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फेक न्यूज़ एक्सपोज़:पुराने टीवी-रेडियो में लगने वाली रेड मरकरी ट्यूब बम बनाने और देश से गद्दारी के झूठे दावे

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    वायरल हो रही पुराने टीवी-रेडियो में लगने वाली रेड मरकरी , इससे बम बनाने और देश से गद्दारी के झूठे दावे किए जा रहे वायरल : सोशल मीडिया पर  दावा  किया जा रहा है कि पुराने टेलीविजन के अंदर मौजूद एक मर्करी ट्यूब का उपयोग परमाणु बम बनाने में हो सकता है। दावे के साथ लाल रंग के ट्यूब की एक फोटो भी शेयर की जा रही है। मैसेज में लोगों से अपील की गई है कि अगर कोई आपकी टीवी महंगे दाम में खरीद रहा है तो पैसे के लालच में देश से गद्दारी न करें। ऐसा कभी नहीं देखा कि टेलीविजन के किसी भी पार्ट का किसी अन्य काम में उपयोग किया जा सके। परमाणु बम बनाना तो बहुत दूर की बात है। बात करें फोटो में दिख रहे उस ट्यूब की, जिसे सोशल मीडिया पर मर्करी बताया जा रहा है। तो ये डायोड और ट्रायोड वॉल्व हैं। 1970-1980 तक ट्रांजिस्टर के अविष्कार से पहले रेडियो और टीवी में डायोड और ट्रायोड वॉल्व का ही इस्तेमाल किया जाता था। आज के दौर में यह इतना आउटडेटेड है कि इसके बारे में इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाया भी नहीं जाता। ट्रायोड और ड्रायोड नाम के इन वैक्यूम ट्यूब्स का परमाणु बम से कोई संबंध नहीं है। न ही अब...

10 नसेडी एक्टर्स बॉलीवुड

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बॉलीवुड के 10 नसेडी एक्टर्स दिनभर नशे में चूर रहते हैं

UNHRC में PoK के लोग बोले ‘हमें पाकिस्तान से चाहिए आज़ादी’

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लक्ष्य तक पहुंचने--क्यों कहते हैं मलमास?18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक अधिकमास:

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अधिकमास में जरूरत की चीजें खरीदने की मनाही नहीं है, इस माह विवाह की तारीख भी तय की जा सकती है   क्यों कहते हैं मलमास? अधिकमास में विवाह, मुंडन, नामकरण, जनेऊ संस्कार जैसे मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं। इस माह में विवाह की तारीख तय की जा सकती है। नए घर की बुकिंग की जा सकती है। जरूरत के सामान जैसे वस्त्र, खाने-पीने की चीजें आदि खरीदने की मनाही नहीं है। इस माह में सूर्य संक्रांति नहीं होती है यानी पूरे अधिकमास में सूर्य का राशि परिवर्तन नहीं होगा। इस माह में संक्रांति नहीं होने के कारण ये मास मलिन कहा गया है। इसलिए इसे मलमास कहते हैं। क्यों कहते हैं पुरषोत्तम मास? इस नाम के संबंध में कथा प्रचलित है कि मलिन होने की वजह से कोई भी देवता इस मास का स्वामी बनना नहीं चाहता था। तब मलमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। विष्णुजी माह की प्रार्थना से प्रसन्न हुए और इसे अपना श्रेष्ठ नाम पुरुषोत्तम प्रदान किया। साथ ही, विष्णुजी ने इस माह को वरदान दिया कि जो भी भक्त इस माह में भगवत कथा श्रवण, मनन, भगवान शिव का पूजन, धार्मिक कर्म, दान-पुण्य करेगा उसे अक्षय पुण्य मिलेगा। पितृ पक्ष के बाद शुरू नहीं हो...

दिशा-सुशांत केस में नया खुलासा:- ड्रग केस:संजना गलरानी को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी

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  दिशा-सुशांत केस में नया खुलासा: सुशांत सिंह राजपूत के फ्लैट मेट सिद्धार्थ पिठानी का सीबीआई को दिया बयान सामने आया है। बयान में सिद्धार्थ ने यह कहा है कि दिशा की मौत की खबर सुनकर सुशांत बेहोश हो गए थे। जब उन्हें होश आया तो बोले थे कि मुझे मार दिया जाएगा। पिठानी के इस बयान से दिशा और सुशांत की मौत का कनेक्शन जाहिर हो रहा है। सुशांत सिंह राजपूत की बॉडी 14 जून को मुंबई स्थित उनके घर में फंदे से लटकी मिली थी। इससे कुछ ही दिन पहले 8 जून को उनकी पूर्व मैनेजर दिशा सलियन ने बहुमंजिला इमारत से कूदकर खुदकुशी कर ली थी। सिद्धार्थ से कही थी सुरक्षा बढ़ाने की बात रिपब्लिक टीवी की खबर के मुताबिक, सिद्धार्थ के बयान वाले लेटर में दावा किया गया है कि 8 जून को दिशा की मौत के बाद सुशांत की हालत ठीक नहीं थी। सुशांत को अपनी जिंदगी का डर सता रहा था। उन्होंने सिद्धार्थ से अपनी सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी। सिद्धार्थ के इस स्टेटमेंट से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सुशांत 8 जून का कोई न कोई राज जरूर जानते थे। तभी उन्हें अपनी जिंदगी पर भी खतरा लग रहा था। रिया जानती थी सारे पासवर्ड इसलिए परेशान थे सुशांत सिद्धार...

गेम की लत कैसे छोड़ें:ज्यादा गेम खेलना मानसिक बीमारी,

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    गेमिंग एडिक्शन यानि गेम खेलने की लत कहती हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल लत है और इसे इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इंटरनेशनल क्लासिफिकेशन ऑफ डिसीज (ICD-11) में गेमिंग डिसऑर्डर को शामिल किया है। इस डिसऑर्डर से जूझ रहे व्यक्ति को गेमिंग के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं होता और किसी भी जरूरी चीज से पहले गेम को प्राथमिकता देता है। आखिर क्यों गेम में इतना खो जाते हैं बच्चे? गेम खेलने वाले लोगों में हमने अक्सर देखा है कि वे सभी चीजों को छोड़कर अपनी मोबाइल स्क्रीन में इतने व्यस्त होते हैं कि उन्हें दूसरी कोई चीज नजर नहीं आती। डॉक्टर शर्मा ने कहा "इसके दो बड़े कारण होते हैं। पहला अचीवमेंट और दूसरा मोटिवेशन।" उन्होंने कहा कि चैलेंज होने के कारण बच्चे इसकी तरफ अट्रैक्ट होते हैं। इसमें ग्रुपिंग होती है, लेवल्स को क्रॉस करना होता है और बच्चे स्टेज पार करने के बाद मोटिवेट महसूस करते हैं। प्लेयर्स इसके जरिए खुद को साथियों के बीच में साबित करने की कोशिश करते हैं। पैरेंट्स कैसे पहचानें बच्चा गेमिंग की लत से जूझ रहा है? चिड़चिड़ापन या गुस्सा करना:  अगर आपके घर ...

मैं तुम्हारी पूरी मदद करूंगा, मुझसे एक बार दोस्ती तो करो 2-किम जोंग ने अफसरों को दी मौत की सजा:

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किम जोंग ने अफसरों को दी मौत की सजा: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने फिर एक बार बर्बरता दिखाई है। उसने देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने वाले अपने पांच अफसरों को मौत की सजा दे दी। तानाशाह के आदेश पर उन्हें गोली मार दी गई। डिनर पार्टी में की थी देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा नॉर्थ कोरिया पर नजर रखने वाली साउथ कोरिया की साइट डेली एनके के मुताबिक आर्थिक मंत्रालय के इन पांचों अधिकारियों ने एक डिनर पार्टी में देश की अर्थव्यवस्था पर चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने किम के शासन की नीतियों की आलोचना भी की थी। चर्चा के दौरान उन्होंने देश में औद्योगिक सुधार की जरूरत बताई थी। कहा था कि नॉर्थ कोरिया को अपने प्रतिबंधों को दूर करने के लिए विदेशी मदद भी लेनी चाहिए। 30 जुलाई को दी गई मौत की सजा साउथ कोरिया की साइट के मुताबिक, इस चर्चा की किम जोंग उन से शिकायत की गई थी। किम आर्थिक मंत्रालय के भी प्रमुख हैं। इसके बाद सभी को बुलाया गया और उन पर दबाव डालकर कबूल करवाया गया कि उन्होंने नॉर्थ कोरिया के शासन को कमजोर करने की कोशिश की। 30 जुलाई को उन्हें गोली मार दी गई। इन सभी के परिवारों को येडोक के एक पॉल...