FORCE TODAY NEWS 24 FER 2022 REPORT SAINOOR DIR NS GROUP
आप किस तरह के झूठे हैं-& झूठ कितने प्रकार के होते हैं
झूठ बोलना एक ऐसी बीमारी है जिसकी कोई एंटीबायोटिक नहीं। कई बार किसी का झूठ किसी की जिंदगी बिगाड़ सकता है तो किसी की जिंदगी सुधार भी सकता है। झूठ की वजह से रिश्ते खराब होने लगते हैं। कुछ लोगों की आदत होती है कि वे हर बात पर झूठ बोलते हैं और उन्हें फर्क भी नहीं पड़ता कि उनके शब्द दूसरों को कैसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। झूठ कई वजहों से बोला जाता है। अब सवाल यह है कि झूठ कितने प्रकार के होते हैं और हम या आप किस तरह के झूठ बोलने की कैटेगरी में आते हैं। अव्वल दर्जे का लंपट झूठा
अमेरिकन लेखक और व्याकरणविद
की किताब ‘वर्ड पावर मेड ईजी’ में नोटोरियस लायर यानी ऐसे लोग जो झूठ बोलने
की खूबी की वजह से ही जाने-पहचाने जाते हैं। यह व्यक्ति बुरे कामों में
झूठ के लिए जाने जाते हैं। यह अव्वल दर्जे के लंपट होते हैं।
कुछ लोग झूठ बोलने में इतने माहिर होते हैं कि उनका झूठ पकड़ना भी मुश्किल होता है। इनके पास झूठ बोलने की ऐसी कला होती है कि उसके लिए इन्हें तारीफों के साथ नवाजा जाता है। नॉर्मन लेविस ने इस तरह के झूठ को कंज्युम्मेट नाम दिया है यानि वे लोग जिनके लिए झूठ बोलना एक कला है। ऐसा झूठ जो पति मुस्कुरा कर पत्नी से बोलता है और पत्नी मुस्कुरा कर उस झूठ को हजम भी कर लेती है।
ऐसा झूठ जो सुधारा न जा सके
ऐसे व्यक्ति जो इस तरह के
झूठ बोलते हैं जिसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं होती और झूठ साफ नजर आता
है। यह दिनदहाड़े बोले जाने वाला झूठ सफेद झूठ होता है। इस तरह के झूठ में
सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बचती और काम बिगड़ जाता है। ऐसे झूठ को
असंशोधनीय झूठ कहा जाता है।
मनगढंत झूठ
वो झूठ
जो बच्चे मां-बाप से रिपोर्ट कार्ड साइन न कराने पर टीचर से बोलते हैं। यह
ऐसा झूठ होता है जो जिसे बिना सोचे समझे गढ़ दिया जाता है। इस तरह के आगे
जाकर परिणाम क्या होंगे यह झूठ बोलने वाले को नहीं पता होता। ऐसा झूठ कुछ
समय के लिए सुखद लग सकता है, लेकिन यह तथ्य आधारित नहीं होता।
जन्मजात झूठा
शुरुआत
से ही जो व्यक्ति झूठ बोलना शुरू कर देता है उसे अंग्रेजी में कॉन्जेनिटल
लायर और हिंदी में जन्मजात झूठा कहा जाता है। ऐसे लोगों की पहचान भी इसी
रूप में होती है। ऐसे व्यक्ति की किसी भी बात कोई गंभीरता से नहीं लेता।
बीमार बना सकता है बासी खाना
पकने के दो घंटे बाद भोजन में बैक्टीरिया पनपने शुरू हो जाते हैं, इसीलिए खाना गरम खाने की सलाह दी जाती है। यदि खाना बच गया है, तो बनाने के दो घंटे बाद उसे एयर टाइट डिब्बे में फ्रिज में रख दें। अगले दिन बचे हुए भोजन की अच्छी तरह गरम करके खाएं, ताकि उसमें बैक्टीरिया न रहें, जैसे फ्रिज में रखी बची हुई दाल को उबाल आने तक गरम करें। हालांकि फ्रिज में रखे बचे हुए भोजन को फिर से गरम करके खाने से हमें फ्रेश खाने जितनी न्यूट्रीशनल वैल्यू नहीं मिलती, लेकिन गरम खाना खाने से बीमार होने की संभावना नहीं रहती।फ्रिज में रखा हुआ बासी खाना कभी भी ठंडा न खाएं, इससे आप बीमार हो सकते हैं। ठंडा बासी खाना खाने से गैस, एसिडिटी, पेट फूलना, फूड पॉइजनिंग जैसी तकलीफें हो सकती हैं। रोटी जल्दी खराब नहीं होती इसलिए रोटी फ्रिज में न भी रखी हो, तो आप उसे गरम करके खा सकते हैं, लेकिन दाल, चावल, सब्जी को फ्रिज में एयर टाइट डिब्बे में ही रखें, फ्रिज में खाना खुला न रखें।
चीनी नहीं गुड़ खाएं
चीनी की तुलना में गुड़ धीमी गति से पचता है और धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ता है, जिससे शरीर में लंबे समय तक ऊर्जा बरकरार रहती है। चीनी ब्लड में तुरंत अवशोषित हो जाती है और ऊर्जा का विस्फोट कर देती है, इसीलिए बच्चों को सोते समय चीनी वाली कोई भी चीज देने के लिए मना किया जाता है, क्योंकि वो तुरंत एक्टिव हो जाते हैं और सोना भूल जाते हैं।गुड़ में आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस होता है, लेकिन चीनी में ऐसा कोई भी गुण नहीं होता, यह सिर्फ एक स्वीटनर है।
गुड़ कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जबकि चीनी कैल्शियम और मैग्नीशियम के अवशोषण में हस्तक्षेप करती है।
गुड़ पर्यावरण के अनुकूल है, लेकिन चीनी उद्योग हवा, पानी और मिट्टी को प्रदूषित करती है।
गुड़ पाचन में सहायता करता है, क्योंकि गुड़ टूट जाता है और पाचन तंत्र में अल्कलाइन हो जाता है, लेकिन चीनी एसिडिक हो जाती है।
गुड़ एक एनर्जी फूड है, यह धीरे-धीरे पचता और धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ता है। यह
शरीर के भीतरी अंगों को नुकसान पहुंचाए बिना लंबे समय के लिए गर्मी और
ऊर्जा प्रदान करता है।
गुड़ शरीर में एक क्लींजिंग एजेंट की तरह काम करता है। गुड़ फेफड़े, भोजन नली, पेट और आंतों को साफ करता है। यह शरीर से धूल और गैरजरूरी कणों को बाहर निकालता है। यह कब्ज से राहत देने में भी मदद करता है।
गरिष्ठ भोजन के बाद गुड़ खाने की सलाह दी जाती है, इससे खाना पचने में आसानी होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ पित्त विकारों के इलाज में मदद करता है इसलिए पीलिया के इलाज में उपयोगी है। यह लिवर को मजबूत करता है।
NEWS -UPDATE -
नवाब मलिक 3 मार्च तक ED की रिमांड पर
महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रवक्ता नवाब मलिक को 3 मार्च तक ED की कस्टडी में भेज दिया गया है। उन्हें जमीन की खरीद के एक मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से तार जुड़ने के चलते बुधवार सुबह 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है।ED ने उन्हें बुधवार को ही स्पेशल PMLA कोर्ट में पेश कर 14 दिन का रिमांड मांगा था। कोर्ट ने करीब 5 घंटे तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उन्हें 8 दिन की कस्टडी में भेज दिया। कोर्ट ने उन्हें जेल में अपनी दवाइयां रखने और घर का खाना मंगाकर खाने की इजाजत भी दी है।
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