दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति शनिवार को आर्मी ऑफिसर बन गईं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की गोली से शहीद हुए दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति शनिवार को आर्मी ऑफिसर बन गईं। पासिंग आउट परेड (POP) में उनके दोनों बच्चे भी साथ उनके साथ रहे। करीब 3 साल पहले पति की शहादत के बाद ज्योति ने देश की सेवा करने का फैसला कर लिया था। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में हुए POP के बाद कहा कि वे अपने पति की रेजीमेंट का शुक्रिया अदा करना चाहती हैं। रेजीमेंट ने उनके साथ बेटी की तरह व्यवहार किया और हर कदम पर उनका साथ दिया। उन्होंने कहा कि वे इस तरह अपना जीवन बिताएंगी, जो उनके बच्चों के लिए उपहार के समान होगा। शनिवार को 178 कैडेट्स ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से पास हुए। इनमें 124 पुरुष, 29 महिलाएं, और 7 अफगानियों सहित 25 विदेशी सैनिक भी शामिल हैं।देहरादून के हर्रावाला के रहने नायक दीपक नैनवाल 10 अप्रैल 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों से मुठभेड़ में घायल हो गए थे। 3 गोलियां लगीं थी। एक महीने तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बाद वह 20 मई 2018 को शहीद हो गए थे। उनकी पत्नी ज्योति के ने भी दीपक की तरह देश सेवा करने का फैसला किया।ज्योति के 2 बच्चे हैं। बेटी लावण्या कक्षा 4 में पढ़ती है, जबकि बेटा रेयांश कक्षा 1 का छात्र है। दोनों बच्चों को अपनी मां के आर्मी अफसर बनने पर गर्व है। वे भी आगे चलकर अपने पिता की तरह फौजी बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं।दीपक के पिता चक्रधर नैनवाल भी सेना से रिटायर्ड हैं। उन्होंने 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध, करगिल युद्ध और कई दूसरे ऑपरेशन में भी हिस्सा लिया था। दीपक के दादा सुरेशानंद नैनवाल भी स्वतंत्रता सेनानी थे।
चीन-पाकिस्तान अब संभल जाएं-वरना ख़ाक मै मिल जाओगे -
रूस ने अपने अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई भारत को शुरू कर दी है। अगले साल की शुरुआत में ही इस डिफेंस सिस्टम की तैनाती भारत की सरहदों पर होनी शुरू हो जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वी और उत्तरी सीमा पर दो एयर डिफेंस सिस्टम जल्द लगा दिए जाएंगे। इसके साथ ही मोदी सरकार चीन के साथ अपनी सुरक्षा स्थितियों में संतुलन स्थापित कर सकेगी। सिस्टम की खासियत है कि ये 400 किमी. की रेंज में 36 टारगेट एकसाथ तबाह कर सकता है।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय और करीबी संबंध S-400 डिफेंस सिस्टम जल्दी मिलने की वजह हैं। ये करीबी संबंध ही हैं, जिनकी वजह से पुतिन साल में केवल दूसरी बार अपने देश से बाहर किसी देश के लीडर से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे केवल एक बार रूस से बाहर आए थे, तब उन्होंने 16 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी। रूस ने लॉकडाउन के बावजूद अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसेलिटीज खोली थीं, ताकि ये डिफेंस सिस्टम जल्द भारत को सौंपे जा सकें।
भारत के लिए ये सिस्टम क्यों अहमचीन ने यही S-400 डिफेंस सिस्टम गारी गर गुंसा एयरबेस पर तैनात किया है। ये इलाका लद्दाख में LAC के पास और डेमचोक एरिया के अपोजिट है। इसके अलावा अरुणाचल LAC के दूसरी तरफ चीन ने निंगची एयरबेस पर भी ये सिस्टम तैनात किया है। इसके अलावा चीन ने लद्दाख LAC पर जवानों की 3 टुकड़ियां, मिसाइल और रॉकेट रेजीमेंट तैनात की हैं। उसकी वायुसेना भी स्टैंडबाई पर है। ऐसे में भारत का इन इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम तैनात करना जरूरी है।
भारत में कहां-कहां तैनात होंगे ये सिस्टम
रिपोर्ट्स
के मुताबिक, पूर्वोत्तर में 3 और पश्चिमी सीमा पर ऐसे 2 एयर डिफेंस सिस्टम
तैनात करने की तैयारी है। इसके लिए ही भारत ने रूस के साथ 40 हजार करोड़
की बड़ी डील साइन की है।
1. S-400 की सबसे बड़ी खासियत इसका मोबाइल होना है। यानी रोड के जरिए इसे कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
2. इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है।
3. ऑर्डर मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ये ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है।
4. S-400 में 400 इस सिस्टम की रेंज को दर्शाता है। भारत को जो सिस्टम मिल रहा है, उसकी रेंज 400 किलोमीटर है।
5. ये 400 किलोमीटर दूर से ही अपने टारगेट को डिटेक्ट कर काउंटर अटैक कर सकता है।
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