Posts

टॉप न्यूज़-65 साल की मां को बेटे और बहू ने घर में रखने से इनकार किया,-2 दीपिका पादुकोण ड्रग कनेक्शन

Image
  जिस मां ने बेटे को चलना सिखाया। अपना दूध पिलाया। वही मां जब बूढ़ी हो गई तो बेटे और बहू ने उसे घर में रखने से इनकार कर दिया। वह भी तब जब मां कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से लड़कर वापस आई। रिश्तों को शर्मसार करने वाली यह घटना तेलंगाना के निजामाबाद की है। पुलिस के मुताबिक, यहां एक 65 साल की बुजुर्ग महिला को कुछ दिन पहले कोरोना हो गया था। सरकारी हॉस्पिटल में इलाज चला। महिला ने बीमारी को हरा दिया। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद महिला वापस अपने घर पहुंची तो बेटे ने उसे रखने से इनकार कर दिया। पुलिस ने समझाया तब जाकर बहू-बेटे मां को रखने को तैयार हुए बेटे और बहू ने अपनी मां को बाहर छोड़कर घर पर ताला लगा दिया और हैदराबाद घूमने चले गए। तीन दिनों तक घर के बाहर ही बुजुर्ग महिला पड़ी रही। आस-पास के लोगों ने खाने-पीने को दिया। सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस ने महिला के बेटे और बहू को बुलाकर उनकी काउंसलिंग की। तब जाकर वह मां को साथ रखने के लिए तैयार हुए। सालभर पहले ओल्ड एज होम में छोड़ दिया था पुलिस के मुताबिक, साल भर पहले ही बेटे और बहू ने अपनी मां को एक ओल्ड ऐज होम में छोड़ दिया था। यहां रहने के लिए ...

कमांडेंट को लगी थी गोली फिर भी बंदूक उठा कर आतंकी को मार गिराया

Image
कमांडेंट को लगी थी गोली फिर भी बंदूक उठा कर आतंकी को मार गिराया

9वीं-12वीं तक पढ़ाई अनलॉक: स्कूल खुलेंगे,-चीन में इन दिनों एक और बीमारी ब्रूसीलोसिस का कहर है।

Image
9वीं से 12वीं तक के ज्यादातर सरकारी व प्राइवेट स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। लेकिन रेगुलर क्लासेस नहीं लगेंगी। स्कूलाें में सिर्फ दाे घंटे का डाउट क्लीयिरिंग सेशन हाेगा। इसमें छात्र पढ़ाई में आ रही कठिनाइयाें का हल जानने के लिए स्कूल पहुंच सकेंगे। लेकिन इसके लिए भी अभिभावकाें की लिखित सहमति अनिवार्य हाेगी। शिक्षकाें से यह मार्गदर्शन लेने के बाद बच्चे इस सेशन की अवधि के अलावा स्कूल में नहीं रुक सकेंगे। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा स्कूलाें के बारे एसओपी जारी करने के बाद से ही ज्यादातर निजी स्कूल प्रबंधनों ने तैयारी शुरू कर दी थी। प्राइवेट स्कूलाें के संगठन एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल्स से जुड़े 33 स्कूलाें ने बच्चाें के अभिभावकाें काे ऑनलाइन फार्म भेजकर उनसे फीडबैक मांगा था कि बच्चाें काे ऐसे सेशन के लिए स्कूल भेजना चाहते हैं या नहीं। एसाे. के उपाध्यक्ष विनीराज माेदी ने बताया कि सिर्फ 55 फीसदी अभिभावकाें ने इसके लिए हामी भरी है। 24 फीसदी पालकाें ने बच्चाें काे भेजने से साफ मना कर दिया। बाकी ने अभी काेई रिस्पांस नहीं दिया। माेदी ने बताया कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियाें के...

फेक न्यूज़ एक्सपोज़:पुराने टीवी-रेडियो में लगने वाली रेड मरकरी ट्यूब बम बनाने और देश से गद्दारी के झूठे दावे

Image
    वायरल हो रही पुराने टीवी-रेडियो में लगने वाली रेड मरकरी , इससे बम बनाने और देश से गद्दारी के झूठे दावे किए जा रहे वायरल : सोशल मीडिया पर  दावा  किया जा रहा है कि पुराने टेलीविजन के अंदर मौजूद एक मर्करी ट्यूब का उपयोग परमाणु बम बनाने में हो सकता है। दावे के साथ लाल रंग के ट्यूब की एक फोटो भी शेयर की जा रही है। मैसेज में लोगों से अपील की गई है कि अगर कोई आपकी टीवी महंगे दाम में खरीद रहा है तो पैसे के लालच में देश से गद्दारी न करें। ऐसा कभी नहीं देखा कि टेलीविजन के किसी भी पार्ट का किसी अन्य काम में उपयोग किया जा सके। परमाणु बम बनाना तो बहुत दूर की बात है। बात करें फोटो में दिख रहे उस ट्यूब की, जिसे सोशल मीडिया पर मर्करी बताया जा रहा है। तो ये डायोड और ट्रायोड वॉल्व हैं। 1970-1980 तक ट्रांजिस्टर के अविष्कार से पहले रेडियो और टीवी में डायोड और ट्रायोड वॉल्व का ही इस्तेमाल किया जाता था। आज के दौर में यह इतना आउटडेटेड है कि इसके बारे में इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाया भी नहीं जाता। ट्रायोड और ड्रायोड नाम के इन वैक्यूम ट्यूब्स का परमाणु बम से कोई संबंध नहीं है। न ही अब...

10 नसेडी एक्टर्स बॉलीवुड

Image
बॉलीवुड के 10 नसेडी एक्टर्स दिनभर नशे में चूर रहते हैं

UNHRC में PoK के लोग बोले ‘हमें पाकिस्तान से चाहिए आज़ादी’

Image

लक्ष्य तक पहुंचने--क्यों कहते हैं मलमास?18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिकमास:

Image
अधिकमास में जरूरत की चीजें खरीदने की मनाही नहीं है, इस माह विवाह की तारीख भी तय की जा सकती है   क्यों कहते हैं मलमास? अधिकमास में विवाह, मुंडन, नामकरण, जनेऊ संस्कार जैसे मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं। इस माह में विवाह की तारीख तय की जा सकती है। नए घर की बुकिंग की जा सकती है। जरूरत के सामान जैसे वस्त्र, खाने-पीने की चीजें आदि खरीदने की मनाही नहीं है। इस माह में सूर्य संक्रांति नहीं होती है यानी पूरे अधिकमास में सूर्य का राशि परिवर्तन नहीं होगा। इस माह में संक्रांति नहीं होने के कारण ये मास मलिन कहा गया है। इसलिए इसे मलमास कहते हैं। क्यों कहते हैं पुरषोत्तम मास? इस नाम के संबंध में कथा प्रचलित है कि मलिन होने की वजह से कोई भी देवता इस मास का स्वामी बनना नहीं चाहता था। तब मलमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। विष्णुजी माह की प्रार्थना से प्रसन्न हुए और इसे अपना श्रेष्ठ नाम पुरुषोत्तम प्रदान किया। साथ ही, विष्णुजी ने इस माह को वरदान दिया कि जो भी भक्त इस माह में भगवत कथा श्रवण, मनन, भगवान शिव का पूजन, धार्मिक कर्म, दान-पुण्य करेगा उसे अक्षय पुण्य मिलेगा। पितृ पक्ष के बाद शुरू नहीं हो...