FORCE-TODAY NEWS PORTAL KOTDWARA UTTARAKHAND INDIA-UAM.NO-UK08D0004766

FORCE-TODAY NEWS PORTAL KOTDWARA UTTARAKHAND INDIA-UAM.NO-UK08D0004766
CLICK-IMAGE-FORCE-TODAY NEWS PORTAL N.S.GROUP "आपका विश्वास ही हमारी ताक़त है "

गर्लफ्रेंड गिरफ्तार-लुधियाना ब्लास्ट 3 तीनों कृषि कानून फिर आएंगे-3-PM मोदी के बड़े ऐलान

 गर्लफ्रेंड गिरफ्तार- लुधियाना ब्लास्ट DATE-26 DEC 2021

गिरफ्तार हुई गगनदीप की महिला मित्र पुलिस में ही कार्यरत बताई जा रही है। पुलिस उसे जांच में शामिल कर रही है। सोशल मीडिया पर कई फोटो गगनदीप ने शेयर कर रखी हैं।

गगनदीप की महिला मित्र  गिरफ्तार

लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट की जांच कर रही पुलिस ने एक लेडी कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया है। कमलजीत कौर नामक ये लेडी कॉन्स्टेबल बम धमाके में मारे गए बर्खास्त पुलिसवाले गगनदीप सिंह की गर्लफ्रेंड है और फिलहाल खन्ना पुलिस जिला के SP हेडक्वार्टर की नायब रीडर के तौर पर तैनात है।

बताया जा रहा है कि कोर्ट में बम फिट करते समय हुए धमाके में मारा गया गगनदीप अपनी पत्नी से विवाद होने के बाद कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर के साथ ही रह रहा था। साल 2019 में ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के समय गगनदीप सिंह भी पुलिस हेड कॉन्स्टेबल था। पुलिस महकमे में 8 साल की नौकरी के दौरान गगनदीप सिंह खन्ना में SP हेडक्वार्टर का रीडर भी रहा। उसी समय उसकी दोस्ती नायब रीडर के पद पर तैनात कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर से हुई।ड्रग्स केस में पकड़े जाने के बाद 2 साल जेल में गुजारने वाला गगनदीप 8 सितंबर 2021 को ही जमानत पर जेल से बाहर आया था। तब से ही वह लेडी कॉन्स्टेबल कमलजीत कौर के संपर्क में था। पंजाब के DGP सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय ने लेडी कॉन्स्टेबल को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में जुटी है।

जिप्सी और बंदूक के साथ गगनदीप सिंह
धमाके की जांच टीम ने कोर्ट में पेश किए 2 ड्रग्स तस्कर-इस बीच धमाके की जांच कर रही टीम ने पंजाब के दो नामी 2 ड्रग्स तस्करों को शनिवार दोपहर 3 बजे लुधियाना कोर्ट में पेश किया। इनके नाम रणजीत सिंह उर्फ चीता और सुखविंदर सिंह हैं। लुधियाना जेल में बंद इन दोनों तस्करों को जांच टीम ने शनिवार सुबह ही प्रोडक्शन वारंट पर लिया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट मंदिरा दत्ता की अदालत में पेशी के बाद दोनों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया।जांच एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि 54 साल का रणजीत सिंह उर्फ चीता ही वह शख्स है जिसने गगनदीप का संपर्क खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकियों से कराया। ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के बाद गगनदीप 2 साल लुधियाना जेल में रहा और वहीं रणजीत सिंह चीता के जरिये उसके आतंकियों से लिंक बने। रणजीत सिंह उर्फ चीता के साथ रिमांड पर लिए गए दूसरे तस्कर सुखविंदर सिंह की उम्र 39 साल है।

गगनदीप को RDX डिलीवर करने वाले की तलाश-जांच में स्पष्ट हो चुका है कि लुधियाना ब्लास्ट में RDX का इस्तेमाल किया गया। जांच एजेंसियां यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि जो बम ब्लास्ट हुआ, वह गगनदीप को किसने दिया? कितने और लोग इस मॉड्यूल का हिस्सा हैं? इस ब्लास्ट में कितना RDX इस्तेमाल हुआ? गगनदीप को उसकी डिलीवरी कहां से मिली? इस ब्लास्ट का मकसद क्या था? और गगनदीप किसके कहने पर बम फिट करने पहुंचा?

गगनदीप की महिला मित्र लुधियाना में गिरफ्तार
अमृतसर जिले में अजनाला एरिया के लाधोके गांव का रणजीत सिंह उर्फ चीता खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा का पुराना साथी है। हरविंदर सिंह रिंदा इस समय पाकिस्तान में है और वहीं बैठकर पंजाब में ड्रग्स तस्करों और गैंगस्टरों के जरिए बम ब्लास्ट की प्लानिंग कर रहा है।सितंबर में जमानत पर बाहर आने के बाद भी गगनदीप जेल में बैठे रणजीत सिंह के संपर्क में बना हुआ था। लुधियाना कोर्ट में बम धमाके से पहले भी उसने रणजीत सिंह के साथ बात की। उसके बाद बम फिट करते समय हुए ब्लास्ट में गगनदीप की ही मौत हो गई।

तीनों कृषि कानून फिर आएंगे-

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वापस लिए जा चुके कृषि कानूनों पर चौंकाने वाला बयान दिया है। महाराष्ट्र के नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि कानून 70 साल की आजादी के बाद लाया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म था। लेकिन कुछ लोगों के विरोध के बाद उसे वापस लेना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं। लेकिन दोबारा आगे बढ़ेंगे। सरकार आगे के बारे में सोच रही है, हम निराश नहीं हैं। किसान भारत की रीढ़ हैं।उधर, कृषि मंत्री के इस बयान के बाद शाम को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि किसान आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है। टिकैत आगरा से जयपुर जाते समय दौसा में मीडिया से बात की। टिकैत ने कहा, केंद्र सरकार ने सिर्फ तीन कृषि कानून ही रद्द किए हैं, किसान संगठनों की अन्य मांगें अभी नहीं मानी गई हैं।

 तीनों कृषि कानूनों में क्या था?

1. द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) कानून 2020

कानून में क्या? सरकार के मुताबिक इसमें ऐसा इको-सिस्टम है, जहां किसान मनचाहे स्थान पर फसल बेच सकते हैं। इंटर-स्टेट और इंट्रा-स्टेट कारोबार बिना किसी अड़चन कर सकते हैं। राज्यों के एपीएमसी के दायरे से बाहर भी। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग से भी अपनी फसल बेच सकते हैं। जिन इलाकों में किसानों के पास अतिरिक्त फसल है, उन राज्यों में उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी। इसी तरह जिन राज्यों में शॉर्टेज है, वहां उन्हें कम कीमत में वस्तु मिलेंगी।

आपत्ति क्या? मंडियों से किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिलता था। इससे मार्केट रेगुलेट होता है। राज्यों को मंडी शुल्क के तौर पर आमदनी होती है, जिससे किसानों के लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाई जाती हैं। मंडियां खत्म हो गईं, तो किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा।

2. द फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस कानून 2020

कानून में क्या? सरकार के मुताबिक खेती से जुड़े रिस्क किसानों के नहीं, बल्कि जो उनसे एग्रीमेंट करेंगे, उन पर शिफ्ट हो जाएंगे। कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग को नेशनल फ्रेमवर्क मिलेगा। किसान एग्री-बिजनेस करने वाली कंपनियों, प्रोसेसर्स, होलसेलर्स, एक्सपोर्टर्स और बड़े रिटेलर्स से एग्रीमेंट कर आपस में तय कीमत पर उन्हें फसल बेच सकेंगे। विवाद होने पर समय सीमा में उसके निपटारे की प्रभावी व्यवस्था होगी। लिखित एग्रीमेंट में सप्लाई, क्वालिटी, ग्रेड, स्टैंडर्ड्स और कीमत से संबंधित नियम और शर्तें होंगी। यदि फसल की कीमत कम होती है, तो भी अनुबंध के आधार पर किसानों को गारंटेड कीमत तो मिलेगी ही। बोनस या प्रीमियम का प्रावधान भी होगा।

आपत्ति क्या? कानून में कीमतों के शोषण से बचाने का वादा तो है, लेकिन कीमतें तय करने का मैकेनिज्म नहीं। डर था कि इससे प्राइवेट कॉर्पोरेट हाउसेस को किसानों के शोषण का जरिया मिल जाएगा। आलोचकों को डर था कि खेती का सेक्टर असंगठित है। ऐसे में कॉर्पोरेट्स से लड़ने की नौबत आने पर संसाधन कम पड़ सकते थे।

3. एसेंशियल कमोडिटी (सुधार)

कानून में क्या? इस कानून से कोल्ड स्टोरेज और फूड सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलती। यह किसानों के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए भी कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में मदद करता। स्टॉक लिमिट तभी लागू होती, जब सब्जियों की कीमतें दोगुनी हो जातीं या खराब न होने वाली फसल की रिटेल कीमत 50% बढ़ जाती। अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया गया था। इससे उत्पादन, स्टोरेज, मूवमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन पर सरकारी नियंत्रण खत्म हो जाता। युद्ध, प्राकृतिक आपदा, कीमतों में असाधारण वृद्धि और अन्य परिस्थितियों में केंद्र सरकार नियंत्रण अपने हाथ में ले लेती।

आपत्ति क्या? पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि खाद्य वस्तुओं पर रेगुलेशन खत्म करने से एक्सपोर्टर्स, प्रोसेसर्स और कारोबारी फसल सीजन में जमाखोरी कर सकते हैं। इससे कीमतों में अस्थिरता आएगी। फूड सिक्योरिटी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। राज्यों को यह पता ही नहीं होगा कि राज्यों में किस वस्तु का कितना स्टॉक है। इससे आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ सकती है।

 PM मोदी के बड़े ऐलान

देश में 3 जनवरी से 15 से 18 साल तक की उम्र वाले करीब 8 करोड़ बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके अलावा 10 जनवरी से हेल्थ वर्कर्स समेत करीब 3 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स को 'Precaution Dose' (कोरोना संक्रमित होने की सबसे ज्यादा संभावना वालों को दी जाने वाली बूस्टर डोज) दी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 13 मिनट 46 सेकेंड के संबोधन में इस बात की घोषणा की।

पीएम ने कहा कि 60+ उम्र वाले कॉ-मॉरबिडिटी (गंभीर बीमारी से पीड़ित) वाले नागरिकों को भी उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की 'Precaution Dose' का विकल्प दिया जाएगा। इसकी भी शुरुआत 10 जनवरी से ही की जाएगी। प्रधानमंत्री ने देर शाम 9 बजकर 46 मिनट पर अपना संबोधन शुरू किया और करीब 10 बजे खत्म किया।

 PM मोदी ने ये भी कहा कि जल्द ही देश में नेजल वैक्सीन और दुनिया की पहली DNA वैक्सीन लगाना भी शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि पीएम मोदी ने एक बार फिर देशवासियों से कोरोना महामारी से बचाव के सभी उपायों का पालन करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि महामारी को हराने के लिए मास्क पहनने जैसे उपायों को अपनाए रखना जरूरी है।


EmoticonEmoticon