कैसे रहें सुरक्षित?
- डोमेन नाम या ईमेल एड्रेस में स्पेलिंग की गलतियों पर ध्यान दें।
- किसी भी संदिग्ध लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें।
2. मेल वेयर
- यह एक सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी सिस्टम की जानकारी या आंकड़े की चोरी के लिए बनाया जाता है। यह आपके मोबाइल या लैपटॉप से संवेदनशील आंकड़े चुराने, उसे डिलीट करने या फिर आप पर नजर रखने जैसी एक्टिविटी करता है।
मेल वेयर 4 तरह के होते हैं-
- वायरस: यह कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में जाकर फाइल/सिस्टम तक आपकी पहुंच को मुश्किल बनाता है।
- ट्रोजन: यह आपके सिक्योरिटी सिस्टम से परे जाकर बैक डोर बनाता है, जिससे हैकर आपके सिस्टम पर नजर रख सकता है।
- स्पाई वेयर: यह आपकी जासूसी करने के लिए बनाया जाता है। यह आपकी आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और नेट व की-बोर्ड चलाने की आदत को पढ़ता है।
- की लॉगर: यह स्पाई का ही एक विकल्प है, जो आपके की-वर्ड को रिकॉर्ड कर लेता है।
कैसे रहें सुरक्षित?
- अच्छा एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें।
- कोई नकली सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें।
- एंटी वायरस के नकली पॉप-अप पर कभी क्लिक ना करें।
- ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें।
- पायरेटेड ऐप या सॉफ्टवेयर से हमेशा बचें।
3. मोबाइल ऐप्स
गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर पर मौजूद सभी ऐप सुरक्षित नहीं होते। ऐप आपसे मोबाइल के सभी डेटा तक पहुंचने की परमिशन मांगते हैं, जिससे हैकर आपकी सारी जानकारी चुरा सकता है। साथ ही आपकी गोपनीय जानकारी भी सार्वजनिक कर सकता है। इसलिए हर किसी ऐप को सभी अनुमति हमेशा ना दें।
कैसे सेफ रहें?
- किसी ऐप को डाउनलोड करने से पहले परमिशन चेक करें।
- उसकी समीक्षा और रेटिंग पर ध्यान दें।
- 50,000 से कम डाउनलोड वाले ऐप ना इंस्टाल करें।
- पायरेटेड/क्रैक ऐप डाउनलोड ना करें।
4. स्मिशिंग
- स्मिशिंग यह भी फिशिंग का ही एक तरीका है, जिसमें आप फोन या SMS पर किसी को व्यक्तिगत जानकारी दे देते हैं। इसमें हैकर्स आपसे सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर आपसे जानकारी मांगते हैं।
कैसे सुरक्षित रहें?
- यदि आपसे कोई फोन या SMS करके गोपनीय जानकारी मांगता है, तो कतई न दें।
- किसी मैसेज पर आए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे अच्छी तरह चेक करें।
5. फिजिकल खतरे
कैसे बचें ?
- अपनी पर्सनल डिवाइस किसी को मत दें। अगर आपके लैपटॉप, मोबाइल में कोई गोपनीय जानकारी है तो उसे पासवर्ड डालकर सुरक्षित करें।
तीन साल में हैकर्स ने देश में 547 करोड़ रुपए चुराए
अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2019 के बीच देशभर में ऑनलाइन फ्रॉड के 1.1 लाख केस दर्ज हुए। जबकि इन तीन सालों में लोगों के 547 करोड़ रुपए भी चुराए गए।
हमारा दिमाग औसतन 47% समय भटकता रहता है;
एक स्टडी में पाया गया है कि पढ़ाई के दौरान टीनएजर्स फोन को जितना दूर रखेंगे, उतने ज्यादा बेहतर मार्क्स मिलेंगे
कैरन ऑस्टन गर्जबर्ग. घर में काम करते वक्त, पढ़ाई के समय या ऑफिस में काम करते हुए भी कई बार हम दूसरी चीजों के बारे में सोच रहे होते हैं। 2010 में आई हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी बताती है कि एक व्यक्ति का दिमाग औसतन 47% समय भटकता रहता है। इसके साथ ही दिमाग को अपनी जगह से भटकाने वाली चीजों में महामारी के दौरान इजाफा भी हुआ है।
ऐसे में किसी भी काम पर फोकस करना ही हमारी मदद कर सकता है। इसके जरिए आपका दिमाग ध्यान भटकाने वाली चीजों को नजरअंदाज करना सीखता है। इस काम में एक्सपर्ट्स की बताई हुई कुछ टिप्स आपकी मदद कर सकती हैं।
ध्यान भटका रहीं चीजों से खुद को दूर कैसे करें?
- हाल ही में हुए एक सर्वे से पता चला है कि घर में काम कर रहे लोगों के मन को भटकाने में सोशल मीडिया का बड़ा हाथ है। इसके बाद बच्चों का नंबर आता है। आप ऐप्स की नोटिफिकेशंस को बंद कर सोशल मीडिया से लगातार हो रही परेशानियों से निजात पा सकते हैं। अगर आपको ऐसा करना सही नहीं लगता है तो खुद पर कंट्रोल करने की कोशिश करें।
- हालांकि, इसपर शिक्षा से जुड़े लोगों को शोधकर्ताओं से जोड़ने वाली कैरेक्टर लैब की फाउंडर और साइंटिफिक डायरेक्टर एंजेला डकवर्थ कहती हैं, "विल पॉवर बहुत ही सीमित संसाधन होता है और हम इसे लंबे समय तक इस्तेमाल करना नहीं चाहते। ऐसे में सबसे अच्छा यही है कि हम ऐसा माहौल तैयार करें, जहां ध्यान भटकना मुश्किल हो जाए।"
- टीनएजर्स में सेल्फ कंट्रोल को लेकर की गई अपनी रिसर्च में एंजेला ने पाया कि पढ़ाई करते वक्त बच्चे जितना दूर अपने फोन को रखेंगे, उतना ही ज्यादा उनके नंबर आएंगे। इसके अलावा आप अपने फोन में वेबसाइट ब्लॉकर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों के मामले में "इंडिस्ट्रेक्टेबल" किताब के लेखक नीर इयाल ऐसे संकेत लगाने की सलाह देती हैं, जिससे बच्चों को पता लग जाए कि माता-पिता को परेशान नहीं करना है।
शेड्यूल को लेकर ईमानदार रहें
आजकल फोकस बढ़ाने का मतलब दिन को ठीक तरह से प्लान करना हो गया है। दिन की शुरआत और खत्म होने का समय तय करें और इस दौरान किसी और काम को रोक दें। टू-डू लिस्ट बनाने के बजाए इयाल टाइमबॉक्स कैलेंडर के इस्तेमाल की सलाह देते हैं।इयाल कहते हें कि "क्योंकि हमारे पास दिन में केवल 24 घंटे होते हैं, एक टाइम बॉक्स कैलेंडर आपको चीजों की प्राथमिकता तय करने के लिए मजबूर करेगा।" उन्होंने बताया "टाइम बॉक्स कैलेंडर की मदद से हमारा मकसद किसी भी काम को पूरा करना नहीं है। हमारा मकसद है कि काम को बिना ध्यान भटकाए लंबे समय तक कर सकें।"
शेड्यूल बनाने में यह तरकीबें कर सकती हैं हमारी मदद
- मीटिंग: हर मीटिंग के लिए एजेंडा तैयार करें, ताकि आपको और दूसरों को यह पता लग जाए कि इसमें कितना वक्त लगेगा और इस मीटिंग के जरिए क्या हासिल करना चाह रहे हैं।
- सोशल मीडिया: हर ईमेल को पढ़ने के बजाए दिन में दो-तीन बार इन्हें देखने का समय तय कर लें। इसी तरह आप काम के बीच निजी फोन कॉल और दूसरे जरूरी कामों के लिए समय निकाल सकते हैं।
- खुद को रिचार्ज करें: इंटरनेशनल जर्नल ऑफ स्ट्रेस मैनेजमेंट में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, लगातार फोकस रहने के कारण छोटा ब्रेक लेना जरूरी हो जाता है। काम के दौरान बीच में बिना फोकस वाले शेड्यूल ब्रेक के लिए समय निकालें।
- एक्सरसाइज: एक्सरसाइज के लिए समय निकालना फोकस, मेमोरी और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने का अच्छा तरीका माना जाता है। एक ब्रिटिश स्टडी में पता चला है कि जिन कर्मचारियों ने जिस दिन एक्सरसाइज की, उस दिन उनकी एकाग्रता में 21% और प्रोत्साहन में 41% इजाफा हुआ।
खुद की जांच भी करें
इयाल का कहना है, "अधिकांश समय हमारे फोकस होने का कारण किसी भी तरह की असहजता, जैसे- तनाव, अकेलापन, चिंता या बोरियत से बचना होता है।" अगर ज्यादा न्यूज देखना या पढ़ना आपकी चिंता या घबराहट को बढ़ाता है तो अपना समय सीमित कर दें। अगर आपको अकेलापन महसूस हो रहा है, तो परिवार के लोगों से बात करने का समय तय करें।वर्तमान में रहने के लिए ध्यान लगाना आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा ब्राउन यूनिवर्सिटी के माइंडफुल सेंटर में रिसर्च के निदेशक और यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल में साइकेट्री के एसोसिएट प्रोफेसर जडसन ब्रियुवर 20 मिनट के लिए फोन को दूर रखने के प्रयोग करने की सलाह देते हैं। इसके बाद खुद से पूछें कि आप कितना फोकस रह सकते हैं और ऐसा करने से कैसा महसूस होता है। ध्यान लगाने के लिए आप कई ऐप्स का भी सहारा ले सकते हैं।
फोल्डेबल फोन: aaj लॉन्च होगा मोटोरोला रेजर 5G स्मार्टफोन, जानिए कीमत से लेकर फीचर्स और स्पेसिफिकेशंस तक सबकुछ
जुलाई 2004 में लॉन्च हुआ ओरिजनल मोटो रेजर एक आईकॉनिक स्मार्टफोन था। पिछले साल, मोटोरोला ने रेजर को एक स्लीक फोल्डेबल स्मार्टफोन के तौर पर लॉन्च किया। हाल ही में मोटोरोला ने रेजर का 5G मॉडल ग्लोबल मार्केट में लॉन्च किया और अब इसे भारत लाने की तैयारी है। कंपनी का कहना है कि इसमें पहले से बेहतर स्पेसिफिकेशन और बिल्ड-क्वालिटी मिलेगी। कंपनी भारत में सेकंड-जनरेशन फोल्डेबल फोन 5 अक्टूबर को लॉन्च करेगी। पिछले साल के रेजर की तरह इसे भी फ्लिपकार्ट के माध्यम से बेचा जाएगा। इच्छुक खरीदार लेटेस्ट अपडेट जानने के लिए मोटोरोला इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर्ड कर सकते हैं।
यूएस के मुकाबले भारत में महंगा मिलेगा
- मोटोरोला रेजर 5G अमेरिका की तुलना में भारत में अधिक महंगा होने की उम्मीद है। सेकंड-जनरेशन मोटोरोला रेजर 5G को अमेरिका में $1399 (लगभग 1.03 लाख रुपए) में लॉन्च किया गया है।
- फ्लिपकार्ट पर मौजूदा मोटोरोला रेजर 1,24,999 रुपए में उपलब्ध है। ऐसे में उम्मीद कि जा रही है कि नए फोन की कीमत लगभग इतनी ही होगी।
- रेजर 5G केवल 8GB रैम और 256GB स्टोरेज के साथ एकमात्र वैरिएंट में उपलब्ध होगा। इसमें तीन कलर ऑप्शन - ब्लश गोल्ड, लिक्विड मर्करी और पॉलिश ग्रेफाइट मिलेंगे।
मोटोरोला रेजर 5G: बेसिक स्पेसिफिकेशन और फीचर्स
- मोटोरोला रेजर 5G में 21: 9 के आस्पेक्ट रेशो वाला 6.2 इंच का प्लास्टिक OLED डिस्प्ले है। इसके अलावा फ्रंट में 4: 3 आस्पेक्ट रेशो वाला 2.7 इंच का सेकेंडरी OLED डिस्प्ले भी मिलेगा। 2.7 इंच का क्विक-व्यू डिस्प्ले यूजर को नोटिफिकेशन का जवाब देने, कुछ ऐप्स को इस्तेमाल करने और यहां तक की सपोर्टेड गेम्स खेलने की भी अनुमति देगा।
- स्मार्टफोन में ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन 765G प्रोसेसर मिलेगा, जिसे एड्रेनो 620 जीपीयू के साथ जोड़ा गया है।
- यह एंड्रॉयड 10 पर चलाता है और इसमें 8GB रैम, 256GB स्टोरेज और 15W टर्बो फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 2800mAh की बैटरी मिलती है।
- इसके अलावा इसमें रियर-माउंट फिंगरप्रिंट सेंसर, 5G और NFC सपोर्ट के साथ एक यूएसबी टाइप-सी पोर्ट मिलेगा।
- कंपनी का कहना है कि यह सिर्फ 6.9 एमएम मोटा है। इसमें दुनिया का सबसे एडवांस्ड 48 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा मिलता है।
- motivational---
जिस दिन हम जानेंगे और चारों ओर देखेंगे तो ये बात समझ आ जाएगी कि इस विशाल ब्रह्मांड में हम कुछ नहीं हैं, इसीलिए घमंड न करें
- घमंड एक ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से किसी का भी जीवन बर्बाद हो सकता है। पुराने समय में रावण, कंस, दुर्योधन जैसे महारथियों का पूरा कुल अहंकार की वजह से नष्ट हो गया। इस बुराई को जितनी जल्दी हो सके, छोड़ देना चाहिए।
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