तस्वीरों में देखिए-पहली बार-ऐसी अंतिम विदाई किसी सैन्य अफसर की
सड़कों पर उतरी जनता, फूल बरसाए--देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ आज
परमात्मा में लीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली कैंट में शाम 4:56
बजे जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका को एक ही चिता पर दोनों बेटियों
कीर्तिका और तारिणी ने एक साथ मुखाग्नि दी।
जनरल का अंतिम सफर-CDS रावत की श्रद्धांजलि सभा में एक वक्त ऐसा भी आया, जब वहां मौजूद सभी की
आंखें नम हो गईं। जनरल रावत की बड़ी बेटी कीर्तिका अपने मासूम बेटे के साथ
पहुंचीं। उन्होंने अपने बेटे के हाथ में फूल देकर नाना-नानी के पार्थिव
शरीर को समर्पित करने के लिए कहा। मासूम ने एक-दो बार ऐसा किया। फिर दुख
भरे इस माहौल से अनजान मासूम फूलों से ही खेलने लगा।देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत पत्नी मधुलिका समेत हमसे
विदा हो गए। दोनों विवाह की वेदी से चिता तक साथ रहे। 36 साल पहले दोनों ने
अग्नि के सात फेरे लेकर साथ निभाने का वचन दिया था, जिसे मुखाग्नि तक
निभाया।
अंतिम संस्कार के वक्त एक-दूसरे को गले लगातीं जनरल रावत की बेटियां तारिणी और कृतिका। |
तारिणी और कृतिका ने मां-पिता को एक ही चिता पर मुखाग्नि दी। |
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जनरल रावत के घर के बाहर उन्हें श्रद्धांजलि देने देशभर से लोग पहुंचे थे। घर के बाहर लंबी कतार थी। |
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जनरल रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई। इस दौरान 800 जवान मौजूद थे। |
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