DATE-16 APR 2023 REPORT SHIVANI
ढेर हुआ अतीक और उसका भाई अशरफ- दोनों की डेड बॉडी
-पुलिस की मौजूदगी में प्वाइंट ब्लैंक रेंज से हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं
-तीनों पत्रकार बनकर आए थे. तीनों के गले में पत्रकार वाली आईडी थी. तीनों ने कैमरे के सामने गोलियों की बरसात कर दी. अतीक और उसके भाई अशरफ की कनपटी पर निशाना बनाकर गोली मारी
-तीनों हमलावरों ने बताया कि जब अतीक अहमद और अशरफ को 5 दिनों की रिमांड मिली थी तभी से दोनों की गोली मारकर हत्या करने की साजिश रच डाली थी. इसके बाद ही फर्जी तरीके से मीडिया के आईडी कार्ड बनवा लिए. फिर जैसे ही मौका मिला वैसे ही दोनों को गोली मार दी.अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जा रही थी। पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन हमलावर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी। इसके बाद अशरफ पर फायरिंग की। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उनकी पहचान लवलेश, सनी और अरुण मौर्य के नाम से हुई है। हमले के तुरंत बाद ही तीनों ने सरेंडर कर दिया। पुलिस कस्टडी में तीनों से पूछताछ की जा रही है। उनके पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। इस हमले में कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया है।
हमले के तुरंत बाद यूपी के
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार CM योगी से मिलने पहुंचे। योगी ने सभी
बड़े अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया था। बैठक के बाद सीएम ने तीन सदस्यीय
न्यायिक जांच कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है।हमलावरों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया
घटना
के बाद 17 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं। प्रदेश में धारा 144 लागू कर
दी गई है और हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है। घटनास्थल पर फॉरेंसिंक टीम और
SWAT (स्पेशल वेपन्स ऐंड टैक्टिक्स) टीम पहुंची हैं। संवेदनशील इलाकों में
RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) की तैनाती की जा रही है।
घटनास्थल से वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी बरामद हुआ
अतीक के आखिरी शब्द.
जब अतीक से पूछा गया कि बेटे असद के अंतिम संस्कार आपको नहीं ले जाया गया। आपका क्या कहना है? इस पर अतीक ने कहा, 'नहीं ले गए तो नहीं गए।'
तभी भाई अशरफ ने मीडिया से कहा, "मैन बात यह है कि गुड्डु मुस्लिम.... " इतना कहते ही ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस का घेरा तोड़ते हुए तीन तरफ से तीन लड़कों ने फायरिंग शुरू कर दी।
गोली लगते ही अतीक वहीं गिर गया। अतीक की हथकड़ी को पकड़े एक पुलिसकर्मी को झटका लगा। वह भी घायल हो गया।उसके हाथ में गोली लगी है। अगले 10 सेकेंड में अशरफ भी भाई अतीक के पास ही गिर जाता है। ये पूरा वाकया वीडियो में रिकॉर्ड हुआ
14 तारीख को भी अतीक की तबियत बिगड़ने पर कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था
अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने 13 से 17 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा था। 13 अप्रैल की रात यानी गुरुवार को ही यूपी पुलिस और ATS ने दोनों से पूछताछ शुरू की। ये पूछताछ 23 घंटे तक चली थी। दोनों से करीब 200 सवाल पूछे गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान अतीक ने कबूला था कि वह पाकिस्तान से हथियार की सप्लाई लेता रहा है। अहमदाबाद जेल से उसने ISI एजेंट को फोन किया था। यही नहीं, अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का भी जुर्म कबूल किया। अशरफ ने पुलिस को बताया कि किसी चैनल से हथियार पंजाब के एक फॉर्म हाउस तक पहुंच जाते थे।पूछताछ के दौरान अतीक गिड़गिड़ाता रहा। वह बेटे के जनाजे में शामिल होने की मिन्नतें करता रहा। इसी दौरान 14 तारीख की शाम को अतीक की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उसे और अशरफ को एक ही हथकड़ी में प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया।
गिरफ्तार-इंदिरा गांधी के हत्यारे का भतीजा-तस्वीर बलतेज सिंह की है, जो भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले सतवंत सिंह का भतीजा है।
न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे का भतीजा ड्रग्स
तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मार्च 2023 में मनुकाऊ
से एक छापेमारी में 328 KG मेथामफेटामाइन बरामद की। ये ड्रग्स बीयर की
बोलतों में छिपाकर रखा गया था।
तस्वीर बलतेज सिंह की है, जो भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले सतवंत सिंह का भतीजा है।
छापेमारी में पुलिस ने एक शख्स को भी गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने अपना नाम बलतेज सिंह बताया। जांच में पता चला कि वह सतवंत सिंह का भतीजा है, जिसने ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद 1984 में अपने साथी बेअंत सिंह के साथ मिलकर इंदिरा गांधी की हत्या की थी।
सतवंत सिंह का भाई 1980 में न्यूजीलैंड चला गया था
इंदिरा
गांधी की हत्या से पहले ही साल 1980 में सतवंत सिंह का भाई अपने परिवार के
साथ न्यूजीलैंड चला गया था। उन्होंने ऑकलैंड में ग्रोसरी शॉप शुरू की।
हालांकि, सतवंत सिंह का भतीजा होने की वजह से ऑकलैंड के स्थानीय
गुरुद्वारों में बलतेज को खूब तवज्जो में मिलती थी।
यूजीलैंड में बलतेज सिंह उनकी प्रॉपर्टी अचानक बढ़ने लगी तो पड़ोसियों को उन पर शक हुआ। बलतेज के पिता रे व्हाइट नाम की एक रियल एस्टेट फर्म के मालिक बन गए। उन्होंने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत का एक घर भी खरीदा है। गिरफ्तारी से पहले फर्म का काम बलतेज ही संभाल रहा था।
खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनों का मास्टरमाइंड है बलतेज
न्यूज
एजेंसी ANI को सूत्रों ने बताया कि बलतेज सिंह न्यूजीलैंड में भारत विरोधी
और खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनों का मास्टरमाइंड है। इसके जरिए वह धनउगाही
करता है। फिलहाल वह जेल में है उसके खिलाफ ड्रग तस्करी का केस चल रहा है।
इंदिरा गांधी के पीछे खड़ा उनका सुरक्षा गार्ड बेअंत सिंह |
REPORT SHIVANI FORCE TODAY NEWS
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