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महिला इंस्पेक्टर ने बिजली विभाग के SSO को जड़ा थप्पड़, साथियों ने 35 गांवों की बत्ती गुल की-2-कामयाब ब्रह्मोस:मिसाइल

 महिला इंस्पेक्टर ने उसे थप्पड़ जड़ दिया।

उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां बगैर मास्क लगाए जा रहे बिजली विभाग के SSO (सब स्टेशन ऑपरेटर) की पुलिसकर्मियों से झड़प हो गई। SSO ने महिला इंस्पेक्टर से JE से बात करानी चाही, लेकिन मोबाइल छीनते हुए महिला इंस्पेक्टर ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। इससे नाराज बिजलीकर्मियों ने थाने पहुंचकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और 35 गांवों की बिजली गुल कर दी।

बिजली गुल होने के बाद करीब 10 हजार घरों में अंधेरा हो गया। पुलिस अफसरों के मनाने पर बिजली कर्मचारियों ने अपनी जिद छोड़ी और बिजली सप्लाई बहाल की गई। ऐसे में करीब चार घंटे बिजली गुल रही। CO सिटी विनय द्विवेदी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

कुंवरगांव कस्बे का मामला

मामला कुंवरगांव थाना क्षेत्र का है। दरअसल, प्रदेश में अचानक कोरोना के ग्राफ में उछाल आया है। ऐसे में गृह विभाग के दिशा निर्देशों के तहत पुलिस ने बदायूं जिले में बिना मास्क रोड पर टहलने वालों पर जुर्माना लगा रही है। इसी सिलसिले में सोमवार को कुंवरगांव थाने में तैनात इंस्पेक्टर शर्मिला शर्मा कस्बे के मुख्य चौराहे पर बिना मास्क मिलने वालों पर जुर्माना लगा रही थीं। दोपहर करीब एक बजे विद्युत उपकेंद्र पर तैनात SSO सुनील कुमार पेट दर्द की दवा लेने के लिए चौराहे पर पहुंचा था। उसे इंस्पेक्टर ने पकड़ लिया और चालान जमा करने को कहा। लेकिन सुनील के पास रुपए नहीं थे। आरोप है कि उसने अपने एक परिचित से 100 रुपए लेकर इंस्पेक्टर को दिए और JE सतीश चंद्र से फोन पर बात कराने की कोशिश की।

लेकिन इंस्पेक्टर ने मोबाइल छीन लिया और थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने SSO को हिरासत में ले लिया और थाने लाकर लॉकअप में बंद कर दिया। यह बात जब उसके साथियों को पता चली तो सभी थाने पर इकट्ठा हो गए। सुनील को छुड़ाने की मांग को लेकर बिजली कर्मियों ने थाने के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया और आसपास के 35 गांवों व कस्बे की बिजली सप्लाई ठप कर दी। शाम करीब 5 बजे सीओ सिटी विनय द्विवेदी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लिखित में शिकायती पत्र की मांग करते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद बिजली कर्मी धरने से उठे।

बिजली कर्मियों से अभद्रता की गई
कुंवरगांव सब स्टेशन पर तैनात SSO जापान सिंह का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी के रात सीने में दर्द हुआ था तो मैंने उससे कहा जाकर तुम दवा ले आओ। मैं ड्यूटी कर रहा हूं। जब वह दवा लेने जा रहा था तो रास्ते में उसका मास्क को लेकर चालान कर दिया। उसे थप्पड़ भी मारा। कर्मचारी को लॉकअप में बंद कर दिया। जब हम लोग पूरे मामले को लेकर बात करने थाने पहुंचे तो हम लोगों के साथ भी अभद्रता की गई।

 कामयाब ब्रह्मोस:मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का टेस्ट सफल,

सेना ने देश में बनी सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के लैंड अटैक वर्जन का मंगलवार को कामयाब परीक्षण किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस का यह परीक्षण तयशुदा ट्रायल्स की सीरीज का हिस्सा है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा- अंडमान-निकोबार में सुबह करीब 10 बजे ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट किया गया। टेस्ट पूरी तरह कामयाब रहा। आने वाले दिनों में एयरफोर्स और नेवी भी ब्रह्मोस के हवा और समुद्र से फायर किए जाने वाले वर्जन का परीक्षण करेंगी।

रेंज बढ़ी, रफ्तार भी कायम
ब्रह्मोस मिसाइल सुपरसोनिक स्पीड से टारगेट पर सटीक हमला करने के लिए जानी जाती है। ब्रह्मोस के लैंड अटैक वर्जन की रेंज 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 400 किलोमीटर कर दी गई है। लेकिन, इसकी स्पीड 2.8 मैक ही रखी गई है। यह आवाज की रफ्तार से तीन गुना तेज है।

लगातार जारी हैं मिसाइल टेस्ट
पिछले ढाई महीने में भारत ने एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्र-1 समेत कई मिसाइलों के टेस्ट किए हैं। रुद्र-1 को 2022 में सेना में शामिल करने की तैयारी है। भारत ने एलएसी के अलावा, चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कई इलाकों में ब्रह्मोस की तैनाती की है।

एयरफोर्स ने सुखोई से फायर की थी ब्रह्मोस
वायुसेना ने पिछले दिनों ब्रह्मोस मिसाइल के हवा से फायर किए जाने वाले वर्जन का टेस्ट किया था। बंगाल की खाड़ी में सुखोई फाइटर जेट से किया गया यह टेस्ट भी कामयाब रहा था। वायुसेना 40 से ज्यादा सुखोई फाइटर जेट में ब्रह्मोस मिसाइल फिट करने की तैयारी कर रही है। इससे हर मौसम में जमीन या समुद्र में किसी भी टारगेट पर निशाना लगाया जा सकता है।

नेवी ने आईएनएस चेन्नई से दागी थी ब्रह्मोस
नेवी ने भी पिछले महीने जंगी जहाज INS चेन्नई से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। गहरे समुद्र में इसके जरिए 400 किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद टारगेट को निशाना बनाया जा सकता है।

एक्सपोर्ट मार्केट पर भी भारत की नजर
भारत और रूस ने साथ मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल को विकसित किया है। इसे पनडुब्बी, जहाज, फाइटर जेट या लैंड प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है। भारत अब इस कामयाब सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के लिए एक्सपोर्ट मार्केट की तलाश में है। बड़े पैमाने पर इसके एक्सपोर्ट की संभावनाएं तलाशने के लिए DRDO ने खास तौर पर प्रोजेक्ट PJ 10 तैयार किया है।





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