DRDO ने बनाई कोरोना का नाश करने वाली 'सुपर मशीन' भारतीय होने के नाते किसी के भी मन में उठते हर सवाल का होगा एक जवाब – निर्भीक, निडर भारत force today news
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Add caption विकास दुबे के बाद अब उत्तर प्रदेश में ऑपरेशन क्लीन शुरू हो गया, आइये अब हम आपको बताते हैं उन 5 बड़े अपराधियों के बारे में जिनका नंबर बहुत जल्द लगने की आशंका है | आजतक के साथ देखिये देश-विदेश की सभी महत्वपूर्ण और बड़ी खबरें
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कई तरह के झोल सामने आए हैं। यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह उसे लाने के दौरान गाड़ी पलटने और एनकाउंटर की पूरी कहानी शाम को एक प्रेस नोट जारी कर बताई। हालांकि, एसटीएफ की कहानी में कई ऐसी बातें सामने आ रही हैं, जिन पर सवाल उठना लाजमी है। 1. हादसे की वजह शाम तक बदल कैसे गई? सुबह पुलिस ने बताया कि गाड़ी बारिश के कारण पलटी। शाम को एसटीएफ ने कहा- गाय-भैंस को बचाने में गाड़ी पलट गई। 2. विकास की गाड़ी के सामने ही कैसे आईं गाय-भैंस? सुरक्षा के लिहाज से विकास की गाड़ी काफिले के बीच में होनी थी। गाड़ियों के बीच ज्यादा फासला भी नहीं होना था। ऐसे में विकास की गाड़ी के ही सामने गाय-भैंस कैसे आईं। 3. गाड़ी में विकास के साथ 5 पुलिस वाले थे। सभी कुछ देर के लिए एक साथ अचेत कैसे हुए? एसटीएफ ने कहा कि विकास के साथ गाड़ी में इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, दरोगा पंकज सिंह, दरोगा अनूप सिंह, सिपाही सत्यवीर और सिपाही प्रदीप थे। गाड़ी पलटने पर ये सभी कुछ देर के लिए अचेत हो गए। इतने में विकास मौका पाकर इंस्पेक्टर की पिस्टल निकालकर भागने लगा। 4. विकास की गाड़ी से ठीक पीछे चल रही ...
शेख वसीम बारी का पूरा परिवार बुधवार को हुए आतंकी हमले में खत्म हो गया। बाकी रह गए हैं तो सिर्फ उनकी पत्नी, तीन महीने का बेटा और एक बहन। वो बहन जो कुछ साल पहले एक एक्सीडेंट में जख्मी होने के बाद से दिव्यांग है। उसी एक्सीडेंट में बारी ने अपनी मां को खोया था। बुधवार रात वो अपने घर के नीचे बनी दुकान पर ही मौजूद थे, जब कंटीले तार की घेराबंदी और 100 मीटर दूर बने बांडीपोरा पुलिस स्टेशन को पार कर आतंकवादियों ने उन्हें, उनके छोटे भाई और पिता को सिर पर गोली मारी। अस्पताल ले जाया गया तब तक सांसें बंद हो चुकीं थीं। गुरुवार को जनाजे के ठीक पहले उनके बेजान शरीर के पास रोती उनकी पत्नी कह रही थीं, ‘वसीम ने कहा था मुझे शायद तुम्हें मायके जाना पड़ेगा, पति के मर जाने के बाद मायके ही तो जाना पड़ता है।’ उनकी पत्नी के मुताबिक, इस हमले से कुछ देर पहले वसीम घर से बाहर गए थे और पत्नी को कहा था घर में ही रहना वो लौटते वक्त आइसक्रीम लेकर आएंगे। कसूर सिर्फ इतना था कि वो भारतीय जनता पार्टी के नेता थे और अपने घर पर तिरंगा लहराते थे। कल हुए हमले के बाद उनके घर पसरी मुर्दानगी कश्मीर में आतंक का सच है। आईजी प...