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हिजाब न पहनने पर पुलिस ने 6 गोलियां मारीं। 2-थाईलैंड की नौकरी से बचें भारतीय 3-जहाज समुद्र में डूबा

 FORCE TODAY NEWS REPORT REENA JOSHI 

DATE- 27 TUE 2022

 हिजाब न पहनने  पर पुलिस ने 6 गोलियां मारीं।

नजफी ईरान की कट्टरपंथी इब्राहिम रईसी सरकार के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहीं थीं
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों की अगुआई कर रहीं 20 साल की हदीस नजफी की पुलिस फायरिंग में मौत की खबर है। सोशल मीडिया पर उनकी मौत से संबंधित कई वीडियो वायरल हैं। जानकारी के मुताबिक, शनिवार को हदीस तेहरान से कुछ दूर स्थित कराज शहर में कई महिलाओं के साथ विरोध कर रहीं थीं। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें 6 गोलियां मारीं।

ईरान में 16 सितंबर को महसा अमीनी की मॉरल पुलिस की कस्टडी में मौत हो गई थी। इसके बाद देश में हिजाब और सख्त पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रर्दशन शुरू हुए। इनमें चार महिलाओं समेत अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है।रदर्शनों से घबराई और दमन पर उतारू ईरान की कट्टरपंथी सरकार ने कुछ दिन पहले इंटरनेट बंद कर दिया था। लिहाजा वहां से काफी कम जानकारी सामने आ रही है।

22 साल की महसा अमीनी कुर्दिस्तान की रहने वाली थीं। वो 13 सितंबर को काम की तलाश में तेहरान आईं थीं। 3 दिन बाद परिवार को उनका शव मिला।
महसा की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद जिन महिलाओं या लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन की कमान संभाली, उनमें नजफी सबसे आगे थीं और इसीलिए वो इब्राहिम रईसी सरकार की आंखों की किरकिरी बनी हुई थीं। 20 साल की स्टूडेंट नजफी ने पुलिस के सामने भी हिजाब नहीं पहना और अपने बाल भी उसके सामने ही काट दिए थे। कराज में शनिवार को ऐसे ही एक विरोध प्रदर्शन के दौरान मॉरल पुलिस ने नजफी को 6 गोलियां मारीं।

 सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि नजफी के परिवार ने ही उनकी मौत के बाद अंतिम रस्म का वीडियो जारी किया है। ऐसे कई वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि अब तक किसी न्यूज एजेंसी ने इनकी पुष्टि नहीं की है। नजफी की याद और उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले भी कई वीडियोज सामने आए हैं।

नजफी ईरान
 एलन मस्क ने ईरान के लिए स्टारलिंक सैटेलाइट सर्विस शुरू कर दी है। हालांकि इसके बाद भी यह सर्विस हासिल करने में आम ईरानी को काफी दिक्कतें हो सकती हैं। इसकी वजह टेक्निकल है। दरअसल, स्टारलिंक से इंटरनेट एक्सेस के लिए टर्मिनल बनाने होंगे। इस बात की उम्मीद काफी कम है कि ईरान सरकार इन्हें लगाने की मंजूरी देगी। हालांकि अगर कोई टर्मिनल लगा लेता है तो वो स्टारलिंक के जरिए बाहरी दुनिया से कनेक्ट हो सकता है।

दूसरी तरफ, कार्नेगी एंडाउमेंट सेंटर से जुड़े ईरान मामलों के विश्लेषक करीम सादजादपोर के मुताबिक ईरान का इंटरनेट बंद करना खतरनाक संकेत है। पिछली बार जब ईरान ने इंटरनेट बंद किया था, तब 1500 लोग मारे गए थे।13 सितंबर को हिजाब न पहनने की वजह से महसा अमीनी को मॉरल पुलिस ने हिरासत में लिया था। तीन दिन बाद यानी 16 सितंबर उनका शव परिवार को मिला। अब 50 से ज्यादा शहरों में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। हर शहर में महिलाएं मॉरल पुलिसिंग और हिजाब कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रही हैं। दो साल तक शांत रहीं महिलाएं अब सरकार के लिए मुश्किल का बहुत बड़ा सबब बन गई हैं। न तो वो हिजाब पहनने को तैयार हैं, न बाल ढंकने को तैयार हैं और न ढीले ड्रेस पहनने का फरमान मानने को तैयार हैं।

 इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान में 2019 में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए थे। तब भी आम नागरिकों पर फायरिंग हुई थी, जबरदस्त जुल्म हुए थे, इंटरनेट बंद कर दिया गया था। अब फिर वही तस्वीर सामने है।
अमीनी को लोग जिना के नाम से भी जानते हैं, पिछले हफ्ते वो कुर्दिस्तान के अपने घर से काम की तलाश में तेहरान आई थीं। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने हिजाब नहीं पहना था, इसकी सजा उन्हें मौत के तौर पर मिली।

 थाईलैंड की नौकरी से बचें भारतीय-

भारत सरकार ने युवाओं को थाईलैंड से आ रहे फेक जॉब ऑफर से बचने की सलाह दी। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एडवाइजरी जारी कर बताया कि भारत में युवाओं को थाईलैंड से फेक जॉब ऑफर मिल रहे है। यह ऑफर दुबई और भारत में बैठे एजेंट्स सोशल मीडिया एड के जरिए भेज रहे है।

ये फेक जॉब ऑफर ऐसी IT फर्म की ओर से भेजे जा रहे हैं, जो कॉल सेंटर और क्रिप्टो करेंसी की धोखाधड़ी में शामिल हैं। ये कंपनियां थाईलैंड में मार्केटिंग और सेल्स की प्रोफाइल के जॉब ऑफर करती है।

 विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरिंदम बागची ने कहा- युवाओं को फेक न्यूज ऑफर देकर बॉर्डर पार म्यांमार ले जाया जाता है। वहां उन्हें मजदूरी करने के लिए बंदी बना लिया जाता है। इस वजह से भारतीयों को यह सलाह दी जा रही है की सोशल मीडिया या किसी दूसरे माध्यम से जारी हो रहे फेक जॉब ऑफर्स से बचें।

 म्यांमार में इंडियन ऐंबैसी ने अवैध रूप से बंधक बनाए गए भारतीयों में से 30 लोगों को सुरक्षित निकाला है। बाकी फंसे लोगो को भी निकालने की कोशिश जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंधक बनाए गए लोगों में तमिलनाडु के सबसे ज्यादा लोग शामिल है। सभी को थाईलैंड में जॉब का झांसा दे कर म्यांमार में बंधक बना लिया गया। काम करने से इनकार करने पर उनके साथ मारपीट की भी बातें सामने आ रही है।कुछ ही समय पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री MK स्टालिन ने PM मोदी को चिट्टी लिखी थी। इसमें राज्य सरकार ने बताया था - 50 तमिलनाडु के लोगों सहित 300 भारतीय म्यांमार में फंसे हुए है

 जहाज समुद्र में डूबा -ship sunk

सीरिया के पास डूबे जहाज में खोए हुए लोगो का सर्च रेस्क्यू
सीरिया के पास जहाज 22 सितंबर को समुद्र में डूब गया। 23 सितंबर को जहाज की पहचान हुई। इस हादसे में लेबनॉन और सीरिया के कुल 150 प्रवासी यात्री सवार थे। इसमें से 86 लोगों की डूबने के कारण मौत हो गई। जहाज सभी लोग अपना देश छोड़ दूसरे देश में शरण लेने के लिए जा रहे थे। सीरिया की हेल्थ मिनिस्ट्री ने इसकी पुष्टि की।

 अधिकारियों के मुताबिक जहाज 20 सितंबर को लेबनान के पोर्ट त्रिपोली के पास मिनेह से रवाना हुआ था। यहीं से प्रवासी जहाज में सवार हुए। 22 सितंबर को जहाज डूबा। इसमें 86 लोगो की मौत की पुष्टि हुई है और कई लापता है। सभी का सर्च रेस्क्यू चल रहा है।

FORCE TODAY NEWS REPORT REENA JOSHI 

NEW DELHI 


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