kotdawar-भाजपा में जश्न शुरु-
हरीश रावत की बड़ी हार-
कुमाऊं की लालकुआं सीट से चुनाव लड़े पूर्व सीएम हरीश रावत हार गए हैं। यहां से बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत दर्ज की है। यहां हुए मुकाबले में हरीश रावत करीब 14 हजार वोटों से हार गए हैं। माना जा रहा है कि लालकुआं सीट से कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ीं संध्या डालाकोटी के कारण कांग्रेस के वोट बैंक में खासी सेंध लगी, जिससे हरीश रावत को हार का मुंह देखना पड़ा।हरीश रावत की यह दूसरी बड़ी हार है। पिछले चुनाव में भी हरीश रावत को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। लालकुआं सीट से किस्मत आजमा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन उन्हें इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा इसका अंदाजा नहीं था।
https://youtu.be/qSNJD-bRxrM
FORCE TODAY NEWS 10 MARCH 2022
पाकिस्तानी छात्रा बोली मोदी जी शुक्रिया -
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार ने 20 हजार भारतीयों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चलाया, जिसके तहत अब तक 18 हजार से ज्यादा भारतीयों की वतन वापसी हो चुकी है। यूक्रेन के बॉर्डर पर पहुंचे अधिकारियों ने पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अन्य देशों के स्टूडेंट्स को भी वॉर जोन से निकलने में मदद की। उन्हीं में से एक पाकिस्तान की अस्मा शफीक भी रहीं।वहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से 9 बांग्लादेशी नागरिकों को बचाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। ऑपरेशन के दौरान भारतीयों के अलावा नेपाल और ट्यूनीशिया के छात्रों को भी रेस्क्यू कर निकाला गया है।
अस्मा बोलीं मुश्किल में फंसी थीअस्मा ने कीव के भारतीय दूतावास और प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है। अस्मा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन से उन्हें बाहर निकालने के लिए धन्यवाद दे रही हैं। वीडियो में अस्मा कह रही हैं कि उन्हें भारतीय अधिकारियों ने बचा लिया है और वे पश्चिमी यूक्रेन के रास्ते में है। जल्द ही अपने परिवार से मिल जाएंगी।
न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि तुर्की और बांग्लादेश के लोगों ने भी यूक्रेन से निकलने में तिरंगे को अपनी ढाल बनाया था।
पिछले
हफ्ते यूक्रेन में फंसी एक पाकिस्तानी छात्रा ने ऑपरेशन गंगा की तारीफ
करते हुए वीडियो ट्वीट कर कहा था, ‘हमसे बेहतर तो इंडिया है। यहां फंसे
इंडियंस को कोई दिक्कत नहीं हो रही, उन्हें अपने मुल्क ले जाया जा रहा है।
हमें पाकिस्तानी होने का नुकसान हो रहा है।’
विदेश
मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक दिन पहले ट्वीट करके बताया कि यह
बताते हुए खुशी हो रही है कि सुमी से सभी 694 भारतीय छात्रों को बाहर
निकालने में सफलता मिल गई है। वे सभी पोल्टावा के रास्ते में हैं, जहां से
वे पश्चिमी यूक्रेन के लिए ट्रेन से रवाना होंगे।
यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों को लाने के मिशन को ऑपरेशन गंगा नाम दिया गया है। इसमें से हंगरी और पोलैंड से एयरलिफ्ट का काम पूरा हो गया है। इंडियन एयरफोर्स ने भी ऑपरेशन गंगा में भाग लिया। एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर की 10 उड़ानों से 2056 यात्रियों को वापस लाया गया।
महिलाओ के अधिकार जानिये। हर महिला को होनी चाहिए।
महिलाएं प्रगति कर रही हैं और वो आगे बढ़ना चाहती हैं। लेकिन अधिकारों की जानकारी के अभाव में वो पीछे रह जाती हैं। इसी समाज में महिला उत्पीड़न, स्त्री द्वेष, महिलाओं का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न, लिंग भेद जैसी चीजें भी हो रही हैं, कई महिलाओं के लिए ये सब झेलना उनके जीवन का हिस्सा बन चुका है। जानिए, ऐसे ही कुछ भारतीय कानूनों के बारे में जिनकी जानकारी हर महिला को होनी चाहिए। कुंवारी हो या शादीशुदा, पैतृक संपत्ति पर हकपिता की जायदाद पर बेटी का भी उतना ही हक है, जितना कि बेटे का। हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम 2005 के तहत बेटी को हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली में बेटे के बराबर ही संपत्ति में अधिकार मिलेगा। विवाह के बाद भी बेटी का पित्ता की संपत्ति पर अधिकार रहता है।
रात में नहीं कर सकते अरेस्ट
अगर
कोई विशेष कारण न हो तो किसी भी महिला को सूरज ढलने के बाद और सूरज उगने
से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। गिरफ्तारी के लिए मजिस्ट्रेट महिला
कांस्टेबल का होना अनिवार्य है। महिला कांस्टेबल की उपस्थिति में ही आरोपी
महिला से पूछताछ की जा सकती है।
समान काम के लिए समान वेतन
समान पारिश्रमिक अधिनियम के मुताबिक, वेतन या मजदूर में महिलाओं के साथ लिंग के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता है। यानी कि किसी काम के लिए पुरुषों को जितनी सैलरी मिलती है, महिलाओं को भी उतनी ही सैलरी लेने का पूरा हक है।अनुकंपा के आधार पर बेटी नौकरी की हकदार
पिता की अचानक मौत के बाद बेटियों को भी अनुकंपा पर नौकरी पाने का हक है। शादी हुई हो या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
हक से मांगो गुजारा भत्ता, तीन कानून
देश
में महिलाओं के गुजारा भत्ता यानी मेंटेनेंस क्लेम करने के लिए तीन कानून
हैं। सीआरपीसी की धारा 125 के तहत महिलाएं पिता या पति से गुजारा भत्ता ले
सकती हैं। जबकि हिंदू मैरिज एक्ट-1955 की धारा 24 और 25 के तहत कोई भी
महिला अपने पति से मुआवजा मांग सकती है। प्रोटेक्शन ऑफ वुमन फ्रॉम
डोमेस्टिक वायलेंस एक्ट 2005' के तहत भी महिलाएं गुजारा भत्ता ले सकती हैं।
मैटरनिटी लीव सुविधा नहीं, बल्कि अधिकार
मातृत्व अवकाश यानी मैटरनिटी लीव काम-काजी महिलाओं के लिए सिर्फ सुविधा नहीं है, बल्कि यह उनका अधिकार है। मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत एक कामकाजी महिला प्रसव के दौरान 26 हफ्ते की लीव ले सकती है। इस दौरान महिला के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाती है और फिर से काम शुरू कर सकती है।'साइबर स्टॉकिंग' भी अपराध, हो सकती है जेल
आपराधिक
कानून (संशोधन) अध्यादेश 2013 के तहत किसी महिला का पीछा करना या उससे
बिना उसकी मर्जी के संपर्क स्थापित करने की कोशिश करना, बार-बार मना करने
बावजूद उसे बातचीत के लिए फोर्स करने आदि पर कानूनी मदद ली जा सकती है। कोई
महिला इंटरनेट पर क्या करती है, इस पर नजर रखना भी स्टॉकिंग के दायरे में
आता है। स्टॉकिंग के आरोप में जेल भी हो सकती है।
ऑफिस में लड़की से भद्दा मजाक भी अपराध
कार्य
स्थल पर अगर किसी महिला का यौन शोषण किया जा रहा है तो इसके खिलाफ उसे
शिकायत दर्ज कराने का पूरा अधिकार है। अगर कंपनी कमेटी में पीड़ित महिला को
न्याय नहीं मिलता है तो वह कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है। कार्यस्थल पर
महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 यानी
POSH एक्ट इसी के लिए है। इसके तहत ऐसी कोई भी जगह जहां 10 से ज्यादा लोग
काम करते हैं, कोई अश्लील फोटो दिखाता है, सेक्स की मांग करता है, कोई
फूहड़ मजाक करता है तो उसकी शिकायत कर सकती हैं।
घरेलू हिंसा के खिलाफ महिलाओं के अधिकार
इंडियन पीनल कोड की धारा 498 के तहत पत्नी, महिला लिव इन पार्टनर या घर में रह रही किसी भी महिला पर की गई घरेलू हिंसा से सुरक्षा दी जाती है। महिला खुद या उसकी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है।पीड़िता की पहचान छिपाए रखने का प्रावधान
यौन
उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को समाज में किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े,
इसके लिए उनकी पहचान छिपाए रखने का प्रावधान है। अगर पीड़िता का नाम जाहिर
किया जाता है तो दो साल तक की जेल और जुर्माने का भी प्रावधान है।
अश्लील तरीके से दिखाने पर कानूनी कार्रवाई
किसी
महिला को अभद्र तरीके से दिखाने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। कानून के
तहत महिला के शरीर से जुड़े किसी भी हिस्से को इस तरह दिखाना कि वो अश्लील
लगे, दंडात्मक कार्रवाई की वजह बन सकता है।
गरिमा और शालीनता से रहने का अधिकार
देश में हर महिला को गरिमा और शालीनता के साथ रहने का अधिकार है। अगर किसी मामले में आरोपी महिला है तो उस की जाने वाली कोई चिकित्सा जांच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए।कहीं से भी एफआईआर, हर महिला का अधिकार
कोई
भी महिला अपने खिलाफ हुए किसी भी तरह के अपराध के लिए देश के किसी भी
हिस्से में जीरो एफआईआर के तहत शिकायत दर्ज करा सकती है। इसके अलावा,
वर्चुअल तरीके से भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। ऐसा उस परिस्थिति में
जहां महिलाएं स्वयं थाने तक जाने में सक्षम नहीं हैं।
मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार
पीड़ित
महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का अधिकार है। इसके लिए महिला को स्टेशन
हाउस ऑफिसर को विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील की व्यवस्था करने के लिए सूचित
करना होगा।
FORCE TODAY NEWS 10 MARCH 2022 |
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