FORCE-TODAY NEWS PORTAL KOTDWARA UTTARAKHAND INDIA-UAM.NO-UK08D0004766

FORCE-TODAY NEWS PORTAL KOTDWARA UTTARAKHAND INDIA-UAM.NO-UK08D0004766
CLICK-IMAGE-FORCE-TODAY NEWS PORTAL N.S.GROUP "आपका विश्वास ही हमारी ताक़त है "

-सफलता कैसे मिलती है?:और इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं:असरदार काढ़ा बनाने..

-सफलता कैसे मिलती है?

सफलता कैसे मिलेगी, जीवन में सफलता ...

सफलता कैसे मिलती है?:एक छोटे बच्चे ने एक बांस का और एक कैक्टस का पौधा लगाया, कुछ महीनों के बाद कैक्टस का पौधा तो पनप गया, लेकिन बांस का पौधा वैसा का वैसा था

लगातार कड़ी मेहनत करने वाले लोग और आगे बढ़ते रहने वाले लोगों को ही मिलती सफलता

अधिकतर लोग लगातार असफलता मिलने से हताश हो जाते हैं, जबकि कुछ लोग निराश नहीं होते, आगे बढ़ते रहते हैं और अंत में उन्हें सफलता मिल जाती है। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक गरीब व्यक्ति बहुत परेशान रहता था। वह लगातार कोशिश कर रहा था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पा रही थी।

असफलता की वजह से वह एक दिन हिम्मत हार गया। उन दिनों व्यक्ति के गांव में एक संत आए हुए थे। वह संत से मिलने पहुंचा और उन्हें अपनी सारी परेशानियां बताई। संत बहुत विद्वान थे। उन्होंने दुखी व्यक्ति की सारी बातें सुनी। संत ने कहा कि इस तरह निराश नहीं होना चाहिए। प्रयास बंद मत करो। ये बात सुनकर व्यक्ति बोला कि मैं हार चुका हूं।

संत ने कहा कि मैं तुम्हें एक छोटे बच्चे की कहानी सुनाता हूं। कहानी से निराशा दूर हो जाएगी। संत ने कहानी सुनाना शुरू की, किसी गांव में एक छोटे बच्चे ने बांस का और कैक्टस का पौधा लगाया। बच्चा रोज दोनों पौधों की बराबर देखभाल करता। कई महीने बीत गए। कैक्टस का पौधा तो पनप गया, लेकिन बांस का पौधा पनप नहीं रहा था।

बच्चा हिम्मत हारे बिना, दोनों की देखभाल करता रहा। इसी तरह कुछ महीने और निकल गए, लेकिन बांस का पौधा वैसा का वैसा था। तब भी बच्चा निराश नहीं हुआ और उसने बांस के पौधे को भी पानी देना जारी रखी। कुछ महीनों के बाद बांस पौधा भी पनप गया। कुछ ही दिनों में बांस का पौधा कैक्टस के पौधे से भी ज्यादा बड़ा हो गया।

संत ने उस व्यक्ति से कहा कि बांस का पौधा पहले अपनी जड़ें मजबूत कर रहा था, इसीलिए उसे पनपने में थोड़ा समय लगा। हमारे जीवन में जब भी संघर्ष आए तो हमें हमारी जड़ें मजबूत करनी चाहिए, निराश नहीं होना चाहिए। जैसे ही हमारी जड़ें मजूबत हो जाएंगी, हम तेजी से लक्ष्य की ओर बढ़ने लगेंगे। तब तक धैर्य रखना चाहिए।

-----------------------------FINISHED--1-----------------



कोरोना को हराने इम्युनिटी कैसे बढ़ाएं:असरदार काढ़ा बनाने के लिए मसालों का सही अनुपात जरूरी वरना नुकसान पहुंच सकता है, 


घर का काढ़ा: Kadha Banane Ki Vidhi - Live Sach
  • कोरोना के मरीजों पर आयुर्वेद की चार औषधियों का प्रयोग किया गया है, इनमें अश्वगंघा, गिलोय से बनी वटी, मुलेठी और आयुष-64 शामिल हैं
  • नाक में अणु तेल की कुछ बूंदें डाल सकते हैं, यह दोनों छिद्रों में जाने के बाद एक बायो मास्क का रूप ले लेता, एक पर्त बनने के कारण वायरस अंदर नहीं पहुंच पाता
  • काढ़ा कैसे बनाएं कि शरीर को नुकसान न पहुंचे, आयुर्वेद में कोरोना से बचने के क्या नुस्खे हैं और किन बातों का ध्यान रखें,
  • असरदार काढ़ा कैसे बनाएं जो इम्युनिटी बढ़ाए?
    इन दिनों लोग शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दवा या औषधियों की ओवरडोज ले रहे हैं, जिससे उन्हें दिक्कतें हो रही हैं।  काढ़ा बनाते वक्त चीजों का अनुपात सही होना चाहिए। काढ़ा बनाने के लिए दालचीनी, सोंठ, तुलसी, मुनक्का, काली मिर्च का होना जरूरी है। सोंठ और काली मिर्च की तासीर गर्म होती है, इसलिये दोनों ले रहे हैं तो अगर एक भाग यानी 2-3 काली मिर्च हैं तो आधा चम्मच सोंठ लें। साथ में चार भाग तुलसी, मुनक्का लें और आधा भाग दालचीनी लें और सबका मिश्रण बना लें।

    एक चम्मच मिश्रण पानी में डाल कर उबाल लें। यह एंटीवायरल होता, जो शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है। अगर इसका सही भाग लेंगे तो नुकसान नहीं करेगा।

    दिल्ली पुलिस के हजारों कर्मियों को प्रतिदिन दिया जा रहा है। आयुर्वेद संस्थान के लोग भी ले रहे हैं। काढ़ा में नींबू या गुड़ भी डाल सकते हैं।

  • --चार औषधियों को चुना गया है- अश्वगंघा, गिलोय से बनी वटी, मुलेठी और आयुष-64। ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं, बुखार नहीं आता है और सर्दी जुकाम से भी बचाती हैं।

    काढ़ा पीने से जिन्हें ज्यादा गर्मी होती है, यूरिन में ब्लड आता है, पाइल्स की बीमारी बढ़ गई है, तो इनमें से किसी भी औषधि में आंवला चूर्ण मिलाकर ले सकते हैं। सर्दी जुकाम न हो, इसके लिये मुलेठी भी डाल सकते हैं।

  •  कोरोना को शरीर में जाने से कैसे रोकें?

  • सभी ऐसी चीजें अपनाए, जिससे वायरस शरीर के अंदर न जाए। सबसे पहले मास्क लगाएं और हाथों को साबुन से धोते रहें। नाक में अणु तेल की कुछ बूंदें डालें। अणु तेल नाक के दोनों छिद्रों में जाने के बाद एक बायो मास्क का रूप ले लेता है। नाक के अंदर एक परत बन जाती है, जो एपीथीलियम को ढक देती है और वायरस अंदर नहीं पहुंच पाता है।

    जिन-जिन लोगों ने अणु तेल नाक में डालना शुरू किया है उनमे अब तक संक्रमण नहीं मिला है। जिन्हें खराश या जुकाम है, वे स्टीम लें। बाहर आते-जाते हैं तो हल्दी, नमक, पानी का गरारा करें। जल नेति करने से भी वायरस से बचा जा सकता है।

  • ध्यान रखें, दूध का पैकेट हो या सब्‍जी, बाहर से लाई गई हर चीज को अच्छी तरह से धोना चाहिए। उसके बाद हाथ धोना मत भूलें। रही बात ठंडा पानी पीने की तो ठंडा, गरम से वायरस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन ऐसा देखा गया है कि गरम पदार्थ लेने से वायरस की गति धीमी हो जाती है और वो बढ़ नहीं पाता।

  • --------------------------------------FINISHED----2-------

वैष्णोदेवी यात्रा----पांच माह बाद शुरू हुई मां वैष्णोदेवी की यात्रा अब काफी बदल गई है। अभी जो भक्त दर्शन के लिए मां के दरबार में पहुंच रहे हैं, उन्हें न ही पंडितजी टीका लगा रहे हैं और न ही प्रसाद दे रहे हैं। पहले मंदिर प्रांगण में ही प्रसाद मिलता था, जिसे लेकर भक्त मां को चढ़ाते थे और फिर अपने साथ ले आते थे, लेकिन अभी प्रसाद की सभी दुकानें बंद हैं। भवन के अंदर कोई सामान लेकर प्रवेश नहीं किया जा सकता।


वैष्णोदेवी के दरबार में जा रहे हैं ...

बेल्ट, मोबाइल, पर्स भी भवन के बाहर ही जमा करवाए जा रहे हैं। हालांकि, पहले जहां माता के सामने से सेकंड्स में हटा दिया जाता था, अब वहां तीन-चार मिनट तक भी भक्त खड़े हो पा रहे हैं, क्योंकि अभी यात्रियों की संख्या बेहद कम है।

श्राइन बोर्ड की तरफ से कोरोना को लेकर सख्त गाइडलाइन बनाई गई है। जो भक्त बाहरी राज्यों से आएंगे, उन्हें कोरोना टेस्ट यहां करवाना ही होगा। यदि आप अपने क्षेत्र से कोरोना रिपोर्ट लेकर भी आते हैं, तब भी आपको यहां आकर कोरोना का रैपिड टेस्ट करवाना ही होगा। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही यात्रा की परमिशन मिलेगी। दर्शन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी है।

-------------------FINISHED---------3----------


देश में कोरोना मरीजों- का आंकड़ा बढ़कर 26 लाख 47 हजार 316 हो गया है। पिछले 24 घंटे के अंदर 58 हजार 108 नए मरीज बढ़े। राहत की बात है कि हफ्ते में यह दूसरी बार है जब संक्रमितों के बढ़ने की रफ्तार कम हुई है। वहीं, दूसरी अच्छी बात है कि संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा भी 19 लाख के पार हो चुका है। रविवार को 57 हजार 404 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।

Digital Fraudsters Increase Attacks Against Multiple Industries ...How COVID-19 accelerates digital transformation – hernaes.com

दुख की बात है कि अब तक 41 हजार 45 लोग संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। रविवार को 960 मरीजों की मौत हुई। अब देश में 6 लाख 77 हजार 689 मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है।

इस बीच, केंद्र सरकार ने रविवार को बताया कि देश में संक्रमितों के ठीक होने की रफ्तार 72% के करीब पहुंच गई है। मतलब हर 100 मरीजों में 72 लोग अब ठीक हो जा रहे हैं। एक हफ्ते पहले यह दर 68% थी। वहीं मृत्यु दर में भी लगातार गिरावट हो रही है। 14 अगस्त को मृत्यु दर 1.99% थी जो .7% घटकर 1.93% हो गई है।

-------------------------------------FINISHED----4---------

पूर्व क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान (73) का रविवार को निधन -----
 
कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। पिछले महीने वे संक्रमित हुए थे। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में चौहान के पास सैनिक कल्याण, होमगार्ड, पीआरडी और नागरिक सुरक्षा मंत्रालय थे। वे दो बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।

------------------FINISHED-5--------

JOKES--
Pin on Hindi Jokes



 One Anthem-great-song Different Languages,-

 

जीवन में सफलता क्यों नहीं मिलती ...

 One Anthem-great-song Different Languages,


EmoticonEmoticon