसके हकदार सिर्फ दुर्दांत अपराधी होते हैं?
न्यायिक सिद्धांत में अक्सर कहा जाता है कि भले ही 100 गुनहगार छूट जाएं, लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए. यह न्यायपालिका की जिम्मेदारी है कि बेकसूर को सजा न हो. लेकिन सिस्टम की लापरवाही की वजह से एक जवान, समझदार और मासूम व्यक्ति विष्णु की जिंदगी बर्बाद हो गई. केवल उसने नहीं, बल्कि उसके माता-पिता, भाई-भाभी, भतीजों ने भी 20 साल घुट-घुट कर यह सजा काटी है.
झूठे केस में फंसाया गया, 20 साल जेल में रहारेप के झूटे आरोप में जेल की सजा काटने के 20 साल बाद अब हाईकोर्ट ने विष्णु तिवारी को बेकसूर करार दिया है. आज विष्णु आजाद है, लेकिन उसका कहना है कि जब कोई जिंदगी बची ही नहीं, तो वह जिएगा क्या? जेल में जानवरों जैसा बर्ताव किया गया. न कभी फोन करने दिया गया, न घरवालों को चिट्ठी तक लिखने दी. विष्णु कहते हैं कि मर-मर के उसने इस उम्मीद में यह 20 साल काट लिए कि कभी परिवारवालों से मिल पाएगा. लेकिन, वह जो हरा-भरा परिवार छोड़ कर गया था, उसे सामाजिक तिरस्कार ने बर्बाद कर दिया.
बेटे का जेल जाना माता-पिता झेल नहीं पाए और उनकी मौत हो गई. समाज के बुरे
बर्ताव की वजह से दोनों भाइयों की हार्ट अटैक से जान चली गई. भाई के
छोटे-छोटे बच्चे, जिन्हें वह पीछे छोड़ कर गया था, अब वही उसका सहारा हैं.
उन्होंने भी अपना जीवन कैसे गुजारा, वही जानते हैं.
4-Mar 2021-Time-5;00 pm /FORCE-TODAY NEWS kotdwara u.k
दर्दनाक-कर्ज के कारण 6 ने जहर पीया बेटी की साइकिल तक बेच दी थी--
व्यापार में ऐसा घाटा लगा कि एक परिवार के छह लोगों ने कोल्ड्रिंक के साथ कीटनाशक पीकर जान देने का फैसला कर लिया। तीन की मौत हो गई। बाकी तीन की हालत गंभीर है। मामला गुजरात के वडोदरा का है। परिवार के मुखिया का सब कुछ बिक चुका था। उन्होंने आखिरी में पेट पालने के लिए पहले अपनी मोपेड और फिर बेटी की साइकिल तक 500 रुपए में बेच दी थी।
सभी उम्मीदें टूट गईं, तब बुधवार को एकसाथ जान देने का फैसला कर लिया। मृतकों में नरेंद्र सोनी (68), उनका 4 साल का पोता पार्थ और 17 साल की बेटी रिया शामिल है। नरेंद्र की पत्नी दीप्ती, बेटा भाविन और बहू उर्वशी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
कर्ज के दलदल में फंसता गया परिवार
जो कहानी सामने आई
उसके मुताबिक, नरेंद्र सोनी इमिटेशन ज्वेलरी का व्यापार करते थे। कुछ
सालों से लगातार घाटा होता गया, तो प्लास्टिक का सामान बेचने लगे। फिर घाटा
हुआ तो व्यापार में पूरी जमा पूंजी लगा दी। आखिरी में लाखों रुपए कर्ज ले
लिया। इसका ब्याज चुकाने के लिए घर बेचना पड़ा।
पड़ोसियों ने बताया कि नरेंद्र सोनी पहले स्वाति सोसायटी में 8 नंबर मकान के मालिक थे। उन्होंने करीब एक साल पहले अपने परिचित को यह मकान बेच दिया था और पड़ोस के मकान में किराए से रहने लगे थे। मकान बेचने से जो 25 लाख रुपए मिले थे, उसमें से ज्यादातर रकम ब्याज चुकाने में खर्च हो गई थी।
थोड़ा पैसा बचा था, जिससे लॉकडाउन से लेकर अब तक का खर्च चल रहा था। उन्होंने कुछ दिन पड़ोसियों से उधार लेकर गुजारा किया। नरेंद्र का बेटा भाविन कम्प्यूटर रिपेयरिंग का काम करता था, लेकिन इतनी कमाई नहीं होती थी कि परिवार का खर्च चल सके।
ईज ऑफ लिविंग के मामले में देश के महानगरों में बेंगलुरु सबसे बेहतरीन है और कम आबादी वाले शहरों में शिमला नंबर-1 है। इस लिहाज से राजधानी दिल्ली 13वें नंबर पर है। टॉप-20 शहरों में मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, छत्तीसगढ़ का रायपुर, गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट, महाराष्ट्र के पुणे, नवी मुंबई और ग्रेटर मुंबई समेत 7 शहर शामिल हैं। यह बात सरकार की तरफ से जारी ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स और म्युनिसिपल परफॉर्मेंस इंडेक्स-2020 में सामने आई है।
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स में 111 शहरों का सर्वे शामिल है। इनमें से 49 शहर 10 लाख से अधिक आबादी वाले (मिलियन प्लस) हैं, जबकि 62 शहर 10 लाख से कम कम आबादी वाले हैं।
शिक्षा के मामले में तिरुवनंतपुरम देश का सबसे अच्छा शहर है। दूसरे नंबर पर बेलागावी और तीसरे पर चंडीगढ़ आता है। इसके बाद काकीनाड़ा, इंदौर, इम्फाल, बेंगलुरु, अजमेर और अमृतसर के नंबर हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में इम्फाल सबसे बेहतरीन शहर है। टॉप-5 में वेल्लौर, पोर्ट ब्लेयर, शिलॉन्ग और मेंगलोर शामिल हैं।
4-Mar 2021-Time-2;30 A.M /FORCE-TODAY NEWS Honour Killing REPORT U.P
पिता ने बेटी का सिर धड़ से अलग -जांच के दौरान पुलिस का अमानवीय चेहरा -- [उत्तर प्रदेश हरदोई]
झूठी शान की खातिर पिता ने बेटी कि गर्दन काट दी।
इस घटना में एक पिता का अपराध तो जघन्य है ही, लेकिन जांच के दौरान पुलिस का अमानवीय चेहरा भी देखने को मिला। एक पुलिसकर्मी ने मृत लड़की के कटे हुए सिर को बालों से पकड़कर उठाया। उसने इसे किसी कपड़े से ढंकना तक मुनासिब नहीं समझा। इस पुलिसकर्मी की संवेदनहीन हरकत का फोटो भी वायरल हुआ है।
दो दिन से बेटी की हत्या की फिराक में था पिताजानकारी के मुताबिक, आरोपी हरदोई के मंझिला थाना क्षेत्र में पांडेतारा गांव का रहने वाला है। उसका नाम सर्वेश है। सर्वेश ने 2 दिन पहले बेटी को गांव के ही आदेश नाम के लड़के के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। उस वक्त तो वह शांत रहा, लेकिन गुरुवार को जब उसकी पत्नी खेत पर गई थी, तो बेटी को घर में अकेले पाकर सर्वेश ने धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया। इसके बाद वह सिर लेकर थाने पहुंच गया।
पुलिसवाले भी वारदात के बारे में सुनकर हैरान रह गएसर्वेश ने पुलिसवालों से कहा, 'साहब मैंने अपनी बेटी का गला काट डाला।' उसकी यह बात सुनकर पुलिसवाले भी हैरान रह गए। थाने की पुलिस फोर्स आरोपी को लेकर घटना स्थल पर पहुंची। मौके पर लड़की का खून से लथपथ धड़ पड़ा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया।
बड़ी खबरे -
1 -इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बुधवार को मुंबई और पुणे में बॉलीवुड की 4 हस्तियों के ठिकानों पर छापे मारे। इनमें एक्ट्रेस तापसी पन्नू, प्रोड्यूसर अनुराग कश्यप, विकास बहल और मधु मंटे शामिल हैं।
IT रेड के बाद अनुराग कश्यप और तापसी पन्नू को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है। इस बीच, कुछ रिपोर्ट्स के हवाले से दोनों कलाकारों की नेटवर्थ को लेकर भी दावे किए जा रहे हैं। सबसे ज्यादा 806 करोड़ की संपत्ति अनुराग कश्यप के पास बताई गई है, वहीं तापसी पन्नू के पास 44 करोड़ की संपत्ति है।
२-अहमदाबाद के आयशा सुसाइड केस में गुजरात पुलिस ने उसके पति आरिफ को राजस्थान के पाली से सोमवार रात अरेस्ट किया था। पुलिस मंगलवार शाम उसे लेकर अहमदाबाद पहुंची, जहां लॉकअप में उससे पूछताछ की गई। गिरफ्तारी से लेकर लॉकअप में पूछताछ तक यह नजर आया कि आरिफ को आयशा के सुसाइड का कोई गम नहीं है।
अहमदाबाद पुलिस के डीसीपी रवींद्र पटेल ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरिफ का बर्ताव चौंकाने वाला था क्योंकि उसके चेहरे पर आयशा की मौत को लेकर रत्तीभर भी अफसोस नजर नहीं आया। मैंने उससे आयशा के गर्भपात के बारे में भी सवाल किए, जिस पर उसने हामी भरी। यानी आयशा के परिवार का यह आरोप सही पाया गया है कि गर्भपात के बाद आयशा की हालत गंभीर होने के बावजूद आरिफ उसे देखने तक नहीं आया था।जानकारी -ये माना जाता है कि दुनियाभर में सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप का गोल्डेन है. इस ग्रुप के केवल 43 लोग ही सामने आए हैं. ये इतना दुर्लभ है कि अस्पताल (hospital) वाले इनका नाम-पता सब गुप्त रखते हैं. हालांकि इस ब्लड ग्रुप के खतरे ज्यादा हैं.गोल्डन ब्लड का असल नाम आरएच नल (Rh null) है. सबसे रेयर होने की वजह से शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने इसे गोल्डन ब्लड नाम दिया. साल 1961 से पहले डॉक्टरों को लगता था कि खून में Rh फैक्टर के अभाव में कोई भी इंसान जिंदा नहीं रह सकता है. 1961 में इस ब्लड ग्रुप का पहला मामला सामने आया, जो एक ऑस्ट्रेलियन महिला में पाया गया.
1-mar 2021-time-5;30 pm
हमारी लड़ाई मोदी से, अंबानी से नहीं [आतंकी संगठन]
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक रखने की बात से आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद ने इनकार कर दिया है। सोशल मीडिया में जैश उल हिंद ने एक पोस्टर शेयर किया है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने अंबानी को कभी कोई धमकी नहीं दी। वायरल हो रहा पत्र फर्जी है। आतंकवादी संगठन ने कहा कि वो नरेंद्र मोदी से लड़ रहे हैं। उनकी अंबानी से कोई लड़ाई नहीं है।
28 फरवरी को बने एक टेलीग्राम अकाउंट से एक चिट्ठी डाली गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि इसमें जैश-उल-हिंद ने मुकेश अंबानी को धमकी दी है।
पोस्टर की हैडिंग में लिखा- जैश-उल-हिंद से अंबानी को कोई खतरा नहीं,
आज सुबह हमने देखा कि भारतीय मीडिया में खबर चल रही है कि जैश-उल-हिंद ने भारतीय व्यवसायी मुकेश अंबानी के घर के बाहर हुई घटना की जिम्मेदारी ली है। हमें जैश-उल-हिंद नाम से एक टेलीग्राम अकाउंट के बारे में भी पता चला है, जिसमें उसी घटना का हवाला देते हुए एक पोस्टर जारी किया गया है।
- पोस्टर से हम साफ करना चाहते हैं कि जैश-उल-हिंद का घटना से कोई संबंध नहीं है। मुकेश अंबानी के बंगले के बाहर हुई घटना, कथित टेलीग्राम अकाउंट और चिट्ठी का हमसे कोई संबंध नहीं है। हम फर्जी पोस्टर बनाने के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों की निंदा करते हैं।
- हम कभी भी कुफ्रों (ईश्वर को न मानने वालों) से फिरौती नहीं लेते हैं और भारतीय व्यापार जगत के टाइकूनों के साथ हमारी कोई लड़ाई नहीं है। हमारी लड़ाई भाजपा और संघ के खिलाफ है।
- इस पत्र के जरिए मुसलमानों को बरगलाने की कोशिश की गई।
- नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के बेगुनाह मुसलमानों के खिलाफ जो बुरे काम कर रहे हैं, हम उनके खिलाफ लड़ रहे हैं। हम शरीयत के लिए लड़ रहे हैं न कि पैसे के लिए, हम सेकुलर डेमोक्रेसी के खिलाफ लड़ रहे हैं, अंबानी से नहीं।
- 2000 CCTV फुटेज के सहारे जांच कर रही पुलिस
एंटीलिया के बाहर 26 फरवरी की शाम संदिग्ध स्कार्पियो मिली थी। इसमें 20 जिलेटिन छड़ें रखी गई थीं। कार एंटीलिया से सिर्फ 600 मीटर के फासले पर खड़ी थी। इस मामले की जांच मुंबई पुलिस और NIA कर रही हैं। पुलिस ने अब तक 2000 से ज्यादा CCTV कैमरों की वीडियो फुटेज को अपने कब्जे में लिया है और जांच जारी है। कई वीडियो फुटेज में यह सुराग मिले हैं कि विस्फोटक रखने के बाद आरोपी एक इनोवा में बैठकर शहर से बाहर भाग गए हैं।
UPDATED-1 MARCH-2021 TIME-3;09 A.M -
FORCE-TODAY NEWS
छह साल की गरिमा -22 करोड़ का इंजेक्शन;--
शाहपुर आवास विकास कालोनी निवासी मुक्तिनाथ गुप्ता एक प्राइवेट डॉक्टर की कार चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। 3 अक्टूबर 2014 को उनकी पत्नी ममता गुप्ता ने परी को जन्म दिया था। पांच माह तक वह एक स्वस्थ बच्ची की तरह थी। लेकिन उसके बाद उसके शरीर के निचले हिस्से ने हलचल करना बंद कर दिया।
दो साल पहले बीमारी का पता चला
मुक्तिनाथ गुप्ता बताते हैं कि वे बच्ची को इलाज के लिए डाक्टर के पास लेकर गए। तब डॉक्टरों ने कैल्शियम और विटामिन की गोली देने के बाद सब कुछ ठीक होने की बात कही। लेकिन इन दवाओं से उसे कोई फर्क नहीं पड़ा। परी के बड़े होने के साथ ही उसकी समस्या बढ़ने लगी। अब न ही वह अपने पैरों पर चल सकती है और न ही उठ-बैठ सकती है। वह पूरी तरह से माता-पिता पर निर्भर है। परी की मां ममता गुप्ता बताती हैं कि BRD मेडिकल कालेज में इलाज चला। लेकिन डाक्टर बीमारी पकड़ नहीं सके। साल 2017 में वो दो साल की हुई, तब वे उसे लेकर एम्स दिल्ली गए। वहां पर डाक्टरों ने उसके पैर की मांसपेशियों को काटकर जांच के लिए भेजा।
जांच रिपोर्ट में पता चला कि उसे रेयर बीमारी ‘SMA Type-1’ है। परी LKG में पढ़ती है। न्यूरो सर्जन डा. अजय कुमार सिंह अपने ड्राइवर मुक्तिनाथ की बेटी गरिमा की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं। उनकी मदद से ही वो पढ़ रही है। PM नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाते हुए ममता कहती हैं कि वे उनकी बेटी का इलाज कराने में मदद करें। जिससे उनकी बेटी चलने-फिरने और अपना काम करने के साथ भविष्य बना सकें।
पांच साल से मुफ्त इलाज दे रहीं डॉक्टर सपना सिंह
बाल रोग विशेषज्ञ डा. सपना सिंह बीते पांच साल से परी का इलाज मुफ्त में कर रही हैं। वे कहती हैं कि परी को प्रोग्रेसिव स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी की गंभीर बीमारी है। इससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है।कमर के नीचे का हिस्सा काम नहीं करता है। उसे बार-बार निमोनिया हो जाता है। उसकी रेस्पाइरेट्री कम्प्रोमाइज है। इसके अलावा वो एलर्जिक भी है। उम्र बढ़ने के साथ बीमारी गंभीर होती जाती है। बार-बार चेस्ट में इंफेक्शन होता है। यही मौत की वजह बन जाता है।
क्या है SMA बीमारी?
स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) बीमारी वाले बच्चों के शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता। इससे मांसपेशियां और तंत्रिकाएं (Nerves) खत्म होने लगती हैं। दिमाग की मांसपेशियों की एक्टिविटी भी कम होने लगती है। ब्रेन से सभी मांसपेशियां संचालित होती हैं, इसलिए सांस लेने और खाना चबाने तक में दिक्कत होने लगती है। SMA कई तरह की होती है। Type-1 सबसे गंभीर बीमारी है। देश में अभी तक 5 लोगों और दुनिया में करीब 600 लोगों को SMA बीमारी के इलाज के लिए जोल्जेंसमा का इंजेक्शन लगा है। जिन्हें लगा उन्हें भी 60 % ही फायदा मिला।
स्विट्जरलैंड की कंपनी बनाती है इंजेक्शन
बताया गया कि स्विटजरलैंड की कंपनी नोवार्टिस जोलगेन्स्मा यह इंजेक्शन तैयार करती है। नोवार्टिस कंपनी दुनियाभर के 50 लोगों को यह दवाई मुफ्त में देती है, लेकिन वह रेंडमली सेलेक्टेड मरीजों को ही मिलती है। ईशानी का रजिस्ट्रेशन मुफ्त मिलने वाले टीके की प्रक्रिया के लिए कर दिया गया है, लेकिन उसके लिए इंतजार करना बेटी की जान के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। ईशानी के पिता अभिषेक ने मदद के लिए सोशल मीडिया पर मदद के लिए कैंपेन शुरू कर दिया है। इसके लिए मिलाप और इम्पैक्ट गुरू जैसी वेबसाइट पर प्रोफाइल बनाकर लोगों से मदद की गुहार की है।
कूद गई मुस्कुराते वीडियो के साथ खुदकुशी:
मामला गुजरात के अहमदाबाद शहर का है। एक शादीशुदा महिला ने साबरमती नदी में कूदकर खुदकुशी कर ली। नाम है आयशा। उसने इससे पहले बेहद भावुक कर देने वाला वीडियो बनाया। फिर अब्बू और अम्मी से बात की और नदी में छलांग लगा दी।
आयशा अपना पर्स और मोबाइल नदी किनारे छोड़ गईं। वहीं से सारा सच सामने आया। पहले पढ़िये आयशा जो बात अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर गईं उसे...
‘हैलो, अस्सलाम अलेकुम, मेरा नाम है आयशा... आरिफ खान... और मैं जो कुछ भी करने जा रही हूं, अपनी मर्जी से करने जा रही हूं। इसमें किसी का जोर या दबाव नहीं है। अब बस... क्या कहें... ये समझ लीजिए कि खुदा की दी जिंदगी इतनी ही होती है और मुझे इतनी ही जिंदगी बहुत सुकून वाली मिली। और डैड, कब तक लड़ेंगे अपनों से? केस विड्रॉल कर दो। नहीं करना... आयशा लड़ाइयों के लिए नहीं बनी है। और प्यार करते हैं आरिफ से, उसे परेशान थोड़ी न करेंगे। अगर उसे आजादी चाहिए तो ठीक है वो आजाद रहे। चलो अपनी जिंदगी तो यहीं तक है। मैं खुश हूं कि मैं अब अल्लाह से मिलूंगी और उन्हें कहूंगी कि मेरे से गलती कहां रह गई?
मां-बाप बहुत अच्छे मिले, दोस्त भी बहुत अच्छे मिले। लेकिन कहीं कोई कमी रह गई, मुझ में या शायद तकदीर में। मैं खुश हूं, सुकून से जाना चाहती हूं। अल्लाह से दुआ करती हूं कि अब दोबारा इंसानों की शक्ल न दिखाए।
एक चीज जरूर सीख रही हूं कि मोहब्बत करनी है तो दो तरफा करो, क्योंकि एकतरफा में कुछ हासिल नहीं है। चलो कुछ मोहब्बत तो निकाह के बाद भी अधूरी रहती है। ऐ प्यारी सी नदी, प्रे करते हैं कि मुझे अपने में समा ले। और मेरे पीठ पीछे जो भी हो, प्लीज ज्यादा बखेड़ा मत करना।
मैं हवाओं की तरह हूं, बस बहना चाहती हूं और बहते रहना चाहती हूं। किसी के लिए नहीं रुकना। मैं खुश हूं आज के दिन... मुझे जो सवाल के जवाब चाहिए थे, वे मिल गए। और मुझको जिसको जो बताना था सच्चाई वो बता चुकी हूं। बस काफी है, थैंक्यू। मुझे दुआओं में याद करना। क्या पता जन्नत मिले या न मिले। चलो अलविदा।’
2018 में राजस्थान के जालोर में शादी हुई थी
अहमदाबाद
में रहने वाले और पेशे से टेलर आयशा के पिता लियाकत अली ने बताया, ‘बेटी
का निकाह 2018 में जालौर (राजस्थान) में रहने वाले आरिफ खान से हुआ था,
लेकिन शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था।
शादी के कुछ महीनों बाद ही आरिफ दहेज की मांग करते हुए आयशा को अहमदाबाद छोड़ गया था। बाद में रिश्तेदारों के समझाने पर आयशा को अपने साथ लेता गया, लेकिन 2019 में फिर से उसे हमारे पास (माता-पिता) छोड़ गया था। आरिफ और उसके घर वाले डेढ़ लाख रुपए की मांग कर रहे थे। किसी तरह पैसों का इंतजाम कर उन्हें दे भी दिया था।'
पति ने कहा था- मरना है तो जाके मर जा
लियाकत
अली का कहना है कि पैसे देने के बाद आरिफ के परिवार का लालच बढ़ता ही गया।
कुछ महीनों पहले आरिफ फिर से आयशा को अहमदाबाद छोड़ गया था। आरिफ तो आयशा
से फोन तक पर बात नहीं करता था। कुछ दिनों पहले आयशा ने गुस्से में खुदकुशी
करने की धमकी दी। इस पर आरिफ ने जवाब दिया कि मरना है तो जाके मर जा। इसी
बात से आयशा आहत थी और आखिरकार उसने आत्महत्या कर ली।
वीडियो मिलते ही परिवार ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू टीम ने साबरमती नदी से आयशा की लाश निकाली। आयशा ने 25 फरवरी को खुदकुशी की थी। लाश भी उसी दिन निकाली गई थी। लेकिन वीडियो शनिवार को सामने आया है।
“खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते” FORCE-TODAY NEWS
“News is what someone wants
suppressed. Everything else is advertising. The power is to set the
agenda. What we print and what we don’t print matter a lot.” FORCE-TODAY NEWS
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