DATE -05 DEC 2025
Tide ऐप पर धोखाधड़ी का शिकार, ₹20000 गंवाए --
झांसे में लेकर अकाउंट खुलवाया, फिर उड़ा लिए पैसे
Haridwar : डिजिटल फ्रॉड (Digital Fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब एक नया मामला सामने आया है, जहाँ एक व्यक्ति को Tide ऐप (टाइड ऐप), जो कि एक बिजनेस फाइनेंस ऐप है, के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया है। इस धोखाधड़ी में पीड़ित को सुशांत शर्मा (Sushant Sharma) नामक एक व्यक्ति ने झांसे में लिया और उससे ₹20000 की ठगी की।
क्या है पूरा मामला?
पीड़ित के अनुसार, सुशांत शर्मा नाम के व्यक्ति ने उनसे संपर्क किया और उन्हें Tide ऐप के फायदे बताए। सुशांत ने यह दावा किया कि अगर वह इस ऐप पर अकाउंट खोलते हैं, तो उन्हें तुरंत पैसे दिए जाएँगे या उनके खाते में पैसे जमा किए जाएँगे।
सुशांत शर्मा की बातों पर विश्वास करके, पीड़ित ने उनके निर्देशानुसार Tide ऐप पर अपना अकाउंट खोल लिया। अकाउंट खुल जाने के तुरंत बाद, सुशांत शर्मा ने किसी बहाने से पीड़ित से ₹20000 RS ट्रांसफर करवा लिए।
पैसे वापस करने से इनकार
पैसे लिए जाने के बाद, जब पीड़ित ने सुशांत शर्मा से अपने ₹20000 वापस माँगे, तो सुशांत ने पैसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया। पीड़ित ने बताया कि सुशांत शर्मा ने ₹20000 लिए, लेकिन वह पैसे वापस नहीं कर रहे हैं।
सुशांत शर्मा पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप: वीडियो रिकॉर्डिंग और चैटिंग सबूत सामने आए 🚨
हाल ही में, एक व्यक्ति सुशांत शर्मा पर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब और भी संगीन हो जाता है जब दावा किया जाता है कि सुशांत शर्मा के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं, जिनमें वीडियो रिकॉर्डिंग और चैटिंग के प्रमाण शामिल हैं।
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संगीन सबूत: शिकायतकर्ताओं का दावा है कि उनके पास सुशांत शर्मा के खिलाफ ठोस डिजिटल सबूत हैं।
- वीडियो रिकॉर्डिंग: यह माना जा रहा है कि वीडियो रिकॉर्डिंग में सुशांत शर्मा को कथित तौर पर ठगी से संबंधित गतिविधियों में शामिल दिखाया गया है या वे खुद धोखाधड़ी की पुष्टि कर रहे हैं।
- चैटिंग के साक्ष्य: चैटिंग रिकॉर्ड (संभवतः व्हाट्सएप, एसएमएस या अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म से) भी सबूत के तौर पर पेश किए गए हैं, जिनमें ठगी की योजना, पैसों के लेन-देन या पीड़ितों को दिए गए झूठे आश्वासनों का विवरण है
👉 विशेषज्ञों का मत:
"डिजिटल युग में, वीडियो और चैटिंग रिकॉर्ड जैसे डिजिटल साक्ष्य किसी भी धोखाधड़ी के मामले में निर्णायक साबित हो सकते हैं। यदि ये सबूत प्रामाणिक हैं, तो आरोपी के लिए अपनी बेगुनाही साबित करना बेहद मुश्किल होगा।
⚠️ डिजिटल फ्रॉड से कैसे बचें?
यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन अकाउंट खोलते समय कितनी सतर्कता बरतनी चाहिए:
- लालच में न आएं: अगर कोई आपको यह कहकर तुरंत पैसे देने का वादा करता है कि आपको बस एक ऐप पर अकाउंट खोलना है, तो यह फ्रॉड हो सकता है।
- किसी भी अनजाने व्यक्ति को अपनी बैंकिंग या ऐप लॉगिन जानकारी (OTP, PIN, Password) कभी न दें।
- ऐप की प्रमाणिकता जांचें: किसी भी नए ऐप को डाउनलोड या उस पर अकाउंट खोलने से पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट और रिव्यूज़ की जांच करें।
याद रखें: कोई भी कंपनी या बैंक आपको कॉल करके अकाउंट से जुड़ी गोपनीय जानकारी या OTP नहीं मांगती है।


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