DATE 30 MAR 2023 FORCE TODAY NEWS
आरिफ पर FIR-सारस दोस्ती-
अमेठी वाले आरिफ गुर्जर और सारस की दोस्ती जहां एक तरफ मिसाल कायम कर रही है वहीं मुद्दा भी बनी है। अगस्त 2022 में आरिफ की मुलाकात सारस से हुई। उस समय सारस जख्मी था।आरिफ ने उसकी जान बचाई। तब से ही सारस उसके साथ परिवार में रहने लगा और इमोशनली अटैच हो गया।
जब मन होता वो अपनी मर्जी से उड़ जाता, फिर आकर आरिफ के साथ रहने लगता। ऐसे ही महीनों कब निकल गए, पता ही नहीं चला।
आरिफ और सारस की दोस्ती का कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इस बात की भनक जैसे ही वन विभाग को लगी, उन्होंने सारस को आरिफ से अलग कर दिया। उसे समसपुर पक्षी विहार छोड़ दिया।
जहां से अपने दोस्त आरिफ की तलाश में सारस उड़कर नजदीकी गांव जा पहुंचा। उसे दोबारा वन विभाग ने पकड़ लिया।
इसके बाद उसे खुले में न रखकर कानपुर चिड़ियाघर में रखा गया। हालात यह हैं कि सारस ने खाना-पीना छोड़ दिया है।
ऐसे में अब सारस को वापस आरिफ के पास लाने की मुहिम छिड़ गई है।
सवाल उठता है कि क्या सारस को पालने में हमारे देश में पाबंदी है?बिल्कुल, देश में कुछ जानवरों को पालने पर पाबंदी है। जिसके अंतर्गत सारस भी आता है। यही वजह है कि आरिफ पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन करने के आरोप में धारा 2, 9, 29, 51 और धारा 52 के तहत केस दर्ज किया गया है।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की धारा 39 के तहत आरिफ को जब घायल सारस मिला तो उसे प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद लोकल वन विभाग अधिकारी को यह बताना चाहिए था।
वो पास के पुलिस स्टेशन में भी इसकी जानकारी दे सकता था। इस काम के लिए कानूनन किसी व्यक्ति के पास 48 घंटे का वक्त होता है।
याद रखें कि किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना, उसे खिलाना-पिलाना भी गैरकानूनी है।
चिड़ियाघर और उसके परिसर में जानवरों को चिढ़ाना, खाना देना या तंग करना भी दंडनीय अपराध है।
प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल एक्ट के तहत ऐसा करने वाले को 3 साल की सजा, 25 हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल एक्ट 1960 की धारा 11(1) के मुताबिक पालतू जानवर को छोड़ने, उसे भूखा रखने, नुकसान पहुंचाने, भूख और प्यास से मरने दोषी के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है और 50 रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर तीन महीने के अंदर दूसरी बार जानवर के साथ ऐसा हुआ तो 25 से 100 रुपए जुर्माने के साथ 3 महीने की जेल हो सकती है।
मुफ्त आटा 11लोगों की मौत-
रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। दुनिया के तमाम देशों में मुस्लिम इबादत करने के साथ रोजे रख रहे हैं। पाकिस्तान में इन्हीं दिनों मुफ्त आटा हासिल करने के लिए भगदड़ मच रही है और इसमें अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक- पाकिस्तान के अकेले पंजाब प्रांत में ही मुफ्त आटा हासिल करने की जद्दोजहद में महिलाओं समेत 11 लोगों की मौत हो चुकी है।न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुताबिक- रमजान शुरू होने के बाद से अब तक मुफ्त आटा हासिल करने की कोशिश में 11 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। खास बात यह है कि यह आंकड़ा पंजाब प्रांत के सिर्फ चार जिलों का है। ये जिले हैं- साहिवाल, बहावलपुर, मुजफ्फरगढ़ और ओकारा। चारों ही जिले दक्षिण पंजाब में आते हैं। इन जिलों में 60 लोग घायल भी हुए हैं। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि लोगों की मौत भगदड़ की वजह से हुई है।
दुनिया न्यूज’ टीवी चैनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में एक किलोग्राम आटा इस वक्त 185 रुपए में बिक रहा है। देश में ज्यादातर लोग तंदूर की दुकानों से रोटियां खरीदते हैं। लाहौर में एक रोटी करीब 40 रुपए की मिल रही है। तंदूर चलाने वाले दुकानदारों का कहना है कि महंगी बिजली और मेंटेनेंस की वजह से उन्हें रोटी महंगी बेचनी पड़ रही है।जैसे ही किसी इलाके में मुफ्त आटा लिए ट्रक पहुंचता है तो भगदड़ मच जाती है। इसकी वजह से 11 लोगों की मौत हुई और 60 घायल हुए। मंगलवार को दो महिलाओं और एक पुरुष की मौत हुई। इसके बाद पुलिस ने भूखे लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया।
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