FORCE TODAY NEWS REPORT 06 FER 2022
भारत बना विश्व चैम्पियन
टीम इंडिया अंडर 19 वर्ल्ड चैंपियन:फाइनल में इंग्लैंड को 4 विकेट से हराया
भारत ने पांचवीं बार अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया है। यंगिस्तान ने 190 रन के टारगेट को 47.4 ओवर में 6 विकेट खोकर पार कर लिया। निशांत सिंधु 50 और दिनेश बाना 13 रन बनाकर नाबाद रहे। बाना ने सिक्स जमाकर टीम को जीत दिलाई। सीनियर क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 वर्ल्ड के फाइनल में भारत को श्रीलंका के ऊपर इसी अंदाज में सिक्स जमाकर जीत दिलाई थी।
ऑलराउंडर राज बावा भारत की जीत के हीरो रहे। उन्होंने पहले 31 रन देकर पांच विकेट लिए। इसके बाद बल्लेबाजी में भी कमाल दिखाते हुए 35 रन की पारी खेली। उपकप्तान शेख रशीद ने भी 50 रनों की बेहतरीन पारी खेली। भारतीय टीम इससे पहले 2000, 2008, 2012 और 2018 में भी अंडर-19 वर्ल्ड कप में खिताबी जीत हासिल की थी।
फाइनल मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए इंग्लैंड की टीम 44.5 ओर में 189 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई। जेम्स रेव ने सबसे ज्यादा 95 रन बनाए। भारत की ओर से राज बावा के अलावा रवि कुमार ने भी बेहतरीन गेंदबाजी की। उन्होंने चार विकेट लिए। कौशल तांबे को 1 सफलता मिली।इंग्लैंड की शुरुआत खराब रही और दूसरे ही ओवर में रवि कुमार ने जैकब बेथेल (2) को LBW आउट किया। अपने अगले ही ओवर में रवि ने कप्तान टॉम प्रेस्ट (0) को क्लीन बोल्ड कर भारत को दूसरी सफलता दिलाई। जॉर्ज थॉमस (27) के स्कोर पर राज बावा की गेंद पर आउट हुए। भारत को चौथी सफलती भी राज बावा ने ही दिलाई। उन्होंने विलियम लक्सटन (4) को विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश बाना के हाथों कैच कराया। बावा ने इसकी अगली ही गेंद पर जॉर्ज बेल (0) को भी पवेलियन चलता कर दिया। दो ओवर बाद बावा ने रेयान अहमद (10) को स्लिप में कैच करवाकर भारत को छठी कामयाबी दिलाई। कौशल ताबें ने एलेक्स हॉर्टन (10) को कप्तान यश धुल के हाथों कैच काराया।
इसके बाद जेम्स रेव और जेम्स सेल्स ने बेहतरीन साझेदारी की। इस साझेदारी को रवि कुमार ने 44वें ओवर की पहली गेंद पर रेव को आउट कर तोड़ा। इसी ओवर में उन्होंने थॉमस स्पिनवॉल (0) को भी चलता कर दिया। 45वें ओवर में राज बावा ने जोशुओ बोडेन (1) को आउट कर इंग्लैंड की पारी को समाप्त कर दिया।
भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में एक मैच भी नहीं हारी और लगातार 6 जीत के साथ चैंपियन बनी। पहले मैच में भारत ने साउथ अफ्रीका को 45 रन से हराया। इसके बाद भारतीय टीम ने आयरलैंड को 174 रन से और यूगांडा को 326 रन से हराया। क्वार्टर फाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 5 विकेट से मात दी। सेमीफाइनल में हमने ऑस्ट्रेलिया को 96 रन से हराया। अब फाइनल में इंग्लैंड को 4 विकेट से हराकर पांचवीं बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया।
1 लाख रुपए-पराठे कोई खाकर दिखाए--
दुनिया का सबसे बड़ा 32 इंच का पराठा जयपुर में मिलता है? यही नहीं, खाने वालों के लिए चैलेंज भी रखा गया है। एक साथ 32 इंच के दो पराठे कोई खाकर दिखाए तो रेस्टोरेंट मालिक उसे 1 लाख रुपए नकद और जिंदगी भर फ्री खाने की सुविधा देगा। अगर आप इसे नहीं खा पाए तो इसकी कीमत 700 रुपए चुकानी होगी।एक पराठे में 2 किलो आटा इस्तेमाल होता है। पराठे की स्टफिंग का वजन ही 1.5 किलो के लगभग होता है। स्टफिंग बारीक कटे प्याज, क्रश किया हुआ पनीर, धनिया पत्ती, बारीक कटी हरी मिर्च को आलू में मिक्स कर तैयार होती है। इसमें स्वादानुसार नमक, लाल मिर्च और सीक्रेट मसाला डाला जाता है। स्टफिंग ऑर्डर की वैरायटी पर भी डिपेंड करती है।
यूं तो पराठा हर घर में बनाया और खाया जाता है। इतने बड़े साइज का पराठा बनाना आसान नहीं। सबसे बड़ी चुनौती रहती है इसकी स्टफिंग। अक्सर पराठों में स्टफिंग सही ढंग से नहीं हो पाती। 40 इंच के बेलन से इस तरह बेलते हैं कि पराठे के हर कौने तक स्टफिंग पहुंचती है। बेलने के बाद पराठे को सावधानी से तवे पर शिफ्ट किया जाता है। फिर इसकी मीडियम फ्लेम पर देशी घी में अच्छे से सिकाई की जाती है। सिकने के बाद तैयार पराठे को 32 इंच की थाली में रखा जाता है। इसे कटर से काटकर कस्टमर को हरी चटनी, लहसुन चटनी, सॉस और स्पेशल रायता के साथ सर्व करते हैं।
सबसे बड़ा चैलेंज था इतना बड़े पराठे का ऑर्डर कौन करेगा। 32 इंच का पराठा लाने के पीछे सोच यही थी कि एक फैमिली के सभी मेंबर एक साथ बैठकर खा सकें। हमें अच्छे से पता था कि इतना बड़ा पराठा खाना किसी एक के लिए बस की बात नहीं। आजकल जो दौर है, उसमें किसी के पास एक साथ खाने का वक्त नहीं है। हमारा 32 इंच का पराठा खाने के लिए पूरी फैमिली आती है या फिर दोस्तों की पूरी टोली।
रेस्टोरेंट की शुरुआत 22 अगस्त 2018 में की थी। 32 इंच का पराठा कल्चर बन जाए, इसके लिए खाना और पैसे जीतने का चैलेंज लेकर शुरू किया था। दो पराठे 50 मिनट में खाने पर शुरुआत में 11 हजार का इनाम रखा था। इसका हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला था। आज तक इस चैलेंज को कोई तोड़ नहीं पाया है। कोरोना काल में बिजनेस थोड़ा कम हुआ है। फिर भी आज टेस्ट और बेस्ट काम से हमने साढ़े तीन साल में दूसरी ब्रांच दूदू के पास अजमेर हाईवे पर खोल ली है। अब इस पराठे का दावा मजबूत करने के लिए इंडिया गॉट टैलेंट में भी भेजा गया है।
रेस्टोरेंट संचालक के मुताबिक दिन में 32 इंच के पराठों की डिमांड दोनों रेस्टोरेंट पर 80 से 100 के बीच रहती है। एक पराठे की कीमत 700 रुपए है। इसके अलावा 12, 18 और 24 इंच का पराठा भी यहां मिलता है। इसकी कीमत 120, 260 और 450 रुपए है। छोटे साइज के पराठों की सेल भी अच्छी है। एक अनुमान के मुताबिक साल में पराठों की सेल 2 करोड़ से भी ज्यादा है।
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