27-APL-2020-भोपाल. शहर में कोरोना संक्रमण के दौरान कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जब लोग अपनी जान की परवाह किए वगैर लोगों की मदद के लिए जी जान से जुटें नजर आए। लेकिन, सरकारी महकमे की एक गलती पूरे किए कराए पर पानी फैर देती है। ऐसा ही मामला रविवार को हमीदिया अस्पताल और फिर शहर के दो विश्रामघाटों पर देखने मिला। जहां एक भाई अपने कोरोना संक्रमित मृतक भाई के पहले शव और बाद में अंतिम संस्कार के लिए गिड़गिड़ाता रहा। इसके बाद भी डॉक्टर न विश्रामघाट के कर्मचारियों के दिल नहीं पसीजे। डॉक्टर ने उससे भाई की देह शवगृह में तलाशने के दिया तो विश्रामघाट पर उसे वहां के कर्मचारी के रोते हुए हाथ जोड़ना पड़े तब जाकर अंतिम संस्कार हो सका..रायसेन के अमित सक्सेना की शनिवार देर रात कोरोना संक्रमण के चलते हमीदिया अस्पताल में मौत हो गई थी। रायसेन जिला प्रशासन ने अमित के छोटे भाई विनीत को एंबुलेंस से अंतिम संस्कार करने भोपाल भेजा। अमित रविवार सुबह 8 बजे हमीदिया पहुंच गए। यहां उन्होंने डॉक्टरों से भाई के शव के बारे में पूछा तो उसे शव गृह में देखने के लिए भेज दिया। यहां कर्मचारियों ने अमित नाम के किसी शव होने से मना कर दिया। विनीत ने कहा कि डॉक्टर ने यहां भेजा है और मना कर रहे हैं तो कर्मचारी उससे लड़ने लगा। इस बीच एक अन्य कर्मचारी ने विनीत से शव गृह के फ्रीजर में शव देखने कहा। कर्मचारियों ने कहा खुद जाकर देख लो। विनीत ने एक-एक फ्रीजर को खुद खोलकर देखा। यहां भी उसे अपने भाई का शव नहीं मिला। विनीत की कर्मचारियों से फिर बहस हुई। इस बीच उसे दूसरे कमरे में जमीन पर एक शव पड़ा दिखा। विनीत वहां गया तो देखा भाई का शव जमीन पर पड़ा हुआ था।
अपने आपको संभाला और रायसेन प्रशासन को फोनकर शव के अंतिम संस्कार कराने ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं होने की बात कही। इसके बाद विनीत 2 घंटे तक शव गृह के सामने भाई का शव लेकर बैठा रहा। इसके बाद एंबुलेंस आई। शव को एंबुलेंस में रख विनीत बैरागढ़ विश्राम घाट पहुंचा। लेकिन, मृतक कोरोना संक्रमित होने के कारण विश्रामघाट प्रबंधन ने यहां अंतिम संस्कार उसने करने से मना कर दिया। बैरागढ़ से विनीत सुभाष नगर विश्राम घाट पहुंचा तो उसकी मदद के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं हुआ। जब विनीत ने एक कर्मचारी के रोते हुए हाथ जोड़े तब जाकर उसने अंतिम संस्कार में मदद की। REPORT D.B N.P
अपने आपको संभाला और रायसेन प्रशासन को फोनकर शव के अंतिम संस्कार कराने ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं होने की बात कही। इसके बाद विनीत 2 घंटे तक शव गृह के सामने भाई का शव लेकर बैठा रहा। इसके बाद एंबुलेंस आई। शव को एंबुलेंस में रख विनीत बैरागढ़ विश्राम घाट पहुंचा। लेकिन, मृतक कोरोना संक्रमित होने के कारण विश्रामघाट प्रबंधन ने यहां अंतिम संस्कार उसने करने से मना कर दिया। बैरागढ़ से विनीत सुभाष नगर विश्राम घाट पहुंचा तो उसकी मदद के लिए कोई कर्मचारी तैयार नहीं हुआ। जब विनीत ने एक कर्मचारी के रोते हुए हाथ जोड़े तब जाकर उसने अंतिम संस्कार में मदद की। REPORT D.B N.P
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